Thursday, 31 July 2014
जीव पंच भौतिक शरीर रूपी किराए के मकान में रहता हैः तेज
संघर्ष समिति ने सीएम को भेजा ज्ञापन
समिति का कहना है कि लोगों को वास्तुकार के पास भारी राशि खर्च करने से बचाने के लिए टीसीपी विभाग के वास्तुकार या सरकार की ओर से लोगों को निशुल्क वास्तुकार की सेवाएं मुहैया करवानी चाहिए। जिससे सरकार की जनकल्याणकारी छवि सामने आ सके। समिति के पदाधिकारियों के अनुसार अब टीसीपी एक्ट को ग्रामीण क्षेत्रों में लागू करनी की बात सामने आ रही है। टीसीपी के प्रावधानों के बारे में गांवों में कई भ्रांतियां सामने आने लगी हैं। जिससे ग्रामवासी टीसीपी के कडे कानून के बारे में आशंकित हो गए हैं। समिति ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि टीसीपी के तहत आने वाले शहर व साथ लगते गांवों में नियमितीकरण सरल और निशुल्क किया जाए। जिससे गांववासियों में टीसीपी एक्ट के विरूध भ्रांतियों का निराकरण हो सके।
वकीलों की खीर का लोगों ने जखा स्वाद
इस अवसर पर न्यायलय, उपायुक्त और जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के कर्मियों ने भी खीर का प्रसाद ग्रहण किया। उन्होने बताया कि बार एसोसिएशन विगत कई सालों से सावन माह में खीर वितरण का आयोजन कर रही है।
इस मौके पर खीर आयोजन समिति के सदस्य डी आर शर्मा, राजकुमार सैन, कमल सैनी, दिग्विजय सिंह कटोच, भूपेन्द्र शर्मा, अखिलेश ठाकुर, राजेश शर्मा, नरेन्द्र गुलेरिया, समीर कश्यप, बृज किशोर शर्मा, विशाल ठाकुर, दिनेश शर्मा, दिनेश सकलानी, विजय ठाकुर, नंद लाल, रवि, लोकेन्द्र कुटलैहडिया, राजेश जोशी, विक्रांत शर्मा, मनीष कटोच, विपिन अवस्थी, हेम सिंह ठाकुर तथा बार एसोसिएशन के सदस्य मौजूद रहे।
Tuesday, 29 July 2014
मिंजर हॉकी टुर्नामेंट को मंडी टीम रवाना
मंडी। चंबा के अंतर्राष्ट्रिय मिंजर मेले में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय हॉकी टुर्नामेंट के लिए मंडी हॉकी क्लब की टीम रवाना हो गई है। क्लब के सचिव सुशील की अगुवाई में मंडी की टीम इस टुर्नामेंट में करीब 20 सालों के बाद भाग ले रही है। सुशील ने बताया कि टीम में नरेश (कप्तान), रोहित, साहिल, सचिन, दलजीत सिंह, सुनील, जीवन, कुशहाल, विनोद, मनप्रीत, कमल, दीपू और मनोज शामिल हैं। उन्होने बताया कि मंडी के इंदिरा मार्केट स्थित रतन ज्वैलर ने टीम को किट प्रदान की है। जबकि एचडीएफसी फाइनैंस बैंक, महेन्द्रा एस के पी एल के अरूण महाजन व सहयोगियों, रमन बेकरी व स्थानीय लोगों ने टीम को टुर्नामेंट में भाग लेने के लिए प्रायोजित किया है।
चारदीवारी गिराने की जांच की मांग
मंडी। सुंदरनगर के धनोटु स्थित हिमटेक संस्था ने प्रदेश के मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह से बल्ह क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल गलमा में चारदीवारी को नुकसान पहुंचाने के मामले में जांच का आग्रह किया है। संस्था ने स्कूल में करवाए गए निर्माण की बकाया 5,00,000 रूपये की राशि भी अदा करने के बारे में मुखयमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है। दि हिमटेक को-आपरेटिव लेबर एंड कंस्ट्रक्शन सोसायटी लिमिटेड के सचिव ललित शर्मा ने बताया कि संस्था के माध्यम से गलमा स्कूल में चारदीवारी और रिटेनिंग वाल का कार्य करवाया गया है। लेकिन विगत एक वर्ष से संस्था को बकाया राशि जारी न करने के कारण चारदीवारी का निर्माण कार्य बंद पडा हुआ है। जबकि संस्था की निर्माण सामग्री चारदीवारी के नजदीक ही रखी गई थी। उन्होने