मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 3,79,605 रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 5000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्य शिव सिंह ने जिला कुल्लू की निरमंड तहसील के जाओं निवासी रोहित कुमार पुत्र चुन्नी लाल की शिकायत को उचित मानते हुए श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के जयपुर (राजस्थान) स्थित मुखयालय और जिला बिलासपुर स्थित स्थानीय शाखा को संयुक्त रूप से उक्त राशि का भुगतान उपभोक्ता के पक्ष में 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया है।
अधिवक्ता पी सी चौधरी के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता के पिता चुन्नी लाल ने अपने वाहन को उक्त कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमावधि के दौरान ही उनके पिता का वाहन छैंछीनाला के पास दुर्घटना में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। हालांकि कंपनी के सर्वेयर ने वाहन का निरिक्षण करके नुकसान का आकलन किया था। लेकिन कंपनी ने मुआवजा तय नहीं किया। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी।
जिसका फैसला 8 नवंबर 2012 को हो जाने के बाद उपभोक्ता निर्धारित 45 दिनों में वाहन को अपने नाम से पंजीकृत नहीं कर सका। वाहन उपभोक्ता के नाम पर पंजीकृत हो जाने के बाद उन्होने कंपनी को उतराधिकारी प्रमाण पत्र और पंजीकरण प्रमाण पत्र सौंपा था। लेकिन इसके बावजूद भी मुआवजा निर्धारित न करने पर उन्होने फिर से फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता की ओर से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है जिससे जाहिर होता है कि उपभोक्ता वाहन का मालिक है।
इसके अलावा उपभोक्ता की ओर से उतराधिकारी प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया गया है जिससे जाहिर होता है कि पिता के देहांत के बाद वही उनके उतराधिकारी हैं। उपभोक्ता ने फोरम के पिछले फैसले के अनुसार सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है।
ऐसे में फोरम ने औपचारिकताओं को पूरा करने के बावजूद मुआवजा निर्धारित न करने को कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोक्ता के पक्ष में उक्त मुआवजा राशि ब्याज समेत अदा करने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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