Thursday, 28 April 2011

धोखाधडी के मामले में महिला प्रधान को अदालत उठने तक की सजा


मंडी। धोखाधडी और जालसाजी करके जाली प्रमाण पत्र बनाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक महिला प्रधान को अदालत उठने तक की कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी प्रधान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468 और 471 के तहत दोष साबित होने पर उसे क्रमश: तीन-2 हजार रूपये जुर्माना भी अदा करना होगा। अतिरिकत मुखय न्यायिक दंडाधिकारी सरकघाट किशन कुमार राघव के न्यायलय ने ग्राम पंचायत चोलथरा की प्रधान विजय लक्ष्मी पत्नी प्रदीप कुमार के खिलाफ उकत धाराओं के तहत अभियोग साबित होने पर यह फैसला सुनाया। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को उकत धाराओं में एक-2 माह के अतिरिकत साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी ने साल 2001 में ग्राम पंचायत की प्रधान रहते हुए शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने के लिए अपना आई आर डी पी का जाली प्रमाण पत्र बनाया था। इस जाली प्रमाण पत्र को उन्होने सरकाघाट के रोजगार कार्यालय में जमा कराकर नौकरी के लिए आवेदन किया था। इस प्रमाण पत्र को रोजगार कार्यालय से शिक्षा निदेशक शिमला को प्रेषित किया गया था। जबकि असलियत में आरोपी प्रधान आई आर डी पी के प्रमाण-पत्र के लिए अयोग्य थी कयोंकि आरोपी प्रधान का पति उस समय टिहरा पाठशाला में टी जी टी के पद पर तैनात थे। सरकाघाट थाना पुलिस ने सुरेश कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज करके आरोपी प्रधान के खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक विनोद भारदवाज ने 18 गवाहों के बयान दर्ज करा कर मामले को साबित किया। अदालत ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उसे दोषी करार देते हुए उकत सजा का फैसला सुनाया।


चरस तस्कर को साढे तीन की कठोर कारावास


मंडी। चरस तसकरी का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को साढे तीन साल केकठोर कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। इसके अलावा आरोपी को 40,000 रूपये जुर्माना भी अदा करना पडेगा। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को 6 माह के अतिरिकत कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के विशेष न्यायलय ने हरियाणा के जिला सोनीपत के रूखी निवासी जयवीर सिंह पुत्र मुखतियार सिंह को मादक एव नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत दोषी करार देते हुए उकत फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 7 जनवरी 2005 को जिला पुलिस का एक दल ए एस आई सोहन सिंह की अगुïवाई में खोती नाला के पास राषिट्रय राजमार्ग 21 पर तैनात था। इसी दौरान कुल्लू की ओर से आ रही एक बस को तलाशी के लिए रोका गया। बस की तलाशी के दौरान सीट नंबर 39 पर बैठे आरोपी की गोद में रखे बैग से एक किलो चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी एस एस कौंडल ने 9 गवाह पेश करके मामले को साबित किया। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है जिसके चलते आरोपी के प्रति नरम रूख अपनाया जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नारकोटिक से जुडे मामलों से समाज पर बुरा प्रभाव पडता है जिसके कारण आरोपी के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने बरामद हुई चरस की मात्रा को देखते हुए उकत कारावास की सजा सुनाई।

Wednesday, 27 April 2011

उपभोक्ता की 2,62,055 रूपये की मुआवजा राशी ब्याज सहित लौटाने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोकता की 2,62,055 रूपये की मुआवजा राशी बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में 10,000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए गए हैं। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने फ्रुट प्रोसेसिंग पलांट जरोल सुंदरनगर के प्रबंधक की शिकायत को उचित मानते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को उपभोकता के पक्ष में उकत राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर सहित मुआवजा खारिज करने की तिथी 26 मार्च 2008 से अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवकता हेमंत कपूर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने अपने पलांट की मशीनरी, भवन सहित चार दिवारी को भी बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधी के दौरान भारी बारिश और बाढ आने से पलांट की चार दिवारी क्षतिग्रसत हो गई थी। उपभोकता ने घटना से संबंधित तमाम दसतावेज कंपनी को जुटाकर मुआवजे की मांग की थी। कंपनी ने पहले तो उपभोकता को मुआवजा अदा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन बाद में यह कर मुआवजा खारिज कर दिया था कि यह नुकसान पालिसी के प्रावधानों में नहीं आता है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि चार दिवारी को पहुंचा नुकसान पालिसी में शामिल था लेकिन कंपनी ने अनुचित तौर पर मुआवजा खारिज किया है जो सेवाओं में कमी है। ऐसे में फोरम ने मुआवजा राशी की अदायगी बयाज सहित करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए।

Tuesday, 26 April 2011

बस अडडे के निर्माण में नियम दरकिनार


मंडी। निर्माण नियमों का अतिक्रमण करके बनाए जा रहे धर्मपुर के बस अडडे से सरकार की छवि खराब हो रही है। मंडी की संसथा आर टी आई बयुरो ने इस बारे में प्रदेश सरकार के मुखय सचिव को शिकायत प्रेषित की है। जबकि शिकायत की प्रति प्रदेश के मुखय मंत्री प्रेम कुमार धूमल को भी प्रेषित की गई है। बयुरो के संयोजक लवण ठाकुर ने बताया कि मंत्री और सथानिय विधायक की विशेष रूचि होने के कारण भूमि के चयन और संबंधित विभागों से अनापति लेने आदि के मामलों में कायदे कानूनों को दरकिनार कर दिया गया है। इस बारे में संसथा ने पहले भी कार्यवाही की मांग की थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। उन्होने बताया कि परिवहन कारपोरेशन ने एक कदम और बढाते हुए बस अडडा परियोजना में भविषय में बनने वाली 34 दुकानों को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिवहन विभाग जल्दबाजी में अब इन दुकानों को 20 साल के लिए लीज पर देने की कोशीसों में जुटा हुआ है। उन्होने कहा कि सरकार को कायदे कानूनों का ध्यान रखते हुए कार्य करना चाहिए न कि किसी राजनितिज्ञ से प्रभावित होकर। उन्होने कहा कि जनता के पैसे का दुरूपयोग करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होने मांग की है कि धर्मपुर बस अडडे के निर्माण कार्य की जांच के आदेश जारी करके इन दुकानों के आबंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।

मृत गाय की मुआवजा राशी देने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने उपभोकता की मृत गाय का 15000 रूपये मुआवजा बयाज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा बीमा कंपनी को उपभोकता के पक्ष में 2000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल केभडयाल (टिककर) गांव निवासी गगन कुमार सैनी पुत्र नेतर सिंह सैनी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आई सी आई सी आई लोंर्बाड जनरल इंश्योरेंस कंपनी को उकत राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर सहित करने के आदेश दिए। अधिवकता मनीष भारदवाज के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने अपनी जर्सी गाय को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधी में ही उपभोकता की गाय की मौत हो गई। उपभोकता ने घटना की सूचना कंपनी और पंचायत प्रधान को दी थी। जिसके बाद पशु चिकित्सालय गागल के चिकित्सक ने गाय का पोसट मार्टम करके इसकी रिर्पोट जारी की थी। उपभोकता ने गाय की मौत से संबंधित सभी दसतावेज कंपनी को मुहैया कराकर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन कंपनी ने इस आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया था कि गाय के कानों में लगा हुआ टैग सलामत नहीं था। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी इस बारे में कोई सबूत पेश नहीं कर पाई जिससे ऐसा जाहिर होता हो कि बीमाकृत मृत गाय के कान में टैग नहीं था। कंपनी ने इस बारे में अपने सतर पर कोई जांच भी नहीं करवाई थी। इन तथ्यों के चलते फोरम ने मुआवजा खारिज करने को सेवाओं में कमी मानते हुए मुआवजा राशी बयाज सहित अदा करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का आदेश दिया।

Monday, 25 April 2011

निरंकारी मंडल ने मनाया मानव एकता दिवस

मंडी। संत निरंकारी मंडल जोन 6 का मानव एकता दिवस डडौर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर कुल्लू, बिलासपुर और मंडी जिला के करीब 5000 लोग एकत्र हुए थे। निरंकारी मंडल की ओर से इस दिवस पर रकत दान शिविर आयोजित किया गया। जिसका उदघाटन उपमंडलाधिकारी सदर विनय कुमार ने किया। शिविर में करीब 300 लोगों ने रकत दान किया। यह शिविर आई जी एम सी शिमला के डा मदन लाल कौशल तथा क्षेत्रीय असपताल के डा अरिन्दम राय और डा शेखर कपुर की देखरेख में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुखय अतिथी विनय कुमार ने कहा कि निरंकारी मिशन रकत दान से मानवता की सेवा करके समाज में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। मिशन के जोनल इंचार्ज तेज सिंह चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा कि निरंकारी मिशन रकतदान के क्षेत्र में अग्रणी संसथा है। मिशन साल 1986 से 2010 तक 4,21,000 युनिट रकत दान कर चुका है। मिशन के ए पी आर ओ कुममी राम ने बताया कि शिविर में संतसंग का भी आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता दिल्ली से आए मिशन के कानूनी सलाहकार सेवानिवृत न्यायधीश आर के मेहता ने की। निरंकारी मिशन के इस आयोजन में सथानिय विधायक प्रकाश चौधरी, एस डी एम सरकाघाट विजय कुमार, फोरेंसिक लैब गुटकर के उप निदेशक डा राजेश वर्मा, मिशन के सथानिय प्रमुख प्रेमदास व संचालक प्रेमसिंह भी मौजुद थे।

