Wednesday, 30 November 2011

न्यायिक कर्मियों का तीन दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न






मंडी। उपायुक्त सभागार में जारी न्यायिक कर्मियों का तीन दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हो गया। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम का विधिवत समापन किया। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर और सभी न्यायिक दंडाधिकारी भी मौजूद थे। प्रदेश जुडिशियल अकादमी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायलय के सभी अधीनस्थ न्यायलयों के 30 न्यायिक कर्मियों ने प्रशिक्षण लिया। अकादमी की ओर से प्रशिक्षक के तौर पर मंडी आई अकादमी की उप निदेशक आबिरा बसु ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कर्मियों को न्यायलयों के कार्यालयों से संबंधित कार्यप्रणाली के बारे में गहनता से जानकारी दी गई। उन्होने बताया कि प्रशिक्षण के पहले दिन पहले सत्र में व्यक्तित्व विकास और नेतृत्व के बारे में बताया गया। जबकि दूसरे सत्र में बजट मैनुअल के बारे में विस्तार से बताया गया। तीसरे सत्र में कर्मियों को सरकारी एकाउंट और वितिय नियमों की जानकारी दी गई। जबकि चौथे सत्र में मेडिकल प्रमाण पत्र और भतों के बारे में बताया गया। बसु ने कहा कि प्रशिक्षण के दुसरे दिन बजट बनाने, कोषागार, कार्यालय मैनुअल, सर्विस बुक और सर्विस नियमों के बारे में प्रशिक्षुओं को जानकारी दी गई। सत्र के अंतिम दिन प्रशिक्षुओं को प्राप्ती, नोटिंग, ड्राफ्टिंग और रिर्काड के बारे में बताया गया। उन्होने बताया कि न्यायिक कर्मियों ने उत्साह और दिलचस्पी से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।

Tuesday, 29 November 2011

Me in my Office.


चरस और अफीम सहित पकडे गए आरोपी को अढाई साल की कठोर कारावास और 70,000 रूपये जुर्माने की सजा


मंडी। चरस और अफीम सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को अढाई- अढाई साल के कठोर कारावास और 70 हजार जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को 6-6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह की विशेष अदालत ने पंजाब के जिला लुधियाना के मनाकी (समराला) निवासी हरदेव सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 और 18 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे दोषी करार देते हुए उक्त सजा का फैसला सुनाया। यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार सुंदरनगर थाना पुलिस का दल थाना प्रभारी अमर चंद की अगुवाई में सरकारी वाहन पर गश्त के लिए तैनात था। कांगू से वापस लौटते समय रोपडी गांव के पास एक व्यक्ति वन विभाग की नर्सरी की ओर से आता हुआ दिखाई दिया। उक्त व्यक्ति ने पुलिस दल को देख कर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने आरोपी को काबू पा कर उससे भागने की वजह पूछी तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। पुलिस ने संदेह के आधार पर उसके बैग की तलाशी ली तो इसमें से एक किलो चरस और 250 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक जे के लखनपाल ने 9 गवाहों के बयान दर्ज करवा कर मामले को साबित किया। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई में बचाव पक्ष ने आरोपी का पहला अपराध होने के कारण नरम रूख अपनाने की मांग की। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि दिनों दिन चरस तस्करी की घटनाओं में भारी वृधि हो रही है और तस्करों द्वारा नशीले पदार्थों की तस्करी युवा पीढी को तबाह कर रही है। ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस और अफीम की मात्रा को देखते हुए उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।  

