Thursday, 29 March 2018

बार काउंसिल चुनाव के लिए मंडी न्यायलय में 87% वोटिंग




मंडी। हिमाचल प्रदेश बार कौंसिल के चुनावों में जिला एवं सत्र न्यायलय के अधिवक्ताओं ने भारी संख्या में मतदान किया। जिला न्यायलय के कुल 366 अधिवक्ताओं में से 318 अधिवक्ताओं ने अपने मतदान का प्रयोग किया। इस तरह जिला बार एसोसिएशन में करीब 87 प्रतिशत मतदान हुआ है। बुधवार को प्रदेश भर के न्यायलयों में बार कौंसिल के चुनाव आयोजित हुए। बार कौंसिल के 15 सदस्यों के लिए हुए इस चुनाव में प्रदेश भर की विभिन्न अदालतों से 50 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। जिला न्यायलय से भी इस बार 5 अधिवक्ता चुनाव लड़ रहे हैं। जिनमें बार कौंसिल के पुर्व अध्यक्ष देशराज शर्मा, रूपिन्द्र सिंह, संजय मंडयाल, तरूण पाठक और पाल वर्मा शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि विगत करीब दो माह से बार कौंसिल के चुनावों की प्रक्रिया जारी है। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद से उम्मीदवार अधिवक्ता प्रदेश भर के न्यायलयों में जाकर अधिवक्ता समुदाय से अपने पक्ष में मतदान करने के लिए चुनाव प्रचार में डटे रहे। बुधवार को जिला सत्र न्यायलय में मतदान केन्द्र बनाया हुआ था। जहां पर निर्वाचन अधिकारी तहसीलदार सदर की निगरानी में शातिपुर्वक मतदान पूरा हुआ। इसके बाद अब मतों को गणना के लिए प्रदेश बार कौंसिल के शिमला स्थित कार्यालय में ले जाया जाएगा। जहां पर आगामी 7 अप्रैल को मतगणना के बाद चुनाव के परिणाम घोषित होंगे। नवनिर्वाचित सदस्यों में से प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और बार कौंसिल आफ इंडिया के सदस्य का चयन किया जाएगा।
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Friday, 23 March 2018

भगत सिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी कानून पारित करोः विचार मंच



मंडी। शहीदी दिवस के अवसर पर शहीद भगत सिंह विचार मंच ने भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी कानून पारित करने की मांग की है। विचार मंच ने शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री को जिला प्रशासन के माध्यम से इस संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया है। शहीद भगत सिंह विचार मंच के संयोजक समीर कश्यप, सदस्य बी आर जसवाल, सुशील चौहान, मनीष कटोच, विनोद ठाकुर, देश राज शर्मा, अमित शर्मा, हुक्म चंद, कमल सैनी, पंकज शर्मा, अंकुश वालिया, रूपिन्द्र सिंह, दीपक ठाकुर, वीरेन्द्र कुमार, नरेन्द्र कुमार, भारत भूषण, सतीश शर्मा, तारा सिंह, नवीन कुमार, डिंपल कुमार, दुर्गा दास, धर्म चंद और प्रीतम ठाकुर की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त मंडी के सहायक उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। विचार मंच के अनुसार देश भर में इस समय ‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी कानून’ पारित कराने हेतु अभियान चल रहा है। इस अभियान में शरीक होते हुए मंच ने मांग की है कि ‘हरेक काम करने योग्य नागरिक को स्थायी रोज़गार व सभी को समान और निःशुल्क शिक्षा’ के अधिकार को संवैधानिक संशोधन करके मूलभूत अधिकारों में शामिल किया जाए। इसके अलावा केन्द्र और राज्यों के स्तर पर जिन भी पदों पर परीक्षाएँ हो चुकी हैं उनमें उत्तीर्ण उम्मीदवारों को तत्काल नियुक्तियाँ दी जाए। वहीं पर केन्द्र और राज्यों के स्तर पर तुरन्त प्रभाव से ज़रूरी परीक्षाएँ आयोजित कराके सभी खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। अभियान की मांग है कि ‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी कानून’ पारित करके; गाँव-शहर दोनों के स्तर पर 365 दिनों के पक्के रोज़गार की गारण्टी दी जाए और रोज़गार न दे पाने की सूरत में सभी को न्यूनतम 10,000 रुपये प्रतिमाह गुजारे योग्य बेरोज़गारी भत्ता प्रदान किया जाए। अभियान की मांग है कि नियमित प्रकृति के कार्य पर ठेका प्रथा तत्काल प्रतिबन्धित की जाये, सरकारी विभागों में नियमित प्रकृति का कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को स्थायी किया जाये और ऐसे सभी पदों पर स्थायी भर्ती की जाये। शहीद भगत सिंह विचार मंच मंडी ने अभियान से एकजुटता जाहिर करते हुए सरकार से रोज़गार के ज़रूरी सवाल पर विचार करने और इन मांगों पर गंभीरता से विचार करने और भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी कानून को शीघ्रातिशीघ्र पारित करके लागू करने को कहा है।
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Monday, 5 March 2018

शिवाबदार में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित




मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से रविवार को ग्राम पंचायत शिवाबदार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश कोर्ट नंबर दो कृष्ण कुमार ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोगों को उनके रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाले कानूनी प्रावधानों की जानकारी देने के मकसद से इन विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाता है। उन्होने कहा कि संविधान में यह प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक या अन्य किसी आधार पर न्याय हासिल करने से वंचित नहीं रहना चाहिए। इसके लिए प्राधिकरण की ओर से जरूरतमंद लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता मुहैया करवाई जाती है। उन्होने बताया कि सभी महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों, आपदा प्रभावितों, फैक्टरी मजदूरों व अपंग लोगों को यह सहायता दी जाती है। इसके अलावा सामान्य श्रेणी के उन सभी लोगों को जिनकी वार्षिक आय एक लाख रूपये कम हो उन्हें भी यह सहायता दी जाती है। मुफ्त कानूनी सहायता के लिए प्रत्येक न्यायलय में स्थित फ्रंट आफिस में सादे कागज पर आवेदन करना होता है। इसके तहत वादी तथा प्रतिवादी दोनों को सहायता दी जाती है। जिसमें उन्हें मुकद्दमा लड़ने के लिए वकील मुहैया करवाने सहित मुकद्दमे का सारा खर्चा भी प्राधिकरण की ओर से दिया जाता है। उन्होने नशावृति, घरेलू हिंसा अधिनियम, मनरेगा तथा अन्य कानूनी प्रावधानों से स्थानीय वासियों को अवगत करवाया। जबकि शिविर में मौजूद अधिवक्ता समीर कश्यप ने सूचना के अधिकार, उपभोक्ता अधिनियम, ग्रामीण विधिक संरक्षण एवं सहायता केन्द्र और मिडिएशन (मध्यस्थता) के बारे में जानकारी दी। पंचायत की प्रधान इन्द्रा देवी ने मुख्य अतिथी और अधिवक्ता का स्वागत करते हुए उन्हें हिमाचली टोपी पहना कर सम्मानित किया। उन्होने प्राधिकरण की ओर से पंचायत में शिविर आयोजित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यावाद किया। इस मौके पर पंचायत वार्ड सदस्य सीता देवी, भवना, पुर्व प्रधान खीरामणी सहित महिला मंडल के सदस्य और स्थानिय निवासी मौजूद रहे।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...