शहर की समस्याओं को लेकर मुख्य न्यायधीश को याचिका


मंडी। शहर की समसयाओं को लेकर एक अधिवकता ने उच्च न्यायलय के मुखय न्यायधीश कुरियन जोजफ को एक जनहित याचिका प्रेषित की है। राज्य विधिक प्राधिकरण के पैरा लीगल वालंटियर अधिवकता आकाश शर्मा ने यातायात व्यवसथा, इंदिरा मार्केट की दुर्दशा, आवारा पशु, गंदगी और अन्य समसयाओं को लेकर यह जन हित याचिका प्रेषित की है। उन्होने बताया कि मांडव्य नगरी के नाम से विखयात रहा मंडी शहर आजकल दुर्दशा के कगार पर है। आम शहरवासी बढती हुई आवारा पशुओं की तादात से परेशान है। शहर की यातायात व्यवसथा खसता हाल है। पार्किंग का उचित प्रावधान नहीं किया गया है और न ही कोई यलो लाईन निर्धारित की गई है। शहर की सफाई व्यवसथा बुरी तरह से चरमरा गई है। शहर के कारगिल पार्क में नगर परिषद ने डसट बीन रख दिए हैं। शहर की शान इंदिरा मार्केट कभी भी गिर सकती है। यहां की चारों ओर की रेलिंग टुटी हुई है जिससे कई हादसे हो चुके हैं। अधिवकता ने बताया कि इन समसयाओं के बारे में कई बार प्रशासन और नगर परिषद को बताया जा चुका है। लेकिन कोई कदम न उठाए जाने पर उन्होने यह जनहित याचिका प्रेषित की है। उन्होने उममीद जताई कि याचिका से शहर की व्यवसथा को सुधारने के लिए उचित निर्देश जारी हो सकेंगे।

25 सालों से नहीं मिला मुआवजा


मंडी। सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली की रफतार का यह आलम है कि एक व्यकित को करीब 25 सालों से अपनी संपती के मुआवजा मिल नहीं पाया है। लंबे अरसे तक इंतजार के बाद जब उकत वयकित ने सूचना के अधिकार के तहत इस मामले की सूचना मांगी तो बताया गया कि संबंधित विभाग ने करीब 15 साल पहले कुछ अन्य विभागों से इस मामले पर रपट मांगी थी। लेकिन विभागों से रपट न मिल पाने के कारण मुआवजा नहीं दिया जा सका है। यहां के साथ लगते गांव छनवारी(टिल्ली) में भू-अर्जन विभाग ने साल 1983-84 में दौलत राम की खसरा नंबर 8 में 0-8-19 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण की गई जमीन में दौलत राम का मकान और फलदार तथा गैर फलदार पौधे भी लगे हुए थे। इस जमीन से मकान और पौधे हटाकर लोक निर्माण विभाग ने सडक बनाई थी । अधिग्रहण के बाद इस भूमि का इंतकाल भी लोनिवि के नाम पर दर्ज और तसदीक हो चुका है। । भू-अर्जन विभाग ने भूमि की कीमत का मूल्यांकन करके इसकी राशी तो भूमि मालिक को जारी कर दी। लेकिन इस भूमि पर सिथत दौलत राम के मकान और फलदार व गैर फलदार पौधों मुआवजा आज तक अदा नहीं किया गया है। अनेकों बार विभागों के चककर लगाने और पत्राचार करने के बावजूद भी मुआवजा जारी नहीं करने पर दौलत राम ने इस मामले के बारे में सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी। भू-अर्जन विभाग ने सूचना जारी करते हुए माना है कि दौलत राम की उनकी अधिग्रहित जमीन पर मकान और पौधे मौजुद थे। विभाग ने माना है कि साल 1995 में लोनिवि के अधिशाषी अभियंता मंडी-2, जिला उदयान अधिकारी और वनमंडलाधिकारी से मकान और पौधों केमूल्यांकन की रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन इन विभागों की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल पाने के कारण मुआवजा जारी नहीं किया जा सका है। इधर दौलत राम ने बताया कि इतनी सालों की जदोजहद के बाद भी उन्होने अपने हकों के लिए लडना नहीं छोडा है। उन्होने बताया कि विभागिय कार्यप्रणाली के ढिलमुल रवैये को देखते हुए उन्होने अब अदालत का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है। इधर जब इस बारे में लोनिवि के भू-अर्जन विभाग से संपर्क किया गया तो सूचना जारी करने की बात मानते हुए बताया कि विभागों को फिर से पत्र लिख कर रिर्पोट मांगी गई है।

Sunday, 24 April 2011

न्यायधीश की कार्यप्रणाली को लेकर वकीलों में रोष



मंडी। जिला अदालत के एक न्यायधीश की कार्यप्रणाली को लेकर अधिवकताओं से चल रहे विवाद का अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है। जिसके कारण जिला बार एसोसिएशन के अधिवकताओं नेआम सभा बुलाकर इस मामले की प्रगति पर चर्चा की । एसोसिएशन की आम सभा की बैठक बार रूम में प्रधान ललित कपुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। आम सभा में एसोसिएशन ने प्रदेश के मुखय न्यायधीश कुरियन जोसेफ को 4 अप्रैल 2011 को भेजे गए ज्ञापन पर कोई कार्यवाही न करके अधिवकताओं की जायज मांग पर ढिलमुल रवैया अपनाने पर असंतोष व्यकत किया है। इस आम सभा में अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश की कार्यप्रणाली पर जम कर चर्चा की गई। अधिवकताओं का कहना था कि उकत न्यायधीश का वकीलों के प्रति उचित व्यवहार नहीं रहता और बार सदसयों के साथ असहयोगी रवैया अपनाए हुए हैं। इसके अलावा अपनी कार्यप्रणाली के दौरान वह मानवीय पहलुओं को भी नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि जिला बार एसोसिएशन ने उकत न्यायधीश से मिलकर उनकी कार्यप्रणाली को लेकर आ रही दिककतों के बारे में अवगत करवाया था। लेकिन कोई समाधान नहीं हो सका। अधिवकताओं ने हाल ही में एक व्यकित को उकत न्यायलय दवारा गैर कानूनी ढंग से 7 दिन तक उप-जेल मंडी में बंदी रखने की घटना का भी उल्लेख किया। बार एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि आम सभा में सर्वसममति से निर्णय लिया गया कि 4 अप्रैल 2011 को मुखय न्यायधीश कुरियन जोसेफ को प्रेषित किए गए प्रसताव के समरण पत्र के रूप में प्रसताव पारित कर इसे मुखय न्यायधीश सहित प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष को भी प्रेषित किया जाए। उन्होने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि अगर इस मामले में 10 दिनों के अंदर जरूरी कदम न उठाए गए तो बार को आंदोलन का रूख अपनाना पडेगा। आम सभा ने तय किया है कि उकत न्यायधीश की कार्यप्रणाली से संबंधित समाचार पत्रों की कापियां भी प्रसताव के साथ संलग्न करके उच्च न्यायलय को प्रेषित की जाएं, जिससे इस मामले की सिथति सपषट हो सके।

Wednesday, 20 April 2011

रक्त दान शिविर 24 को

मंडी। संत निरंकारी मिशन 24 अप्रैल को डडौर में रकत दान शिविर आयोजित करेगा। शिविर का उदघाटन उपमंडलाधिकारी सदर विनय कुमार करेंगे। मिशन के पदाधिकारी तेज सिंह, के के ठाकुर , कुममी राम और मुखीया ब्रांच साधसंगत ने बताया कि शिविर का आयोजन संत निरंकारी सतसंग भवन डडौर में आयोजित होगा। जबकि शिविर के दौरान सतसंग और लंगर भी आयोजित किया जाएगा।

विश्व धरोहर दिवस पर मिला मंडी को म्यूजियम

विश्व धरोहर दिवस पर मिला मंडी को म्यूजियम
दो दिन तक विपाशा सदन में आयोजित किया गए कार्यक्रम

