मंडी। सिराज विधानसभा क्षेत्र के भाटकीधार हाई स्कूल के हैडमास्टर की मार से घायल नवीं कक्षा का छात्र घनू घटना के 6 दिन बाद भी बिस्तर से नहीं उठ पाया है। क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में उपाचाराधीन धनू का बुधवार को दूसरी बार सिटी स्कैन करवाया गया। इससे पहले मंगलवार को भी घनू का सिटी स्कैन करवाया गया था। जिसकी रिपोर्ट में घनू की पीठ पर मारपीट के निशान मिले थे और रीढ की हड्डी से साथ लगती नस भी सही तरीके से काम नहीं कर पा रही है। जिसके कारण घनू अभी तक बिस्तर से उठ नहीं पा रहा है। अभी तक बुधवार को करवाए गये सिटी स्कैन की रिपोर्ट नहीं मिल सकी है जिसके कारण घनू को अभी तक अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया गया है। इधर, सामाजिक कार्यकर्ता लवण ठाकुर ने क्षेत्रीय अस्पताल प्रशासन पर घनू के उपचार में अनावश्यक देरी करने पर कडा एतराज जताया है। उन्होने कहा कि प्रशासन घनू के उपचार में गंभीरता नहीं दिखा रहा है। उन्होने कहा कि चार दिन तक कोई एक्सरे और सिटी स्कैन नहीं करवाया गया। उन्होने इस प्रकरण में प्रदेश उच्च न्यायलय के मुखय न्यायधीश, मुखयमंत्री, शिक्षा मंत्री, राष्ट्रिय अनुसूचित जाति आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग और सामाजिक न्याय एवं महिला बाल विकास विभाग को पत्र लिखकर उक्त शिक्षक को तुरंत बर्खास्त करने और मामले की न्यायिक जांच करवाने की मांग की है। वहीं पर सीपीआई सराज के सचिव संत राम ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि घनू छ दिन से अस्पताल में भर्ती है और आरोपी शिक्षक मजे से घूम रहा है। उन्होने आरोपी शिक्षक की तत्काल गिरफतारी के आदेश दिये हैं।
Wednesday, 28 November 2012
हैडमास्टर की पिटाई से छठे दिन भी बिस्तर से नहीं उठ सका घनू
मंडी। सिराज विधानसभा क्षेत्र के भाटकीधार हाई स्कूल के हैडमास्टर की मार से घायल नवीं कक्षा का छात्र घनू घटना के 6 दिन बाद भी बिस्तर से नहीं उठ पाया है। क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में उपाचाराधीन धनू का बुधवार को दूसरी बार सिटी स्कैन करवाया गया। इससे पहले मंगलवार को भी घनू का सिटी स्कैन करवाया गया था। जिसकी रिपोर्ट में घनू की पीठ पर मारपीट के निशान मिले थे और रीढ की हड्डी से साथ लगती नस भी सही तरीके से काम नहीं कर पा रही है। जिसके कारण घनू अभी तक बिस्तर से उठ नहीं पा रहा है। अभी तक बुधवार को करवाए गये सिटी स्कैन की रिपोर्ट नहीं मिल सकी है जिसके कारण घनू को अभी तक अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया गया है। इधर, सामाजिक कार्यकर्ता लवण ठाकुर ने क्षेत्रीय अस्पताल प्रशासन पर घनू के उपचार में अनावश्यक देरी करने पर कडा एतराज जताया है। उन्होने कहा कि प्रशासन घनू के उपचार में गंभीरता नहीं दिखा रहा है। उन्होने कहा कि चार दिन तक कोई एक्सरे और सिटी स्कैन नहीं करवाया गया। उन्होने इस प्रकरण में प्रदेश उच्च न्यायलय के मुखय न्यायधीश, मुखयमंत्री, शिक्षा मंत्री, राष्ट्रिय अनुसूचित जाति आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग और सामाजिक न्याय एवं महिला बाल विकास विभाग को पत्र लिखकर उक्त शिक्षक को तुरंत बर्खास्त करने और मामले की न्यायिक जांच करवाने की मांग की है। वहीं पर सीपीआई सराज के सचिव संत राम ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि घनू छ दिन से अस्पताल में भर्ती है और आरोपी शिक्षक मजे से घूम रहा है। उन्होने आरोपी शिक्षक की तत्काल गिरफतारी के आदेश दिये हैं।
