मंडी। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने जैसा है जहां है की एकमुश्त पालिसी बनाकर अनाधिकृत भवनों को नियमित करने के लिए प्रदेश के नवनियुक्त मुखयमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा है। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी और प्रधान अमर चंद वर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुखयमंत्री जय राम ठाकुर को मंडी प्रवास के दौरान बधाई दी गई। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल की ओर से एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें समिति का कहना है कि प्रदेश में इस समय हजारों अनाधिकृत भवन हैं जो नियमितीकरण न हो पाने के कारण बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। समिति के अनुसार साल 2012 में भवनों के नियमितीकरण के लिए निर्धारित शुल्क बहुत ज्यादा बढ़ा दिया गया है। छोटे प्लाटों पर बने घरों व व्यवसायिक परिसरों के मालिक इन शुल्कों को अदा कर पाने में सक्षम नहीं हैं। समिति ने टीसीपी के इन कड़े प्रावधानों को वापिस लेने के लिए पिछले चार सालों से संघर्ष छेड़ रखा है और अनेकों बार सरकार तक इस समस्या के निराकरण के लिए मांग की है। इसी के चलते पिछली सरकार ने 24 जनवरी 2017 को संशोधित टीसीपी कानून लाया था। हालांकि इसमें नियमितीकरण के शुल्क कुछ कम किए गए थे लेकिन ये शुल्क भी इतने अधिक थे कि आम नागरिक इसे अदा नहीं कर सकते थे और इसी कारण अधिकांश लोगों ने नियमितीकरण के लिए आवेदन ही नहीं किया। अब स्थिति यह है कि प्रदेश उच्च न्यायलय ने इस संशोधित एक्ट को असंवैधानिक मानते हुए निरस्त कर दिया है। ऐसे में अनाधिकृत भवनों के शीघ्र नियमितीकरण की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं। समिति के अनुसार अनाधिकृत भवनों में उन भवनों को रखा गया है जिन्होने अपनी मल्कीयत पर बिना नक्शे या नक्शे से हटकर भवन निर्माण किया है। समिति का कहना है कि अनाधिकृत भवनों में अवैध भवन शामिल नहीं हैं जो सरकारी भूमी पर अतिक्रमण करके बनाए गए हैं बल्कि यह लोगों ने अपनी मल्कीयत में बनाए लेकिन इनमें नक्शा न होने या नक्शे से हटकर मकान बनाने की अनियमितताएं हैं। समिति ने मांग की है कि अनाधिकृत भवनों के लिए खासकर छोटे प्लाटों पर बने भवनों को आंशिक शुल्क लेकर जैसा है जहां है की एकमुश्त पालिसी बनाकर नियमित किया जाए और उन्हें अस्थाई रूप से बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं बहाल करने के तुरंत आदेश किए जाएं। समिति के मीडिया प्रभारी समीर कश्यप ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में पैलेस कालौनी की पार्षद सुमन ठाकुर, समिति के महासचिव चंद्रमणी वर्मा, संगठन सचिव प्रदीप परमार, दीपक सैणी, गुड्डु, एस आर राजू सहित अन्य पदाधिकारी और सदस्य शामिल थे।
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