Thursday, 17 July 2014

कम्प्यूटर के युग में हाथ से लिखे आवेदन के आदेश


मंडी। ...अगर आप लाइसैंसिंग अथारटी मंडी में कोई टाइप की हुई अर्जी देना चाह रहे हैं तो आप का आवेदन निरस्त हो सकता है। भले ही आजकल कंपयुटरीकरण का जमाना हो पर इसके लिए आपको अपने हाथों से हस्तलिखित आवेदन ही देना पडेगा। यह फरमान मंडी की लाइसैंसिंग अथारटी के लिए जारी किया गया है। इसके अलावा एक अन्य फरमान यह जारी किया गया है कि अगर आपने मोटर वाहन अधिनियम के तहत कोई फीस जमा करवानी है तो इसके लिए आपको व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना होगा। इससे पहले कोई अन्य भी इस तरह की फीस जमा करवा सकता था। अथारटी से संबंधित इन दोनों फरमानों पर पुर्नविचार करने के लिए जिला मुखयालय में कार्य कर रहे अधिवक्ताओं, बार क्लर्कों और टाइपिस्टों ने उपमंडलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। अधिवक्ता समीर कश्यप, मनीष कटोच, दीपक ठाकुर, वीरेन्द्र कुमार, देवेन्द्र शर्मा, सुशील चौहान, विधि छात्र खेम चंद, बार क्लर्क तेजभान सिंह, धर्मचंद, धर्म पाल गर्ग, घनश्याम, नरेन्द्र कुमार, प्रवीण कुमार, राजेश कुमार, रीना ठाकुर, पेटीशन राइटर नंदलाल सैनी, मिशन दत, भारत भूषण, बालकृष्ण और परस राम की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपमंडलाधिकारी सदर को ज्ञापन देकर इन आदेशों पर पुर्नविचार करने का आग्रह किया है। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार लाइसैंसिंग अथारटी को आदेश जारी किये गए हैं कि अब अथारटी में आवेदनकर्ता को अपनी हस्तलिखित अर्जी ही देनी होगी और किसी तरह की टाईप की गई अर्जी मान्य नहीं होगी। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार यह निर्णय आदिम काल का प्रतीत हो रहा है। आजकल सभी जगह कंपयुटरों के प्रयोग पर अधिक से अधिक बल दिया जा रहा है। जबकि मंडी की अथारटी सदियों पीछे की ओर मुड कर हस्तलिखित आवेदनों का निर्णय ले रही है। जो मौजूदा समय में बिल्कुल भी प्रासांगिक नहीं है। इसके अलावा बहुत से आवेदनकर्ता अपने आप आवेदन लिखने में सक्षम नहीं होते क्योंकि कानून की जटिलताओं को वह नहीं समझ पाते। इसलिए वह अधिवक्ताओं, बार क्लर्कों और टाइपिस्टों की मदद से आवेदन करते हैं। इसके अलावा अथारटी ने यह फरमान भी जारी किया है कि वकीलों के बार क्लर्क अथारटी में फीस जमा नहीं करवा सकते। इसके लिए आवेदनकर्ता को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर फीस जमा करवानी होगी। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार अधिवक्ता अदालतों में बहस, जिरह आदि जरूरी कार्यों में व्यस्त होते हैं। जबकि वह अपने मुवक्किलों के फीस जमा करवाने तथा अन्य कार्यों को बार क्लर्क के माध्यम से जिला अदालत से लेकर सभी प्राधिकरणों में करवाते हैं। उनके अनुसार लाईसैंसिंग अथारटी में फीस के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। इधर, उपमंडलाधिकारी सदर आईएएस प्रोबेशनर विवेक भाटिया ने बताया कि हस्तलिखित आवेदन करने के पीछे यह कारण है कि आवेदनकर्ता अपने कार्य को अपने आप अथारटी से करवाए। इसके अलावा जिन लोगों को आवेदन लिखना नहीं आता है उसके लिए एक कर्मी की तैनाती की जाएगी। जो इन आवेदनों को हाथ से लिखेगा। अथारटी में फीस जमा करवाने के लिए आवेदनकर्ता के व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने के बारे में उन्होने बताया कि इससे कोई अन्य व्यक्ति गल्त आवेदन नहीं कर सकता है। उन्होने कहा कि बार क्लर्कों को फीस जमा करवाने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। उन्होने बताया कि जो लोग फीस के लिए व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं हो सकते उनके लिए एक परर्फोमा बनाया जाएगा। जिसको भरने के बाद बार क्लर्क उनकी फीस अदा कर सकते हैं। उन्होने कहा कि तीन-चार दिनों में इस बारे में उचित निर्णय ले लिया जाएगा।

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