बताया कि विगत 8 जुलाई की रात को कुछ अज्ञात लोगों ने गलमा स्कूल की इस चारदीवारी को नुकसान पहुंचाया है। जिस बारे में स्कूल की ओर से बल्ह पुलिस थाना को शिकायत पत्र भी दिया गया है। उन्होने बताया कि चारदीवारी को नुकसान पहुंचाने के बारे में पता चलते ही संस्था के पदाधिकारी मौका पर गए और नुकसान की जानकारी ली। उन्होने बताया कि चारदीवारी को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों ने वहां पर रखी निर्माण सामग्री रेत-बजरी और ईटों को भी चोरी कर लिया है। सचिव ललित शर्मा ने बताया कि संस्था ने गलमा स्कूल के इस कार्य को करवाने के लिए अपने सदस्यों से ऋण लिया है लेकिन बकाया राशि की अदायगी स्कूल प्रशासन द्वारा रोक देने से संस्था को वितिय परेशानियों का सामना करना पड रहा है। संस्था ने मुखयमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करके इस घटना की जांच की मांग की है। वहीं पर संस्था ने स्कूल प्रशासन की ओर से रोकी हुई पांच लाख रूपये की बकाया राशि को भी जारी करने का आग्रह किया है। इधर, अतिरिक्त उपायुक्त की ओर से ज्ञापन पर कार्यवाही किए जाने के बारे में उपनिदेशक (उच्च शिक्षा) को पत्र जारी किया गया है। पत्र में मामले के तथ्यों की जांच पडताल करके नियमानुसार उचित कार्यवाही करके संस्था को इस बारे में अवगत करवाने के निर्देश दिये गए हैं।
वकील की 30 हजार रूपये फीस ब्याज सहित अदा करने के आदेश
मंडी। अदालत ने मुवक्किल को अधिवक्ता की 30,000 रूपये फीस ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। मुवक्किल प्रतिवादी को यह फीस 5 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करनी होगी। मंडी के सिविल जज (जूनियर डिविजन) कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा के न्यायलय ने जिला न्यायलय के अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा की ओर से दायर फीस रिकवरी के दावे को डिक्री करते हुए प्रतिवादी सुंदरनगर तहसील के तरोट (कनैड) गांव निवासी निक्का राम पुत्र डागु राम को वादी अधिवक्ता के पक्ष में उक्त फीस की राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता अरविंद कपूर के माध्यम से अदालत में दायर दीवानी वाद के तथ्यों के अनुसार वादी पुष्प राज शर्मा जिला अदालत में वर्ष 1986 से बतौर अधिवक्ता कार्य कर रहे हैं। अप्रैल 2005 में एक मोटर वाहन दुर्घटना में घायल होने के कारण निक्का राम ने उन्हे मोटर वाहन अधिनियम की क्लेम पेटिशन निक्का राम बनाम कर्म सिंह व अन्य में बतौर अधिवक्ता नियुक्त किया था। इस मामले का फैसला प्रतिवादी के पक्ष में 25 अप्रैल 2009 को हुआ था। अधिवक्ता को केस सौंपते समय प्रतिवादी निक्का राम ने उन्हे फैसला हो जाने के बाद फीस देना तय किया था। हालांकि प्रतिवादी ने दिसंबर 2009 में मोटर वाहन ट्रिब्युनल से मुआवजे की राशि निकलवा दी थी। लेकिन राशि मिलने के बावजूद भी प्रतिवादी ने तय की गई फीस की अदायगी अधिवक्ता को नहीं की। जिस पर अधिवक्ता ने प्रतिवादी को 26 मार्च 2012 को कानूनी नोटिस जारी करके फीस अदा करने को कहा था। लेकिन प्रतिवादी के कोई जवाब न देने पर अधिवक्ता ने यह दीवानी दावा अदालत में पेश किया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोनों पक्षों की सुनवाई और रिकार्ड में लाए गए साक्ष्यों से यह सपष्ट हुआ है कि वादी अधिवक्ता को प्रतिवादी ने क्लेम पेटिशन में बतौर अधिवक्ता नियुक्त किया था। वादी की ओर से अदालत में कानूनी नोटिस की कापी पेश की गई जिसमें फीस