Tuesday, 29 March 2011

जुर्माने को निरस्त करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने प्रदेश विदयुत बोर्ड दवरा उपभोकता पर लगाए गए 14287 रूपये के जुर्माने को निरसत करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा फोरम ने उपभोकता पर बोर्ड दवारा लगाए गए बिजली चोरी के आरोपों को भी खारिज कर दिया। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सरकाघाट तहसील के अनंतपुर इलाका के खोडा गांव निवासी महेश चंद की शिकायत को उचित मानते हुए प्रदेश विदयुत बोर्ड को उपभोकता पर किए गए जुर्माने को खारिज कर दिया। अधिवकता अरूण शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता के पिता शेर सिंह ने बोर्ड से अपने मकान के लिए बिजली का कुनेकशन लिया था। वर्ष 1986 में पिता की मौत के बाद से उपभोकता ही इस कुनेकशन का प्रयोग कर रहा है। उपभोकता के कुनेकशन का मीटर पहली फरवरी 2003 को आसमानी बिजली गिरने से जल गया था। इस बारे में उपभोकता ने बोर्ड के सथानिय अधिकारियों तथा पटवारी को सुचित किया था। बोर्ड के लाइनमैन ने भी मौका पर आकर मीटर के खराब होने के बारे में अपनी रपट दी थी। इसके बाद बोर्ड ने उपभोकता को 14 फरवरी को नया मीटर लगा दिया था। लेकिन बोर्ड ने उपभोकता पर बिजली चोरी करने का आरोप लगाते हुए 14287 रूपये का जुर्माना अदा करने के आदेश दिए थे। जिसके चलते उपभोकता ने फोरम में शिकायत दायर करके कुनेकशन न काटने और जुर्माने की वसुली न करने की प्रार्थना की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड ऐसे तथ्य पेश नहीं कर सका जिससे उपभोकता पर बिजली चोरी का आरोप साबित हो। इतना ही नहीं बोर्ड ने इन आरोपों को लेकर जांच में आवश्यक प्रावधानों की पालना नहीं की गई। फोरम ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद बिजली चोरी कखारिज करते हुए जुर्माना वसुली के आदेशों को निरसत करने का फैसला सुनाया।

नाबालिग को अगवा करके दुराचार करने का दोष साबित


मंडी।ï सुंदरनगर की नाबालिग छात्रा को शादी का झांसा देने व अगवा करके दुराचार का शिकार बनाने के एक आरोपी को अदालत ने दोषी करार दिया है। इस मामले में अदालत ने सजा की अवधी की सुनवाई पहली अप्रैल को निश्चित की है। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने सुंदरनगर के अंबेडकर नगर निवासी नरेश कुमार पुत्र जगदीश को भादंस की धारा 363, 366 और 376 के तहत चलाए गए अभियोग के साबित होने पर दोषी करार दिया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 3 फरवरी 2010 को सुंदरनगर के राजकीय वरिषठ माध्यमिक पाठशाला की आठवीं कक्षा की छात्रा घर से सकूल गई थी। लेकिन इसके बाद जब घर नहीं लौटी तो उसके परिजनों ने आरोपी पर संदेह जताते हुए मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद आरोपी के परिजनों ने पीडिता और आरोपी को पुलिस थाना में लेकर आए थे। इस मामले में पीडिता का कहना था कि आरोपी उसे अपने साथ पहले हटगढ मंदिर ले गया था। जहां शादी करने के बाद वह उसे कुल्लु और शेला ले गया था। आरोपी के परिजन उन्हे शेला से लाए थे। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक एस एस कौंडल ने 16 गवाहों के बयान दर्ज कराकर मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीडिता ने बयान से साबित हुआ है कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर बहला फुसला कर अगवा किया और उससे दुराचार भी किया। इसके अलावा मेडिकल तथा अन्य साक्ष्यों से भी आरोपी पर अपराध साबित हुआ। जिसके चलते उसे दोषी करार दिया गया है। अदालत ने आरोपी को सजा की अवधी की सुनवाई पहली अप्रैल को सुनिश्चित की है।

