Friday, 30 September 2011

कोर्ट में भरे जाएंगे लिपिकों के 9 पद

मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में लिपिकों के 9 पद भरे जाएंगे। इन पदों के चयन के लिए 16 अक्तूबर को लिखित परीक्षा आयोजित होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायलय के अंतर्गत मंडी डिविजन में 9 लिपिकों की तैनाती होगी। जिसके लिए आगामी 16 अक्तूबर को सुबह 10 बजे निर्धारित पांच केन्द्रों में लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। इन पदों के लिए 1969 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया है। उन्होने बताया कि रोल नंबर एक से 1000 तक के अभ्यार्थी वल्लभ राजकीय महाविद्यालय, रोल नंबर 1001 से 1150 तक आईटीआई, रोल नंबर 1151 से 1350 तक डाईट, रोल नंबर 1351 से 1650 तक विजय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला और रोल नंबर 1651 से 1969 तक के परीक्षार्थी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला(छात्रा) के केन्द्रों में लिखित परीक्षा देंगे। जिला एवं सत्र न्यायधीश ने बताया कि परीक्षा देने के लिए परीक्षार्थियों को रोल नंबर के साथ-2 सत्यापन पत्र भी साथ लाना होगा। उन्होने बताया कि इस परीक्षा के लिए जिन अभ्यार्थियों को अभी तक रोल नंबर नहीं मिल पाए हैं या जिनको सत्यापन पत्र के बारे में जानकारी हासिल करनी हो वह मंडी डिविजन की बेबसाईट एचपीहाईकोर्ट.निक.इनसलैशडिसट्रीकटकोर्टसलैशमंडीसलैशवैलकम.एचटीएमएल पर संपर्क कर सकते हैं।

चैक बाउंस के आरोपी को एक साल की कैद


चैक बाउंस के आरोपी को एक साल की कैद मंडी। मंडी के सेरी बाजार से अचानक गायब होने के बाद हत्या कर दिए गए ठेकेदार टेक चंद के एक देनदार को अदालत ने चैक बाउंस के मामले में एक साल के साधारण कारावास और 5000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। इसके अलावा आरोपी को मृतक ठेकदार की पत्नियों के पक्ष में 3, 25,000 रूपये बतौर हर्जाना अदा करना होगा। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो राजेश चौहान के न्यायलय ने बाडी निवासी टेकचंद की पत्नियों नीला देवी और चंचला देवी की शिकायत पर निगोशिएबल इंस्टरुमेंट अधिनियम के तहत चलाए गए अभियोग में सुंदरनगर तहसील के भौर(कनैड) गांव निवासी ज्ञान चंद पुत्र रामदीता को उक्त सजा का फैसला सुनाया। अधिवक्ता ललित गुलेरिया के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी ने जून 2004 में ठेकेदार टेकचंद से 3 लाख रूपये की राशी उधार ली थी। यह राशी आरोपी ने ट्रक लेने के लिए दिए जाने वाले मार्जिन मनी अदा करने के लिए ली थी। राशी को चुकाने के लिए आरोपी ने टेकचंद को एक चैक दिया था। इस चैक को जब भुगतान के लिए बैंक में लगाया गया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशी न होने के कारण बाउंस हो गया। जिस पर आरोपी को कानूनी नोटिस देकर राशी वापिस करने की मांग की गई थी। लेकिन अदायगी न होने पर अदालत में आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाया गया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों से आरोपी पर अभियोग साबित हुआ। जिसके चलते उक्त कारावास, जुर्माने और हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया गया। उल्लेखनीय है कि साल 2008 में मंडी का ए कलास ठेकेदार टेक चंद भीड भरे सेरी बाजार से रहसयमयी परिसथितियों में अगवा हो गया था। जिसका शव 29 जुलाई 2008 को सुंदरनगर के जलाशय से बरामद हुआ था। पुलिस अभी तक टेकचंद हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा नहीं पाई है।

चरस रखने के आरोपी को 3 साल की कठोर कारावास


मंडी। चरस सहित पकडे जाने के आरोपी को अदालत ने 3 साल के कठोर कारावास और 30 हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना न भरने पर उसे 6 माह की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के विशेष न्यायलय ने पधर तहसील के छुछल गांव निवासी टेक चंद पुत्र चुंजू राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार 25 दिसंबर 2009 को द्रंग थाना पुलिस का दल एएसआई ओरेन्द्र सिंह की अगुवाई में थाना परिसर के बाहर राष्ट्रिय राजमार्ग पठानकोट मनाली पर तैनात था। इसी दौरान पाली की ओर से काले रंग का बैग उठाए हुए एक व्यक्ति आया। जिसने पुलिस दल को देखकर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने उसे काबू करके उसके बैग की तलाशी ली तो इसमें से 950 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी एस एस कौंडल ने 9 गवाहों के ब्यान दर्ज कर मामले को साबित किया। सजा की अवधी पर वीरवार को हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है जिसके चलते उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन का कहना था कि आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस अपराध से समाज पर पडने वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।