की मांग की गई थी। इसके अलावा वादी पुष्प राज और अधिवक्ता टी आर पठानिया ने भी अपने ब्यानों से साबित किया है कि वादी को फीस की अदायगी नहीं की गई है। जबकि प्रतिवादी की ओर से अपने तर्कों को साबित करने के लिए कोई साक्ष्य पेश नहीं किया गया। इन परिस्थितियों में अदालत ने अपने फैसले में कहा कि वादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर प्रतिवादी से फीस की राशि प्राप्त न होने का वाद साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने वादी को अपनी फीस की राशि प्राप्त करने का हकदार मानते हुए प्रतिवादी को उक्त राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। उल्लेखनीय है कि प्रतिवादी सेवानिवृत जे ई हैं और एक सोसायटी के पदाधिकारी हैं। इसी अदालत ने प्रतिवादी की पत्नी राज कुमारी के खिलाफ भी इसी तरह के फीस रिकवरी के दीवानी वाद में वादी अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के पक्ष में 3000 रूपये फीस पांच प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया है।
Saturday, 26 July 2014
हणोगी मंदिर रोप-वे जनता को समर्पित
जानकारी के मुताबिक उपायुक्त मंडी ने बुधवार को चंडीगढ-मनाली राष्ट्रिय राजमार्ग-21 पर स्थित हणोगी माता के नये मंदिर से पुराने मंदिर तक बनाए गए रोप वे का टेस्ट ट्रायल किया। इससे पहले भक्तों, पर्यटकों और लोगों को पुराने मंदिर तक मात्र नाव के माध्यम से ही पहुंचा जा सकता था।
लेकिन व्यास नदी का जलस्तर बढ जाने के कारण लोगों को पुराने मंदिर तक पहुंचने में भारी परेशानियों का सामना करना पडता था। लोक निर्माण विभाग के मैकेनिकल विंग की ओर से करीब 28 लाख रूपये की लागत से बनाए गए इस रोप वे में दो पैसेंजर कैबिन की सुविधा है। जिनमें बैठ कर 6-6 लोग आर-पार जा सकते हैं।
Thursday, 24 July 2014
पण्डोह जलाशय से ब्यास नदी में पानी छोडऩे पर जिला प्रशासन ने किया अलर्ट
चैक बाउंस में दो को एक साल की कैद और हर्जाना
लेकिन इसके बावजूद भी राशि अदा न करने पर उन्होने अदालत में शिकायत दायर की थी। इधर, एक अन्य शिकायत का फैसला करते हुए विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुवीर सिंह के न्यायलय ने तहसील सदर के डडौर (ढाबण) स्थित मैसर्ज कृष्णा आटोमोबाईल के मालिक सचित पासी के मुखतयार आम रती गांव निवासी चेत राम पुत्र परमा राम के माध्यम से दायर शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर सदर तहसील के कैहनवाल (टिल्ली) निवासी अशोक पठानिया पुत्र किशन सिंह को एक साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा आरोपी अशोक को शिकायतकर्ता सचित पासी के पक्ष में 1,11,944 रूपये हर्जाना भी अदा करना होगा।
लेकिन इसके बावजूद भी राशि अदा न करने पर उन्होने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में शिकायत दायर की थी। अदालत ने दोनों शिकायतों के फैसलों में कहा कि शिकायतकर्ताओं की ओर से अदालत के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों पर चैक बाउंस का अभियोग निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट की धारा 138 के तहत संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपियों को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा के फैसले सुनाए हैं। 
Wednesday, 23 July 2014
बीमा कंपनी को 3.79 लाख रूपये अदा करने के आदेश
