मंडी। मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से मंडी के साथ लगती तुंग पंचायत में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मुखय न्यायिक दंडाधिकारी राजेश चौहान ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि इस वर्ष के मानवाधिकार दिवस का थीम किसी अन्य के अधिकारों के लिए खड़ा होना है। उन्होने कहा कि शिविर में आए लोगों को यहां से मिलने वाली कानूनी जानकारी को गरीब व जरूरतमंद लोगों में बांटने का आहवान किया। उन्होने कहा कि संविधान के तहत नागरिकों को अधिकार व कर्तव्य दिये गए हैं। विधिक प्राधिकरण का यह संकल्प है कि कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य आधार पर न्याय हासिल करने से वंचित नहीं रहना चाहिए। इसके लिए प्राधिकरण की ओर से मुफत कानूनी सहायता का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत कोई भी महिला, अनुसूचित जाति या जनजाति, अपंग, पिछडा वर्ग, वरिष्ठ नागरिक, आपदा प्रभावित व एक लाख रूपये वार्षिक से कम कमाने वाला व्यक्ति मुफत कानूनी सहायता का पात्र है। ऐसे पात्र व्यक्ति को सादे कागज पर प्राधिकरण को अर्जी देनी होती है। जिसके बाद उसे प्राधिकरण की ओर अपना केस दायर करने के लिए वकील तथा केस का सारा खर्चा मुहैया करवाया जाता है। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने लोगों को मनरेगा, सूचना का अधिकार, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और घरेलू हिंसा अधिनियम के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर जिला बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता नंद लाल ठाकुर, ग्राम पंचायत तुंग की प्रधान नीलमा देवी, पूर्व उपप्रधान दीप कुमार व चमन लाल, वार्ड सदस्य कमला, मीना व आरती, महिला मंडल की सदस्य हरिप्रिया, नैना, बन्ना, चंपा व रीना तथा स्कोर, त्रहु, जेलगी, बनसिहल व बुराडीधार गांवों के लोग मौजूद थे।
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