Monday, 28 March 2011

मुआवजा ब्याज सहित देने का फैसला


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने एक बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोकता के पक्ष में 46301 रूपये की मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा उपभोकता को 5000 रूपये हर्जाना राशी और 3000 रूपये शिकायत व्यय के तौर पर दिए जाएंगे। उपभोकता फोरम केअध्यक्ष राजीव भारदवाज तथा सदसय लाल सिंह ने सुंदरनगर सर्किट बैंच के दौरान सुनाए फैसले में सरकाघाट के चोलथरा निवासी अशोक रा
णा पुत्र अमर सिंह की शिकायत पर फैसला सुनाते हुए उनके पक्ष में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उकत राशी का भुगतान 9 फीसदी ब्याज की दर से करने को कहा। अधिवकता लाल सिंह राणा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने अपनी मारूति कार को कंपनी के पास बीमाकरित करवाया था। लेकिन कार बीमा अवधि में दुर्घटना के कारण क्षतिग्रसत हो गई थी। कंपनी के सर्वेयर ने नुकसान का आकलन किया था । लेकिन बाद में कंपनी ने मुआवजा इस आधार पर खारिज कर दिया था कि चालक के पास दुर्घटना के समय एच टी वी ड्राइविंग लाइसेंस था। जबकि कार के लिए एल एम वी होना चाहिए। कंपनी का कहना था कि यह लाइसेंस भी खत्म हो चुका था। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उच्चतम न्यायलय के एक फैसले में दी गई व्यवसथा के आधार पर पालिसी की शर्तोंंमें उल्लंघन के मामलों में भी आकलन किए गए मुआवजे की 75 फीसदी राशी अदा की जानी चाहिए।

बीमा कंपनी को मुआवजा अदा करने के आदेश

मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने एक बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोकता के पक्ष में 1,89,500 की राशी ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोक्ता को 5000 की राशी बतौर हर्जाना और 3000 की राशी शिकायत व्यय के तौर पर अदा करने को कहा। फोरम अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदस्य लाल सिंह ने सुंदरनगर कैंप के दौरान सुनाए फैसले में महादेव निवासी परस राम पुत्र खिन्हु राम की शिकायत पर फैसला सुनाते हुए रिलांयस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ उकत फैसला सुनाया।
अधिवक्ता पी एस सेन के माध्यम से दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने अपने वाहन का कंपनी के पास बीमा करवाया था। लेकिन बीमा अवधी के दौरान ही वाहन बुरी तरह से दुर्घटनागर्सत हो गया था। उपभोकता ने कंपनी से मुआवजे की मांग की थी लेकिन कंपनी ने बिना किसी कारण के मुआवजा खारिज कर दिया था। जिसके चलते उपभोकता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने शिकायत को उचित मानते हुए कंपनी के खिलाफ उकत फैसला सुनाया।