विश्व धरोहर दिवस पर डीसी मंडी ने मंडी को म्यूजियम देने की घोषणा की है। समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि पहुंचे डीसी मंडी ने कहा कि ऐतिहासिक मंडी जिला में भी कला संग्रहालय कला संग्रहालय खोला जाएगा। उन्होंने विश्व धरोहर दिवस परन आयोजित भारतीय पराुतत्व सर्वेक्षण विभाग, भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग, पुरातत्व चेतना संघ और मांडव कलामंच की ओर से विपाशा सदन में लगाई गई प्रदशनियों का अवलोकन किया और सफल आयोजन के लिए स्थानीय संस्थाओं और आयोजकों को बधाई दी। विश्व धरोहर दिवस पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में केंद्रीय विद्यालय खलियार की शिवानी और सरस्वती विद्या मंदिर के निखिल चुग को प्रथम,सीनीयर सकेंडरी स्कूल मंडी के गुंजन को दूसरा और डीएवी आर्य स्कूल मंडी की दिव्यांशी को तीसरा स्थान मिला। धरोहर संरक्षण पर आधारित गु्रप ए जिसमें दसवीं कक्षा से बड़ी कक्षाओं के स्टूडेंटस शामिल थे, में प्रथम स्थान पर सीनीयर सकेंडरी सकूल मंडी के नवीन कुमार को प्रथम, एंगलो संस्कृत स्कूल मंडी की विभूती को दूसरा स्थान मिला। सीनियर सकेंडरी स्कूल मंडी के यादव सिंह को तीसरा स्थान हासिल हुआ। ग्रुप बी में छोटी कक्षाओं के बच्चों के मुकाबले मेें इंडस वल्र्ड स्कूल के आर्यन भाटिया और अनीश प्रथम व द्वितीय जबकि फिजीक्स स्कूल की शिवांगना तीसरे सथ्तान पर रही। लोकगीतों के मुकाबले में एसवीएम स्कूल के सर्वज्ञ प्रथम स्थान पर रहे जबकि दूसरे स्थान पर केंद्रीय विद्यालय खलियार के विकास व डीएवी सेंनेटरी सकूल की मृदुल द्वितीय जबकि डीएवी सेंनेटरी स्कूल के निखिल और डीएवी आर्य समाज की भारती तीसरे स्थान पर रही। राष्टï्रति पुरस्कार विजेता चित्रकार विजय शर्मा ने विजेता स्टूडेंट्स को पुरस्कार वितरित किए। आयोजन समिति के अध्यक्ष लवण ठाकुर ने बताया कि मंडी की विभिन्न संस्थाओं की पहल से शुरू हुआ विश्व धरोहर दिवस के आयोजन का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।


दो आरोपियों को 12-12 साल की कठोर कारावास

मंडी। व्यवसायिक मात्रा की चरस तसकरी का अभियोग साबित होने पर अदालत ने दो मामलों के आरोपियों को 12-12 साल कठोर कारावास और एक लाख बीस- बीस हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपियों को 2-2 साल का अतिरिकत कारावास भुगतना होगा। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने दो अलग-2 मामलों में हरियाणा के पलवल जिला के चंघाट गांव निवासी सतपाल पुत्र श्याम सरन और जिला मंडी के गोहर उपमंडल के बागा चनोली निवासी अटल बिहारी पुत्र मनी राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत उकत सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार पंडोह चौकी पुलिस ने 10 जनवरी 2010 को ए एस आई रामलाल की अगुआई में सुककी बाईं के पास नाका लगाया हुआ था। इसी दौरान पंडोह की ओर से आ रही एक बस को तलाशी के लिए रोका गया तो बस की सीट नंबर 15 पर बैठे आरोपी सतपाल की गोद में लिए बैग में से 5 किलो चरस बरामद हुई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते उप जिला न्यायवादी सोहन सिंह कौंडल ने 12 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। जबकि दूसरे मामले के तथ्यों के अनुसार पुलिस दल ने एएसआई मोहन लाल की अगुवाई में रात करीब 12.30 बजे गढानाला(पंडोह) के पास नाकाबंदी की थी। इसी बीच पंडोह की ओर से कंधे पर बैग उठाए एक आरोपी आया। पुलिस के तलाशी लेने पर उसके कबजे से भी 5 किलो चरस बरामद हुई थी। इस मामले में अभियोग के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 9 गवाहों के बयान अदालत में कलमबंद किए गए। आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण अदालत ने दोनों मामलों में आरोपियों को दोषी करार देकर सोमवार को सजा की अवधी की कार्यवाही निश्चित की थी। अदालत ने बचाव पक्ष और अभियोजन की विसतार से सुनवाई के बाद उनसे बरामद हुई चरस व्यवसायिक मात्रा की होने के कारण उकत कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।

मेले का आयोजन पंचायत को सौंपने का निर्णय

मंडी। जंजैहली क्षेत्र के प्रसिध कुथाह मेले का आयोजन ग्राम सभा ने सथानिय पंचायत को सौंपने का निर्णय लिया गया है। ग्राम पंचायत तुंगाधार ने प्रशासन से ग्राम सभा में नवगठित कमेटी को पंजीकृत करने की मांग की है। इस बारे में ग्राम पंचायत तुंगाधार की प्रधान और नवगठित मेला कमेटी कुथाह की प्रधान जससी देवी, कुन्दल लाल व राजेन्द्र कुमार की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुकत मंडी को ज्ञापन सौंपा। जससी देवी ने बताया कि 2 जून 2010 को प्रदेश सरकार के भाषा,कला एवं संसकृति विभाग ने निर्णय लिया है कि जिला सतर के सभी मेलों और त्योहारों का आयोजन सथानिय निकायों दवारा किया जाएगा। इन निर्देशों के तहत ग्राम पंचायत तुंगाधार ने ग्रामसभा में सर्वसममति से प्रसताव पास किया है कि इस वर्ष 22 मई से 30 मई तक होने वाले इन मेलों का आयोजन पंचायत की चयनित कमेटी करेगी। उन्होने बताया कि इस ग्राम सभा में16 सदसयीय मेला प्रबंधन कमेटी कुथाह का सर्वसममति से गठन किया गया। कमेटी में प्रताप सिंह प्रधान,मुरारी लाल उपप्रधान,मोम राज सचिव सहित कार्यकारिणी के सदसय चुने गए हैं उन्होने कहा कि ज्ञापन में मांग की गई है कि पूर्व कमेटी को भंग करके ग्राम सभा में चुनी गई नवगठित कमेटी को पंजीकृत किया जाए जिससे मेले की तैयारी सुचारू रूप से शुरू की जा सके।

आटो वर्ल्ड के प्रबंधक और कर्मी को एक-एक माह का कारावास

मंडी। जिला उपभोकता फोरम कुल्लू के आदेशों की मानना न करने पर फोरम ने एक वाहन कंपनी के प्रबंधक व एक अन्य कर्मी को एक-एक महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोनों को एक-एक हजार रूपये का जुर्माना भी अदा करना होगा। जिला उपभोकता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष राजीव भारदवाज तथा सदसय के पी सैहगल ने व्यासा मोड कुल्लू निवासी तुलसी राम पुत्र दिले राम भाटिया दवारा उपभोकता संरक्षण अधिनियम की धारा 27 के तहत दायर याचिका मेंं गुटकर(मंडी) सिथत आटो वल्र्ड के प्रबंधक और कर्मी कुशाल धीमान के खिलाफ उकत फैसला सुनाया। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर उन्हे 7-7 दिन की अतिरिकत कारावास काटनी होगी। इसी के साथ फोरम ने प्रबंधक और कर्मी के वारंट भी जारी कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि फोरम ने 26 अगसत 2009 को फैसला देते हुए प्रबंधक को उपभोकता की एन ओ सी 30 दिनों में जारी करने के आदेश दिए थे। ऐसा न करने पर कंपनी को वाहन वापस लेकर उपभोकता की 2,80,000 रूपये की 9 प्रतिशत बयाज सहित राशी वापिस लौटानी थी। इसके अलावा उपभोकता के पक्ष में 10,000 रूपये हर्जाना देने के भी आदेश दिए गए थे। उपभोकता ने आदेश पारित होने के बाद जब कंपनी से एन ओ सी के लिए संपर्क किया तो उनसे कंपनी के कर्मी ने 18 हजार रूपये की राशी वसूल की लेकिन एन ओ सी जारी नहीं की। उपभोकता ने अपने अधिवकता हरीश ठाकुर के माध्यम से याचिका दायर कर आदेश की पालना करवाने की प्रार्थना की थी। फोरम में कार्यवाही के दौरान प्रबंधक व कर्मी शामिल नहीं हुए। फोरम ने अपने आदेश में कहा कि प्रबंधक और कर्मी जानबूझ कर आदेशों की मानना नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते कडा रूख अपनाते हुए उकत कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया गया।