जिसका फैसला 8 नवंबर 2012 को हो जाने के बाद उपभोक्ता निर्धारित 45 दिनों में वाहन को अपने नाम से पंजीकृत नहीं कर सका। वाहन उपभोक्ता के नाम पर पंजीकृत हो जाने के बाद उन्होने कंपनी को उतराधिकारी प्रमाण पत्र और पंजीकरण प्रमाण पत्र सौंपा था। लेकिन इसके बावजूद भी मुआवजा निर्धारित न करने पर उन्होने फिर से फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता की ओर से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है जिससे जाहिर होता है कि उपभोक्ता वाहन का मालिक है।
ऐसे में फोरम ने औपचारिकताओं को पूरा करने के बावजूद मुआवजा निर्धारित न करने को कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोक्ता के पक्ष में उक्त मुआवजा राशि ब्याज समेत अदा करने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
मृत गाय का मुआवजा उपभोक्ता के पश्र में अदा करने के आदेश
Monday, 21 July 2014
टीसीपी निरस्त करने को संघर्ष समिति ने उठाई मांग
बैठक में टीसीपी के तहत ग्रामीण क्षेत्र को लाने के प्रावधानों का विरोध कर रही सुंदरनगर की संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगिन्द्र ठाकुर ने इस कानून को निरस्त करने की मांग की है। उन्होने कहा कि जब तक टीसीपी कानून वापिस नहीं लिया जाता तब तक संघर्ष समिति अपना आंदोलन जारी रखेगी। उन्होने कहा कि सुंदरनगर में टीसीपी के तहत आने वाली सभी पंचायतों में संघर्ष की अलख जगाई जा रही है। उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीसीपी के प्रावधानों को लागू हो जाने से लोगों को आने वाले समय में अनेकों कठिनाईयों का सामना करना होगा।
उन्होने बताया कि टीसीपी कानून में संशोधन के लिए बनाई गई प्रवर समिति के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों को ज्ञापन प्रेषित करके उन्हे इस कानून में बदलाव के लिए कहा गया है। समिति के सचिव समीर कश्यप ने बताया कि प्रदेश सरकार के विगत 17 जुलाई को घोषित नये टीसीपी एक्ट 2014 के प्रावधानों का अध्ययन करने के बाद इसमें सुझाव व आपतियां दर्ज करवाई जाएंगी। उन्होने कहा कि टीसीपी कानून को पुराने शहरों और आबादियों में लागू नहीं किया जाए। उन्होने कहा कि आने वाले समय में मंडी शहर और आस पास के गांवों में भी टीसीपी कानून के इन कडे प्रावधानों से होने वाले नुकसानों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। वहीं पर प्रदेश के अन्य जगहों पर इन कानूनों के खिलाफ हो रहे संघर्ष को लामबंद करने की रणनिती तैयार की जाएगी।
जिसके लिए आगामी 2 अगस्त को बैठक सुनिश्चित की गई है। बैठक का संचालन समिति के पदाधिकारी चंद्रमणी वर्मा ने किया। बैठक में ग्रामीण सुधार सभा कमेटी कनैड-भौर के अध्यक्ष धनी राम, सुंदर नगर संघर्ष समिति के सदस्य देवी राम, मंडी के कमल कृष्ण महाजन, विजय कुमार, प्रदीप परमार, भीमचंद्र सरोच, रवि कांत, आर एस राणा, काहन सिंह, प्रकाश चंद, राजेन्द्र कुमार, रमेश वालिया, दुशमती, पूनम शर्मा, गगन सिंह, मोरध्वज शर्मा, सुनील कुमार, गौरी प्रसाद, राम सिंह, धनदेव, बलवंत सिंह, देवी सिंह और देवी राम सहित टीसीपी कानून के प्रावधानों के कारण बिजली-पानी से वंचित भुगतभोगी शामिल थे।
Friday, 18 July 2014
भ्युली क्षेत्र में लावारिस बैल का आतंक
अधिवक्ता की फीस ब्याज सहित अदा करने के आदेश
लेकिन राशि मिलने के बाद प्रतिवादी ने अधिवक्ता से तय की गई फीस अदा नहीं की। जिस पर अधिवक्ता ने प्रतिवादी को 25 मार्च 2012 को कानूनी नोटीस जारी करके फीस अदा करने को कहा था। लेकिन प्रतिवादी के कोई जवाब न देने पर अधिवक्ता ने यह दीवानी दावा अदालत में पेश किया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोनों पक्षों की सुनवाई और रिकार्ड में लाये गए साक्ष्यों से यह सपष्ट हुआ है कि वादी को प्रतिवादी ने क्लेम पेटिशन में बतौर अधिवक्ता नियुक्त किया था।