Wednesday, 28 September 2011

मिलावटी घी बेचने के दो आरोपियों को 6-6 माह के कारावास की सजा


मंडी। मिलावटी घी बेचने के दो आरोपी दुकानदारों को अदालत ने 6-6 माह के साधारण कारावास और पांच-पांच हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपियों के जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर उन्हे एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर 2 राजेश चौहान के न्यायलय ने महाजन बाजार स्थित मैसर्ज मनोहर लाल एंड संस के साझेदारों विजय कुमार और दिनेश कुमार के खिलाफ मिलावटी खाद्य निरोधक अधिनियम के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 29 मार्च 2003 को खाद्य निरिक्षक जगदीश धीमान ने जागर में स्थित मैसर्ज सकलानी ट्रेडर्स की दुकान से रूची नंबर 1 वनस्पती घी के 3 सीलबंद पैकेट खरीदे। घी के नमूने को परीक्षण के लिए कंडाघाट प्रयोगशाला को भेजा गया। प्रयोगशाला की रिर्पोट के मुताबिक नमूने वाले घी का गलनांक बिन्दू 45 डिग्री था जबकि यह अधिकतम 41 डिग्री होना चाहिए था। जिसके आधार पर घी को मिलावटी माना गया। रिपोर्ट मिलने पर इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लिखित सहमती लेने के बाद अदालत में अभियोग चलाया गया। अदालत में कार्यवाही के दौरान मैसर्ज सकलानी ट्रेडर्ज की ओर से अर्जी दी गई जिसमें उन्होने यह घी मैसर्ज नरूला ट्रेडर्ज से खरीदना बताया। जिस पर नरूला ट्रेडर्ज को भी इस मामले का आरोपी बनाया गया। नरूला ट्रेडर्ज की ओर से भी अदालत में अर्जी दी गई कि यह घी उन्होने मैसर्ज मनोहर लाल एंड संस से खरीदा था। जिस पर अदालत ने उक्त सभी आरोपियों के खिलाफ अभियोग चलाया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की पैरवी खाद्य निरिक्षक एल डी ठाकुर ने की। अदालत ने सकलानी ट्रेडर्ज और नरूला ट्रेडर्ज के खिलाफ मामला साबित न होने पर उन्हें बरी कर दिया। जबकि मैसर्ज मनोहर लाल एंड संस के साझेदारों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया गया।  

Tuesday, 27 September 2011

नकली पुलिस अधिकारी को तीन माह की कैद


मंडी। नकली पुलिस अधिकारी बनने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को तीन माह के कारावास का फैसला सुनाया। जबकि मारपीट करने के दो आरोपियों को अदालत ने 6-6 माह के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो राजेश चौहान के न्यायलय ने जिला बिलासपूर के बंदला निवासी गोरख सिंह के खिलाफ भांदंसं की धारा 170 के तहत नकली पुलिस अधिकारी बनने का अभियोग साबित होने पर उसे तीन माह के साधारण कारावास और 3000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को एक माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी नकली आई कार्ड अपने पास रख कर आईपीएस अधिकारी बन कर घूम रहा था। जिसके चलते उसे मंडी के बस अडडा से हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। इस मामले में अभियोजन की ओर से 3 गवाह पेश करके अभियोग को साबित किया। एक अन्य मामले में इसी अदालत ने नसधरा(कुफरी) गांव निवासी खेम सिंह और शेर सिंह के खिलाफ भादंसं की धारा 324,341 और 506 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: 6 माह, एक माह और 2 माह की साधारण कारावास और 5000 रूपये, 500 और 3000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपियों को क्रमश: तीन माह, सात दिन और 15 दिनों की अतिरिकत कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपियों ने एक दिसंबर 2001 को नरपत के साथ डंडे और चाकू से मारपीट करके घायल कर दिया था। जिस पर पुलिस ने उन पर मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रही सहायक लोक अभियोजक राजरानी ने इन मामलों को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।