बैंक की सेवाओं में कमी के कारण हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने एक राषिट्रयकरित बैंक की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोकता की 15000 रूपये की राशी लौटाने के आदेश जारी किए। इसके अलावा बैंक की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में 5000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। उपभोकता फोरम केअध्यक्ष राजीव भारद्वाज तथा सदसय लाल सिंह ने सुंदरनगर सर्किट के दौरान सुनाए फैसले में बीबीएमबी कालौनी निवासी जोगेन्दर पाल के उतराधिकारी सुरेन्दर कौर, रनवीर सिंह, निर्मल सिंह, रतन सिंह, श्याम सिंह और मनजीत सिंह के पक्ष में सटेट बैंक आफ इंडिया की कालौनी शाखा के खिलाफ उकत आदेश जारी किए। अधिवकता पी एस सेन के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार जोगेन्दर पाल ने बैंक से लोन लिया था। जिसे उन्होने एस बी आई जीवन बीमा कंपनी के पास बीमाकरित करवाया था। जब जोगेन्दर का देहांत हो गया तो उस समय लोन की 277200 रूपये की राशी देय थी। उपभोकता क ा वेतन बैंक के माध्यम से जारी होने के कारण बैंक ने उनके खाते से 15000 की राशी उनके खाते से कम कर दी थी। यह राशी लोन की तीन किसतों के लिए जमा की गई थी। जोगेन्दर की मौत की सुचना उनके उतराधिकारियों ने बैंक को दे दी थी। लेकिन बीमा कंपनी ने देरी से और कम राशि का मुआावजा बैंक के पास जमा करवाया। इस पर बैैंक ने उपभोकता पर 75382 रूपये की बकाया राशी दर्शायी थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैंक उपभोकताओं से किसी तरह की वसुली नहीं कर सकता। राशी देरी से जमा करवाने से संबंधित विवाद कंपनी और बैंक का आपसी मामला है। फोरम ने आदेश देते हुए बैंक को जोगेन्दर पाल के खाते से गैरकानूनी तरीके से घटाई गई 15000 रुपये की राशी उपभोकता के पक्ष में अदा की जाए। फोरम ने बैैंक के गल्त तरीके से राशी वसुल करने को सेवाओं में कमी मानते हुए उपभोकता के पक्ष में राशी लौटाने और हर्जाना तथा शिकायत व्यय भी अदा करने के दिए हैैं।

खराब टिलर 15 दिन में ठीक करने के आदेश



मंडी। खराब पावर टिलर बेचने को सेवाओं में कमी मानते हुए जिला उपभोकता फोरम ने उपभोकता को 15 दिनों के अंदर टिलर
ठीक करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा निर्माता और विकरेता की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता के पक्ष में 5000 की राशी बतौर हर्जाना भी अदा करने को कहा। फोरम अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल के दियारी(टिल्ली) निवासी रूप सिंह गुलेरिया पुत्र दास राम की शिकायत को उचित मानते हुए निर्माता गिर्ीव लिमिटिड कंपनी और विकरेता हिम टे्रडिंग कंपनी को 3000 रुपये का शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। अधिवकता टी आर जमवाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने करीब एक लाख रूपये का एक पावर टिलर खरीदा था। लेकिन टिलर खरीदने के बाद से ही यह खराब रहने लगा। उपभोकता के कहने पर विकरेता ने एक बार तो इसे ठीक कर दिया। लेकिन जब यह बार-बार खराब होने लगा तो उन्होने इसे ठीक करने से इंकार कर दिया। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि टिलर में खराबी थी जो ठीक नहीं हो पायी। यह दुर्भाग्यपुर्ण है कि खरीद के बाद उपभोकता को सेवाएं मुहैया नहीं करवाई गई जिसके लिए उपभोकता ने भारी राशी खर्च की थी। फोरम ने निर्माता और विकरेता को 15 दिनों में टिलर ठीक करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए।