फसल बोकर सडक रोकने पर उपमंडलाधिकारी को ज्ञापन
अधिवक्ता पढा रहे स्कूली छात्रों को कानून का पाठ
Tuesday, 27 November 2012
हेडमास्टर के खिलाफ जूविनाइल एक्ट के तहत मामला दर्ज
शिक्षा विभाग करेगा भाटकीधार स्कूल के प्रकरण की जांच
- आरोपी हेडमास्टर पुलिस गिरफ्त से बाहर
- चार दिन बाद हुआ घायल छात्र घनु राम का में सिटी स्कैन
मंडी। सिराज विधानसभा क्षेत्र के हाई स्कूल भाटकीधार में छात्र से मारपीट के मामले में चार दिन पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर हेडमास्टर के खिलाफ इस प्रकरण में भादंस की धारा 342, 323, 352 और जुविनाईल एक्ट की धारा 23 के तहत मामला दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि पीडित छात्र के पिता मंगलू राम ने जिला पुलिस अधीक्षक को अर्जी देकर न्याय की गुहार लगाई है। मंगलू राम के अनुसार भाटकीधार हाई स्कूल में पढने वाला छात्र घनु राम 23 नवंबर को पाठशाला गया था। प्रार्थना के बाद घनू को उसके अध्यापकों ने परिसर की सफाई करने को कहा। घनु परिसर में पडे एक बडे पत्थर को नहीं उठा सका। जिस पर पाठशाला के मुखय अध्यापक ने घनु को लात मुक्कों के साथ बुरी तरह से मारपीट की। जिससे घनु पाठशाला में ही अचेत हो कर गिर गया। इसी बीच एक दुकानदार ने घनु की मदद की और इसे उपचार के लिए ले नजदीकी पैरामेडिकल के पास ले जाया गया। जिसके बाद घनु को पीएचसी थुनाग ले जाया गया। लेकिन चिकित्सक न होने के कारण उसे मंडी के क्षेत्रीय अस्पताल को रेफर कर दिया गया। जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर ने मामला दर्ज होने की पुष्टि करते हुए बताया कि इस प्रकरण में भादंस की धारा 342, 323, 352 और जुविनाईल एक्ट की धारा 23 के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होने बताया कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
चार दिन बाद हुआ सिटी स्कैन
मंडी जोनल अस्पताल में उपचाराधीन घनु के इलाज में कोताही बरते जाने का आरोप लगाते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट लवण ठाकुर ने बताया कि शुक्रवार को हुए हादसे के बाद अभी तक घायल छात्र का सही इलाज नहीं हो रहा है। घटना के चार दिन बाद अस्पताल में उसका सिटी स्कैन करवाया जो इस बात को प्रमाणित करता है। उन्होंने कहा कि घनु की हालत में कोई सुधार नहीं हो हुआ है और वह खाना भी नहीं खा रहा है। अभी घनु को गलूकोज चढ़ाया जा रहा है जबकि उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा रहा है।
शिक्षक पर होगी कार्रवाई
मंडी कार्यालय स्थित शिक्षा विभाग की उपनिदेशक अनीता धीमान ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी। जांच में अगर आरोप साबित होते हैं तो शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
Monday, 26 November 2012
हैड मास्टर ने की छात्र की पिटाई
Saturday, 24 November 2012
उपायुक्त से अनाधिकृत पार्किंग हटाने की मांग
Friday, 23 November 2012
मराथु और जनेड पंचायतों के आधा दर्जन गांव टेलीफोन सुविधा से वंचित
Thursday, 22 November 2012
डीएफओ करसोग से मारपीट मामले में 13 आरोपियों को 3-3 साल की कारावास 1,17,000 रूपये जुर्माने की सजा
चैक बाउंस के आरोपी को तीन माह की कारावास और 1,15,000 रूपये जुर्माने की सजा