Sunday, 25 September 2011

नवल बने चौथी बार न्यायिक कर्मचारियों के जिला प्रधान





मंडी। जिला न्यायिक कर्मचारी वैलफेयर एसोसिएशन के चुनावों में नवल शर्मा लगातार चौथी बार सर्वसम्मति से प्रधान चुने गए। एसोसिएशन की जिला ईकाई के लिए हुए चुनाव में 20 सदस्यीय कार्यकारिणी का चयन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायलय हमीरपूर के अधीक्षक ग्रेड प्रथम मुकेश चौहान की अध्यक्षता में रविवार को जिला बार रूम में एसोसिएशन के चुनाव सभी पदों पर सहमति हो जाने के कारण सर्वसम्मति से शांतिपूर्वक ढंग से संपन हुए। दो सालों के बाद होने वाले एसोसिएशन के इन चुनावों में नवल शर्मा लगातार चौथी बार सर्वसम्मति से प्रधान चुने गए। जबकि कश्मीर सिंह को वरिष्ठ उपप्रधान, प्रेम सिंह महासचिव, राम सिंह, सोहन सिंह, श्याम लाल और तेज सिंह को उपप्रधान, नरेश कुमार को सह-सचिव, सुरेश कुमार को कोषाध्यक्ष, सुधा, रोशन लाल, प्रवीण कुमारी, भारत-भूषण,देवेन्द्र कुमार, भाग सिंह, भगवान दास, ओंकार सिंह, गुरदयाल सिंह, नवल किशोर को कार्यकारिणी सदस्य और किश्न सिंह ठाकुर को सर्वसम्मति से विधी सलाहकार चुना गया। चौथी बार अध्यक्ष पद पर आसीन हुए नवल शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि वह कर्मचारियों की मांगों को लेकर  पूरी निष्ठा से कार्य करेंगे। उन्होने जिला के सभी न्यायिक कर्मचारियों को अपना समर्थन देने के लिए धन्यावाद किया। वहीं पर चुनावों के अध्यक्ष मुकेश चौहान ने नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को बधाई देते हुए उनसे कर्मचारियों के हितों के लिए हमेशा आवाज बुलंद करते रहने की उम्मीद जताई। नवनिर्वाचित महासचिव प्रेम सिंह ने इन चुनावों के सिलसिले में जिला भर के सभी उपमंडलों से आए करीब 200 न्यायिक कर्मियों का चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने पर धन्यावाद किया। 

Saturday, 24 September 2011

नाबालिग से दुराचार के आरोपी को 7 साल की कठोर कारावास 20,000 जुर्माना


मंडी। शादी का छांसा देकर नाबालिग छात्रा से दुराचार करने के आरोपी को अदालत ने 7 साल के कठोर कारावास और 20,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी से मिलने वाली जुर्माना राशी में से 15,000 रूपये पीडित छात्रा के पक्ष में बतौर हर्जाना अदा किए जाएंगे। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने सदर उपमंडल के सोझा गांव निवासी तिलक राज पुत्र शेर सिंह के खिलाफ भादंसं की धारा 376 और 366 के तहत नाबालिग से दुराचार करने और शादी का झांसा देकर अगवा करने का अभियोग साबित होने पर उसे क्रमश: सात और पांच साल की कठोर कारावास और दस-दस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को छ:-छ: माह की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी। दोनो सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार बालीचौकी क्षेत्र की 10 वीं कक्षा की छात्रा 18 फरवरी 2010 को घर से स्कूल गई हुई थी। लेकिन शाम को वापिस नहीं लौटी। परिजनों ने सभी जगह तलाशने के बाद पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। पुलिस ने छात्रा को 21 फरवरी को ढुंढ कर उसे परिजनों के हवाले कर आरोपी को हिरासत में लिया था। घटना के बारे में पीडिता का कहना था कि जब वह स्कूल जा रही थी तो आरोपी ने उसे सलोट में मिलने को कहा और बताया कि वह परीक्षा में आने वाले प्रश्नों को उसे बता सकता है जिससे उसे फायदा हो सकता है। जब पीडिता आरोपी से इस सिलसिले में मिलने गई तो आरोपी उसे प्रश्न घर में होने का कारण बता कर अपने घर ले गया। जहां आरोपी ने छात्रा को शादी का झांसा देकर उससे दुराचार किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सोहन सिंह कौंडल ने इस मामले में 12 गवाहों के बयान दर्ज करवा कर अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीडिता को आरोपी परीक्षा के प्रश्नों को बताने के बहाने अपने घर ले गया और उससे दुराचार किया। आरोपी के इस व्यवहार को सतही तौर पर नहीं देखा जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास, जुर्माना और पीडिता के पक्ष में हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया।

Wednesday, 21 September 2011

कर्मचारियों को 85 वें संशोधन के लाभ दिए जाएं


मंडी। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी बहुजन महासंघ ने प्रदेश सरकार से 85 वें संविधान संशोधन के तहत बनाए गए कानून को प्रदेश में लागू करने की मांग की है। महासंघ ने मांग की है कि प्रदेश के अनूसूचित जाति और जनजाति के कर्मचारियों और पदाधिकारियों को इस कानून के तहत राहत प्रदान की जाए। महासंघ के अध्यक्ष अमरनाथ खुराना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूराम और महासचिव रामलाल सुमन ने प्रेस को जारी संयुक्त बयान में कहा कि 2001 से बनाए गए इस कानून के तहत अधिकारियों व कर्मियों को पदोन्नति और वितिय लाभ दिए जाने की व्यवस्था है। लेकिन प्रदेश की सरकारें अभी तक इन प्रावधानों को लागू नहीं कर पाई हैं। उन्होने कहा कि 1995 से 2011 तक लाखों पदों पर बैक लाग लागू नहीं किया गया है। महासंघ ने प्रस्ताव पारित करके देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मांग की है कि इस कानून को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देश जारी किए जाएं।