आई पी एच विभाग पर हर्जाना ठोका


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने पर्याप्त पानी मुहैया न करवाने को सिंचाई एवं जन सवासथय विभाग की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोकता के पक्ष में एक हजार रूपये हर्जाना और एक हजार रूपये शिकायत व्यय अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोकता को पर्याप्त पेयजल आपुर्ति भी बहाल करने के आदेश भी विभाग को दिए गए हैं। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल के नरवाणा(टिककर) निवासी ओम चंद के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आई पी एच विभाग के सुंदरनगर सथित अधीक्षण अभियंता और बग्गी सथित अधिशासी अभियंता को हर्जाना और शिकायत व्यय अदा करने के आदेश दिए। अधिवकता आर के चावला के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने वर्ष 1980 में विभाग से पानी का कुनेकशन लिया है। लेकिन वर्ष 2009 में विभाग ने उनके घर से करीब 100 मीटर दूर एक अन्य व्यकित के मकान के लिए नया कुनेकशन दे दिया जबकि उकत व्यकित के मकान में पहले से ही कुनेकशन लगा हुआ था। जिससे उपभोकता की आपुर्ति बाधित हो गई। उपभोकता ने इस बाबत अनेकों बार लिखित और मौखिक रूप से विभाग को शिकायत की थी। उपभोकता को आपुर्ती न होने के कारण उन्हे करीब एक किलोमीटर दुरी से पानी लाना पड रहा था। ऐसे हालातों में उन्होने उपभोकता फोरम का दरवाजा खटखटाया। फोरम ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद विभाग को पेयजल आपुर्ति सुनिश्चित करने के अलावा विभागिय सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Saturday, 26 March 2011

खराब मोबाइल की मुल्य राशी लौटाने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने खराब मोबाइल सेट बेचने और वारंटी अवधी में मुरममत की राशी वसुलने को सेवाओं में कमी मानते हुए उपभोकता के पक्ष में मोबाइल की कीमत 6850 रूपये बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा मुरममत की वसुली गई 2000 रूपये भी लौटाने के आदेश दिए हैं। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सुंदरनगर सिथत सवासतिक इंटरप्राइजिस के मालिक अरूण कुमार के पक्ष में सुंदरनगर के इंटेल कमयुनिकेशन के मालिक संतोष कुमार, मंडी के गांधी चौक सथित दिव्यम कमयुनिकेशन और नोकिया इंडिया कंपनी को खराब मोबाइल की कीमत 9 प्रतिशत बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अतिरिकत कंपनी और विक्रेता की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक परेशानी के लिए उपभोकता केे पक्ष में 3000 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। अधिवकता सी.एल. शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने इंटेल कमयुनिकेशन से 6850 रूपये का एक मोबाइल खरीदा था। लेकिन खरीदने के बाद से ही फोन में खराबी आ गई। जिस पर उपभोकता ने विक्रेता को संपर्क किया। विक्रेता ने उन्हे मंडी के केयर सेंटर दिव्यम कमयुनिकेशन के पास भेजा। जब उपभोकता केयर सेंटर गया तो उनसे मोबाइल ठीक करने के 2000 रूपये वसुल किए गए। लेकिन इसके बावजूद भी फोन ठीक नहीं हो पाया। इसके बाद उपभोकता को केयर सेंटर में ही झोडने को कहा गया। लेकिन काफी दिनों तक फोन ठीक न होने पर केयर सेंटर में उनसे और राशी की मांग की जाने लगी जबकिउपभोकता का फोन ठीक नहीं हो पाया। जिसके बाद उपभोकता को मजबुरन फोरम में शिकायत दर्ज करवानी पड़ी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोकता को बेचे गए फोन में निर्माण से संबंधित खराबी थी। इसके अलावा वारंटी अवधी में मोबाइल ठीक करने के लिए राशी वसुलने को भी फोरम ने सेवाओं में कमी करार देते हुए उकत फैसला सुनाया।

