Monday, 30 April 2012

नेरचौक के पूर्णचंद हत्याकांड में मौत का कारण पथराव नहीं बल्कि हृदयाघात, एक ही परिवार के तीन आरोपी बरी


मंडी। नेरचौक में पूर्णचंद हत्याकांड में मृतक पूर्णचंद की मौत पथराव से नहीं बल्कि हृदयाघात से हुई थी। अदालत ने मेडिकल सबूतों के आधार पर इस मामलों को हत्याकांड न मानते हुए एक परिवार के तीन सदस्यों को बरी करने का फैसला सुनाया। अतिरिक्त सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने भादंस की धारा 302 के तहत चलाए गए अभियोग के संदेह की छाया से दूर साबित न होने पर आरोपियों मनोहर लाल, उनकी पत्नी मीरा देवी और बेटी रक्षा देवी को बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार स्थानिय निवासी नरेश कुमार का मनोहर लाल के साथ रास्ते का लेकर विवाद था। पहली दिसंबर 2006 को नरेश कुमार वाहन पर विजय कुमार के साथ जा रहा था। इसी दौरान आरोपियों ने अपने आंगन से उन पर पथराव किया। इस पथराव के समय मौका पर आए स्थानिय निवासी पूर्णचंद पत्थरों की चोटें लगी थी। जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी। पुलिस ने मृतक का पोस्ट मार्टम करवा कर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पोस्ट मार्टम की रिर्पोट में डाक्टर संदीप वैद्या ने मृतक की मौत का कारण हृदयाघात बताया न कि पत्थर की चोट लगना। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 12 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवकता बी सी शर्मा का कहना था कि मेडिकल सबूतों से जाहिर हुआ है कि मृतक की मौत का कारण पत्थरों की चोट से घायल होना नहीं था। पथराव से संबंधित मृतक के शरीर पर चोट के निशान भी नहीं थे। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मेडिकल सबूतों से आरोपियों पर हत्या का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित नहीं हो पाया है। इसके अलावा अन्य गवाहों के बयानों में भी विरोधाभास है। ऐसे में अदालत ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।  

जापानी नागरिक और हरियाणा वासी को चरस तस्करी के विभिन्न मामलों में कठोर कारावास


मंडी। चरस तस्करी के दो मामलों में जापानी नागरिक और हरियाणा निवासी के खिलाफ अभियोग साबित होने पर अदालत ने उन्हे क्रमश: दो साल और डेढ साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा आरोपियों को क्रमश: बीस हजार और पंद्रह हजार जुर्माना भी अदा करना होगा। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपियों को क्रमश: छ: माह और चार माह के साधारण कारावास की सजा काटनी होगी। अतिरिकत सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने जापान के हाया कावा के सोका ई निज्जा साई तामा निवासी तोषी की हाया कावा पुत्र तोषी के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर दो साल के कठोर कारावास और बीस हजार जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार औट थाना पुलिस का दल निरिक्षक सुरेष्ठा ठाकुर की अगुवाई में पनारसा से दलाशनी की ओर जा रहा था। इसी दौरान दलाशनी की ओर से आ रहे आरोपी ने पुलिस को देख कर पिछे की तेज कदमों से चलना शुरू किया। पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी द्वारा उठाए ब्लैक पैक की तलाशी ली तो इसमें से 500 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 9 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। इधर, एक अन्य मामले ने पंडोह चौकी पुलिस का दल चौकी प्रभारी एएसआई राम लाल की अगुवाई में सात मील के पास तैनात था। इसी दौरान लेह-दिल्ली बस को तलाशी के रोका गया। बस की सीट नंबर 26 पर बैठे हरियाणा के रिवाडी जिला के बजारी पास गांव निवासी राजा राम की शक के आधार पर तलाशी लेने पर उसकी टांगों में नी कैप से बंधी 500 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद अदालत में अभियोग चलाया था। इस मामले में 10 गवाहों के बयान कलमबंद किए गये। इस मामले में अदालत ने आरोपी को डेढ साल के कठोर कारावास और 15 हजाह जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से इन मामलों की पैरवी सहायक लोक अभियोजक जे के गोस्वामी ने की। अदालत ने अपने फैसलों में कहा कि इन अपराधों के समाज पर पडने वाले दुष्प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में अदालत ने आरोपियों को उक्त सजा का फैसला सुनाया।  

Sunday, 29 April 2012

सिराज विधानसभा क्षेत्र में शिक्षकों के सैंकडों पद कई साल से रिक्त


मंडी। देश भर में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए भले ही प्रदेश सरकार को अग्रणी राज्य के रूप में पेश किया जाता रहा हो। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है। अकेले सिराज विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में ही सैंकडों अध्यापकों के पद कई सालों से रिक्त पडे हैं। इसका खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता संत राम को शिक्षा विभाग दवारा मुहैया करवाई गई सूचना से हुआ है। उन्होने बताया कि इन सूचनाओं से क्षेत्र के बच्चों को मिलने वाली शिक्षा की पोल खुल गई है। यही कारण है कि क्षेत्र के विद्यार्थी विभिन्न परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इस साल नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा से क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के किसी भी छात्र को प्रवेश नहीं मिल पाया है। उन्होने बताया कि सूचना से पता चला है कि सराज खंड की प्राईमरी पाठशालाओं में जेबीटी, एच टी और सीएचटी के 65 पद खाली पडे हैं। इसके अलावा राजकीय प्राथमिक पाठशाला शंकर देहरा में 12, घाट में 13, धन्वार में 17, मुराह में 9, खणी में 3, बगस्याड में 4, खुनाची में 6, थाची में 6 घन्यार में 7,शिवा कुटेहड में 7, जंजैहली में 3, बालीचौकी में 2, खोला नाला में9,पंन्जाई में 7, झुंगी में 6, थुनाग में 5, जरोल में 9, चिऊणी में 8 शिक्षकों के पद खाली पडे हैं। इसके अलावा उच्च पाठशाला परवाडा में 3, बेखली में एक, काण्ढीधार में 2, हलीण में 6, केलटी में 6, देवधार में एक, नारायणगढ में 5, मौवीसेरी में 2, राजकीय माध्यमिक पाठशाला देवधार में 6, शारटी में 5, किलींग में 4, मैहरीधार में 14, खुहण में 2 और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छतरी में शिक्षकों के 2 पद रिकत पडे हैं। जबकि कुछ स्कूलों से सूचना मुहैया नहीं हुई है। उन्होने कहा कि क्षेत्र के नौनिहाल शिक्षकों के बगैर शिक्षा से वंचित हैं। उन्होने कहा कि क्षेत्र के विधायक पंचायती राज मंत्री राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं जबकि ऐसा लगता है कि उन्हे अपने क्षेत्र के छात्रों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होने मांग की है कि इन पदों को शीघ्र भरने के आदेश दिए जाएं। अन्यथा क्षेत्रवासी आंदोलन का रास्ता अखतियार कर लेंगे। 

Saturday, 28 April 2012

मौलिक कर्तव्य के प्रति जागरूकता के लिए जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन


भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों के महत्व व उन्हें प्रभावषाली बनाए रखने के लिए आम नागरिकों को मौलिक कर्तव्यों के प्रति उनकी जिम्मेवारी व दायित्व की जानकारी में वृद्वि व जागरूकता लाने के उददेष्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आज मण्डी में ‘जन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया । जिला एवं सत्र न्यायधीष श्री विरेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया तथा उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मौलिक अधिकार व मौलिक कर्तव्य एक-दूसरे के पूरक हैं । उन्होंने कहा कि देष के सभी नागरिकों का दायित्व है कि मौलिक कर्तव्यों का पूरी जिम्मेवारी के साथ निर्वाह करें तभी मौलिक अधिकार असरदायक और सुरक्षित रहेंगे । उन्होंने कहा कि देष के प्रति प्रेम, सेवा व सम्पर्ण केवल शब्दों में नहीं, केवल विचारों में नहीं अपितू हमारे कार्यो में इलकना चाहिए । उन्होंने कहा कि आज समय की आवष्यकता है कि कुछ ऐसी संस्थाएं व लोग देष व समाज में आम जनमानस को उनके मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए आगे आएं, जिससे आने वाली युवा पीढी को अधिकारों के साथ-साथ समाज में उनके कर्तव्यों के बारे में पूरी जानकारी हो सके। श्री विरेन्द्र सिंह ने मौलिक कर्तव्यों के लिए संविधान के अनुछेद 51-ए राष्ट्रीय ध्वज व राष्ट्रीयगान के प्रति नागरिकों के दायित्व के बारे जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्र की असमिता से जुडा है और प्रत्येक व्यक्ति अपने राष्ट्रीय ध्वज को देखकर गौरवान्वित होता है और हम सब का फर्ज है कि राष्ट्र की असमिता व देषभक्ति के प्रतीक ध्वज का सम्मान व आदर करें तथा नियमों के प्रावधान के अनुसार ही आयोजनों मेंं उपयोग में लाएं । उन्होंने कहा कि इस बात का विषेष ध्यान रखे कि किसी भी स्तर पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान न होने दें । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गान में हमारी आजादी की गाथा को लडी के रूप में पेष किया है और राष्ट्रीयगीत विभिन्नता में एकता के संदेष का भी प्रतीक है। उन्होंने लोगों का आहवान किया कि वे जहां अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं वहीं उन्हें उससे अधिक मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए और प्रबुद्व नागरिक का दायित्व है कि दैनिक कार्यो में मौलिक कर्तव्यों के बारे में समाज के लोगों को जागरूक करके देष सेवा में अपनी सहभाागिता सुनिष्चित बनाएं । अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीष श्री राकेष कैंथला ने मौलिक कर्तव्यों की जानकारी बहुत सरल व प्रभावी ढंग से दी । ज्यूडिषयल मजिस्ट्रेट श्री राजेष चौहान ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा कहा कि माननीय उच्च न्यायलय ने मौलिक अधिकारों के प्रति जनसंवाद कार्यक्रम आरंभ करके सराहनीय पहल की है । कार्यक्रम में अधिवक्ता श्री समीर कश्यप व श्रीमती अलकनंदा हांडा ने भी अपने विचार रखें तथा बार एसोसियेषन के अध्यक्ष श्री डी.सी. गुलेरिया ने धन्यवाद किया । कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीष फास्टट्रेक श्री आर.के. शर्मा, जीफ ज्यूडिषयल मजिस्ट्रेट श्री डी.आर ठाकुर, न्याययिक दंडाधिकारी अमरदीप सिंह, पूर्व महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती कृष्णा टंडन सहित विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी व स्कूली छात्र व अधिवक्ता उपस्थित थे ।  

डीएवी प्राथमिक पाठशाला में फैंसी ड्रैस कार्यक्रम आयोजित


मंडी। डीएवी प्राथमिक पाठशाला में फैंसी ड्रैस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नर्सरी से पाँचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। पाठशाला के मुख्यध्यापिका रचना मल्होत्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के बहाने विद्यालय में आए नए विद्यार्थियों का परिचय भी करवाया गया। विभिन्न वेशभुषाओं में बच्चों के इस कार्यक्रम ने सबका मन मोह लिया।

Friday, 27 April 2012

राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमुर्ति सुरजीत सिंह के सम्मान में बैठक आयोजित


मंडी। जिला बार एसोसिएशन ने राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमुर्ति सुरजीत सिंह के सम्मान में एक बैठक का आयोजन किया। मंडी के दो दिवसीय सर्किट बेंच में आए आयोग के अध्यक्ष सुरजीत सिंह ने इस अवसर पर कहा कि जिला बार एसोसिएशन की ओर से उन्हे हमेशा सहयोग मिलता रहा है। उन्होने कहा कि उनकी न्यायिक सेवा के कार्यकाल का एक बडा हिस्सा मंडी में गुजरा है। वह जिला एवं सत्र न्यायधीश, जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष और बतौर सब जज मंडी में कार्य कर चुके हैं। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्म चंद गुलेरिया ने मुख्य अतिथी का स्वागत करते हुए उन्हे एसोसिएशन की ओर से पूर्ववत सहयोग देने का आश्वासन दिया। एसोसिएशन के सहसचिव आशीष शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह, जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो राजेश चौहान, कोर्ट नंबर तीन अमरदीप सिंह, राज्य उपभोक्ता आयोग के सदस्य चंद्रशेखर शर्मा, सरोज कुमारी, प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज, नरेन्द्र गुलेरिया, बार एसोसिएशन के महासचिव विजय ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष दुनी चंद शर्मा और बार एसोसिएशन के सदस्य मौजूद थे।  

मौलिक कर्तव्यों पर जन संवाद गोष्ठी का आयोजन शनिवार को


मंडी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को मौलिक कर्तव्यों पर जन संवाद गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायलय परिसर के बार रूम में आयोजित होने वाले इस जन संवाद की अध्यक्षता प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह करेंगे। उन्होने बताया कि उच्च न्यायलय के निर्देशों के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 51-ए के तहत मौलिक कर्तव्यों पर यह पहला जन संवाद आयोजित किया जा रहा है। हर माह एक मौलिक कर्तव्य पर इस प्रकार का जन संवाद आयोजित किया जाएगा। यह जन संवाद आम नागरिकों, कालेजों और सकूलों के छात्रों में मौलिक कर्तव्यों की जानकारी बांटने के उदेशय से आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होने बताया कि बार रूम में शनिवार दोपहर बाद 2.30 बजे आयोजित होने वाले इस जन संवाद में पहले मौलिक कर्तव्य के बारे में जानकारी दी जाएगी।  

Thursday, 26 April 2012

रिश्वत लेते पकडे गए अधिशाषी अभियंता और ड्राफ्टसमैन अदालत ने 3 दिन के पुलिस रिमांड में भेजे


मंडी। जोगिन्द्रनगर की उहल परियोजना में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडे गए अधिशाषी अभियंता और ड्राफ्टसमैन को अदालत ने तीन दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया। दोनों आरोपियों से मामले की तहकीकात प्रारंभिक चरण में होने के कारण अदालत ने उक्त आदेश दिए। वीरवार को जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह की विशेष अदालत में विजिलेंस की टीम ने निरिक्षक मदन कुमार की अगुआई में अधिषाशी अभियंता आर एन शर्मा और ड्राफ्टसमैन गणेश दत को पेश किया। विजिलेंस के दल ने अदालत में अर्जी देकर आरोपियों से तहकीकात शेष होने के कारण उन्हे पुलिस रिमांड में भेजने की प्रार्थना की। जिसे स्वीकारते हुए अदालत ने दोनों अधिकारियों को 28 अप्रैल तक पुलिस रिमांड में भेजने के आदेश दिये। उल्लेखनीय है कि विजिलेंस को सूचना मिली थी कि निर्माणाधीन उहल जल विद्युत परियोजना में ब्यास वैली पावर कारपोरेशन के अंतर्गत डिविजन नंबर तीन के कार्यालय में तैनात अधिशाषी अभियंता कार्य के बदले एक ठेकेदार से रिश्वत की मांग कर रहे हैं। ग्राम पंचायत तुलाह में लाडा की राशि से रास्ते के निर्माण के लिए टेंडर के बदले यह रिश्वत मांगी जा रही थी। विजिलेंस ने अपना जाल बिछाते हुए बुधवार को उक्त ठेकेदार को अधिशाषी अभियंता के पास फिनालफथलीन पाऊडर लगी हुई रिश्वत की राशी के साथ भेजा। अधिशाषी अभियंता ने रिश्वत में मिली 10 हजार रूपये की राशि में से दो हजार रूपये ड्राफ्टसमैन को दिए थे। जैसे ही अधिकारियों ने यह राशि ली तो वहां मौजूद विजिलेंस के दल ने उन्हे रंगे हाथों रिश्वत लेते धर लिया था। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोनों अधिकारियों को हिरासत में लेकर वीरवार को अदालत में पेश किया। जहां आरोपियों से तहकीकात शेष होने के कारण उन्हे तीन दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया गया।  