बरी होने के बावजूद भी काटी 7 दिन की सजा

समीर कश्यप
मंडी। न्यायिक प्रक्रिया की खामियों की वजह से बरी होने के बावजूद एक आरोपी को अवैध रूप से सात दिनों तक उप जेल में बंदी रहना पडा। पेशी की अगली तारीख में जब इस बात का खुलासा हुआ तो आरोपी को तुरंत रिहा कर दिया गया। इस मामले के तथ्यों के अनुसार अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायलय में हरियाणा के पलवल निवासी सत पाल, राहुल और कुल्लू निवासी हेम सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग विचाराधीन था। इन तीन आरोपियों में से आरोपी हेम सिंह जमानत पर रिहा था जबकि अन्य दोनों आरोपी उप-जेल मंडी में विचाराधीन बंदी के तौर पर रखे गए थे। विगत 11 अप्रैल को अदालत ने अभियोग का फैसला सुनाया था। जिसमें सतपाल को दोषी करार देकर सजा की अवधी के लिए 18 अप्रैल की तारीख निश्चित की थी। अदालत ने अपने आदेश में दो अन्य आरोपियों राहुल और हेम सिंह को बरी करने का फैसला दिया था। अदालत ने आरोपी राहुल को बरी करने के आदेश तो दे दिए लेकिन इस आदेश को उसके जेल वारंट में नहीं दर्शाया गया। हैरानीजनक बात तो यह रही कि राहुल के जेल वारंट में उसे 18 अप्रैल को अदालत में पेश करने के आदेश दिए गए। सजा की अवधी की सुनवाई वाले दिन आरोपी सतपाल और राहुल को जब अदालत में पेश किया गया तो इस घटना का खुलासा हुआ। जिसके बाद आरोपी राहुल को तुरंत रिहा कर दिया गया। जबकि आरोपी सतपाल को 12 साल के कठोर कारावास और एक लाख 20 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। इस बारे में जब उप-जेल मंडी के अधीक्षक बी एस सकलानी से संपर्क किया गया तो उन्होने माना कि आरोपी राहुल को अदालत के आदेश के तहत 18 अप्रैल तक विचाराधीन बंदी के तौर पर रखा गया था। बचाव पक्ष के अधिवकता डी सी शर्मा ने कहा कि उन्हे 18 अप्रैल को आरोपी राहुल को अदालत में देख कर बेहद हैरानी और अविश्वास हुआ। उन्होने कहा कि वे यह नहीं जानते कि गल्ती किसकी है लेकिन इतना जरूर है कि राहुल को अवैध रूप से 18 अप्रैल तक बंदी बनाकर रखा गया। इधर जब राहुल से संपर्क करने की कोशीस की गई तो उसने बताया कि अभी वह घर जा रहा है और 2-3 दिन के बाद मंडी लौटकर वह इस बारे में प्रदेश उच्च न्यायलय को अवैध रूप से बंदी रखने की शिकायत करेगा।

Sunday, 17 April 2011

छोटी काशी में संग्रहालय होना बेहद जरूरी , विपाशा सदन में दो दिवसीय धरोहर संगोष्ठी का शुभारंभ




मंडी। प्रदेश की सांसकृतिक और बौधिक राजधानी छोटी काशी मंडी में मयूजियम होना बहुत जरूरी है। जिससे मंडी पेंटिग के मशहूर सकूल की रचनाओं का संग्रहण हो सके। राषट्रपति पुरूसकार से सममानित चित्रकार विजय शर्मा ने विश्व धरोहर दिवस की दो दिवसीय संगोषठी के दौरान अपने अध्यक्षीय संबोधन में मंडी में संग्रहालय बनाने की मुहिम शुरू करने का आहवान किया। संगोष्ठी के पहले दिन पद्रेश भर की धरोहरो को बचाने के लिए सामूहिक प्रयासों की जम कर वकालत की गई और समारकों के संरक्षण और संवर्धन के नाम पर आने वाली राशि के खुर्द बुर्द हो जाने पर भी सवाल उठाए गए। मांग उठी कि प्रदेश में जब 40 राष्ट्रीय महत्व के स्मारक है फिर धरोहर पर्यटन के दोहन के लिए गंभीर प्रयास क्यों नहीं हो रहे। इसके अलावा 400 अन्य ऐसे समारक हैैं जिन्हे संरक्षण की जरूरत है।
संगोष्ठी मेंडा. धर्म पाल कपूर, साहित्यकार केके नूतन, संग्रहकर्ता डॉक्टर कमल के प्यासा, जिला बार एसोशिएशन के महासचिव एडवोकेट समीर कश्यप, पत्रकार विनोद कुमार व मांडल कला मंच के अध्यक्ष कुलदीप गुलेरिया ने भाग लिया। सुबह स्थानीय स्कूलों के बच्चों के बीच धरोहर संरक्षण विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें गुंजन, शिवानी, यामिनी ठाकुर, देवांशी, निखिल चुग और आकृति गुलेरिया ने धरोहरों को सहेजने की जरूरत जाहिर की।
रविवार को विपाशा सदन में दो दिन चलने वाली धरोहर संगोष्ठी का शुभारंभ पहाड़ी चित्रकला के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित चंबा के चित्रकार विजय शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि मंडी स्कूल ऑफ पेंटिंग विश्व विख्यात थी लेकिन, अब इसका इतिहास तक नहीं मिलता। इस अवसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग , प्रदेश भाषा, कला एवं संंस्कृति विभाग, पुरातत्व चेतना संघ, मांडव्य कलामंच की ओर से प्रदशनियों का आयोजन किया गया है। आयोजन समिति के अध्यक्ष लवण ठाकुर ने बताया कि दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन इंडियन पिपलस थियेटर एसोशिएशन के बैनर तले मांडव कला मंच, पुरातत्व चेतना संघ, हिमालयन विकलांग संघ, नव लक्ष्य रंग मंडल,संवाद कला मंच, सीनियर सिटीजन सहित कई संस्थाओं के सहयोग से करवाया जा रहा है। पहले दिन जिला भाषा अधिकारी राज कुमार सकलानी, रिटायर्ड प्रिंसीपल चंपा शर्मा लतेश शर्मा, पूर्व पार्षद सरिता हांडा, सीनियर सिटीजन कांउसिल के अध्यक्ष वाईएन वैद्य, हिमालय विकलांग संघ की अध्यक्ष हेमलता शर्मा, एडवोकेट भूपेंंद्र भरमौरिया, भगत सिंह गुलेरिया, लोककलाकार अमर सिंह ने अपनी उपसिथति दर्ज करवाई।


बीमा कंपनी को 3,27,655 रूपये अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोकता की 3,27,655 रूपये की राशी बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में 3000 रूपये हर्जाना और 2500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल के ब्रिंदावणी (दुदर) निवासी जै देवी उर्फ जैवंती देवी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मैकस न्युयार्क इंश्योरेंस कंपनी को उकत मुआवजा राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर सहित करने के आदेश दिए। अधिवकता पुषप राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता के पति कुलदीप पटियाल ने कंपनी के पास अपना जीवन बीमा कराया था। बीमा अवधी के दौरान उपभोकता के पति की बीमारी से मौत हो गई थी। नामिनी होने के नाते उपभोकता ने कंपनी को तमाम दसतावेज मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन कंपनी ने पत्र लिख कर उपभोकता को सूचित किया था कि उपभोकता के पति ने अपनी शराब पीने की आदत को पालिसी लेते समय छिपाया था जिसके कारण मुआवजा खारिज कर दिया गया। उपभोकता ने शराब पीने के आरोप को गल्त ठहराते हुए कहा था कि उपभोकता की भारतीय जीवन बीमा निगम में भी अन्य पालिसियां थी जिनकी राशी उपभोकता को जारी की जा चुकी हैं। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ऐसा कोई रिकार्ड पेश नहीं कर सकी कि जिस समय उपभोकता के पति ने पालिसी ली थी उस समय वह शराब पीते थे। ऐसे में फोरम ने मुआवजा खारिज करने को कंपनी की सेवाओं में कमी मानते हुए उपभोकता के पक्ष में मुआवजा राशी बयाज सहित अदा करने के अलावा हर्जाना और शिकायत भी अदा करने का फैसला सुनाया।

दो दिवसीय धरोहर दिवस रविवार से


मंडी। मंदिरों की नगरी छोटी काशी मंडी में धरोहरों के संरक्षण के लिए दो दिवसीय विश्व धरोहर दिवस मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राषट्रपति पुरूसकार से सममानित प्रदेश के मशहूर चित्रकार विजय शर्मा मुखय अतिथी के रूप में शिरकत करेंगे। यहां के विपाशा सदन भयुली में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का उदघाटन सत्र रविवार सुबह 11 बजे शुरू होगा। धरोहर संरक्षण संगोषठी के संयोजक लवण ठाकुर ने बताया कि इस कार्यक्रम में प्रर्दशनी के अलावा भाषण , चित्रकला, और पुराने लोक गीतों की प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होने बताया कि इस अवसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भारत सरकार, प्रदेश भाषा,कला एवं संसकृति विभाग, कृषि विभाग, पर्यटन, वन विभाग, पुरातत्व चेतना संघ मंडी, मांडव्य कला मंच आदि संसथाओं की ओर से धरोहरों के चित्र, पुरातन कला वसतुएं, हसतशिल्प, वादय यंत्र, परंपरागत कृषि उपकरणों की प्रर्दशनी की जाएगी। जबकि धरोहर संरक्षण एवं संर्वधन और हम विषय पर भाषण प्रतियोगिता के अलावा चित्रकला और पुराने लोक गीतों की प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। लवण ठाकुर ने बताया कि संगोषठी का उदेश्य धरोहरों की पहचान करना, बचाना, संरक्षित करना और धरोहरों को अगली पीढी तक हसतांतरित करना है। इसके अलावा धरोहरों पर अतिक्रमण की समसया, सथलों को पर्यटन की दृषिट से विकसित करना और धरोहर सथलों के संचार को सुगम बनाना भी संगोषठी का ध्येय रहेगा। उन्होने बताया कि सथानीय भागीदारों (सटेक होल्डरों) को शामिल किए बिना धरोहरों का संरक्षण नामुमकिन है। जिसके लिए इन सटेकहोल्डरों को भी इस कार्यक्रम में बुलाया गया है जिससे उन्हे धरोहरों को संरक्षित करने के लिए जागरूक किया जा सके।