Friday, 25 March 2011

निजी अस्पताल और चिकित्सक पर 4 लाख का हर्जाना ठोंका


मंडी। लैप्रोसकोपिक आपरेशन में लापरवाही बरतने को सेवाओं में कमी मानते हुए जिला उपभोकता फोरम ने एक निजी असपताल और चिकित्सक को उपभोकता के पक्ष में 4 लाख तीस हजार रूपये हर्जाना बयाज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोकता के पक्ष में 5000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए गए । जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल के ढाबण निवासी रीता देवी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सुंदरनगर के भोजपुर सथित संजीवनी पालीकलीनिक कम असपताल के मालिक नरपत राम और पंचकुला(हरियाणा) में सथित जिंदल नर्सिंग होम के डाकटर तरसेम जिंदल को उकत राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर से करने के आदेश दिए। अधिवकता भंवर भारदवाज के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता रीता देवी को 7 जनवरी 2008 को पेट में दर्द हुआ तो वे इलाज के लिए संजीवनी असपताल में गई। जहां उन्हे बताया गया कि उनके गाल बलैडर में सटोन है। उन्हे यह भी बताया गया कि उनके असपताल में हर सप्ताह पंचकुला से चिकितसक आते हैं जो उनका आपरेशन 26 जनवरी को करेंगे। लेकिन डाकटर जिंदल के आपरेशन करने के अगले ही दिन उपभोकता को फिर से दर्द शुरू हो गया। उपभोकता के संजीवनी असपताल में चैक कराने पर उन्हे पंचकुला के जिंदल नर्सिंग होम के लिए रैफर कर दिया गया। इसके बाद उपभोकता का दुसरा आपरेशन डाकटर एस पी कौशिक से करवाया गया। लेकिन इस आपरेशन के बाद भी उपभोकता ठीक नहीं हुई। जिसके चलते संजीवनी असपताल से एक बार फिर उपभोकता को पंचकुला के जिंदल असपताल को रैफर किया गया। जहां उपभोकता का तीसरी बार आपरेशन किया गया। लेकिन इस आपरेशन से उपभोकता की हालत बिगड गई। इन हालातों में जिंदल नर्सिंग होम से उपभोकता को पीजीआई के लिए रैफर किया गया। जहां उपभोकता को चौथी बार आपरेशन का सामना करना पडा। तब जाकर उपभोकता ठीक हो पाई। निजी असपताल और चिकितसक की सेवाओं में कमी के चलते यंत्रणा झेलने की शिकायत उपभोकता ने फोरम में दायर करवाई। शिकायत को उचित मानते हुए फोरम ने उकत फैसला सुनाते हुए हर्जाना अदा करने के आदेश दिए।

मनमानी दरें वसूल रहे तिपहिया चालक


16 मार्च 2011
मंडी। शहर के तिपहिया चालक लोगों से मनमाने दरें वसुल रहे हैं। इस बारे में विभिन्न संगठनों ने उपायुकत को ज्ञापन प्रेषित कर दरें निश्चित करने की मांग की है। हिमालयन विकलांग संघ की अध्यक्ष हेमलता पठानिया, इंडियन पिपलस थियेटर एसोसिएशन की ऐरिका शर्मा, आर टी आई बयुरो के संयोजक लवण ठाकुर तथा सदसय आशा ठाकुर ने बताया कि शहर के तिपहिया चालक लोगों से मनमाने दरें वसूल कर रहे हैं। चौहटा से टारना के लिए जहां 15 रूपये की दर निश्चित है लेकिन आजकल लोगों से 50 रूपये वसुले जा रहे हैं। उसी तरह डी ए वी खलियार के लिए भी 15 के बजाय 50 रूपये लिए जा रहे हैं। शहर की अन्य जगहों पर जाने के लिए भी तीन गुणा ज्यादा दरें वसुल की जा रही है। उन्होने बताया कि जब लोग तिपहिया चालकों से कम दर लेने की बात करते हैं तो वे र्दुव्यवहार शुरू कर देते हैं। तिपहियों पर मीटर न होने के कारण मनमाने दाम वसुलना आम बात हो गई है। मनमानी दरें वसुलने पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन को पुलिस के साथ चेकिंग अभियान शुरू करने चाहिए। उन्होने मांग की है कि तिपहिया की दरें तय की जाएं और सथानिय गंतव्यों के लिए समय-समय पर मिनी बसें चलाई जाएं।