अधिवक्ता गौरव तिवारी का आकस्मिक निधन


मंडी। उपमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी न्यायलय सुंदरनगर में कार्यरत युवा अधिवक्ता गौरव तिवारी के आकस्मिक निधन से यहां के विधिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड गई है। जिला बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता के देहांत की सूचना मिलने पर एक शोक प्रस्ताव पारित किया। जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों के अधिवक्ता के अंतिम संस्कार में भाग लेने के कारण अदालतों में नियमित रूप से कार्य नहीं हुआ। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्म चंद गुलेरिया ने बताया कि युवा अधिवक्ता के निधन पर एसोसिएशन ने शोक प्रस्ताव पारित करके शोकाकुल परिवार को शोक संदेश प्रेषित किया है। उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता विश्वजीत तिवारी के पुत्र गौरव तिवारी का बीमारी के चलते देहांत हो गया। गौरव वर्ष 2001 से सुंदरनगर न्यायलय में बतौर अधिवक्ता तैनात थे। 34 वर्षीय गौरव पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। बुधवार को सुंदरनगर में हुए उनके अंतिम संस्कार में सुंदरनगर व मंडी के अधिवक्ताओं सहित सैंकडों लोगों ने भाग लिया। प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य नरेन्द्र गुलेरिया, जिला बार एसोसिएशन के महासचिव विजय ठाकुर, पूर्व महासचिव समीर कश्यप, पूर्व उपप्रधान रूपेन्द्र सिंह, भारतभूषण शर्मा, विकास शर्मा, चन्द्र सेन, अजय ठाकुर, मनीष कटोच, सहित अनेकों अधिवक्ताओं ने गौरव के देहांत पर शोक संवेदनाएं व्यकत की हैं।  

Monday, 19 September 2011

सेवाओं में कमी टायर निर्माता और विक्रेता पर पडी भारी


मंडी। सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई परेशानी टायर निर्माता और विक्रेता को भारी पड़ी। जिला उपभोक्ता फोरम ने टायर निर्माता और विक्रे ता को उपभोक्ता के ट्रैक्टर के दो टायर 30 दिनों में बदलने के आदेश दिए हैं। ऐसा न करने पर निर्माता और विक्रेता उपभोक्ता को टायरों की कीमत 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करेंगे। निर्माता और विक्रेता की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले 3500 रुपये हर्जाना और 2500 रुपये शिकायत खर्च भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा और लाल सिंह ने सदर उपमंडल के घेरा(तल्याहड) गांव निवासी सरला देवा पत्नी गुरदेव सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए नेरचौक स्थित बंसी लाल एंड संस शोरूम के प्रबंधक, इंटरनेशनल ट्रैक्टर लिमिटेड होशियारपुर के मालिक और बिलासपुर के अपोलो टायर के प्रबंधक को संयुक्त रूप से सेवाओं में कमी का दोषी माना गया है।
अधिवक्ता पुष्पराज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने इंटरनेशनल ट्रैक्टर के डीलर नेरचौक के शोरूम से एक ट्रैक्टर खरीदा था जिसमें अपोलो कंपनी के टायर लगे हुए थे। इन टायरों की 2400 घंटों की वारंटी अवधि थी। 700 घंटे के बाद ही दोनों पिछले टायर खराब हो गए। उपभोक्ता ने शोरूम में टायरों के बारे में शिकायत की। इसके बाद ट्रैक्टर कंपनी ने विशेषज्ञ से टायरों का निरीक्षण करवाया था। उपभोक्ता को जल्द टायर बदलने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बाद में उपभोक्ता का मुआवजा इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि उपभोक्ता ने टायरों का प्रयोग लगातारअसमतल धरातल में किया था जिससे टायरों को क्षति पहुंची। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि टायर में खराबी निर्माणाधीन खराबी थी जो वारंटी अवधि में ही सामने आई थी। ऐसे में फोरम ने वारंटी अवधि में टायर न बदलने को सेवाओं में कमी मानते हुए तीस दिन में टायर बदलने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Friday, 16 September 2011

रायल सुंदरम एलाइंस इंश्योरेंस कंपनी पर हर्जाना ठोंका


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 75,266 रूपये की मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। कंपनी के सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 1500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने पधर तहसील के सिलग(पाली) गांव निवासी करतार सिंह पुत्र कांशी राम की शिकायत को उचित मानते हुए रायल सुंदरम एलाइंस इंश्योरेंस कंपनी को उक्त मुआवजा राशी 9 प्रतिशत दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता एच एस रांगडा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने वाहन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधी के दौरान उपभोक्ता का वाहन एक सडक दुर्घटना में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। उपभोक्ता ने इस बारे में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। जबकि कंपनी को भी इस बारे में सूचना दी गई थी। कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती करके दुर्घटना का आकलन करवाया था। लेकिन कंपनी ने मुआवजा तय नहीं किया। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी के सर्वेयर ने क्षतिग्रस्त वाहन की चैसी और कैबिन शैल बदलवाने पर खर्च की गई राशी को मुआवजा में शामिल नहीं किया है। ऐसे में फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में चैसी और केबिन की राशी को ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा फोरम ने कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