अदालतों में कोर्ट मैनेजर होंगे तैनात


मंडी। न्याय सुलभ कराने की प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए अदालतों में कोर्ट मैनेजर तैनात किए जाएंगे। तेहरवें वित आयोग की सिफारशों की अनुपालना करते हुए प्रदेश उच्च न्यायलय ने 8 कोर्ट मैनेजरों को तैनाती दे दी है। आयोग की सिफारिशों के अनुसार उच्च और अधिनसथ न्यायलयों मेंप्रबंध सनातकों को मैनेजर के रूप में तैनात किया जा रहा है। कोर्ट मैनेजरों का कार्य न्यायधीशों की सहायता करना होगा। आयोग की सिफारिशों के तहत उच्च न्यायलय और देश के 21 उच्च न्यायलयों में मैनेजरों की तैनाती के लिए 300 करोड़ की राशी दी गई है। प्रदेश के उच्च न्यायलय और 11 जिला न्यायलयों में इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए 5.8 करोड की राशी आबंटित की गई है। इन मैनेजरों का प्राथमिक कार्य वरिषठ न्यायलय के सथापित मापदंडों की पालना का मुल्यांकन करना होगा। इसके परिणामसवरूप कोर्ट प्रबंधन की दक्षता सुधरेगी और मामलों के निसतारण में तेजी आएगी। वहीं पर कोर्ट मैनेजर न्यायधीशों को उनके प्रशासनिक कार्यों में मदद करेंगे जिससे न्यायधीश न्यायिक कार्योंं के लिए ज्यादा केन्द्रित हो सकते हैं। प्रत्येक जिला एवं सत्र न्यायधीश के लिए एक कोर्ट मैनेजर का पद सृजित किया गया है। जबकि उच्च न्यालय के प्रत्येक न्यायलय के लिए 2 और प्रत्येक बेंच के लिए एक पद सृजित किया गया है। कोर्ट मैनेजरों का कार्य वरिषठ न्यायलय दवारा लागू मापदंडों की पालना को सथापित करने पर आधारित होगा। इसके अलावा समय का पालन करना, दक्षता, अधोसंरचना, मानव संसाधन, न्याय तक पहुंच, कोर्ट प्रबंधन और केस प्रबंधन के लिए व्यवसथा को कार्यान्वित करना भी कोर्ट मैनेजर के ही कार्य होंगे। मैनेजर अदालत में कमियों और बदलावों को भी चिन्हित करेगा। मैनेजरों को यह कार्य भी सौंपा गया है कि वे बार समेत सभी सटेकहोल्डरों, मिनिसट्रियल सटाफ और न्यायिक कार्यों को लागू करने में लगी एजेसियों अभियोजन, पुलिस, तामिल कुनिंदे और याचिकाकर्ताओं से विचार विमर्श और परामर्श करे।

Thursday, 14 April 2011

नगर परिषद के गल्त निर्माण से मंडी के पीपल सूखने लगे हैं


समीर कश्यप
मंडी। एक तो पहले ही शहर में बहुत कम पेड़ रह गए हैं उस पर बचे हुए चुनिंदा पेडों के लिए भी सथानिय प्रशासन संवेदनशील नहीं है। मंडी शहर की शान गांधी चौक के ऐतिहासिक पीपल के पेड का असतित्व इसके इर्द-गिर्द हुए गल्त निर्माण के कारण इस समय खतरे में है। इसके अलावा शहर के अन्य करीब एक दर्जन पीपल के पेडों पर नगर परिषद के कंकरीट डाल देने से संकट में हैं। पेड़ों के तनों के चारों तरफ कंकरीट पडी होने के कारण इनकी जडों को माकूल हवा पानी न मिलने से इनके सुखने का संकट पैदा हो गया है। यहां की संसथा आर टी आई बयुरो ने इस मामले में पहल करते हुए मंडी में शहर में पीपल के पेडों के चारों ओर अवैज्ञानिक ढंग से की गई कंकरिटिंग को हटाने के बारे में उपायुकत अमनदीप गर्ग को एक ज्ञापन दिया। संसथा ने ऐलान किया है कि अगर यह कंकरीट नहीं हटाई गई तो बयुरो 15 अप्रैल हिमाचल दिवस से अपना आंदोलन शुरू कर देगा। आर टी आई बयुरो के संयोजक लवण ठाकुर ने बताया कि इससे पहले ïवन अरण्यपाल को भी ï इसकी शिकायत की जा चुकी है। लेकिन इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होने बताया कि रियासत काल में प्रजा की सुविधा के लिए राजाओं ने पीपल के थडे बनाए होते थे। ये पीपल आज भी मौजुद हैं लेकिन नगर परिषद ने इन पेडों के थडों के पत्थर हटा कर इनमें कंकरीट लगा दिया है। जिससे इन ऐतिहासिक थडों के असितित्व का संकट गहराता जा रहा है। उन्होने कहा कि आसथा के प्रतीक यह पेड़ हमारी धरोहर हैं इनको बचाने के लिए नागरिक समाज का आहवान किया।

जीवन बीमा निगम को उपभोक्ता के पक्ष में 3 लाख ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने भारतीय जीवन बीमा निगम की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोक्ता के पक्ष में 3 लाख रूपये की बीमा राशी बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक परेशानी की एवज में फोरम ने 5000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत भी अदा करने के निर्देश जारी किए हैं। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने बल्ह क्षेत्र के बुशैर (गलमा) गांव निवासी सोमा देवी पत्नी बेली राम की शिकायत को उचित मानते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम की भोजपूर (सुंदरनगर) शाखा को उकत आदेश जारी किए। फोरम ने उपभोकता के पक्ष में उनके पति की तीन अलग-2 पालिसियों की एक- एक लाख रूपये की मुआवजा राशी 9 प्रतिशत बयाज दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवकता अमर सिंह ठाकुर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता के पति ने निगम से 3 पालिसियां ली थी। बेली राम की पालिसी के दौरान हृदयाघात होने से मृत्यु हो जाने पर उपभोकता ने नामिनी होने के नाते मुआवजे की मांग की थी। लेकिन निगम ने मुआवजा तय नहीं किया। जिसके कारण उपभोकता को फोरम का रासता अपनाना पडा। निगम का कहना था कि बेली राम पहले से बीमार था और उन्होने बीमारी को छिपाया था। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि निगम ऐसा कोई रिर्काड पेश नहीं कर सका जिससे ऐसा जाहिर होता हो कि उपभोकता का पति पहले से बीमार हो। सिर्फ पायरेक्षिया बुखार से यह अर्थ नहीं निकाला जा सकता कि उन्हे कोई पुरानी बीमारी थी। तेज बुखार के कई कारण हो सकते हैं। फोरम ने मुआवजा खारिज करने को अनुचित ठहराते हुए निगम को उपभोकता के पक्ष में मुआवजा राशी बयाज सहित देने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

उपभोकता को 54681 ब्याज सहित अदा के आदेश

मंड़ी। जिला उपभोकता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोकता के पक्ष में 54681 रूपये की राशी बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक परेशानी के बदले 5000रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सरकाघाट उपमंडल के रोपड़ी गांव निवासी राम दास पुत्र हरी सिंह की शिकायत को सवीकारते हुए न्यु इंडिया एसोरेंस कंपनी को मुआवजा राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर सहित करने का फैसला सुनाया। अधिवकता आर के वर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने अपने ट्रक को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमावधी में ही वाहन सडक दुर्घटना में क्षतिग्रसत हो गया था। उपभोकता ने पुलिस के पास घटना की प्राथमिकी दर्ज करवाकर कंपनी को इसके तमाम दसतावेज सौंप दिए थे। कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती करके दुर्घटना में वाहन को हुई क्षति का आकलन किया था। लेकिन जब कंपनी ने काफी समय तक मुआवजा तय नहीं किया तो उपभोकता ने अपने अधिवकता के माध्यम से कानूनी नोटिस जारी करवाया था। इसके बाद कंपनी ने मुआवजा खारिज कर दिया था। ऐसे में उपभोकता ने फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करवाई। इस बारे में कंपनी का कहना था कि उपभोकता के पास दुर्घटना के समय वैध लाईसेंस नहीं था। जो पालिसी की शर्तोंं का उल्लंघन था। फोरम ने उच्चतम न्यायलय के अमलेन्दु साहु बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के मामले में दी गई व्यवसथा के अनुसार कहा कि अगर पालिसी की शर्तोंं का उल्लंघन भी किया गया हो तो भी सर्वेयर दवारा आंकी गई राशी का 75 फीसदी भुगतान करना आवश्यक है। फोरम ने मुआवजा खारिज करने को कंपनी की सेवाओं में कमी मानते हुए मुआवजा राशी का भुगतान बयाज सहित करने के अलावा उपभोकता के पक्ष में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए।