लीगल प्रैक्टीशनर एक्ट के खिलाफ वकीलों ने विरोध दिवस मनाया


मंडी। जिला बार एसोसिएशन ने वीरवार को केन्द्र सरकार के प्रसतावित लीगल प्रैकटिशनर एकट 2010 के खिलाफ विरोध दिवस मनाया। अधिवकताओं ने शहर में जलुस निकाल कर केन्द्र सरकार के इस कानून के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जबकि उपायुकत के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित करके इस कानून को वापिस लेने की मांग की गई है। एसोसिएशन ने विरोध सवरूप वीरवार को अदालती कार्यवाही का बाहिष्कार किया जिसके कारण अदालतों का कामकाज ठप्प रहा और कार्यवाही प्रौकसी अधिवकताओं के माध्यम से हो पाई। एसोसिएशन ने यहां के चौहटटा बाजार में एक जनसभा का आयोजन भी किया। जनसभा को संबोधित करते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित कपूर ने कहा कि देश भर के करीब 12 लाख वकीलों को प्रभावित करने वाले इस कानून के प्रावधान अधिवकता वर्ग के लिए चुनौती हैं। इस कानून में वकीलों के पेशे का अनादर करने की कोशीस की गई है कयोंकि इस कानून में वकीलों को गल्त काम करने वाला बताया गया है। इस अवसर पर एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने कहा कि सरकार इस कानून के माध्यम से विदेशी अधिवकताओं को देश में प्रैकिटस की छुट देने के लिए सथानिय संसथाओं को कमजोर करने की कोशीश करने जा रही है। इस कानून के माध्यम से एक मनोनीत लीगल सर्विस बोर्ड का गठन किया जा रहा है जो निर्वाचित वैधानिक संसथाओं बार कौंसिल आफ इंडिया और राज्यों की बार कौंसिलों के कार्यो का नियंत्रण और निरिक्षण करेगा। राज्यपाल को प्रेषित ज्ञापन के अनुसार प्रसतावित कानून के बिल की धारा 30,31 और 32 में इस बोर्ड को ताकतें दी गई हैं कि वे बी सी आई और राज्य बार कौंसिलों को निर्देश जारी कर सकती है। निर्देशों को न मानने पर बोर्ड उच्च न्यायलय से निर्देश लागू करवा सकता है। कानून में लोकपाल की नियुकित भी वकीलों के पेशे की सवतंत्रता और अखंडता पर कुठारघात है। इस कानून के प्रावधानों से लगता है कि इसका उदेश्य कलाइंट को वकील के खिलाफ मुकदमेबाजी करने को उत्साहित करना है। जिला बार एसोसिएशन ने मांग की है कि वकीलों के पेशे की सवतंत्रता, अखण्डता, निषपक्षता और आत्मसममान के विरोध में बनाए जा रहे इस प्रसतावित कानून को तुरंत वापिस लिया जाए।

Wednesday, 23 March 2011

कमल किशोर हत्याकांड में 5 आरोपी गैर इरादतन हत्या के दोषी करार

मंडी। सदर उपमंडल के बाल्हडु में हुए कमल किशोर हत्याकांड को गैर इरादतन हत्या का मामला मानते हुए अदालत ने 5 आरोपियों को दोषी करार दिया। इस मामले केआधा दर्जन अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला साबित न होने पर उन्हे बरी कर दिया गया। जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया के न्यायलय ने बालहडु में हुए हत्याकांड के 5 आरोपियों प्रकाश चंद, दीवान चंद, सुरेश कुमार, भवानी सिंह और तेज सिंह को भादसं की धारा 304-बी के तहत गैर इरादतन हत्या का दोषी माना। अदालत ने उकत आरोपियों की सजा की अवधी के लिए 23 मार्च को सुनवाई निश्चित की है। अदालत ने मामले के अन्य आरोपियों अनिल कुमार, अहल्या देवी, इंद्रा देवी, मुरारी लाल, नेत्र सिंह और प्रवेश कुमार के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर उन्हे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 25 सितंबर 2007 की रात को उकत आरोपियों ने अहल्या देवी के पति हरिश चंदेल और देवर कमल किशोर पर हमला कर दिया था। इस हमले में कमल किशोर गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसकी बाद में मौत हो गई थी। पुलिस ने उकत आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके अदालत ने अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले की पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी वी के चौधरी ने 24 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी दो गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अदालत ने मामले के तथ्यों और सबूतों के आधार पर इसे हत्या की बजाए गैर इरादतन हत्या करार दिया। अदालत ने 5 आरोपियों की संलिप्तता पाते हुए उनको दोषी माना जबकि 6 अन्य आरोपियों के खिलाफपर्यापत सबूत न होने के कारण उन्हे संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया ।