पीजीआई चंडीगढ के चिकित्सक को अदालत का कारण बताओ नोटिस जारी


मंडी। पीजीआई चंडीगढ के चिकित्सक को अदालत ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस अदालत में लंबित एक मामले में अपना बयान दर्ज न करवाने पर जारी किया गया है। न्यायलय ने चंडीगढ के सिविल जज (सीनीयर डिविजन) को नोटिस प्रेषित करके उक्त चिकित्सक की तामिल करने को कहा है। मोटर वाहन दुर्घटना ट्रिब्युनल नंबर एक जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने एक विचाराधीन मामले में अपने बयान दर्ज न करवाने पर पीजीआई चंडीगढ के सर्जरी और ऑरथोपैडिक विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डाक्टर राजेश को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। न्यायलय ने नोटिस में कहा है कि क्यों नहीं उक्त चिकित्सक पर भादंस की धारा 179,187 और 228 के तहत मामला दर्ज किया जाए। इस मामले के तथ्यों के अनुसार टेक चंद बनाम एचआरटीसी के विचाराधीन मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीपक आजाद ने याचिककर्ता के इलाज में आए खर्चे के बिलों को साबित करने के लिए पीजीआई चंडीगढ के चिकित्सक का बयान दर्ज करवाने के लिए अदालत में अर्जी दी थी। जिसे स्वीकारते हुए अदालत ने अधिवक्ता राज कुमार को लोकल कमीश्नर के रूप में तैनात किया था। चिकित्सक के व्यसत रहने के कारण लोकल कमीश्नर को पीजीआई चंडीगढ में ही उनके बयान दर्ज करके अदालत में अपनी रिर्पोट पेश करनी थी। लेकिन जब लोकल कमीश्नर पीजीआई चंडीगढ गये तो डाक्टर राजेश गुप्ता ने अपना बयान देने से इंकार कर दिया और उनका अपमान किया। जिस पर लोकल कमीश्नर ने पीजीआई चंडीगढ को अर्जी देकर चिकित्सक का बयान दर्ज करवाने की अर्जी दी। जिसे अधीक्षक ने स्वीकार कर दिया। अनुमति के बाद कमिश्नर ने फिर से चिकित्सक को बयान के लिए संपर्क किया तो उसने बयान देने से इंकार करते हुए दरवाजा बंद कर दिया। ऐसे में कमिश्नर ने अदालत में अपनी रिर्पोट पेश की थी। अदालत ने रिर्पोट मिलने के बाद अपने आदेश में कहा कि कमिश्नर की तैनाती चिकित्सक की व्यसतता को देखते हुए की गई थी। इसके बावजुद चिकित्सक ने बयान दर्ज न करवा कर अदालत को सहयोग नहीं दिया है। जिसके चलते अदालत ने चिकित्सक को 7 मई को निर्धारित सुनवाई की अगली तारीख में कारण बताओ नोटिस का जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।  

Wednesday, 25 April 2012

नाबालिग से दुराचार के आरोपी को सात साल के कठोर कारावास और 20 हजार जुर्माने की सजा


मंडी। नाबालिगा को शादी का झांसा देकर अगवा करने और उससे दुराचार करने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को सात साल के कठोर कारावास और 20,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने इस अपराध का षडयंत्र रचने का अभियोग साबित होने पर आरोपी की बहन और दो अन्य आरोपियों को भी पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने जिला शिमला की सुन्नी तहसील के भराडा गांव निवासी बाबू राम पुत्र मुशु राम और उसकी बहन हेम लता, कुपवी (चौपाल) निवासी देविन्द्र सिंह और डीडरगढ (नवबिहार) निवासी भीम सिंह के खिलाफ भांदंसं की धारा 376, 363 और 366 के तहत क्रमश: सात साल और पांच-पांच साल के कठोर कारावास और क्रमश: बीस हजार व पांच-पांच हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपियों को क्रमश: एक साल और छ:-छ: माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। आरोपियों से मिलने वाली जुर्माना राशि को पीडिता के पक्ष में बतौर हर्जाना अदा किया जाएगा। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडिता आरोपी हेमलता के पास सिलाई का प्रशिक्षण ले रही थी। हेमलता ने पीडिता को सिलाई सेंटर में बुलाया था। लेकिन इसके बाद जब वह घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने सलापड पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामला दर्ज करके पीडिता को बरामद करके आरोपियों को हिरासत में लिया था। पीडिता के अनुसार आरोपी हेमलता उसे जबरन एक गाडी में धकका देकर शिमला ले गई थी। इस गाडी को आरोपी भीम सिंह चला रहा था जबकि आरोपी देविन्द्र भी इसमें बैठा था। शिमला पहुंच कर हेमलता ने अपने भाई आरोपी बाबू राम के साथ मैजिस्ट्रेट के पास शादी करवा दी थी। इसके बाद आरोपी बाबू राम ने उसके साथ दुराचार किया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक जे के लखनपाल ने 21 गवाहों के बयान कलमबंद करके मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि घटना के समय पीडिता की उम्र 16 साल से कम थी। इसलिए उसके सहमति से आरोपियों के साथ जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। ऐसे में अदालत ने आरोपियों को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।  

मुख्यमंत्री का जोगिन्द्रनगर दौरा फ्लापः सुरेन्द्र पाल ठाकुर


मंडी। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का जोगिन्द्रनगर विधानसभा का दौरा पूरी तरह से फ्लाप रहा। ये बात जोगिन्द्रनगर के पूर्व विधायक सुरेन्द्र पाल ठाकुर ने कही। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री की चौंतडा जनसभा में मनरेगा व विभागों के मजदूरों को लाया गया था। जोगिन्द्रनगर में मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर जनता में कोई उत्साह नहीं था। मुख्यमंत्री का यह दौरा एक निजी कार्य में आने के लिए बनाया गया था। इस दौरे के दौरान कोई योजना जोगिन्द्रनगर विधानसभा क्षेत्र के लिए नहीं दी गई। उन्होने कहा कि चौंतडा में स्टेडियम के लिए जो पैसा देने की घोषणा की गई वह 2007 में कांग्रेस सरकार ने स्वीकृत किया था। जिसमें भाजपा सरकार ने एक पैसा भी स्वीकृत नहीं किया। सरकार का कार्यकाल खत्म होने के कगार पर है ऐसे में इस तरह की स्वीकृतियां लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशीश मात्र है। उन्होने कहा कि धूमल कांग्रेस सरकार के कार्यों का उदघाटन करने में लगे हैं। हालांकि चौंतडा में एक मंत्री ने मुख्यमंत्री के आगे लडभडोल में सरकारी कालेज और जोगिन्द्रनगर में परिवहन निगम के डिपो खोलने की मांग रखी। लेकिन मुख्यमंत्री ने इन मांगों को भी कोई तवज्जो नहीं दी। भाजपा ने ये वादे चुनावों के समय लोगों से किए थे जिन्हे आज तक पूरा नहीं किया गया है। इन्ही मांगों को लेकर जनता से वोट मांगे गए थे। उन्होने कहा कि जोगिन्द्रनगर में सारे विकास कार्य ठप्प पडे हैं। चाहे वह सीवरेज योजना हो या फिर नेरी लांगणा की सिंचाई योजना का कार्य हो, ये सभी अधूरे पडे हुए हैं।