Monday, 28 November 2011

कर्मचारी बहुजन महासंघ ने उठाई 85 वां संविधान संशोधन लागू करने की मांग


मंडी। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी बहुजन महासंघ ने अनुसूचित जाति और जनजाति के कर्मियों से संबंधित पदोन्नति और आरक्षण संबंधी विधेयकों को मूल रूप से लागू करने की मांग की है। महासंघ के अध्यक्ष अमरनाथ खुराना, महासचिव भीम सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूराम यादव और संगठन सचिव रामलाल सुमन ने संयुक्त बयान में कहा प्रदेश सरकार साल 1990 से अभी तक अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए बनाए गए विधेयकों को लागू करने में असफल रही है। उन्होने बताया एनडीए की तात्कालीन केन्द्र सरकार ने संविधान में 81 वां, 82 वां और 85 वां संशोधन किए हैं। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार आज दिन तक इन संशोधन को अमल में नहीं ला सकी है। जिससे प्रदेश के अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कर्मचारी अपने अधिकारों से वंचित हैं। महासंघ ने कहा कि प्रदेश सरकार महासंघों के दबाव में 85 वें संशोधन को लटका रही है। महासंघ ने मांग की है कि आरक्षण विरोधी निती बंद की जाए और कर्मचारियों की पदोन्नति व विभागिय सूचियां जल्द से जल्द जारी की जाएं। उन्होने कहा कि ऐसा न होने पर महासंघ अदालत की शरण भी ले सकता है। 

बल्ह के पूर्व विधायक दामोदर दास के निधन पर शोक व्यक्त


मंडी। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता दलिप सिंह ठाकुर ने बल्ह क्षेत्र के पूर्व विधायक दामोदर दास के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होने बताया कि 80 के दशक में जब वह भाजपा के कुछ समय के लिए जिला अध्यक्ष बने थे उस समय दामोदर दास ने पार्टी की सदस्यता ली थी। इसके बाद भाजपा के तात्कालीन प्रदेश अध्यक्ष गंगा सिंह ठाकुर के प्रयासों से उन्हे बल्ह क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था। अपने मिलनसार व्यवहार के कारण उन्होने अपने कार्यकाल में एक विशेष व्यक्त्तितव हासिल किया था। पिछले विधानसभा चुनावों में जब वह कडे संघर्ष के बाद हार गए थे तो उन्होने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कुछ अपने ही लोग उनकी जीत नहीं चाहते थे। पूर्व अध्यक्ष ने दामोदर दास को बल्ह क्षेत्र का बेहद मिलनसार, स्वच्छ आचरण और आम लोगों से जुडा हुआ नेता करार दिया है जिन्होने हमेशा पार्टी के हितैषी के रूप में कार्य किया। 

न्यायिक कर्मियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ











मंडी। जिला के उपायुक्त सभागार में वितिय प्रशासन और कार्यालय की कार्यप्रणाली को लेकर न्यायिक कर्मियों का तीन दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को शुरू हो गया। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जबकि इस अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर तथा सभी न्यायिक दंडाधिकारी भी मौजूद थे। अपने अध्यक्षीय संबोधन में जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न्यायिक कमिर्यों को कार्यालय के वितिय प्रशासन और कार्यप्रणाली में दक्षता लाने के लिए किया जा रहा है। जिससे न्यायिक कर्मी लोगों के कामों का शीघ्रता और कुशलता से निपटारा कर सकें। कार्यक्रम के दौरान न्यायिक कर्मियों को कार्यालय के बजट, एकाउंटस आदि विषयों से जुडे नियमों की जानकारी दी जाएगी। उन्होने बताया कि प्रदेश जुडिशियल अकादमी द्वारा 28 नवंबर से 30 नवंबर तक आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम में अकादमी की उपनिदेशक डाक्टर आबिरा बसु कर्मियों को प्रशिक्षण दे रही हैं। इस प्रशिक्षण के लिए जिला एवं सत्र न्यायलय के तहत आने वाले सभी उपमंडलों में स्थित न्यायलयों में वितिय कार्य संभालने वाले अधीक्षक, नाजिर और लिपिक बतौर प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला भर से 30 प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं।


Saturday, 26 November 2011

चरस सहित पकडे जाने के आरोपी को 15 साल के कठोर कारावास और 1,50,000 रूपये जुर्माने की सजा