प्रदेश सरकार से लोकायुक्त बिल पास कराने की मांग


मंडी। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता दलीप सिंह ठाकुर ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने के लिए सरकार से लोकायुक्त बिल लाने की मांग की है। उन्होने मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को अन्ना हजारे के आंदोलन से सबक लेते हुए जल्द से जल्द यह बिल पास कराने की मांग की है। उन्होने कहा कि इस बिल को कानून बनाने में प्रदेश सरकार को कोई कठिनाई नहीं आएगी क्योंकि सरकार के पास विधानसभा में आवश्यक बहुमत प्राप्त है। ठाकुर ने कहा कि बिल के पास हो जाने से जहां एक ओर प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा वहीं प्रशासन में भी पारदर्शिता आएगी। उन्होने कहा कि बिहार और उतराखंड के एनडीए शासित राज्यों में लोकायुक्त बिल पास करने के पहले ही घोषणा कर दी है। ऐसे में प्रदेश सरकार को भी बिना देरी किए हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस बिल को पारित करके सशक्त कानून बनाना चाहिए। उन्होने कहा कि यह बिल पास कराना प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा। जिससे न केवल जनता का सरकार में विश्वास बढेगा अपितु देवभूमि का नाम भी सार्थक होगा। 

Thursday, 15 September 2011

फोरम ने बिजली बोर्ड के बिल को निरस्त किया


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के उपभोक्ता को जारी 24,455 रूपये के बिल को निरस्त करने का फैसला सुनाया। फोरम ने बोर्ड को निर्देश जारी करते हुए 30 दिनों में नया बिल जारी करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा औसत से अधिक बिल जारी करने को बोर्ड की सेवाओं में कमी करार देते हुए फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में 1500 रूपये हर्जाना और 1500 रूपये शिकायत भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्य रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने मंडी के थनेहडा मुहल्ला निवासी महिमा पुत्री गटु राम की शिकायत को उचित मानते हुए विद्युत बोर्ड के डिविजन नंबर एक के उपमंडलाधिकारी के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया। अधिवक्ता पी पी गोयल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने मकान के लिये बोर्ड से बिजली का कुनेक्शन लिया है। उपभोक्ता को हर माह औसतन 350 से 450 रूपये का मासिक बिल आता था। लेकिन 25 सितंबर 2010 से 30 अकतुबर 2010 की अवधी के लिए बोर्ड की ओर से उपभोक्ता को 24,455 रूपये का बिल सौंपा गया। औसत से अत्याधिक बिल आने के कारण उपभोक्ता ने इस बारे में बोर्ड को ज्ञापन दिया था। लेकिन इस बारे में कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस बारे में बोर्ड का कहना था कि उपभोक्ता के मकान के निरिक्षण के दौरान यह पाया गया था कि उपभोक्ता के पुरे मकान के लिए अवैध कुनेक्शन लिया है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड यह साबित करने में नाकाम रहा कि उपभोकता ने बिजली की चोरी की है। फोरम ने कहा कि चोरी का पता लग जाने के बाद बोर्ड को विद्युत अधिनियम के तहत कार्यवाही करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। फोरम ने बोर्ड की सेवाओं में कमी आंकते हुए औसत से अधिक आए बिल को निरस्त करने के अलावा उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

मातृ भाषा



सपने में देखा कि मां
कहीं खो गई है
ढुंढने से भी नहीं मिल रही
आखिर कहां चली गई है

घर भी वहीं है और घर के भीतर
सहेजी मां की सता भी वहीं है
लेकिन मां नहीं है।
इधर-उधर खोज बीन करता हुं
आगे से पीछे, दाएं से बाएं टटोलता हुं
लेकिन नजरों से नदारद कहीं नहीं दिखती।
मां पहले तो कभी गुम नहीं होती थी
शायद कहीं पडोस में चली गई हो
लेकिन पास पडोस भी खाली

मुझे विश्वास है कि
मां कभी खो नहीं सकती
वह गुम नहीं हो सकती
वह जननी है
प्रथम गुरू भी वही है
उसी ने बतियाना सिखाया
जीवन पथ पर चलना सिखाया
लेकिन अब मुझे उसकी चिंता होने लगी है

इसी चिंता में
सपना टुटा तो पाया कि
मां तो घर में ही है
सब कुछ सहेजती
लेकिन इसके बावजूद
बच्चों की उपेक्षा का दंश झेलती
पहली बार अपना आत्मलोचन किया तो
यह स्मरण हुआ कि
इतिहास का पन्ना बना भुला दी गई मां को
सपने में ही सही
लेकिन कई दिनों के बाद
याद कर पाया हुं मैं