Monday, 23 April 2012

लापरवाह चालक को एक साल के कारावास और 2500 रूपये जुर्माने की सजा


मंडी। लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करने के आरोपी चालक को अदालत ने एक साल के साधारण कारावास और 2500 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक प्रवीण चौहान के न्यायलय ने पंजाब के पटियाला के महेन्द्र कालौनी निवासी संजीव कुमार पुत्र सोम पाल के खिलाफ भादंसं की धारा 304-ए, 338, 337 और 279 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: एक साल, छह महीने और तीन-तीन माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा आरोपी को इन धाराओं के तहत अभियोग साबित होने के कारण क्रमश: एक हजार और पांच-2 सौ रूपये जुर्माना भी अदा करना होगा। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे क्रमश: एक माह और 15-15 दिनों की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी। यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार उप तहसील औट के बीर सिंह कुछ अन्य गांव के लोगों के साथ भुंतर को सब्जी ले जाने के लिए दवाडा के पास सडक के किनारे खडे थे। इसी दौरान उन्होने कुल्लू की ओर जा रही एक महिन्द्रा पिक अप जीप चालक से लिफ्ट मांगी। जिस पर चालक ने उन्हे वाहन में बिढा लिया। लेकिन नंगवाई पीएचसी के पास आरोपी चालक के लापरवाही और तेज गति में वाहन चलाने से वाहन एक पेड से टकरा गया। जिससे इसमें सवार नरपत राम की मौत हो गई, जबकि अन्य सवारियां भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। सूचना मिलते ही औट थाना पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक के बी अवस्थी ने 11 गवाहों के बयान दर्ज करवा कर मामले को साबित किया। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई में बचाव पक्ष ने नरम रूख अपनाने की प्रार्थना की गई। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक नितिन शर्मा ने आरोपी का अभियोग साबित होने के कारण उसे कडी सजा देने की दलील दी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सडक दुर्घटना के लगातार बढ रहे मामलों को देखते हुए नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। ऐसे में अदालत ने आरोपी को उक्त सजा का फैसला सुनाया।  

निरंकारी मिशन का रक्तदान शिविर मंगलवार को


मंडी। संत निरंकारी मिशन की ओर से मंगलवार को रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा। संत निरंकारी सतसंग भवन डडौर में आयोजित होने वाले इस शिविर का उदघाटन बल्ह विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रकाश चौधरी करेंगे। इस अवसर पर मिशन के जोनल इंचार्ज तेज सिंह चौधरी, के के ठाकुर, के सी धीमान और प्रेम दास मुखी विशेष तौर पर मौजूद रहेंगे। मिशन के एपीआरओ कुम्मी राम ने बताया कि निरंकारी मिशन रक्तदान के कार्य में देश भर की अग्रणी संसथा है। उन्होने लोगों से बढ चढ कर इस शिविर में भाग लेकर रक्तदान करने का आहवान किया है।  

Saturday, 21 April 2012

एजुकेटरों की तैनाती न होने से जिला के करीब 600 अक्षम बच्चों की शिक्षा अधर में लटकी


मंडी। एक ओर जहां शिक्षा के अधिकार को अमलीजामा पहनाने की कवायद चल रही है वहीं पर मंडी जिला के करीब 600 से भी अधिक अपंग बच्चों को पहले से मिल रही शिक्षा से भी वंचित कर दिया गया। जिससे इन बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। वहीं इन्हे घर-घर में जाकर पढाने वाले करीब 70 विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्तियों पर भी तलवार लटक गई है। हैरानी की बात यह है कि इस सारे प्रकरण से सर्व शिक्षा अभियान के तमाम अधिकारी अपना पल्लू झाड रहे हैं। स्कुलों में शैक्षणिक सत्र होने के साथ ही जिला के सैंकडों अक्षम बच्चों को आशा थी कि वह भी अन्य बच्चों की तरह अगली कक्षा में प्रवेश करके अपनी पढाई शुरू करेंगे। लेकिन इन बच्चों को यह सूचना एक भारी आघात की तरह महसूस हुई जिसमें उन्हे यह पता चला कि उन्हे पढाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिला के करीब 600 से अधिक अपंग बच्चों को घरों के नजदीक शिक्षा मुहैया कराने के लिए स्पैशल एजुकेटर की तैनाती पिछले कई सालों से की जाती रही है। लेकिन इस बार जिला में कार्यरत इन एजुकेटरों को अनुबंधित नहीं किया जा रहा है। जिससे अपंग बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। यह एजुकेटर दूसरे राज्यों से अपनी नौकरियां छोड कर अपने जिला में सेवाएं प्रदान कर रहे थे। लेकिन इस वर्ष इन शिक्षकों का अनुबंध नवीनीकरण नहीं किये जाने से वह बेकार हो गए हैं। इस सिलसिले में जिला के स्पैशल एजुकेटर संघ के प्रधान महेश की अध्यक्षता में एक बैठक सुंदरनगर के जवाहर पार्क में आयोजित की गई। जिसमें जिला के सभी प्रशिक्षित स्पैशल एजुकेटरों के अनुबंधों का नवीनीकरण करने की मांग की गई। उन्होने बताया कि बच्चों के परिजन उन्हे संपर्क करके सत्र आरंभ होने के कारण कक्षाएं शुरू करने के लिए आग्रह कर रहे हैं। लेकिन उन्हे अनुबंधित नहीं किया जा रहा है। जिससे अक्षम बच्चों की पढाई बाधित हो रही है। इधर, इस बारे में जिला परियोजना अधिकारी महेन्द्र पाल ठाकुर से संपर्क करने पर उन्होने बताया कि यह मामला अब राज्य परियोजना अधिकारी शिमला को प्रेषित किया गया है। वहीं जब अभियान के राज्य परियोजना अधिकारी रोहित जमवाल से संपर्क करना चाहा तो वह किसी बैठक में व्यस्त होने के कारण उपलब्ध नहीं हो सके।  

Tuesday, 17 April 2012

72 वर्षिय वृद्ध को चौथी कक्षा की छात्रा से दुराचार की कोशीश करने पर 5 साल कठोर कारावास


मंडी। चौथी कक्षा की छात्रा से 72 वर्षीय वृद्ध द्वारा दुराचार के प्रयास का अभियोग साबित होने पर अदालत ने आरोपी को 5 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि अदा न करने पर आरोपी को 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जबकि आरोपी से मिलने वाली जुर्माना राशि को पीडिता के पक्ष में बतौर हर्जाना अदा किया जाएगा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने सुंदरनगर थाना अंतर्गत छुरी (माहली बलग) निवासी डोडा राम पुत्र बृज लाल के खिलाफ भादंसं की धारा 376 व 511 के तहत उक्त सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना वाले दिन राजकीय प्राथमिक पाठशाला मजहाली में पढने वाली 4 कक्षा की छात्रा को उसकी माता ने पशुओं की देखभाल के लिए भेजा था। इसी दौरान आरोपी उसे मिला जिसने पीडिता को मक्की ले जाने को कहा। पीडिता जैसे ही आरोपी के नजदीक आई तो आरोपी ने उससे दुराचार करने की कोशीश की। छात्रा किसी तरह आरोपी के चंगुल से बच कर अपने घर पहुंची और अपनी माता को घटना के बारे में बताया। जिस पर पीडिता के परिजनों ने थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक एस एस कौंडल ने 12 गवाहों के बयान कलमबंद करके मामले को साबित किया। इधर, सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने नरम रूख अपनाने की बात रखी। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से कडी सजा की मांग की गई। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नाबालिग से दुराचार के आरोपी के प्रति दयालुता नहीं बरती जा सकती है। इस मामले में 72 साल के आरोपी ने मात्र 9 साल की नाबालिगा के साथ दुराचार करने का प्रयास किया जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। वहीं पर जुर्माने के रूप में प्राप्त राशि को बतौर हर्जाना पीडिता के पक्ष में अदा किया जाएगा।  