रामनवमी धूम धाम से मनाई गई


म ंडी। राम नवमी का त्योहार मंदिरों की नगरी छोटी काशी मंडी में खूब जोर-शोर से मनाया गया। इस अवसर पर मंडी के विभिन्न मंदिरों में खास साज सज्जा की गई थी। मुखय कार्यक्रम सनातन धर्म सभा में आयोजित हुआ। भगवान राम के जयकारे लगाते हुए मंदिर से नगर परिक्रमा शुरू हुई। इसके अलावा श् ाहर के अन्य मंदिरों टारना, एकादश रूद्र, बंगला, भगवाहन, पुरानी मंडी,पड्डल और भीमा काली मंदिर में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए। मंदिरों में कन्या पूजन और हवनों का आयोजन किया गया था। इस दौरान दिन भर मंदिरों में भकत जनों का तांता लगा रहा है। नवरात्रों के इस अंतिम व्रत के दिन लोगों ने ïकाही, रेहडु,साबुदाना और आलु के फलाहार का सेवन किया । भगवाहन मुहल्ला की महिलाओं ने उज्जलेशवरी कश्यप की अगुïवाई में इस अवसर पर सुंदरकांड का पाठ आयोजित किया।

होली के दिन परीक्षा कराने पर उच्च न्यायलय ने की रिर्पोट तलब



मंडी।
होली के त्योहार के दिन परीक्षा के चलते परीक्षार्थियों को हुई परेशानी पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायलय ने इस बारे में शिक्षा विभाग से रिर्पोट तलब की है। सुंदरनगर शिक्षा खंड के सीनियर सकेंडरी स्कूल महादेव के जमा दो कक्षा के छात्र रजत शर्मा की पाती पर ा संज्ञान लेते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्खय न्यायाधीश कूरियन जोसफ ने शिक्षा निदेशक सकेंडरी को आदेश देकर उचित कार्रवाई कर उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट जमा करवाए। उल्लेखनीय है कि 19 मार्च को होली के दिन रजत शर्मा की वार्षिक परीक्षा थी। होली के चलते परिक्षार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा । हर साल पेश आने वाली इस समस्या को देखते हुए रजत ने प्रदेश उच्च न्यायालय के मुखख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था । रजत ने अपने पत्र में कहा कि हर साल प्रदेश स्कूलों में मार्च में परीक्षाओं को आयोजन किया जाता है और होली का त्यौहार भी मार्च माह में ही आता है। प्रदेश के स्थानीय प्रदेश के कई सथानों पर रंगों का यह त्यौहार उत्सव की निर्धारित तिथि से एक- दो दिन पहले अथवा बाद में मनाया जाता है।
हर साल हजारों परीक्षार्थियों को होने वाली परेशानी पर शिक्षा बोर्ड़ और स्कूल प्रबंधन ने कभी ध्यान नहीं दिया और इन्ही दिनों में परीक्षाओं को आयोजन होता आ रहा है। ऐसे में जबकि अन्य लोग होली के रंगों से सराबोर होते हैं, परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स को असुविधा का सामना करना पड़ता हैं। क्योंकि होली खेलने वाले स्टूडेंट्स पर भी रंग उड़ेल देते हैं, जिसके चलते परीक्षार्थी सही ढंग से परीक्षा नहीं दे पाते हैं। होली के दौरान होने वाली परीक्षाओं में लड़कियां ज्यादा प्रताडि़त होती हैं।रजत ने मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा कि कई बार ऐसी शिकायतें पुलिस के पास भी रिपोर्ट होती हैं, लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली ऐसी है कि राहत के बजाये पीडि़त स्टूडेंट्स को वहां भी प्रताडि़त ही होना पड़ता हे। रजत ने अपने पत्र मे याचना की थी कि परीक्षाएं निधार्रित करने वाली एजेंसियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएं कि होली के दौरान (होली से दो दिन पहले और दो दिन बाद ) परीक्षा की तिथि निर्धारित न की जाए, ताकि इस दौरान प्रताडि़त होने वाले लाखों विद्यार्थियों को पव्रताडऩा से बचाया जा सके। रजिस्ट्रार जनरल एवं मुख्य न्यायाधीश के प्रधान सचिव ने अपने पत्र से रजत शर्मा को अगवत करवाया है कि उनके पत्र को उपयुक्त कार्रवाई के लिए निदेशक शिक्षा सकेंडरी को भेज दिया गया है।

चार लाख मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने उपभोकता के पक्ष में बीमा राशी का 4 लाख रूपये मुआवजा बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में उपभोकता के पक्ष में 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी देने के आदेश दिए हैं। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल के राउ(भियारटा) निवासी शीला देवी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को उकत राशी की अदायगी 9 प्रतिशत बयाज दर से करने के आदेश दिए। अधिवकता अभिषेक लखनपाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता के पति तेज सिंह ने पी एन बी बैंक से घर बनाने के लिए ऋण लिया था। इस ऋण को सुरक्षित करने के लिए उन्होने कंपनी के पास बीमा करवाया था। बीमा अवधी के दौरान ही तेज सिंह की पेड़ से गिरने के कारण मौत हो गई। उपभोकता ने इस बारे में पुलिस को सूचित कर दिया था। उपभोकता ने घटना से संबंधित दसतावेज कंपनी को मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन कंपनी ने मुआवजा तय नहीं किया। कंपनी का फोरम में यह कहना था कि इस मामले में कंपनी की छानबीन में यह पाया गया था कि उपभोकता की मौत का कारण पेड़ से गिरना नहीं अपितु फांसी लगाना था। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी इस बारे में कोई सबुत और गवाह पेश नहीं कर सकी। जबकि प्रशासन और पंचायत प्रधान ने मौत का कारण पेड़ से गिरना ही बताया है। ऐसे में फोरम ने उपभोकता की मुआवजा राशी बयाज सहित लौटाने और उपभोकता के पक्ष में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए।


अगवा करने का आरोपी जमानत पर रिहा


मंडी। नाबालिग को अगवा करने के आरोप में हिरासत में लिए गए आरोपी को अदालत ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। फासट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव के न्यायलय ने सदर उपमंडल के पपराहल गांव निवासी अनिल पुत्र चुन्नी लाल की जमानत याचिका को सवीकारते हुए उसे 50,000 रूपये की जमानती राशी पर रिहा कर दिया। उल्लेखनीय है कि सदर थाना पुलिस ने यहां के नजदीकी बाडी गांव की नाबालिगा के परिजनों की शिकायत पर भादंस की धारा 363,366 और 376 के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपी को नाबालिगा सहित मनीमाजरा से विगत 4 अप्रैल को हिरासत में लेकर नाबालिगा को उनके परिजनों के हवाले किया था। इसके बाद नाबालिगा ने न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर 4 में आपराधिक प्रक्रिया की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाया था कि वह अपनी मर्जी से आरोपी के साथ गई थी। याचिकाकर्ता आरोपी के अधिवकता का कहना था कि इन तथ्यों को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाए। अदालत ने आरोपी की याचिका को सवीकारते हुए उसे सशर्त व्यकितगत और जमानती राशियों पर रिहा करने के आदेश दिए।

पाठशाला भवन असुरक्षित


मंडी। गोहर उपमंडल की केन्द्रिय प्राथमिक पाठशाला बगसयाड़ का भवन असुरक्षित होने से यहां पढ रहे छात्रों के लिए जान का खतरा बना हुआ है। क्षेत्र के शरण वार्ड की पंचायत समिति सदसय जयवंती ने इस भवन को असुरक्षित करने की मांग की है। उन्होने बताया कि यह पाठशाला मंडी की सबसे पुरानी पाठशालाओं मेंसे एक है। इसके भवन का निर्माण राजा जोगिन्द्र सेन के समय में वर्ष 1935 में करवाया गया था। लेकिन समय के साथ-2 अब यह भवन जीर्ण-शीर्ण और जर्जर हो गया है। इस पाठशाला में 60 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन पाठशाला के लिए कोई सुरक्षा दिवार दी गई है और न ही कोई खेल का मैदान बनाया गया है। जिससे यहां पढने आने वाले बच्चों तथा सटाफ की जान पर खतरा बना रहता है। जयवंती ने बताया कि पाठशाला की प्रबंधन कमेटी ने अनेकों बार इस भवन की सिथति के बारे में सथानिय प्रशासन को सूचित किया है। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही अमल में लाई नहीं गई है। उन्होने प्रशासन से जिला ऊना में हुए भवन गिरने के हादसे से सबक लेते हुए इस मामले में तुरंत कार्यवाही की मांग की है। समिति सदसय ने मांग की है कि सरकार इस भवन को गिराकर नये भवन का निर्माण किया जाए।

मनमानी दरें वसूल रहे तिपहिया चालक


मंडी। शहर के तिपहिया चालक लोगों से मनमाने दरें वसुल रहे हैं। इस बारे में विभिन्न संगठनों ने उपायुकत को ज्ञापन प्रेषित कर दरें निश्चित करने की मांग की है। हिमालयन विकलांग संघ की अध्यक्ष हेमलता पठानिया, इंडियन पिपलस थियेटर एसोसिएशन की ऐरिका शर्मा, आर टी आई बयुरो के संयोजक लवण ठाकुर तथा सदसय आशा ठाकुर ने बताया कि शहर के तिपहिया चालक लोगों से मनमाने दरें वसूल कर रहे हैं। चौहटा से टारना के लिए जहां 15 रूपये की दर निश्चित है लेकिन आजकल लोगों से 50 रूपये वसुले जा रहे हैं। उसी तरह डी ए वी खलियार के लिए भी 15 के बजाय 50 रूपये लिए जा रहे हैं। शहर की अन्य जगहों पर जाने के लिए भी तीन गुणा ज्यादा दरें वसुल की जा रही है। उन्होने बताया कि जब लोग तिपहिया चालकों से कम दर लेने की बात करते हैं तो वे र्दुव्यवहार शुरू कर देते हैं। तिपहियों पर मीटर न होने के कारण मनमाने दाम वसुलना आम बात हो गई है। मनमानी दरें वसुलने पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन को पुलिस के साथ चेकिंग अभियान शुरू करने चाहिए। उन्होने मांग की है कि तिपहिया की दरें तय की जाएं और सथानिय गंतव्यों के लिए समय-समय पर मिनी बसें चलाई जाएं।