नींद से उठकर टेबिल पर पडे अखबारों
पर नजर दौडाई तो
मेरी मातृ-भाषा के
दर्द के बारे में
हिंदी दिवस पर इनमें
कोई व्कतव्य नहीं छपा था।

----समीर कश्यप
33-9 भगवान मुहल्ला, मंडी, हि.प्र.
98161-55600
sameermandi@gmail.com
14-9-2011



Tuesday, 13 September 2011

चरस तस्करी का आरोपी बरी


मंडी। चरस तस्करी के आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अदालत में पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पर संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हो पाया। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव के न्यायलय ने महाराष्ट्र के रोहित कुमार के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार इसी साल 10 फरवरी को पुलिस का दल ए एस आई राम लाल की अगुवाई में सुककी बाईं के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान एक व्यक्ति की तलाशी लेने पर उसके शरीर से बंधी 320 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन की ओर से इस मामले में 10 गवाहों के बयान कलम बंद करवाए गए। लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता दीपक शर्मा का कहना था कि अभियोजन पक्ष के गवाहों ने आपस में विरोधाभासी ब्यान दर्ज करवाए हैं। जिससे आरोपी पर दोष साबित नहीं होता। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि गवाहों के मौकास्थल से संबंधित बयानों में विरोधाभास है। इसके अलावा अभियोजन द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों से आरोपी पर संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हुआ। ऐसे में आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया।

ट्रैक्टर के टायर 30 दिन में बदलने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने ट्रैक्टर व टायर निर्माता और विक्रेता को उपभोक्ता के ट्रैक्टर  के दो टायर 30 दिनों में बदलने के आदेश दिए। ऐसा न करने पर उन्हे उपभोक्ता को टायरों की कीमत 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करनी होगी। जबकि निर्माता और विक्रेता की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले 3500 रूपये हर्जाना और 2500 रूपये शिकायत भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सदर उपमंडल के गाडल(अलाथु) गांव निवासी गुलाब सिंह पुत्र शेर सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए नेरचौक स्थित बंसी लाल एंड संस शो रूम के प्रबंधक, इंटरनेशनल   ट्रैक्टर लिमिटेड होशियारपूर के मालिक और बिलासपूर के अपोलो टायर के प्रबंधक को संयुकत रूप से सेवाओं में कमी का दोषी करार देते हुए उक्त फैसला सुनाया। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने इंटरनेशनल  ट्रैक्टर के डीलर नेरचौक के शो रूम से एक  ट्रैक्टर खरीदा था। जिसमें अपोलो कंपनी के टायर लगे हुए थे। इन टायरों की 2400 घंटों की वारंटी अवधी थी। लेकिन 900 घंटों तक  ट्रैक्टर को चलाने के बाद ही इसके दोनों पिछले टायर में खराबी आ गई। उपभोक्ता ने शोरूम में टायरों के बारे में शिकायत की जिसके बाद  ट्रैक्टर कंपनी ने विशेषज्ञ से टायरों का निरिक्षण करवाया था। उपभोक्ता को जल्द टायर बदलने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन बाद में उपभोक्ता का मुआवजा इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि उपभोक्ता ने टायरों का प्रयोग असमतल धरातल में किया था जिससे टायरों को क्षति पहुंची। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि टायर में खराबी निर्माणाधीन खराबी थी जो वारंटी अवधी में ही सामने आई थी। ऐसे में फोरम ने वारंटी अवधी में टायर न बदलने को सेवाओं में कमी मानते हुए तीस दिन में टायर बदलने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