बीबीएमबी पंडोह के श्रमिको की भूख हडताल 26वे दिन में प्रवेश


मंडी। बीबीएमबी पंडोह के दैनिक भोगी श्रमिकों की क्रमिक हडताल 26वें दिन में प्रवेश कर गई है। इधर, श्रमिकों की ओर से एक प्रतिनिधीमंडल ने मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त हंस राज चौहान के माध्यम से प्रधानमंत्री, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री, केन्द्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और बीबीएमबी के चेयरमैन को ज्ञापन प्रेषित किया। प्रतिनिधीमंडल की अगुवाई भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रिय परिषद के सदस्य देशराज, अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्य अमर चंद वर्मा, भाकपा के जिला सचिव ललित ठाकुर, आल इंडिया ट्रेड युनियन कांग्रेस (एटक) के जिला महासचिव संत राम, इप्टा के जिला सचिव समीर कश्यप, अधिवक्ता मनी राम चौहान, केवल कृष्ण, मेहरदीन, राम लाल, सेवक राम, टिक्कम राम और आत्मा राम ने की। इन नेताओं ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि श्रमिकों को पूरे वर्ष के 365 दिनों का रोजगार दिया जाए क्योंकि यह श्रमिक पिछले करीब 20-25 सालों से बीबीएमबी को अपनी सेवाएं देते आए हैं। उन्होने कहा कि जिस तरह बीबीएमबी नंगल डैम मंडल व बीबीएमबी सुंदरनगर द्वारा बिना ब्रेक के वर्ष भर कार्य उपलब्ध करवाया गया है। उसी तर्ज पर पंडोह और सलापड के श्रमिकों को भी 365 दिन का रोजगार दिया जाए। जिला एटक के महासचिव संतराम ने कहा कि इन जगहों पर श्रमिकों की हालत दयनीय बनी हुई है। ऐसे में जिला प्रशासन और पुलिस को बीबीएमबी के चेयरमैन पर दवाब बनाकर श्रमिकों को न्याय दिलाना चाहिए। उन्होने कहा कि ऐसा न होने पर श्रमिक डेरा डालो व घेरा डालो का आहवान करके बीबीएमबी प्रशासन के कार्यालय और पंडोह पुलिस चौकी के कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे। जिसकी सारी जिम्मेवारी बीबीएमबी प्रशासन की होगी। संत राम ने बताया कि क्रमिक अनशन के तहत मंगलवार को नेकराम, महेन्द्र कुमार, गुम्मत राम और ओम प्रकाश अनशन पर बैठे।  

Sunday, 15 April 2012

बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में ब्याज सहित मुआवजा, हर्जाना और शिकायत व्यय अदा करने के आदेश


मंडी। उपभोक्ता की मृत गाय का मुआवजा अदा न करना बीमा कंपनी को उस समय महंगा साबित हुआ जब उपभोक्ता फोरम ने 12,000 रूपये की यह राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले दो-दो हजार रूपये बतौर हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने थुनाग तहसील के जंजैहली निवासी ज्योति राम पुत्र गोनी राम के पक्ष में आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त मुआवजा राशी 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता नरिन्द्र सिंह ठाकुर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपनी गाय को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमावधी में उपभोक्ता की गाय बीमार हो गई, जिसका इलाज चिकित्सक से करवाया गया लेकिन बीमारी के कारण गाय की मौत हो गई। उपभोक्ता ने गाय की मौत से संबंधित सभी दस्तावेज कंपनी को मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन कंपनी ने इस आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया था कि मृत पशु की पहचान दस्तावेजों से मेल नहीं खा रही थी। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता के बीमाकृत पशु के हेल्थ सर्टीफिकेट, ट्रीटमैंट सर्टिफिकेट, टैग नंबर, पोस्ट मार्टम रिर्पोट, प्रधान के प्रमाण पत्र और बीमा में दर्ज विवरण के साथ मेल खाने के कारण पहचान हुई है। जबकि कंपनी ने इस बारे में कोई सबूत पेश नहीं किया। ऐसे में फोरम ने कंपनी की सेवाओं में कमी आंकते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

केन्द्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह के दौरे ने किया नए रक्त का संचारः युकां

मंडी। केन्द्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह का सरकाघाट, धर्मपूर तथा जोगिन्द्रनगर विधानसभा क्षेत्रों का दौरा पूरी तरह सफल रहा है और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में नया जोश भर गया है। यह बात मंडी संसदीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष संजू डोगरा, सुंदरनगर विधानसभा युकां के अध्यक्ष अजय मोदगिल, बल्ह विधानसभा युकां के अध्यक्ष ओम प्रकाश सैनी, मंडी सदर विधानसभा के युकां अध्यक्ष रविन्द्र ठाकुर, जोगिन्द्रनगर विधानसभा युकां अध्यक्ष संजय ठाकुर, धर्मपूर विधानसभा युकां अध्यक्ष रितेश, सराज विधानसभा युकां के अध्यक्ष राकेश ठाकुर, सरकाघाट विस युकां अध्यक्ष अनिल शर्मा, युवा कांग्रेसी नेता योगेश शर्मा गोल्डी, अखिल गुप्ता, सचिन वर्मा, राकेश कुमार, यशवंत सिंह, सीमा ठाकुर, अभिजीत डोगरा, हितेश्वर ठाकुर आदी युवा नेताओं ने इस दौरे को सफल बनाने के लिए पूर्व मंत्री रंगीला राम राव, पूर्व विधायक सुरेन्द्र पाल ठाकुर और चन्द्रशेखर को बधाई दी है। इस दौरे से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में केन्द्रीय मंत्री नए रक्त का संचार कर गए हैं। युकां नेताओं ने उन कांग्रेसी नेताओं को भी लताडा जो अपना कद देखे बिना केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। इन नेताओं ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह को किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। वह पिछले 50 वर्षों से कांग्रेस पार्टी की सेवा कर रहे हैं और हिमाचल में कांग्रेस के एकमात्र लोकप्रिय नेता हैं।

