जहां पर जन सूचना अधिकारी व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहे। राज्य सूचना आयुक्त ने आवेदक संतराम को सूचना मुहैया करवाने में लापरवाही बरतने पर जन सूचना अधिकारी को कडी फटकार लगाई और आवेदक के पक्ष में 2000 रूपये हर्जाना एक माह में अदा करने का आदेश दिया। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि यह दुर्भाग्यपुर्ण है कि आवेदक को एक छोटी से सूचना हासिल करने के लिए राज्य सूचना आयोग शिमला के कार्यालय तक तीन बार आना पडा। राज्य सूचना आयुक्त ने आवेदक के पक्ष में तुरंत सूचना मुहैया करने के आदेश भी दिये। जिस पर जन सूचना अधिकारी की ओर से आवेदक को सुनवाई के दौरान ही सूचना मुहैया करवा दी गई।
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