आधार कार्ड बनाने में लोगों को दिक्कत


मंडी। शहर के नागरिकों के आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी की कार्यप्रणाली के चलते लोगाों को भारी दिककतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के टाउन हाल में इन दिनों आधार कार्ड बनाने के लिए लोगों को जहां घंटों लाइनों में खडा होना पड रहा है। वहीं पर एजेंसी की बेहतर कार्ययोजना व पर्याप्त सटाफ न होने के कारण अव्यवसथा बनी रहती है। आर टी आई बयुरो के संयोजक लवण ठाकुर ने इस बारे में उपायुकत को ज्ञापन प्रेषित किया है। उन्होने बताया कि लोगों को कार्ड बनाने के आवेदन पत्र मुहैया न करवाकर खुद फोटोसटेट करवाने पड रहे हैं। उन्होने मांग की है कि आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी को पर्याप्त सटाफ रखने के निर्देश दिए जाएं। इस सटाफ को उचित मानदेय दिया जाए। आधार कार्ड वार्ड सतर पर बनाए जाएं और इसका प्रचार किया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग कार्ड बना सकें। महिलाओं, विकलांगों और वरिषठ नागरिकों के लिए कार्ड बनाने की अलग व्यवसथा की जाए और लोगों को आवेदन पत्र मुहैया करवाए जा

Saturday, 9 April 2011

आरोपी चालक को 6 माह की कारावास


मंडी। तेज रफतारी और लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करने के आरोपी को अदालत ने 6 माह के साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर के न्यायलय ने जोगिन्द्रनगर तहसील के बनौण (द्रुबल) निवासी मुरारी लाल पुत्र छरडु के खिलाफ भादंस की धारा 279 और 337 के तहत अभियोग साबित होने पर 6-6 माह की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 27 नवंबर 2006 को आरोपी मंडी सुंदरनगर मार्ग पर अपने ट्रक को तेज गति से चला रहा था। इसी दौरान आरोपी ने सडक के किनारे खडी हुई एक महिला को टककर मार कर घायल कर दिया था। सदर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक के एस वर्मा ने 10 गवाहों के बयान दर्ज करवाकर इस मामले को साबित किया। अदालत ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उसे दोषी करार देकर उकत सजा का फैसला सुनाया।

बीमा कंपनी को मुआवजा ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोकता की 1,86,000 रूपये की मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा उपभोकता के पक्ष में 5000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये भी कंपनी को अदा करना होगा। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह देशबंधु ने करसोग तहसील के थली(सुन्नी) निवासी सालिग्राम पुत्र मौजी राम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उकत राशी की अदायगी 9 प्रतिशत बयाज दर सहित करने के आदेश दिए। अधिवकता सी एल अवसथी के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने अपने टै्रकटर को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। लेकिन बीमा अवधी में ही वाहन के दुर्घटनाग्रसत हो जाने पर उपभोकता ने तमाम दसतावेज कंपनी को सौंप कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन कंपनी ने मुआवजा तय नहीं किया। उपभोकता के अधिवकता के माध्यम से कानूनी नोटिस देने के बाद भी मुआवजा तय न करने पर उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम में कंपनी का कहना था कि उपभोकता के पास वैध लाइसेंस नहीं था जिसके कारण मुआवजा खारिज किया गया था। फोरम ने उच्चतम न्यायलय के मामले अमलेंदु साहु बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी में दी गई व्यवसथा के अनुसार अपने आदेश में कहा कि अगर कहीं पालिसी की शर्तोंं का उल्लंघन हो तब भी मुआवजे की 75 प्रतिशत राशी अदा की जानी चाहिए। फोरम ने कंपनी के गल्त तरीके से मुआवजा खारिज करने को सेवाओं में कमी मानते हुए राशी का भुगतान बयाज सहित करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

उपभोक्ता के पक्ष में 3,38,905 रुपये अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ताफोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 3,38,905 रूपये की मुआवजा राशी बयाज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा फोरम ने कंपनी की सेवाओं में कमी की एवज में 5000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश जारी किए। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय सत्यभान तथा के.पी सैहगल ने कुल्लु सर्किट के दौरान सुनाए फैसले में मनाली के द माल निवासी मनु पुत्री मुलक राज के पक्ष में
फैसला सुनाते हुए आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंशोंरेस कंपनी को उक्त मुआवजा राशि उपभोक्ता के पक्ष में नौ प्रतिशत ब्याज दर से अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता छबींद्र ठाकुर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ताभ्ने अपनी इंडिका कार को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि में ही वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने से भारी क्षति पहुंची। उपभोक्ता ने कंपनी को हादसे की सूचना देने के बाद तमाम दस्तावेज सौंप कर मुआवजे की मांग की थी। कंपनी ने हालांकि सर्वेयर की तैनाती करके क्षति का आकलन किया, लेकिन उपभोक्ता को मुआवजा नहीं दिया गया। फोरम में सुनवाई के दौरान कंपनी का कहना था कि उपभोक्ता का वाहन टेक्सी के तौर पर प्रयोग किया जा रहा था। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी अपने तर्क से संबंधित कोई सबूत पेश नहीं कर पाई । गलत तरीके से मुआवजा अदा न करने को कंपनी की सेवाओं में कमी मानते हुए फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करनेके अलावा हर्जाना व शिकायत अदा करने के आदेश दिए।

न्यायधीश की कार्य प्रणाली को लेकर वकीलों में रोष


मंडी। जिला अदालत के एक न्यायधीश की कार्यप्रणाली को लेकर अधिवकताओं ने रोष जाहिर किया है। जिला बार एसोसिएशन ने प्रदेश के मुखय न्यायधीश कुरियन जोसेफ को ज्ञापन प्रेषित कर इस मामले में जरूरी कदम उठाने की मांग की है। एसोसिएशन की आम सभा की बैठक बार रूम में प्रधान ललित कपुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस आम सभा में जिला एवं सत्र न्यायलय में कार्यरत एक न्यायधीश की कार्यप्रणाली के विरोध में सर्वसममति से प्रसताव पारित किया गया। अधिवकताओं का कहना था कि उकत न्यायधीश का वकीलों के प्रति उचित व्यवहार नहीं रहता और बार सदसयों के साथ असहयोगी रवैया अपनाए हुए हैं। इसके अलावा अपनी कार्यप्रणाली के दौरान वह मानवीय पहलुओं को भी नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि जिला बार एसोसिएशन ने उकत न्यायधीश से मिलकर उनकी कार्यप्रणाली को लेकर आ रही दिककतों के बारे में अवगत करवाया था। लेकिन कोई समाधान नहीं हो सका। एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि आम सभा में पारित प्रसताव की प्रति ज्ञापन के रूप में मुखय न्यायधीश कुरियन जोसेफ को प्रेषित कर दी गई हैं। उन्होने बताया कि कार्यप्रणाली को लेकर आ रही समसया का समाधान न होने पर जिला बार एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मुखय न्यायधीश से मिलेगा।

बीमा कंपनी को 1,41,922 रूपये का मुआवजा अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोकता के पक्ष में 1,41,922 रूपये की मुआवजा राशी बयाज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में 5000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह देशबंधु ने जोगिन्द्रनगर सिथत सपीड आटोमोबाइल के संजय शर्मा पुत्र ओंकार नाथ के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को उकत राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर सहित करने के आदेश जारी किए। अधिवकता सोम नाथ शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता जोगिन्द्र नगर में मारूति का अधिकृत सर्विस सटेशन चलाते हैं। सर्विस सटेशन का भवन लीज ली गई जमीन पर बनाया गया है। इस भवन को उन्होने कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधी के दौरान भू-सवखलन होने के कारण सर्विस सटेशन की मशीनों को काफी नुकसान पहुंचा। उपभोकता ने कंपनी को सूचित करके मुआवजे की मांग की थी। कंपनी ने नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेयर की तैनाती की थी। लेकिन लंबे समय के बाद कंपनी ने एक पत्र लिखकर मात्र 2797 रूपये का मुआवजा तय किया था। जिसके चलते उपभोकता ने फोरम का दरवाजा अपने अधिवकता के माध्यम से ठकठकाया। फोरम ने कंपनी दवारा गल्त तरीके से मुआवजा तय करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोकता के पक्ष में उकत फैसला सुनाया।