Thursday, 12 April 2012

सेवानिवृति लाभ अदा न करने पर अदालत ने विद्युत बोर्ड को नोटिस जारी किया


मंडी। प्रदेश विद्युत बोर्ड के सेवानिवृत कार्यकारी अभियंता के सेवानिवृति लाभ समय पर अदा न करना विभाग पर भारी पड गया जब अदालत ने बोर्ड को इस बारे में नोटिस जारी करके जवाब तलब किया। सिविल जज(सीनियर डिविजन) कोर्ट नंबर एक सुंदरनगर अनीश गर्ग ने विद्युत बोर्ड के कार्यकारी अभियंता सुंदरनगर दलीप कुमार धीमान, अधीक्षक जैदेव वर्मा, कुमार हाउस शिमला के मुख्य एकाउंट अधिकारी तथा सीएमडी को नोटिस जारी करके इस संबंध में सुनवाई की अगली तारीख 8 मई को जवाब तलब किया है। इस मामले के तथ्यों के अनुसार सुंदरनगर के गांव रसवाईं निवासी श्याम लाल शर्मा कार्यकारी अभियंता के पद से बोर्ड के अधीक्षण अभियंता पावर हाऊस कार्यालय सुंदरनगर से 31 अक्तुबर 2011 को सेवानिवृत हुए थे। सेवानिवृति के बाद उन्हे विभाग से करीब 15 लाख रूपये की राशी बतौर सेवा लाभ एक सप्ताह में मिलनी थी। लेकिन यह राशि जारी न करने पर उन्होने विभाग से संपर्क किया तो उन्हे शिमला कार्यालय से बताया गया कि इस राशि के बारे में आवश्यक अनुमति कार्यकारी अभियंता कार्यालय सुंदरनगर को 9 नवंबर 2011 को प्रेषित कर दी गई है। लेकिन जब यह राशि उन्हे नहीं मिली तो उन्होने सुंदरनगर स्थित कार्यकारी अभियंता कार्यालय में संपर्क किया तो उन्हे बताया गया कि इस राशि का चेक तो पहले से बन गया है। लेकिन उन्होने बेरूखी से यह कहा गया कि श्याम लाल को इस बारे में सूचित करना उनका कार्य नहीं है। हालांकि यह राशि बाद में देरी से चैक के माध्यम से श्याम लाल को मिल गई थी। लेकिन गल्त ढंग से करीब डेढ महीना तक राशि की अदायगी न करने का ब्याज व हर्जाना नहीं दिया गया। ऐसे में श्याम लाल ने अधिवक्ता महेश चंद्र शर्मा के माध्यम से अदालत का रूख अख्तियार करके राशि जारी करने में देरी करने पर विभाग पर एक लाख रूपये के हर्जाने का मुकदमा दायर किया है। देरी की वजह से श्याम लाल को पहुंची मानसिक यंत्रणा के बदले उन्होने इस राशि की वसुली कार्यकारी अभियंता और अधीक्षक की जेब से करने की मांग की है। अदालत ने मामले का संज्ञान लेते हुए विभाग और प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर दिए हैं और सुनवाई की अगली तारीख निश्चित की है।  

Wednesday, 11 April 2012

जिला एवं सत्र न्यायलय में क्लर्कों की परीक्षा में बैठेंगे 2535 परीक्षार्थी


मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में 14 अप्रैल को होने वाली लिपिकों की परीक्षा में 2535 परीक्षार्थी भाग लेंगे। न्यायलय की ओर से परीक्षा को आयोजित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि परीक्षा को संचालित करने के लिए 10 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। उन्होने बताया कि वल्लभ राजकीय कालेज में बनाए गए चार परीक्षा केन्द्रों में रोल नंबर एक से 1032 तक के परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। जबकि विजय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में 1033 से 1332 रोल नंबर तक, कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में 1333 से 1632 रोल नंबर तक, आईटीआई में 1633 से 1832 रोल नंबर तक, डाईट में 1833 से 2032 रोल नंबर तक, सरस्वती विद्या मंदिर पाठशाला में 2033 से 2257 रोल नंबर तक और नये जुडिशियल कंपलेक्स के बार रूम में 2258 से 2536 रोल नंबर तक के परीक्षार्थी अपनी परीक्षा देंगे। उन्होने बताया कि 14 अप्रैल को सुबह नौ बजे इन परीक्षा केन्द्रों में पहले प्रारंभिक परीक्षा ली जाएगी। इसे पास करने वाले परीक्षार्थी दोपहर बाद दो से साढे चार बचे तक होने वाली लिखित परीक्षा में भाग लेंगे। जिला एवं सत्र न्यायधीश ने बताया कि इस बारे में सूचना न्यायलय की साईट पर भी डाल दी गई हैं। उन्होने बताया कि परीक्षा में भाग लेने वाले परीक्षार्थियों को सत्यापन पत्र भी साथ लाना होगा। यह सत्यापन पत्र भी जिला न्यायलय की साईट से प्राप्त किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि जिला एवं सत्र न्यायलय में कलर्कों के 9 पदों को भरने के लिए यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। इनमें से 5 पद अनारक्षित श्रेणी के हैं जबकि एक-एक पद अपंग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षित है।  

शादी में बैंड न बजाना बैंड पार्टी को पडा महंगा।


मंडी। शादी में बैंड न बजाना बैंड पार्टी को उस समय महंगा पड गया जब उपभोक्ता फोरम ने बैंड मास्टरों को उपभोक्ता की 5000 रूपये अग्रिम राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट तहसील के भूर (झंगी) निवासी प्यार चंद पुत्र लक्ष्मण दास के पक्ष में जिला कांगडा की जयसिंघपूर तहसील के नाटरू गांव निवासी कृष्ण कुमार पुत्र रूप लाल और जोहरी (संधोल) गांव निवासी बेली राम पुत्र चिपलू राम को यह अग्रिम राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता आर एस ठाकुर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता के दो लडकों की शादी के लिए उन्होने कृष्ण कुमार और बेली राम की 14 सदस्यीय बैंड पार्टी को बुलाया था। दोनों पक्षों में एग्रीमेंट लिख कर दो गवाहों के सामने उपभोक्ता ने उन्हे 5000 रूपये की अग्रिम राशी अदा की थी। लेकिन शादी के दिन बैंड पार्टी नहीं आई। जिसके कारण उपभोक्ता को अंतिम समय में वैकल्पिक व्यवस्था करनी पडी। उपभोक्ता के बेटों की शादी में बैंड पार्टी के न पहुंचने के कारण उन्हे शर्मिंदगी, परेशानी और वितिय नुक्सान का खामियाजा भुगतना पडा। हालांकि उपभोक्ता ने बैंड मास्टरों को नोटिस भेज कर नुकसान की भरपाई करने को कहा था। लेकिन कोई जवाब न मिलने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। बैंड मास्टरों के कार्यवाही में शामिल न होने के कारण फोरम ने अपने एकतरफा फैसले में कहा कि शादी की निश्चित तारीख को बैंड मास्टरों द्वारा बैंड पार्टी मुहैया न करवा पाना निश्चित तौर पर सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने बैंड मास्टरों को उपभोक्ता की अग्रिम राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए। जबकि बैंड पार्टी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

Monday, 9 April 2012

मंडी मे प्रकृति निखार पर है। ऐसा लगता है कि मानो पेड- पौधों ने फूलों की खूबसूरत चादर ओढ ली हो।


भारतीय जीवन बीमा निगम को हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा निगम को उपभोक्ता के पक्ष में एक लाख रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची मानसिक परेशानी के बदले 5000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सदर तहसील के सफडु( रियुर) निवासी नीना देवी उर्फ नीमा देवी पत्नी बेली राम के पक्ष में भारतीय जीवन बीमा निगम को उक्त मुआवजा राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता महेश शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता के पति बेली राम ने निगम से एक पालिसी खरीदी थी। पालिसी की अवधी के दौरान ही बेली राम की मृत्यु हो गई। जिसके चलते उपभोक्ता ने निगम को इसकी सूचना देकर घटना संबंधी तमाम दस्तावेज निगम को मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन निगम ने बिना किसी आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया था। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम की कार्यवाही के दौरान निगम का कहना था कि उपभोक्ता के पति ने बीमा करवाते समय अपनी बीमारी छिपाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि निगम यह साबित करने में नाकाम रही है कि बेली राम किसी बीमारी से पीडित थे और उन्होने अपनी सेहत के बारे में कोई ब्यान दिया था। इन परिस्थितियों में उपभोक्ता का मुआवजा खारिज करना निगम की सेवाओं में कमी दर्शाता है। फोरम ने निगम को उपभोक्ता की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के अलावा निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में हर्जाना राशी और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