Tuesday, 22 March 2011

बीमा का 4 लाख बयाज सहित अदा करने के आदेश



मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने उपभोकता के पक्ष में बीमा राशी का 4 लाख रूपये मुआवजा बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में उपभोकता के पक्ष में 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी देने के आदेश दिए हैं। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल के राउ(भियारटा) निवासी शीला देवी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को उकत राशी की अदायगी 9 प्रतिशत बयाज दर से करने के आदेश दिए। अधिवकता अभिषेक लखनपाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता के पति तेज सिंह ने पी एन बी बैंक से घर बनाने के लिए ऋण लिया था। इस ऋण को सुरक्षित करने के लिए उन्होने कंपनी के पास बीमा करवाया था। बीमा अवधी के दौरान ही तेज सिंह की पेड़ से गिरने के कारण मौत हो गई। उपभोकता ने इस बारे में पुलिस को सूचित कर दिया था। उपभोकता ने घटना से संबंधित दसतावेज कंपनी को मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन कंपनी ने मुआवजा तय नहीं किया। कंपनी का फोरम में यह कहना था कि इस मामले में कंपनी की छानबीन में यह पाया गया था कि उपभोकता की मौत का कारण पेड़ से गिरना नहीं अपितु फांसी लगाना था। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी इस बारे में कोई सबुत और गवाह पेश नहीं कर सकी। जबकि प्रशासन और पंचायत प्रधान ने मौत का कारण पेड़ से गिरना ही बताया है। ऐसे में फोरम ने उपभोकता की मुआवजा राशी बयाज सहित लौटाने और उपभोकता के पक्ष में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए।


Monday, 21 March 2011

एक रूपया ज्यादा वसूलना पड गया भारी


मंडी। हिमाचल परिवहन निगम को बस किराए क ा एक रूपया ज्यादा वसूलना उस वकत भारी पड गया जब जिला उपभोकता फोरम ने निगम को उपभोकता के पक्ष में 8000 रूपये अदा करने के आदेश दिए। एक अन्य मामले में फोरम ने एक बीमा कंपनी को उपभोकता के पक्ष में 3,71,500 रूपये की मुआवजा राशी अदा करने के आदेश दिए। फोरम अध्यक्ष राजीव भारदवाज तथा सदसय लाल सिंह ने गजनोहा(रंधाडा) निवासी मुरलीधर यादव गुज्जर के पक्ष में हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम को बस किराए में जयादा वसुली गई एक रूपये की राशी लौटाने के आदेश दिए। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में 5000 रूपये हर्जाना राशी और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। इस मामले के तथ्यों के अनुसार उपभोकता ने सीनियर सिटिजन होने के नाते समार्ट कार्ड की सुविधा ली है। उपभोकता से निगम की बस में यात्रा करने पर एक रूपया अधिक वसुल किया गया। जिस पर उन्होने उपभोकता फोरम में इस बारे शिकायत दर्ज करवाई। फोरम ने दोनो पक्षों की विसतार से सुनवाई के बाद उकत फैसला सुनाया। इधर एक अन्य शिकायत का निपटारा करते हुए फोरम ने जिला किन्नौर के चांगी(हंगरंग) निवासी राकेश कुमार नेगी पुत्र जिमत के पक्ष में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को 3,71,500 रूपये की राशी बयाज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा कंपनी के सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची परेशानी की एवज में 3000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने को कहा। अधिवकता मुकेश सैनी के माध्यम से दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने अपने वाहन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। लेकिन बीमाअवधी में ही वाहन दुर्घटना के कारण बुरी तरह से क्षतिग्रसत हो गया था। उपभोकता के मांग करने पर कंपनी ने इस आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया था कि उपभोकता के पास वैध लाइसेंस न था। फोरम ने कंपनी के तर्कोंं को असवीकारते हुए उपभोकता के पक्ष में उकत फैसला सुनाया।