मंडी। चैक बाउंस के मामले में अदालत ने एक आरोपी को हिरासत में लेकर तीन माह की कारावास में भेज दिया है। इसके अलावा आरोपी को शिकायत कर्ता के पक्ष में 1,15,000 रूपये की राशी अदा करनी होगी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो राजेश चौहान के न्यायलय ने आरोपी सदर तहसील के सोयरा(बाल्ट) निवासी सरवण कुमार पुत्र चुहरू राम को हिरासत में लेकर तीन माह की सजा काटने के लिए उपजेल मंडी भेज दिया है। इस मामले के तथ्यों के अनुसार आरोपी सरवण कुमार ने सदर तहसील के करनेहडा (गलमा) निवासी राजेन्द्र कुमार शर्मा पुत्र गुरदेव शर्मा को उधार चुकाने के लिए एक लाख रूपये का चैक दिया था। लेकिन चैक बाउंस हो जाने पर शिकायतकर्ता ने अधिवक्ता प्रदीप कौशल के माध्यम से अदालत में शिकायत दायर की थी। शिकायत के आधार पर चलाए गए अभियोग में आरोपी सरवण कुमार को अदालत ने तीन माह के कारावास और 1,15,000 रूपये हर्जाने की सजा सुनाई थी। आरोपी ने इस फैसले को सत्र न्यायलय में चुनौती दी थी। लेकिन सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह के न्यायलय ने अपील को खारिज करके कोर्ट नंबर दो के न्यायलय के फैसले को बरकरार रखा था। आरोपी ने इस मामले में न तो अपील की और न ही अदालत के समक्ष सरेंडर किया था। आरोपी ने मंगलवार को अदालत में गैर जमानती वारंट को वापिस लेने की अर्जी दी। अदालत ने आरोपी की अर्जी को खारिज करते उसे सजा की अवधी काटने के लिए उपजेल मंडी में भेजने का आदेश दिया।
Wednesday, 21 November 2012
6 ग्राम चरस पकडे जाने पर अदालत उठने तक की कारावास और 5000 रूपये जुर्माने की सजा
Tuesday, 20 November 2012
वकील पढा रहे स्कुलों के छात्रों को कानून का पाठ
रिवालसर में गुरू पदम संभव की प्रतिमा लगाने में धारा 118 का उल्लंघन नहीं
उपभोक्ता का मोबाईल फोन 30 दिनों में ठीक करने के आदेश
मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने मोबाईल फोन निर्माता, विक्रेता और अधिकृत सर्विस सेंटर को उपभोक्ता का सेट 30 दिनों में निशुल्क ठीक करने के आदेश दिए। ऐसा न करने पर उपभोक्ता के पक्ष में इसी मॉडल का नया मोबाईल सेट देना होगा। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 1000 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सदर तहसील के लाग(बीर) निवासी मेहर सिंह पुत्र बीर सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए निर्माता मैक्स मोबाईल कमयुनिकेशन, विक्रेता इंदिरा मार्केट की शॉप नंबर 147 में स्थित मोहिन्द्र इंडस्ट्रीज और अधिकृत सर्विस सेंटर एशियन कमयुनिकेशन थनेहडा बाजार के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया। अधिवक्ता महेश वर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने विक्रेता से मैक्स कंपनी का मोबाईल खरीदा था। लेकिन मात्र 4 माह में ही सेट में खराबी आ गई। जिस पर उपभोक्ता ने विक्रेता को इस बारे में बताया। विक्रेता ने उन्हे 2-3 दिन बाद फोन के बारे में पता करने को कहा। लेकिन उपभोक्ता को 3 माह बाद मोबाईल वापिस सौंपा गया। जब उपभोक्ता ने फोन प्राप्त किया तो भी इसकी खराबी ठीक नहीं हो सकी। जिस पर उपभोक्ता इसे फिर से विक्रेता के पास ले गया। विक्रेता ने मोबाईल को सर्विस सेंटर में ले जाने को कहा। सेंटर में उन्हे एक दिन बाद सेट ले जाने को कहा गया। लेकिन इस बार यह एक महीने के बाद बिना रिपेयर किये वापिस लौटा दिया गया। जिसके कारण उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने उपभोक्ता के मोबाईल को ठीक न करने को निर्माता, विक्रेता और सर्विस सेंटर की सेवाओं में कमी करार दिया। ऐसे में फोरम ने 30 दिनों में उपभोक्ता का सेट निशुल्क ठीक करने के अलावा सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
Friday, 16 November 2012
विक्रेता को मोबाईल सेट 15 दिनों में ठीक करने के आदेश