सराज के बीपीएल परिवारों के कर्जे माफ करने की मांग उठाई


मंडी। सराज विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने बीपीएल परिवारों के कर्जे माफ करने की मांग उठाई है। इस बारे में सराज युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष वीर सिंह भारद्वाज, प्रेरणा फेडरेशन स्वयं सहायता समुह, पंजाईं के मस्त राम, पूर्ण सिंह, ओम चंद, विरमा देवी, दिल्ली देवी, बिन्दी देवी, चिडी देवी, कान्ता देवी, शान्ता देवी, चिन्तामणी, बालीचौकी के हेमराज, सुधराणी के नरेन्द्र कुमार, नलवागी के लेसर राम, परसराम, खोलानाला के जवाहर लाल, लीलामणी, नजराम, खलवाहण के छापेराम, कशौड के ठाकर दास, घनश्याम, गुजलगाड से कथेर सिंह, माणी की कुसुमलता, नागधार के तिलक राज, मस्त राम और बाडा के कश्मीर सिंह की अगुवाई में उपायुक्त मंडी देवेश कुमार को ज्ञापन सौंपा। सोमवार को ज्ञापन सौंपने उपायुक्त कार्यालय में आए प्रतिनिधिमंडल के सदस्य वीर सिंह भारद्वाज ने बताया कि सराज क्षेत्र में बीपीएल परिवारों को ऋण चुकाने में भारी समस्या हो रही है। उन्होने बताया कि बीपीएल परिवारों को स्वर्ण जयंती स्वरोजगार योजना के तहत बने स्वयं सहायता समुहों और लोगों को बैंक से ऋण पर 12 प्रतिशत ब्याज लग रहा है। जबकि किसान क्रेडिट कार्ड के तहत अमीरों को मात्र 4 से 7 प्रतिशत ब्याज लगता है। सरकार की इस निती से बीपीएल परिवार और गरीब होते जा रहे हैं। उन्होने कहा कि बीपीएल परिवारों को ऋण पर ब्याज दर 4 प्रतिशत होनी चाहिए और अनुदान राशि में बढौतरी की जाए। स्वयं सहायता समुहों की मांग है कि उनके ऋण माफ किए जाएं जिससे वह गरीबी की रेखा से उपर उठ सकें। उन्होने कहा कि पिछले दिनों सरकार ने बीपीएल परिवारों को गैस कुनेक्शन देने की बात की थी। लेकिन बाद में सिर्फ अनुसूचित जाति के लोगों को ही कुनेक्शन देने की घोषणा की। बीपीएल परिवार के लोगों को कोई रोजगार मुहैया नहीं करवाया जा रहा है। उन्होने कहा कि बीपीएल परिवारों को जागरूक करने के लिए खंड स्तर पर शिविर लगाए जाएं। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार अगर बीपीएल परिवारों की मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो बीपीएल परिवार संघर्ष की राह पकड कर आंदोलन करेंगे। इधर, उपायुक्त मंडी देवेश कुमार ने बीपीएल परिवारों की मांगों के बारे में छानबीन करने के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।  

Saturday, 7 April 2012

चरस तस्करी के आरोपी को आठ साल की कठोर कारावास 80,000 रूपये जुर्माने की सजा

मंडी। चरस तस्करी का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 8 साल के कठोर कारावास और 80,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के विशेष न्यायलय ने उतराखंड के टिहरी गढवाल जिला की प्रताप नगर तहसील के बनसोली टाली (अजवानी सेन) निवासी नरेश पालीवाल पुत्र बासती राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत चरस बरामद होने का अभियोग साबित होने पर उक्त सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार 12 मार्च 2008 को पुलिस का दल मुख्य आरक्षी सतीश कुमार की अगुवाई में पंडोह डैम के नजदीक जीरो प्वाइंट में नाकाबंदी पर तैनात था। इसी बीच कुल्लू की ओर से आ रही एक बस को तलाशी के लिए रोका गया। बस की तलाशी लेने के लिए इसके चालक और परिचालक को बतौर गवाह शामिल किया गया। तलाशी लेने के दौरान आरोपी पुलिस को देख कर घबरा गया। जिस पर पुलिस ने शक के आधार पर आरोपी के बैग की तलाशी ली तो इसमें से एक किलो 600 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक एस एस कौंडल ने 14 गवाहों के बयान कलमबंद कराकर मामले को साबित किया। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपी का पहला अपराध होने के कारण नरम रूख अपनाने की मांग की। जबकि सहायक लोक अभियोजक जे के गोस्वामी ने आरोपी को कडी सजा देने की अपील की। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नारकोटिक से जुडे अपराध से बहुत से लोगों पर दुष्प्रभाव पडता है। इस अपराध से समाज पर पडने वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में इन मामलों में नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस की मात्रा को देखते हुए उक्त सजा का फैसला सुनाया।

Friday, 6 April 2012

निरंकारी भवन में सादे विवाह समारोह का आयोजन


मंडी। यहां के संत निरंकारी भवन में सादे विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में मिशन के स्थानिय प्रमुख मनसा राम की पुत्री का विवाह निरंकारी परंपरा के अनुसार किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला चंबा के जोनल इंचार्ज दुनी चंद ने नवविवाहित जोडे को आध्यात्मिक उन्नति का आर्शीवाद दिया। इस अवसर पर बाबा हरदेव सिंह का संदेश दोहराते हुए उन्होने कहा कि सभी प्राणियों को नम्रता, प्रीत और प्यार को अपने जीवन में अपनाना जाहिए। मिशन के एपीआरओ कुम्मी राम ने बताया कि समारोह का मंच संचालन स्थानिय प्रमुख टी पी पठानिया ने किया।

एस डी एम सरकाघाट को उपभोक्ता फोरम ने दो मामलों में हर्जाना ठोंका


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने कापिंग एजेंसी के प्रभारी होने के नाते उपमंडलाधिकारी (एसडीएम) सरकाघाट को दो उपभोक्ताओं के पक्ष में हर्जाना अदा करने के आदेश दिए हैं। एसडीएम के अलावा एजेंसी के कलर्क को भी इन मामलों में हर्जाना अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट तहसील के इलाका सुरांगा के फडाणु गांव निवासी रंजीत सिंह पुत्र लक्ष्मण की शिकायत को उचित मानते हुए एसडीएम सरकाघाट और कापिंग एजेंसी के क्लर्क को उपभोक्ता के पक्ष में क्रमश: 3000 और 2000 रूपये की हर्जाना राशि एक माह में अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा उन्हे उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। अधिवक्ता पी एस तपवाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने मुसाबी की सत्यापित कापी के लिए कापिंग एजेंसी में आवेदन किया था। यह कापी उन्हे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायलय में लंबित एक मामले में पेश करनी थी। लेकिन उपभोक्ता को निश्चित समय में कापी जारी न की गई। जिसके चलते उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। इधर, एक अन्य मामले में सरकाघाट के उपमंडलाधिकारी को उपभोक्ता के फैसले की कापी मुहैया न करवाना उस समय मंहगा पड गया जब जिला उपभोक्ता फोरम ने उन्हे सेवाओं में कमी का दोषी करार दिया। फोरम ने उपमंडलाधिकारी सरकाघाट और कापिंग एजेंसी को उपभोक्ता के पक्ष में 10,000 रूपये की हर्जाना राशि अदा करने के आदेश दिए। फोरम ने सरकाघाट तहसील के इलाका भद्रोता के भद्रवाड निवासी सेवानिवृत कैप्टन बलदेव सिंह पुत्र अच्छर सिंह के पक्ष में उपमंडलाधिकारी सरकाघाट और कापिंग एजेंसी के क्लर्क को क्रमश: 7000 और 3000 रूपये की हर्जाना राशि एक माह में अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। अधिवक्ता पी एस तपवाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने 6 मई 2011 को सरकाघाट कापिंग एजेंसी में तहसीलदार के फैसले की नकल के लिए आवेदन किया था। उपभोक्ता कई बार उपमंडलाधिकारी के कार्यालय में गया लेकिन उन्हे फैसले की कापी मुहैया नहीं की गई। कापी न मिल पाने के कारण उपभोक्ता फैसले की अपील नहीं कर सका। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता को कापी मुहैया न करवाने के इस प्रकरण के लिए उपमंडलाधिकारी ज्यादा जिम्मेवार हैं क्योंकि कापी एजेंसी के प्रभारी होने के नाते उन्हे नियमों की जानकारी होनी चाहिए थी। फोरम ने फैसले में कहा कि उपमंडलाधिकारी को कापिंग एजेंसी नियमों की जानकारी नहीं है जबकि स्टाफ भी इन नियमों से अनभिज्ञ है। फोरम ने फैसले की कापी मुहैया न करवाने को कापिंग एजेंसी की सेवाओं में कमी करार दिया। जिसके चलते फोरम ने उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले एजेंसी के प्रभारी उपमंडलाधिकारी और एजेंसी के क्लर्क को 10 हजार रूपये की उकत हर्जाना राशि के क्रमश: 7000 और 3000 रूपये अदा करने के आदेश दिए। वहीं शिकायत व्यय भी देने का फैसला सुनाया।  