अदालतों का कार्य हिन्दी में करने वाले अकेले अधिवक्ता हैं नरेन्द्र


मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में कार्यरत अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार शर्मा प्रदेश के एक मात्र अधिवक्ता हैं जो जिला और अधीनस्थ न्यायलयों का कार्य हिन्दी भाषा में करते हैं। जहां प्रदेश भर के न्यायलयों में अंग्रेजी भाषा में ही कार्यवाही चलती है। वहीं नरेन्द्र प्रदेश भर में एक मात्र अधिवक्ता हैं जो अदालतों का सारा कार्य हिंदी भाषा में ही करते हैं। चाहे किसी मामले में दिवानी दावा बनाना हो, आपराधिक शिकायत दर्ज करनी हो, कोई पुर्ननिरिक्षण याचिका दायर करनी हो या चाहे कोई जवाब पेश करना हो, नरेन्द्र तमाम कार्य हिन्दी में ही करते हैं। हिन्दी भाषा के प्रति इस प्रेम के कारण उन्हे अदालतों में कई बार न्यायधीशों का विरोध भी सहना पडा। वहीं पर कुछ न्यायधीशों ने उन्हें हिंदी में ही काम करने के लिए प्रेरित भी किया। खुद नरेन्द्र कुमार भी यह मानते हैं कि अधीनस्थ न्यायलयों में हिंदी में ही कार्य करते रहने के लिए उन्हे वर्ष 1999 में सुंदरनगर न्यायलय में कार्यरत न्यायिक दंडाधिकारी दुर्गा सिंह खेनल ने प्रेरित किया था। न्यायधीश ने नरेन्द्र के प्रयासों को सराहते हुए उन्हे भविषय में हिंदी में ही कार्य करते रहने के लिए उत्साहित किया था। इसके बाद नरेन्द्र ने आज तक हिन्दी को ही अदालत की भाषा के रूप में प्रयोग किया है। नरेन्द्र का कहना है कि भारतीय संविधान की धारा 345 की व्यवस्था के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार ने जिला स्तर के न्यायलय की भाषा हिन्दी रखी है। प्रदेश उच्च न्यायलय के न्यायमुर्ति एम आर वर्मा ने वर्ष 2000 के निर्णय में जिला स्तर के न्यायलयों की भाषा हिंदी मानी है। नरेन्द्र के अनुसार उतर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदी राज्यों की सरकारों ने अपने उच्च न्यायलयों में हिंदी को लागू करवाया है। लेकिन हिंदी भाषी राज्य होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने अभी तक ऐसी कोई पहल नहीं की है। हिंदी भाषा दिवस के अवसर पर उन्होने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश में भी हिंदी को अदालती कामकाज की भाषा बनाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।

Monday, 12 September 2011

इंदिरा मार्केट के ड्रेस विक्रेता को हर्जाना


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने ड्रेस विक्रेता को उपभोक्ता की 3500 रूपये एडवांस राशी ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए। इसके अलावा विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने उप तहसील बालीचौकी की राजकीय उच्च पाठशाला बांदल की मुख्यध्यापिका की शिकायत को उचित मानते हुए इंदिरा मार्केट कंपलैक्स में स्थित पोषक बुटिक के मालिक हरबंस सिंह के खिलाफ फैसला सुनाते हुए उक्त एडवांस राशी का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता दीपक आजाद के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार मुख्याध्यापिका ने 7 दिसंबर 2010 को विक्रेता पोषक बुटिक को सांस्कृतिक कार्यक्रम की 10 ड्रेसें उपलब्ध कराने का आर्डर दिया था। जिनकी कीमत 6500 रूपये बताई गई थी। उपभोक्ता ने 1000 रूपये बतौर एडवांस विक्रेता को दिए थे और यह ड्रेस उपभोक्ता को 30 दिसंबर को सौंपी जानी थी। उपभोक्ता 20 दिसंबर को किसी कार्यवश विक्रेता की दुकान में गई थी। जिस पर विक्रेता ने उनसे 2500 रूपये की एडवांस राशी और मांग ली। उपभोक्ता ने यह राशी भी अदा कर दी। ड्रेस सौंपने के दिन जब उपभोक्ता विक्रेता की दुकान में गई तो विक्रेता ने ड्रेसें देने में अपनी असमर्थता जताई। उपभोक्ता इसके बाद कई बार विक्रेता की बुटिक में गई लेकिन उन्हे न ही ड्रेसें जुटाई गई और न ही अग्रिम राशी लौटाई गई। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम की कार्यवाही में विक्रेता के भाग न लेने पर एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विक्रेता समय पर ड्रेसें उपलब्ध न करवाकर उपभोकता को सेवाएं मुहैया करवाने में असफल रहा। जिसके चलते फोरम ने सेवाओं में कमी को आंकते हुए विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में एडवांस राशी ब्याज सहित लौटाने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। 

महिला ने पुलिस कर्मी पर लगाया गालीगलौच और धमकाने का आरोप


मंडी। सदर उपमंडल की एक महिला ने एक पुलिस कर्मी के खिलाफ गाली गलौच करने और धमकी देने की शिकायत की है। हालांकि महिला ने जिला पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्यवाही के लिए विगत 23 अगस्त को शिकायत सौंपी थी। लेकिन घटना के 22 दिन बीत जाने के बाद भी इस बारे में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में कडी कार्यवाही का आश्वासन दिया है। सदर उपमंडल के छजवाण खाबू (सरध्वार) निवासी यादविन्द्री पत्नी हेमन्त मधुकर की जिला पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत के अनुसार वह 20 अगस्त को अपने माता-पिता के घर गई हुई थी। जहां पर उसकी एक महिला के साथ किसी पुरानी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इस पर उक्त महिला ने यादविन्द्री को फोन पर किसी व्यक्ति से बात करने को कहा। यादविन्द्री जब फोन सुनने लगी तो फोन कर रहे व्यक्ति ने उसे गाली गलौच करना शुरू कर दिया। उक्त व्यक्ति ने अपने को पुलिस का कर्मी बताते हुए यादविन्द्री को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। उक्त व्यक्ति का कहना था कि वह पुलिस में होने के कारण जो करना चाहे कर सकता है। इस पर यादविन्द्री ने 23 अगस्त को उक्त पुलिस कर्मी की शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक को सौंपी थी। लेकिन यादविन्द्री का कहना है कि पुलिस ने इस बारे में अभी तक उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की है। यादविन्द्री का कहना है कि वह अपने पति के साथ मुम्बई में रहती है जिसके कारण उसे मुम्बई लौटना होगा। लेकिन पुलिस के इतने दिनों तक कार्यवाही न करने से उसे भारी निराशा हो रही है। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक पी डी प्रसाद से संपर्क करने पर उन्होने महिला की शिकायत की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस इस बारे में छानबीन कर रही है। उन्होने बताया कि यादविन्द्री के मुम्बई जाने से पहले ही उनसे शिकायत संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी। जबकि दोषी पाए जाने पर उक्त कर्मी के खिलाफ निश्चित रूप से कार्यवाही की जाएगी। 

