Wednesday, 10 January 2018

अव्यवस्था पर आंसू बहा रही प्राचीन बावड़ी




मंडी। सांसद द्वारा गोद ली गई प्राचीन बावड़ी अपनी अंतिम सांसे गिनने को अभिशप्त है। हालांकि सेना के एक सेवानिवृत सैनिक ने अपने स्तर पर इसे बचाने की मुहिम शुरू की है। लेकिन नगर परिषद और प्रशासन की ओर से बावड़ी को संरक्षित करने की दिशा में कोई प्रयास न होने पर उपायुक्त मंडी से गुहार लगाई गई है। सेना से सुबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत रामनगर मुहल्ला निवासी कृष्ण कुमार ने अस्तित्व खोती जा रही इस बावड़ी के संरक्षण और संवर्धन की मांग की है। कृष्ण कुमार के अनुसार रामनगर मुहल्ला में विश्वकर्मा मंदिर के पास प्राचीन ऐतिहासिक बावड़ी इन दिनों जीर्ण शीर्ण हालत में दुर्दशा का शिकार है। यह बावड़ी प्राचीन समय से स्थानीय वासियों के लिए महत्वपुर्ण प्राकृतिक पेयजल का स्त्रोत हुआ करती थी। उन्होने बताया कि सडक़ से आने वाला नाले का गंदा पानी बावड़ी के ऊपर गिरता है जिससे शहर भर की गंदगी बावड़ी पर गिर कर इसे प्रदुषित कर रही है। यही नहीं बावड़ी के साथ लगते विश्वकर्मा भवन की पानी व सीवरेज की पाईपें भी बावड़ी की ओर निकाली गई है। बावडी के रखरखाव के प्रति बेरूखी के चलते गंदगी के आलम में इसका पानी पीने योगय नहीं रहा है और पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है। उन्होने बताया कि गत वर्ष सांसद रामस्वरूप शर्मा ने बावड़ी में सफाई अभियान किया था। इस मौके पर उन्होने बावड़ी को गोद लेने और इसे बचाने की बात कही थी। लेकिन इसके बाद इस बावड़ी को सब भूल गये और अब इसकी हालत बदतर होती जा रही है। हालांकि उन्होने अपने स्तर पर बावड़ी से निकलने वाले पानी की निकासी के लिए एक नाली का निर्माण किया है। लेकिन बावड़ी पर लगातार गंदगी गिरने के कारण इसे प्रदुषित होने से बचाना संभव नहीं है। कृष्ण कुमार ने बताया कि विश्वकर्मा मंदिर में भी गंदगी का आलम रहता है। परिसर की छोटी सी भूमी में मंदिर बनाया गया है जबकि साथ का बड़ा भवन व्यवसायिक प्रयोग के लिए किया जाता है। इस मंदिर के पास हमेशा कबाड पड़ा रहता है। जबकि मंदिर के सामने सडक की ओर लोग खुले में मलमुत्र करते हैं। जिससे यहां का वातावरण हमेशा दुर्गंध से भरा रहता है। उन्होंने उपायुक्त मंडी से इस प्राचीन धरोहर पेयजल स्त्रोत पर गिरने वाली गंदगी को रोककर इसे संरक्षित करने की मांग की है।
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अनाधिकृत भवनों को जल्द नियमित करे सरकार




मंडी। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने जैसा है जहां है की एकमुश्त पालिसी बनाकर अनाधिकृत भवनों को नियमित करने के लिए प्रदेश के नवनियुक्त मुखयमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा है। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी और प्रधान अमर चंद वर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुखयमंत्री जय राम ठाकुर को मंडी प्रवास के दौरान बधाई दी गई। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल की ओर से एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें समिति का कहना है कि प्रदेश में इस समय हजारों अनाधिकृत भवन हैं जो नियमितीकरण न हो पाने के कारण बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। समिति के अनुसार साल 2012 में भवनों के नियमितीकरण के लिए निर्धारित शुल्क बहुत ज्यादा बढ़ा दिया गया है। छोटे प्लाटों पर बने घरों व व्यवसायिक परिसरों के मालिक इन शुल्कों को अदा कर पाने में सक्षम नहीं हैं। समिति ने टीसीपी के इन कड़े प्रावधानों को वापिस लेने के लिए पिछले चार सालों से संघर्ष छेड़ रखा है और अनेकों बार सरकार तक इस समस्या के निराकरण के लिए मांग की है। इसी के चलते पिछली सरकार ने 24 जनवरी 2017 को संशोधित टीसीपी कानून लाया था। हालांकि इसमें नियमितीकरण के शुल्क कुछ कम किए गए थे लेकिन ये शुल्क भी इतने अधिक थे कि आम नागरिक इसे अदा नहीं कर सकते थे और इसी कारण अधिकांश लोगों ने नियमितीकरण के लिए आवेदन ही नहीं किया। अब स्थिति यह है कि प्रदेश उच्च न्यायलय ने इस संशोधित एक्ट को असंवैधानिक मानते हुए निरस्त कर दिया है। ऐसे में अनाधिकृत भवनों के शीघ्र नियमितीकरण की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं। समिति के अनुसार अनाधिकृत भवनों में उन भवनों को रखा गया है जिन्होने अपनी मल्कीयत पर बिना नक्शे या नक्शे से हटकर भवन निर्माण किया है। समिति का कहना है कि अनाधिकृत भवनों में अवैध भवन शामिल नहीं हैं जो सरकारी भूमी पर अतिक्रमण करके बनाए गए हैं बल्कि यह लोगों ने अपनी मल्कीयत में बनाए लेकिन इनमें नक्शा न होने या नक्शे से हटकर मकान बनाने की अनियमितताएं हैं। समिति ने मांग की है कि अनाधिकृत भवनों के लिए खासकर छोटे प्लाटों पर बने भवनों को आंशिक शुल्क लेकर जैसा है जहां है की एकमुश्त पालिसी बनाकर नियमित किया जाए और उन्हें अस्थाई रूप से बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं बहाल करने के तुरंत आदेश किए जाएं। समिति के मीडिया प्रभारी समीर कश्यप ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में पैलेस कालौनी की पार्षद सुमन ठाकुर, समिति के महासचिव चंद्रमणी वर्मा, संगठन सचिव प्रदीप परमार, दीपक सैणी, गुड्डु, एस आर राजू सहित अन्य पदाधिकारी और सदस्य शामिल थे।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...