Thursday, 15 November 2012
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 3,50,000 रूपये हर्जाना अदा करने के आदेश
Sunday, 11 November 2012
चरस तस्करी करवाने का आरोपी अभियोग साबित न होने पर बरी
मंडी। चरस तस्करी करवाने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किये गए साक्ष्यों से आरोपी पर संदेह से दूर अभियोग साबित न होने के कारण अदालत ने यह फैसला सुनाया। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आर के शर्मा के न्यायलय ने कुल्लु जिला के टापरू बाईं (जलुग्रां) निवासी मोहर सिंह पुत्र बेलू राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 29 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 9 दिसंबर 2009 को औट थाना पुलिस का दल झलोगी के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान एक आरोपी अनुप राम मंडी की ओर आता हुआ दिखाई दिया। जिसकी तलाशी लेने पर उसके बैग से एक किलो चरस बरामद हुई थी। अनुप राम से पुलिस पुछताछ में उसने बताया था कि यह चरस उसे मोहर सिंह ने मंडी पहुंचाने के लिए दी थी। जिस पर पुलिस ने मोहर सिंह को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 13 गवाहों के बयान कलमबंद किये गये। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता समीर कश्यप का इस मामले में कहना था कि अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में पेश किये गए साक्ष्यों में विरोधाभास होने से आरोपी पर अभियोग साबित नहीं होता। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किये गए साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं होता। जिसके कारण अदालत ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।
तिब्बती नागरिक को ओवर स्टे करने पर 6 माह के कारावास 5000 रूपये जुर्माने की सजा
मंडी। विदेशी अधिनियम के तहत निश्चित समय से अधिक भारत में रहने के आरोप में अदालत ने एक तिब्बती नागरिक को 6 माह के साधारण कारावास और 5000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 15 दिन के अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं पर अदालत ने जेल अथारिटी को आरोपी को वापिस अपने देश भेजने की प्रक्रिया भी शुरू करने के आदेश दिये हैं। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक प्रवीण चौहान के न्यायलय ने तिब्बत निवासी शेरिंग ढोंडुट पुत्र सीनन डर्गाजल के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार मुख्य आरक्षी अनिल कुमार ने जिला पुलिस अधीक्षक को उक्त तिब्बती निवासी के निश्चित समय से अधिक अर्से तक देश में रहने के आरोप में शिकायत दी थी। शिकायत के अनुसार तिब्बती निवासी की आर सी 13 अक्तुबर 2011 तक वैध थी। लेकिन जब वह निश्चित समय सीमा के 10 महीने बाद जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचा। पुलिस ने उसको भारत में ओवर स्टे करने के आरोप में विदेशी अधिनियम के तहत हिरासत में लिया था। आरोपी तिब्बती नागरिक ने आर सी का नवीनीकरण न करवाने और ओवर स्टे को मानते हुए अपने जुर्म का इकबाल अदालत में कर लिया। जिसके चलते अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने विदेशी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए ओवर स्टे किया है। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि आरोपी तिब्बती शरणार्थी है जिसके कारण उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर सहायक लोक अभियोजक अजय ठाकुर का कहना था कि तिब्बती शरर्णाथी विदेशी अधिनियम के तहत आते हैं इसलिए उचित सजा दी जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद उक्त सजा का फैसला सुनाया। वहीं पर तिब्बती नागरिक को उसके देश वापिस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू करने के निर्देश दिये हैं।