इन परिस्थितियों में अदालत ने अपने फैसले में कहा कि वादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर प्रतिवादी से फीस की राशि प्राप्त न होने का वाद साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने प्रतिवादी को वादी अधिवक्ता की फीस की राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है।
Thursday, 17 July 2014
कम्प्यूटर के युग में हाथ से लिखे आवेदन के आदेश
आजकल सभी जगह कंपयुटरों के प्रयोग पर अधिक से अधिक बल दिया जा रहा है। जबकि मंडी की अथारटी सदियों पीछे की ओर मुड कर हस्तलिखित आवेदनों का निर्णय ले रही है। जो मौजूदा समय में बिल्कुल भी प्रासांगिक नहीं है। इसके अलावा बहुत से आवेदनकर्ता अपने आप आवेदन लिखने में सक्षम नहीं होते क्योंकि कानून की जटिलताओं को वह नहीं समझ पाते। इसलिए वह अधिवक्ताओं, बार क्लर्कों और टाइपिस्टों की मदद से आवेदन करते हैं। इसके अलावा अथारटी ने यह फरमान भी जारी किया है कि वकीलों के बार क्लर्क अथारटी में फीस जमा नहीं करवा सकते। इसके लिए आवेदनकर्ता को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर फीस जमा करवानी होगी। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार अधिवक्ता अदालतों में बहस, जिरह आदि जरूरी कार्यों में व्यस्त होते हैं। जबकि वह अपने मुवक्किलों के फीस जमा करवाने तथा अन्य कार्यों को बार क्लर्क के माध्यम से जिला अदालत से लेकर सभी प्राधिकरणों में करवाते हैं।
उनके अनुसार लाईसैंसिंग अथारटी में फीस के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। इधर, उपमंडलाधिकारी सदर आईएएस प्रोबेशनर विवेक भाटिया ने बताया कि हस्तलिखित आवेदन करने के पीछे यह कारण है कि आवेदनकर्ता अपने कार्य को अपने आप अथारटी से करवाए। इसके अलावा जिन लोगों को आवेदन लिखना नहीं आता है उसके लिए एक कर्मी की तैनाती की जाएगी। जो इन आवेदनों को हाथ से लिखेगा। अथारटी में फीस जमा करवाने के लिए आवेदनकर्ता के व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने के बारे में उन्होने बताया कि इससे कोई अन्य व्यक्ति गल्त आवेदन नहीं कर सकता है। उन्होने कहा कि बार क्लर्कों को फीस जमा करवाने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। उन्होने बताया कि जो लोग फीस के लिए व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं हो सकते उनके लिए एक परर्फोमा बनाया जाएगा। जिसको भरने के बाद बार क्लर्क उनकी फीस अदा कर सकते हैं। उन्होने कहा कि तीन-चार दिनों में इस बारे में उचित निर्णय ले लिया जाएगा।
Subscribe to:
Comments (Atom)
मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच
मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...
-
मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में शुक्रवार को एंटी टैरोरिजम दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया की अध्यक्षता...
-
मंडी। रिश्वत लेने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने दो पटवारियों को बरी करने का फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक...
-
राहुल सांकृत्यायन की श्रेष्ठ कृति दर्शन-दिग्दर्शन का अध्ययन पूरा हुआ। दर्शन जैसे विषय पर मेरे जीवन में पढ़ी गई शायद यह पहली पुस्तक है। प...