Thursday, 5 April 2012

एसडीएम सरकाघाट को हर्जाना अदा करने के आदेश


 मंडी। सरकाघाट के उपमंडलाधिकारी को उपभोक्ता के फैसले की कापी मुहैया न करवाना उस समय मंहगा पड गया जब जिला उपभोक्ता फोरम ने उन्हे सेवाओं में कमी का दोषी करार दिया। फोरम ने उपमंडलाधिकारी सरकाघाट और कापिंग एजेंसी को उपभोक्ता के पक्ष में 10,000 रूपये की हर्जाना राशि अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट तहसील के इलाका भद्रोता के भद्रवाड निवासी सेवानिवृत कैप्टन बलदेव सिंह पुत्र अच्छर सिंह के पक्ष में उपमंडलाधिकारी सरकाघाट और कापिंग एजेंसी के क्लर्क को क्रमश: 7000 और 3000 रूपये की हर्जाना राशि एक माह में अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। अधिवक्ता पी एस तपवाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने 6 मई 2011 को सरकाघाट कापिंग एजेंसी में तहसीलदार के फैसले की नकल के लिए आवेदन किया था। उपभोक्ता कई बार उपमंडलाधिकारी के कार्यालय में गया लेकिन उन्हे फैसले की कापी मुहैया नहीं की गई। कापी न मिल पाने के कारण उपभोक्ता इस फैसले की अपील नहीं कर सका। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता को कापी मुहैया न करवाने के इस प्रकरण के लिए उपमंडलाधिकारी ज्यादा जिम्मेवार हैं क्योंकि कापी एजेंसी के प्रभारी होने के नाते उन्हे नियमों की जानकारी होनी चाहिए थी। फोरम ने फैसले में कहा कि उपमंडलाधिकारी को कापिंग एजेंसी नियमों की जानकारी नहीं है जबकि स्टाफ भी इन नियमों से अनभिज्ञ है। फोरम ने फैसले की कापी मुहैया न करवाने को कापिंग एजेंसी की सेवाओं में कमी करार दिया। जिसके चलते फोरम ने उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले एजेंसी के प्रभारी उपमंडलाधिकारी और एजेंसी के कलर्क को 10 हजार रूपये की उक्त हर्जाना राशि के क्रमश: 7000 और 3000 रूपये अदा करने के आदेश दिए। वहीं शिकायत व्यय भी देने का फैसला सुनाया।  

Monday, 2 April 2012

सनातन धर्म विद्यालय का परिणाम रहा शत-प्रतिशत


मंडी। सनातन घर्म विद्या मंदिर विद्यालय का परिणाम इस वर्ष शत-प्रतिशत रहा है। विगत ३१ मार्च को घोषित परिणाम में अव्वल आए छात्रों को पारितोषिक वितरित किए गए। पाठशाला की मुख्यध्यापिका निशा पंडित ने बताया कि गत वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में पाठशाला के 7 बच्चों ने मेरिट में अपना स्थान बनाया। मेरिट में आने वाले छात्रों में हिमांशु, शुभम, अमित, भाव्या, गिरिजा, मोनिका और ओशीन शामिल हैं। इस अवसर पर इन छात्रों को प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किए गए प्रशस्ती पत्र देकर उन्हे सम्मानित किया गया। उन्होने बताया कि इस वर्ष महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आयोजित चित्रकला एव सुलेख प्रतियोगिता में विजयी रहे छात्रों महक गौतम और लक्ष्य गोयल को भी सम्मानित किया गया। मुयाध्यापिका ने बताया कि शिवरात्री मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में फैंसी ड्रेस और नृत्य प्रतियोगिता में भी विद्यालय के छात्रों ने तृतीय स्थान प्राप्त कर पाठशाला को गौरवान्वित किया है। वहीं पर रामनवमी के उपलक्ष्य में बच्चों ने राम दरबार की सुंदर झांकी निकाल कर लोगों का मन मोह लिया। उन्होने बताया कि इस अवसर पर पाठशाला के प्रधान ओम चंद कपूर ने बच्चों, अभिभावकों और समस्त स्टाफ को उनके परिश्रम के लिए बधाई दी। 

Sunday, 1 April 2012

छोटी काशी में राम नवमी धूमधाम से मनायी गई


मंडी। छोटी काशी मंडी में रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों में दिन भर पूजा अर्चना का दौर चलता रहा। शहर के सनातन धर्म सभा मंदिर में भगवान राम के जन्म दिवस के अवसर पर परंपरागत रूप से विशेष आयोजन किया गया। सुबह की प्रभात फेरी के बाद मंदिर में पूजा अर्चना शुरू हो गई। दोपहर को पूर्णाहुती के बाद मंदिर से भगवान राम की झांकियों के साथ नगर परिक्रमा निकाली गई। सनातन धर्म विद्या मंदिर पाठशाला के बच्चों ने भगवान राम और रामायण के अन्य पात्रों का वेष धारण करके इन झांकियों में भाग लिया। यह नगर परिक्रमा मंदिर में आकर संपन हुई। इसके अलावा शहर के सभी देवालयों तथा लोगों ने अपने अपने घरों में हवन और अनुष्ठान करके पूर्णाहुति दी। नवरात्रों के दौरान सभी मंदिरों को विशेष रूप से सुसज्जित किया गया था। मंदिरों में महिषासुर मर्दिनी के पाठ के आयोजन किए गए। मंडी के टारना मंदिर, भीमाकाली मंदिर भ्युली, सिध काली, सिध भद्रा, बंगलेश्वरी, भगवाहन मुहल्ला, शीतला माता, जालपा माता सहित सभी मंदिरों में श्रधालुओं का तांता लगा रहा। इसी के साथ पिछले 9 दिनों से चल रहे नवरात्रों का समापन हो गया।  

चरस तस्कर को 4 साल कठोर कारावास 40,000 रूपये जुर्माने की सजा


मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को चार साल के कठोर कारावास और 40,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला की विशेष अदालत ने जिला मंडी की थुनाग तहसील के जुफलीगार गांव निवासी हंस राज पुत्र रामजी के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार 8 जनवरी 2010 को गोहर पुलिस थाना का दल मुख्य आरक्षी जगदीश चंद की अगुवाई में कटांढा के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान थनाली नाला से कटांढा की ओर एक व्यक्ति आया। उक्त व्यक्ति ने पुलिस दल को देखकर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने उसे काबू करके शक के आधार पर उसकी तलाशी ली तो उसकी जैकेट में रखे एक बैग में से एक किलो 400 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते सहायक लोक अभियोजक पंकज धीमान ने 9 गवाहों के बयान कलमबंद करवाकर आरोपी पर अभियोग साबित किया। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपी का पहला अपराध होने के कारण नरम रूख अपनाने की प्रार्थना की। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक जे के गोसवामी ने कडी सजा देने की दलील दी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नारकोटिक से जुडे अपराध से बहुत से लोगों पर दुष्प्रभाव पडता है। समाज पर पडने वाले इस दुष्प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में इन मामलों में नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस की मात्रा को देखते हुए उक्त सजा का फैसला सुनाया।  

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...