Friday, 9 November 2012
वीरभद्र सिंह की अगुवाई में चुनाव लडने से कांग्रेस की लहर चलीः तरूण पाठक
जिला न्यायलय में विधिक सेवा दिवस मनाया गया
Friday, 2 November 2012
देशराज ने किया मंडी शहर में क्रांतीकारी गीतों के साथ चुनाव प्रचार
महेन्द्र सिंह के मंडी दौरे को कांग्रेस ने फ्लाप बताया
मंडी। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मंडी संसदीय क्षेत्र के प्रवक्ता तरूण पाठक ने महेन्द्र सिंह के मंडी दौरे को फलाप बताया। उन्होने कहा कि महेन्द्र सिंह घर्मपुर विस क्षेत्र व बाहर से लोगों को साथ लेकर प्रचार के लिए लाये थे। ये दौरा उनकी बौखलाहट का परिचय देता है जो पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुखराम के चंद्रशेखर के पक्ष में प्रचार करने से पैदा हुई है। इस दौरे में पं. सुखराम ने धर्मपुर की जनता को बताया कि उन्होने कैसे महेन्द्र सिंह को जमीन से उठा कर बुलंदियों तक पहुंचाया। लेकिन महेन्द्र सिंह एहसान फरामोश रहा है। पं सुखराम का धर्मपुर में कहना था कि उन्होने जो पौधा धर्मपुर में लगाया वह अब विषैले फल देने लगा है। इसी बौखलाहट में महेन्द्र सिंह 100 गाडियों का काफिला जिसमें क्षेत्र से बाहरी लोग शामिल थे लेकर मंडी आए और उनके साथ ही वापिस लौट गए।
राजेन्द्र मोहन ने धर्भपुर भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाया जातिसूचक शब्द कहने का आरोप
मंडी। जिला कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेन्द्र मोहन ने धर्मपुर विस क्षेत्र में भाजपा समर्थकों द्वारा उन्हे जातिसूचक शब्द कहने का आरोप लगाया है। उन्होने इस बारे में अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत की है। वीरवार को प्रेस वार्ता के दौरान उन्होने बताया कि वह बीती शाम क्षेत्र की टिहरा पंचायत के स्कोटा गांव में लोगों से मिलने के बाद वापिस लौट रहे थे। इसी दौरान रास्ते में कुछ लोगों ने जिनकी अगुवाई सेना में मेजर बताने वाला एक व्यक्ति कर रहा था ने सडक को बांस के डंडों और पत्थरों से रोक रखा था। जब उनका वाहन वहां पर रूका तो उक्त मेजर व उसके साथियों ने गाली गलौच शुरू कर दी। जब राजेन्द्र मोहन ने उन्हे अपनी पहचान बताई तो उक्त लोगों ने उन्हे जातिसूचक शब्दों से संबोधन किया और करीब दो घंटे तक सडक को बंद रखा। राजेन्द्र मोहन ने बताया कि उक्त लोगों ने उन्हे धमकी दी कि अगर दोबारा इस तरफ आए तो वापस नहीं जाओगे। घटना के दौरान ही स्थानिय गांव का शनि भी वहां पहुंचा। आरोपियों ने उसे भी थप्पड मारकर जाति सूचक शब्द कहे। राजेन्द्र मोहन ने बताया कि धर्मपुर क्षेत्र में जंगल राज चल रहा है। हालांकि उन्होने मौकास्थल से ही पुलिस को फोन करके घटना की सूचना दी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई। लोगों के वहां पहुंचने पर उन्हे आरोपियों के चंगुल से छुडाया गया। जिसके बाद वह वापिस लौट सके। राजेन्द्र मोहन ने अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ कडी कार्यवाही करने की मांग की है। अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक ने शिकायत को आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकाघाट को प्रेषित किया है।
निरंकारी संत समागम के लिए सैंकडों जत्थे दिल्ली रवाना...