बैंक को एन ओ सी 15 दिनों में जारी करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने हि.प्र. राज्य को ओपरेटिव बैंक को उपभोकता का अनापति प्रमाण पत्र(एन ओ सी) 15 दिनों में जारी करने के आदेश दिए। बैंक की सेवाओं में कमी आंकते हुए फोरम ने उपभोकता के पक्ष में 1000 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। निश्चित समय में एन ओ सी जारी न करने पर बैंक को फैसले की तारीख से प्रतिदिन 50 रूपया जुर्माना उपभोकता को एन ओ सी सौंपने के दिन तक अदा करना होगा। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह देशबंधु ने थुनाग तहसील के बनाइश(कांढा) गांव निवासी रोमेश कुमार पुत्र मान चंद की शिकायत को उचित मानते हुए बैंक की सथानिय शाखा के खिलाफ उकत फैसला सुनाया। अधिवकता पंकज ठाकुर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने बैंक से 2 लाख का लोन लिया था। जिसे उन्होने उचित समय में लौटा दिया था। उपभोकता को किसी अन्य कार्य में बैंक की एन ओ सी वांछित थी लेकिन बैंक ने उपभोकता को एक पत्र जारी करके एन ओ सी जारी करने से इंकार कर दिया था। जिसके चलते उपभोकता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई। बैंक का कहना था कि उपभोकता एक अन्य लोन का गारंटर है। फोरम ने कहा कि उपभोकता को उस खाते की एन ओ सी चाहिए थी जिसका लोन चुका दिया गया है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैंक ने गल्त ढंग से एन ओ सी को रोके रखा और इसे उपभोकता को जारी नहीं किया जो बैंक की सेवाओं में कमी जाहिर करता है। ऐसे में फोरम ने इन तथ्यों के तहत उकत फैसला सुनाया।

Monday, 4 April 2011

भगवान युवा मंडल के सदस्य फाईनल मैच का लुत्फ उठाते हुए


उपभोक्ता के पक्ष में स्टेट बैंक को 1,75,000 की सबसिडी अदा करने के आदेश


मंडी। उपभोकता को लोन की सबसिडी न देने को सेवाओं में कमी मानते हुए जिला उपफोकता फोरम ने एक राषिट्रयकृत बैंक के प्रबंधक को उपभोकता के पक्ष में 1,75,000 रूपये की राशी अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोकता के पक्ष में बैंक को 10,000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह देशबंधु ने सुंदरनगर के यू बी आफसेट प्रिंटर के मालिक निशी कांत जमवाल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सटेट बैंक आफ इंडिया की चतरोखडी(सुंदरनगर) शाखा के प्रबंधक को उकत राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर सहित करने के आदेश दिए। अधिवकता अभिषेक लखनपाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने खादी एवं ग्रामीण उदयोग बोर्ड के माध्यम से प्रिटिंग प्रेस लगाने के लिए उकत बैंक से लोन लिया था। इस लोन पर उपभोकता को 175000 रूपये सबसिडी दी जानी थी। उपभोकता ने तमाम दसतावेज बैैंक को सौंप कर सबसिडी की मांग की थी। लेकिन कई बार प्रार्थना करने के बावजुद भी उपभोकता के पक्ष में यह राशी जारी नहीं की गई। जिसके चलते उपभोकता को फोरम में शिकायत दर्ज करनी पडी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैंक अपने ग्राहक के प्रति असंवेदनशील रहा। यह बैैंक की जिममेवारी थी कि वह सबसिडी से संबंधित मामले को शिमला सिथत शाखा के समक्ष ले जाता। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैैंक से मिलने सबसिडी की राशी को लोन की राशी मे अडजसट किया जाए। जबकि ऐसा करने से बैैंक को होने वाले नुकसान की वसुली उन अधिकारियों से की जाए जिनके कारण यह नुकसान उठाना पडा। इससे न केवल उपभोकता की भरपाई होगी बल्कि यह सामाजिक बुराई को भी दूर करने में सहायक होगी। ïवहीं पर कार्य संसकृ ति बेहतर करने और दृषिटकोण बदलने में भी इससे सहायता मिल सकती है। फोरम ने शिकायत को उचित मानते हुए सबसिडी की राशी बयाज सहित अदा करने के अलावा बैंक की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Friday, 1 April 2011

नाबालिग से दुराचार के आरोपी को 7 साल का कठोर कारावास, शादी का झांसा देकर अगवा करने का अभियोग भी साबित


नाबालिग से दुराचार के आरोपी को 7 साल का कठोर कारावास
शादी का झांसा देकर अगवा करने का अभियोग भी साबित
मंडी।ï सुंदरनगर की नाबालिग छात्रा सेदुराचार करने के एक आरोपी को अदालत ने 7 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी पर पीडिता को शादी का झांसा देकर अगवा करने के आरोप में भादंस की धारा 366 के तहत 4 साल और उसे परिजनों की हिफाजत से अगवा करने के आरोप में 3 साल की कठोर कारावास और 5-5 हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। जुर्माना राशी समय पर अदा न करने की सूरत में आरोपी को क्रमश 6-6 और 3 माह की अतिरिकत सजा भुगतनी होगी। उकत सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला ने सुंदरनगर के अंबेडकर नगर निवासी नरेश कुमार को भादंस की धारा 363, 366 और 376 के तहत चलाए गए अभियोग के साबित होने पर उकत फैसला सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दुराचार का अपराध शारिरिक ही नहीं बल्कि व्यकित की मानसिकता को भी भंग करता है। पीडिता के शारिरिक घाव तो समय के साथ भर जाते हैं लेकिन मानसिक घाव नहीं भर पाते। विगत 28 मार्च को अदालत ने इस मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए वीरवार को सजा की अवधी पर सुनवाई के लिए इस मामले को रखा था। उल्लेखनीय है कि आरोपी ने 3 फरवरी 2010 को घर से सकूल गई पीडिता को अगवा करके उसे अपने साथ कुल्लु और शेला गांव ले गया था और उससे शादी करके दुराचार भी किया था। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफतार करके उसके खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया था। वीरवार को सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है जिसके चलते उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी कर रहे लोक अभियोजक एस एस कौंडल का तर्क था कि आरोपी ने नाबालिग छात्रा के साथ दुराचार की घटना को अंजाम दिया है इसलिए आरोपी के प्रति नरम रूख न अपनाया जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने पीडिता की मासुमियत का फायदा लिया। आरोपी ने आठवीं कक्षा में पढने वाली छात्रा को बहलाया फुसला कर इस अपराध को घटित किया। जिसके कारण आरोपी के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। इन तथ्यों के मदेनजर अदालत ने आरोपी को उकत सजा का फैसला सुनाया।

अफीम सहित पकड़ा गया आरोपी बरी

मंडी। अफीम सहित पकडे जाने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया है। फासट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव के न्यायलय ने पंजाब के जिला संगरूर के सुनाम निवासी रविन्दर पुत्र नवाब के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 18 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने के आदेश दिए। अभियोजन पक्ष के अनुसार 6 मार्च 2007 को बालीचौकी पुलिस ने चौकी प्रभारी शिवचंद की अगुवाई में बंजार- औट मार्ग पर नाका लगाया हुआ था। इसी दौरान बंजार की ओर से पैदल आ रहे एक व्यकति ने पुलिस को देख कर भागने की कोशीस की। जिस पर पुलिस ने उसे काबू कर लिया। पुलिस को आरोपी की तलाशी के दौरान उसकी टांग से बंधी हुई 500 ग्राम अफीम बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 10 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस मामला दर्ज करते समय आरोपी की व्यकितगत तलाशी से पहले अधिनियम की धारा 50 के प्रावधानों के तहत आरोपी की पुलिस दवारा तलाशी की सहमती से संबंधित अनुपालना नहीं की गई थी। इसके अलावा कोई लिंक गïवाह न होने और गवाहों के बयानों में विरोधाभास होने के कारण अदालत ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए उसे बरी करने का फैसला सुनाया।


भारत पाक मैच के दौरान जनजीवन पर असर पड़ा


मंडी। आईसीसी क्रिकेट वल्र्ड कप सेमीफाइनल के कारण मंडी में जहां रोजमर्रा के जनजीवन में व्यापक असर दिखाई दिया। वहीं प्रशासनिक और न्यायिक गलियारे भी क्रिकेट की खुमारी से बच नहीं सके। बुधवार सुबह से ही बाजार में खालीपन देखा जा रहा था। ऐसा नजारा दूरदर्शन के जमाने के मैचों और धार्मिक सीरियल रामायण के प्रसारण के दौरान देखने को मिलता था। जिला मुखयालय के प्रशासनिक और न्यायिक परिसरों में भी मैच काव्यापक असर साफ दिखाई दे रहा था। मुखयालय के सभी कार्यालय हालांकि कामकाज के लिए खुले थे। लेकिन लोगों की आमद कार्यालयों में आज काफी कम देखी गई। जरूरी काम के लिए कार्यालयों में पहुंचे लोगों के कामों को भी मैच के कारण जल्दी निपटा दिया गया। अधिकारी और कर्मचारी काम पर तैनात रहते हुए मैच की ताजा अपडेट लेते रहे। जिला बार रूम में अधिवकताओं ने इकठे बैठ कर मैच उठाया। जबकि काम काज पूरा करने के बाद सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया,फासट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर सहित अन्य न्यायिक दंडाधिकारी भी कुछ देर के लिए अधिवकताओं के साथ मैच देखने में शामिल हुए।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...