मंडी। व्यवसायिक मात्रा की चरस सहित धरे जाने के आरोपी को अदालत ने 15 साल के कठोर कारावास और डेढ लाख रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के विशेष न्यायलय ने जिला कुल्लू के फागला(सयांत) गांव निवासी चुनी लाल पुत्र दशमी राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार बल्ह थाना पुलिस का दल थाना प्रभारी प्रताप सिंह की अगुवाई में डडौर पेट्रोल पंप के पास तैनात था। इसी दौरान मनाली से आ रही हरियाणा रोडवेज की बस को चेकिंग के लिए रोका गया। जैसे ही बस रूकी तो आरोपी बस के अगले दरवाजे को खोल कर बस से उतर गया और खेतों की ओर भागने लगा। जिस पर पुलिस दल ने आरोपी पर काबू पाया। पुलिस ने जब संदेह के आधार पर आरोपी के बैग की तलाशी ली तो इसमें से 5 किलोग्राम चरस और 250 ग्राम अफीम बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक वाई पी एस नेगी ने 13 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर मामले को साबित किया। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है ऐसे में उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से कडी सजा की मांग की गई। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नशीले पदार्थों का अपराध समाज के बडे हिस्से पर दुष्प्रभाव डालता है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस की व्यवसायिक मात्रा को देखते हुए उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि आरोपी पर धारा 18 के तहत अफीम बरामद होने का अपराध साबित नहीं हो पाया।


Thursday, 24 November 2011

मिडियेटरों का 40 घंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न





















मंडी। उपायुक्त सभागार में 40 घंटों के सघन अभ्यास के बाद प्रशिक्षित हुए मिडियेटरों ने पहले दिन से ही घरों को बसाने का काम शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण के अंतिम दिन अदालत से आए करीब आधा दर्जन मामलों को एक दिन की कार्यवाही में ही सुलझा लिया गया। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में मिडियेशन के बारे में जागरूकता लाने के लिए के लिए बार रूम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मिडियेटरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के कोआरडिनेटर उच्च न्यायलय के रजिस्टरार सी बी बारोवालिया ने जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों को मिडियेशन के बारे में जानकारी दी। वहीं पर उच्चतम न्यायलय की मिडियेशन और कौंसिलिएशन प्रोजेक्ट कमेटी की ओर से प्रशिक्षण के लिए आई नगीना जैन और पूनम मेंहदीरता ने भी अधिवक्ताओं को मिडियेशन के बारे में जानकारी देते हुए इसकी खुबियों के बारे में बताया। इस जागरूकता कार्यक्रम के दौरान मिडियेशन के बारे में एक वृत चित्र भी दिखाया गया। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्म चंद गुलेरिया ने अधिवक्ताओं का आहवान किया कि वे अधिक से अधिक मामलों को मिडियेशन के लिए भेजें जिससे मामलों का शीघ्र निस्तारण हो सके। इधर, उपायुक्त सभागार में जारी छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन लाईव मिडियेशन के तहत करीब आधा दर्जन मामलों को सुलझा लिया गया। इन मामलों में समझौता करवाकर इन्हे फैसले के लिए न्यायलय भेज दिया गया है। प्रशिक्षण पूरा होने के साथ ही मंडी और कुल्लू जिला में स्थित मिडियेशन केन्द्रों ने काम करना शुरू कर दिया है। कार्यक्रम के कोआरडिनेटर बारोवालिया ने बताया कि इससे पूर्व शिमला, चंबा और धर्मशाला के केन्द्र कार्य कर रहे थे। उन्होने बताया कि जिला हमीरपूर, नाहन, सोलन, बिलासपूर में भी मिडियेशन केंद्र बनाए गए हैं। जहां जल्द ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके इन केन्द्रों को भी कार्यरत किया जाएगा। इघर, जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने प्रशिक्षण के समापन पर कहा कि यह खुशी की बात है कि नव प्रशिक्षित मिडियेटरों ने मामलों का निस्तारण करके पहले दिन से ही टुटते घरों को बसाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। 

