मंडी। सीबीआई द्वारा पेश की गई स्टेटस रिर्पोट के बाद एनडीपीएस के मामले में झूठे फंसाए गए दो आरोपियों को प्रदेश उच्च न्यायलय ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये हैं। सीबीआई की रिर्पोट में याचिकाकर्ताओं को एनडीपीएस के झूठे मामले में फंसाने और उनसे 20 लाख रूपये की मांग करने के आरोप प्रथम दृष्टया साबित होने पर उन्हे जमानत दी गई है। उच्च न्यायलय के न्यायमुर्ति त्रिलोक सिंह चौहान के न्यायलय ने याचिकाकर्ता रवि और रोशन लाल की जमानत याचिकाओं को स्वीकारते हुए उन्हें एक-एक लाख रूपये की जमानती राशियों पर सशर्त रिहा करने के आदेश दिये हैं। उल्लेखनीय है किजिला कारागार के निरिक्षण के दौरान जिला एवं सत्र न्यायधीश मंडी को विचाराधीन बंदी रवि ने शिकायत दर्ज करवाई कि उन्हें एनडीपीएस एक्ट के तहत झूठे मामले में साजिश के तहत फंसाया गया है और उससे 20 लाख रूपये की मांग की गई। इसके अलावा रवि के पिता रमेश चंद ने भी शिकायत दर्ज करवाई कि हरियाणा निवासी मंजीत और हिमाचल पुलिस में काम कर रहे एएसआई राम लाल व आरक्षी प्रदीप कुमार ने षडयंत्र रच कर उसके बेटे को एनडीपीएस के झूठे केस में फंसाया है। रमेश चंद के अनुसार मंजीत अपराधी है और उसने पुलिस के साथ षडयंत्र रचकर रवि को हिमाचल प्रदेश में बुलाया और मंडी के होटल, गुरूद्वारे और अन्य जगहों पर दो-तीन दिन तक अवैध रूप से रोक कर रखा। मंजीत ने दो दिन तक लगातार रवि के पिता रमेश चंद को फोन करके उनसे 20 लाख रूपये की मांग करके ब्लैकमेल किया। पैसा देने से इंकार करने पर रवि और रोशन लाल को झूठा फंसा दिया। मंजीत को हत्या के मामले में उम्र कैद हो चुकी है और इस मामले की जांच एएसआई रामलाल ने की थी। जबकि मौजूदा केस का जांच अधिकारी एसआई जय लाल भी बिलासपुर का रहने वाला है और एएसआई रामलाल का रिश्तेदार है। याचिकाकर्ता की शिकायत की जांच अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक मंडी ने की थी। लेकिन उच्च न्यायलय ने जांच की रिर्पोट से सहमती नहीं जताई। प्रदेश उच्च न्यायलय का कहना था कि इस मामले में प्रदेश सरकार के पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली के बारे में गंभीर आरोप लगाए हैं जबकि जांच रिर्पोट से जाहिर होता है कि पुलिस ने आरोपी व उसके पिता की शिकायत पर सही तरीके से जांच नहीं की है। जिसके चलते उच्च न्यायलय ने इस मामले में सीबीआई को जल्द से जल्द जांच करने के निर्देश जारी किये थे। सीबीआई ने प्रदेश उच्च न्यायलय में अपनी रिर्पोट में कहा कि शहरी पुलिस चौकी मंडी में तैनात एएसआई रामलाल, आरक्षी प्रदीप कुमार, सदर थाना के एसआई जय लाल, मंजीत और जगसीर सिंह (कार मालिक) के खिलाफ याचिकाकर्ता व उसके पिता की ओर से लगाए आरोप प्रथमदृष्टया सही साबित हुए हैं। प्रदेश उच्च न्यायलय ने जमानत याचिका पर सुनाए आदेश में कहा कि सीबीआई जांच रिर्पोट से साबित हुआ है कि याचिकाकर्ता प्रथमदृष्टया झूठे फंसाए गए हैं। जिसके चलते न्यायलय ने याचिकाकर्ता रवि और रोशन लाल की जमानत याचिकाएं स्वीकार करते हुए उन्हें सशर्त रिहा करने के आदेश जारी किये हैं।
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