मंडी। निरंकारी के दिल्ली में आयोजित हो रहे संत समागम में प्रदेश भर के सैंकडों जत्थे दिल्ली रवाना हो रहे हैं। मिशन के सहायक जन संपर्क अधिकारी कुमी राम ने बताया कि 65 वां निरंकारी संत समागम हर वर्ष की भांती इस साल भी 3,4 और 5 नवंबर को दिल्ली में होने जा रहा है। इस समागम में देश भर से ही नहीं अपितु पूरी दुनिया से घर्म प्रेमी सममलित हो कर आनंद और ज्ञान प्राप्त करते हैं। उन्होने बताया कि समागम में लाखों लोगों का जनसमूह एकत्र होता है जिससे जाहिर होता है कि अध्यामिकता अब जन साधारण की जरूरत बन चुकी है। कुमी राम ने बताया कि प्रदेश की विभिन्न शाखाओं से सैंकडों सेवादल के जत्थे दिल्ली रवाना हो रहे हैं।
देशराज ने किया खलियार मुहल्ले में चुनाव प्रचार
अनिल हत्याकांड में बैंड पार्टी के सात सदस्यों को पांच-2 साल के कठोर कारावास और दस-2 हजार रूपये जुर्माने की सजा
मंडी। बैंड पार्टी के सात सदसयों पर गैर इरादतन हत्या का अभियोग साबित होने पर अदालत ने उन्हे पांच-2 साल की कठोर कारावास और दस-दस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपियों पर मारपीट करने, रास्ता रोकने, संपती से तोडफोड करने का अभियोग भी साबित हुआ है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डा. बलदेव सिंह के न्यायलय ने पुर्ण चंद, लाभ सिंह, अमर सिंह, किशोरी लाल, चुडामणी, सेवक राम और पवन कुमार के खिलाफ भादंसं की धारा 304 (दो), 323, 341, 427 और 148 के तहत क्रमश: पांच-2 साल की कठोर कारावास, छ:-2 माह, एक-2 माह, और एक-2 साल के साधारण कारावास तथा क्रमश: दस-2 हजार, पांच-2 सौ, दो-दो सौ और पांच-2 सौ रूपये जुर्माने तथा जुर्माना राशि समय पर अदा न करने की सूरत में क्रमश: एक-2 साल, एक-2 माह, सात-2 दिन की साधारण कारावास का फैसला सुनाया। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। जबकि आरोपियों दवारा काट ली गई सजा को उक्त अवधि में से कम कर दिया जाएगा। अभियोजन पक्ष के अनुसार 13 मई 2011 को गांव रोपडु (नसलोह) निवासी महेन्द्र सिंह पुत्र भवानी सिंह दवारा पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 12 मई को वह, अनिल कुमार व कमलेश गाडी में बैठ कर शिवाबदार गांव में शादी में गए थे। शिवाबदार से नेरी गांव गई बारात के साथ गई महेन्द्र सिंह की गाडी जैसे ही नेरी पहुंची तो बैंड पार्टी के सदस्यों ने बिना किसी बात पर उनसे झगडा शुरू कर दिया। उक्त आरोपियों ने अनिल कुमार पर मुक्कों, पत्थरों और बैंड बाजे के साथ मारपीट की। जिससे अनिल कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने अनिल को पीजीआई चंडीगढ के लिए रैफर कर दिया। जहां अनिल की उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफतार करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक डी एन शांडिल्य ने मामले को साबित करने के लिए 22 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवाए। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, मारपीट, रास्ता रोकने के पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उन्हे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
भाजपा का इन्डक्शन चुल्हे के नाम पर वोट मांगना शर्मनाकः तरूण पाठक
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