Wednesday, 23 November 2011

मिडियेटरों का 40 घंटे का प्रशिक्षण अंतिम चरण में




















मंडी। उपायुक्त कार्यालय सभागार में मंडी और कुल्लू जिला के मिडियेटरों (मध्यस्थ) का 40 घंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतिम चरण में पहुंच गया है। प्रशिक्षण के पांचवे दिन मिडियेटरों को आचार संहिता के बारे में जानकारी दी गई। वीरवार को प्रशिक्षण के अंतिम दिन कार्यक्रम में प्रशिक्षित मिडियेटर अभ्यास के तहत अदालत से आए 10 मामलों के निस्तारण की कार्यवाही शुरू करेंगे। जिला मंडी और कुल्लू में स्थापित मिडियेशन केन्द्रों को संचालित करने के लिए इन दिनों चयनित मिडियेटरों का छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। कार्यक्रम के कोआरडिनेटर उच्च न्यायलय के रजिस्टरार सी बी बारोवालिया ने बताया कि अधिवक्ताओं ने उत्साह के साथ प्रशिक्षण में भाग लिया। उन्होने बताया कि 40 घंटों के इस कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को मिडियेशन की तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होने बताया कि प्रशिक्षण के पहले दिन प्रशिक्षण की प्रासांगिकता, विवादों के स्वरूप और मिडियेशन के विभिन्न चरणों के बारे में जानकारी दी गई। दूसरे दिन कम्युनिकेशन, बारगेनिंग और निगोशिएन के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण के तीसरे दिन किस प्रकार के मामले मिडियेशन के लिए भेजे जाने चाहिए, अच्छे मिडियेटर की खासियतों और उनकी भूमिका के बारे में जानकारी दी गई। इसी दिन जिला भर के सभी उपमंडलों के न्यायिक दंडाधिकारियों को मिडियेशन के बारे में जानकारी दी गई। चौथे दिन मिडियेशन में आने वाली कठिनाइयों और उन्हे सुलझाने के बारे में जानकारी दी गई। वहीं पर मिडियेशन के संबंध में एक वृत चित्र भी दिखाया गया। उच्चतम न्यायलय की मिडियेशन और कौंसिलिएशन प्रोजेक्ट कमेटी की ओर से प्रशिक्षण के लिए आई प्रशिक्षक नगीना जैन और पूनम मेंहदीरता ने कहा कि प्रशिक्षुओं ने इस कार्यक्रम में बहुत गहनता, दिलचस्पी और उत्साह दिखाया। क्रार्यक्रम में जिला मंडी के अधिवक्ता दुनी चंद शर्मा, अमर चंद वर्मा, ललित कपूर, समीर कश्यप, दिग्विजय सिंह, दिनेश शर्मा, प्रेम सिंह ठाकुर, एम एल शर्मा, महेश चंद्र शर्मा, टी आर पठानिया, तारा चंद शर्मा, गीतांजली शर्मा और राजेश शर्मा ने भाग लिया। जबकि कुल्लू जिला से अधिवक्ता आर एल ठाकुर, डी एस ठाकुर, कृष्ण लाल ठाकुर, वाई बी सेठी, गोपाल शर्मा, धर्मेन्द्र शर्मा, उमेश शर्मा, संजय ठाकुर, टी सी ठाकुर, कुशल शर्मा, राजेन्द्र ठाकुर और राकेश बोध ने बतौर मिडियेटर भाग लिया।

Monday, 21 November 2011

चरस सहित पकडे जाने के तीन आरोपी बरी


मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने तीन आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ संदेह से दूर अभियोग साबित नहीं कर सका। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला की विशेष अदालत ने जिला मंडी के ही रहने वाले आरोपी भूप सिंह, ऋषि कुमार और गूरदास के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 और 29 के तहत अभियोग साबित न होने पर उन्हे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 15 जनवरी 2005 को शहरी चौकी पुलिस का दल मुख्य आरक्षी बसन्त सिंह की अगुवाई में गश्त पर तैनात था। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि शहर के एक ढाबा में तीन लोग चरस का क्रय विक्रय कर रहे हैं। जिस पर पुलिस ने स्वतंत्र गवाहों को पुलिस दल में शामिल करके ढाबा में छापा मार कर तलाशी ली तो आरोपियों के पास रखे एक लिफाफे से 400 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपियों को मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम के तहत हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोग के दौरान 11 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। जबकि इस मामले में बचाव पक्ष की पैरवी अधिवक्ता समीर कश्यप, अधिवक्ता रविन्द्र कुमार शर्मा और अधिवक्ता दामोदर दास ठाकुर ने की। बचाव पक्ष का कहना था कि अभियोजन पक्ष द्वारा अदालत में पेश किए गए सबूतों और गवाहों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित नहीं होता। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले के एक मात्र स्वतंत्र गवाहों ने विरोधाभासी बयान दिए हैं। इसके अलावा अन्य गवाहों के बयानों में भी विरोधाभास है। जिससे आरोपियों के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न हो सका। ऐसे में अदालत ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...