मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू ने मनाली में आईटी हब के लिए मंगवायी एलएडी व अन्य उपकरण न देने पर विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में 4,00,031 रूपये की राशि ब्याज सहित लौटाने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 4000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों सत्याभामा व शिव सिंह ने मनाली स्थित सपना वूल एंड इलैक्ट्रोनिक्स गुडस के मालिक संजीव ठाकुर की शिकायत को उचित मानते हुए चंडीगढ के दक्षिण मार्ग में सेक्टर 20 सी में स्थित फास्ट ट्रैक कंपयुटिंग लिमिटेड के मालिक इकवाल सिंह को उपभोक्ताके पक्ष में यह राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित लौटाने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता प्रदीप सी शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार मार्च 2013 में इकवाल सिंह मनाली में उपभोक्ता की दुकान पर आया था। जहां पर उपभोक्ता ने उन्हे एलएडी खरीदने के लिए आर्डर दिया। उपभोक्ता ने इसके लिए विक्रेता को 4,00,031 रूपये के चैक 25 मार्च को जारी किये थे। लेकिन राशि की अदायगी करने और कई बार प्रार्थना करने के बावजूद भी उपभोक्ता को एलईडी नहीं भेजे गए। जिसके चलते उपभोक्ता ने विक्रेता की सेवाओं में कमी और भारी लापरवाहीपूर्ण कार्यप्रणाली को देखते हुए फोरम में शिकायत दायर की थी। शिकायत के जवाब में विक्रेता की ओर से फोरम की कार्यवाही में भाग न लेने के कारण एकतरफा कार्यवाही अमल में लायी गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता की ओर से बैंक की स्टेटमैंट आफ एकाउंट प्रस्तुत किये गए। जिसके मुताबिक चैक की राशि विक्रेता को प्राप्त हो गई है। इसके अलावा उपभोक्ता की ओर से एक कानूनी नोटिस और विक्रेता की ओर से दिया गया नोटिस का जवाब भी पेश किया गया। विक्रेता की ओर से दिये गए नोटिस के जवाब में उन्होने राशि प्राप्त होने की बात स्वीकार की है। लेकिन विक्रेता का कहना था कि उन्होने उपभोक्ता से मिले टेलीफोन संदेश के आदेश के मुताबिक एलएडी व अन्य इलैक्ट्रोनिक वस्तुएं आईटी हब (मनाली) को भेज दी गई हैं। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि वस्तुएं उपभोक्ता को भेज दी गई हैं इसे साबित करने की जिममेवारी विक्रेता की थी। लेकिन विक्रेता के फोरम की कार्यवाही में भाग न लेने से यह जाहिर होता है कि उन्हे शिकायत के बारे में कुछ नहीं कहना है और वह उपभोक्ता के क्लेम को स्वीकार करते हैं। किसी रसीद वॉचर के न होने से यह विश्वास नहीं किया जा सकता है कि उपभोक्ता ने बुक की गई वस्तुओं को प्राप्त कर लिया है। ऐसे में फोरम ने माना कि विक्रेता की ओर से कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया जा सका है जिससे जाहिर होता हो कि उपभोक्ता ने उनके द्वारा भेजी गई वस्तुओं को प्राप्त किया है। जो विक्रेता की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते फोरम ने विक्रेता को उक्त राशि ब्याज सहित लौटाने के अलावा उनकी सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी व यंत्रणा के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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