बालीवुड़ की फिजाओंमें अब जल्द ही हिमाचली मेलोडी



मंडी। बालीवुड़ की फिजाओंमें अब जल्द ही हिमाचली मेलोडी भी अपना रंग जमाएगी। मंडी की 21 वर्षीय शिवांगी कश्यप बालिवुड़ निर्माता केतन मेहता और अनुप जलोटा की दीपा मेहता निर्देशित फिल्म तेरे मेरे फेरे में सबसे छोटी उम्र के संगीतकार के रूप में अपने करियर की शुरूआत कर रही है। शिवांगी को उममीद है कि यह फिल्म उनके लिए मील का पत्थर साबित होगी और उनके सबसे कम उम्र में संगीतकार बनने का उनका सपना भी साकार होगा। फिल्म में संगीत देने के अलावा इसकेटाइटल सांग और अन्य गानों को अपनी आवाज देकर वह बतौर पाश्र्व गायिका के तौर पर भी अपनी पारी शुरूआत कर रही हैं। मोहित चौहान और बाबा सहगल जैसे बालीवुड़ के सथापित पाश्र्व गायकों के गानों को संगीत देने के अलाना शिवांगी ने इस फिल्म में उनके साथ डियुट सांग भी गाए हैं। बालीवुड़ के मशहुर संगीत निर्देशक एस डी कश्यप और प्रसिध लोकगायिका रवि कांता कश्यप की बेटी शिवांगी ने उनके नक शे कदम पर चल कर आज यह मुकाम हासिल किया है। पिछले दो सालों से अपनी प्रतिभा का सिकका मनवाने के लिए मुमबई में संघर्ष कर रही शिवांगी बचपन से ही संगीत के माहौल में पली- बढी है। अमर उजाला से फोन पर बातचित के दौरान शिवांगी ने फिल्म के संगीत की रिर्काडिंग पूरी होने की पुषिट करते हुए बताया कि संगीत के प्री व्यु जारी कर गए हैं और जल्द ही फिल्म का संगीत रिलिज होगा। उन्होने बताया कि पंजाबी पृष्ठभुमि की इस फिल्म के संगीत में हिमाचली मेलोडी का रंग होने के कारण यह लोगों को बहुत पसंद आएगा। इधर शिवांगी के पिता एस डी कश्यप और माता रवि कांता कश्यप ने उसकी सफलता को कडी मेहनत का नतीजा बताया है। उनहोने बताया कि शिवांगी की संगीत शिक्षा उनके मंडी जिला के पनारसा सिथत सटुडियो में ही हुई है। पहाडों की वादियों में परवरिश होने के कारण उसके संगीत की ताजगी महसुस की जा सकती है। उन्होने उममीद जताई कि बालीवुड में संगीत निर्देशक तथा पाश्र्व गायिका के तौर पर सथापित होकर शिवांगी अपने प्रदेश को गौरवान्वित करेगी।

Saturday, 19 March 2011

वकील, पत्रकार, रंगकर्मी



मैं समीर कश्यप पेशे से वकील हूं और मीडिया के लिए अदालतों की रिपोर्टिग भी करता हूं्र। सांस्कृतिक कमी के तौर पर भी अपनी भूमिका तलाशने की कोशिश करता हूं। 

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...