Thursday, 8 September 2011

प्लाट आबंटन में देरी पडी हाउसिंग अथारटी पर भारी


मंडी। प्लाट आबंटन में देरी हि. प्र. हाउसिंग एंड अरबन डेवेलपमेंट अथारटी को उस समय भारी पड गई जब जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता की जमा करवाई राशी पर 12 प्रतिशत ब्याज दर अदा करने का फैसला सुनाया। अथारटी को यह ब्याज दर 22 अगस्त 2006 से 21 अकतूबर 2008 तक की अवधी की देनी होगी। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सद्स्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने पैलेस कलौनी निवासी इंजिनियर अरूण कपूर पुत्र के पी कपूर की शिकायत को उचित मानते हुए अथारटी की सेवाओं में कमी आंकते हुए उक्त आदेश दिए। अधिवक्ता हेमंत कपूर के माध्यम से दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अथारटी की सन्यारढी स्थित हाउसिंग कलौनी में एक प्लाट के लिए आवेदन किया। जिस पर अथारटी ने एक पत्र जारी करके उपभोक्ता को प्लाट नंबर 17 आबंटित किया था। अलाटमेंट पत्र में उपभोक्ता ने प्लाट की कुल कीमत की आधी राशी जमा करवानी थी। उपभोक्ता ने तीन लाख रूपये की राशी अथारटी के पास जमा करवा दी लेकिन उपभोक्ता को प्लाट का कब्जा नहीं सौंपा गया। जिससे उपभोक्ता को प्लाट मिलने में देरी हुई। इस बीच अथारटी ने प्लाट की कीमतें बढा दी और उपभोक्ता से अतिरिकत राशी की मांग की गई। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवायी थी। फोरम में अथारटी का कहना था कि प्लाट आबंटन में देरी का कारण विद्युत विभाग और आईपीएच विभाग हैं कयोंकि इन विभागों ने अपना कार्य निश्चित समय में नहीं किया। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि अथारटी ने विभागों को मात्र पत्र लिख कर ही अपना काम पूरा कर लिया जबकि इस बारे में कोई फालो अप नहीं किया गया। हालांकि अथारटी के पास राशी जमा कराने के एक साल में प्लाट आबंटन न होने पर उपभोक्ता को 5 फीसदी ब्याज दर मिलनी थी। लेकिन फोरम ने फैसले में कहा कि अथारटी की लापरवाही का खामियाजा उपभोकता को नहीं भुगतना चाहिए। जिसके चलते फोरम ने उपभोक्ता की जमा करवाई राशी पर बढी हुई 12 प्रतिशत ब्याज दर अदा करने के अलावा शिकायत व्यय भी देने का फैसला सुनाया। 

झूठा ब्यान देने पर पीडिता पर कार्यवाही


मंडी। पीडिता के ब्यान से मुकर जाने और झूठा ब्यान देने पर अदालत ने उसके खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश जारी किए हैं। जबकि इस मामले में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण उसे बरी कर दिया गया। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह के न्यायलय ने दुराचार के एक मामले में पीडिता के अपने ब्यान से मुकर जाने पर संज्ञान लेते हुए उसके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 344 के तहत नोटिस जारी किया। अदालत ने कारण बताओ नोटिस का जवाब जारी करते हुए कहा कि कयों नहीं पीडिता के खिलाफ झूठा बयान दर्ज करवाने की बारे में कार्यवाही की जाए। मामले के तथ्यों के अनुसार पांच बच्चों की मां पीडित महिला ने 19 जुलाई 2009 को औट थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पीडिता का कहना था कि घटना वाले दिन जब वह घर में ही थी तो आरोपी वहां आया और उससे राशन कार्ड मांगा। जब वह राशन कार्ड लेने गई तो आरोपी ने उसके साथ जबरन दुराचार किया था। पीडिता के शोर मचाने पर गांव का ही एक व्यकित मौका पर पहुंचा। जबकि आरोपी मौका से फरार हो गया। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लेने के बाद अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोग के दौरान पीडिता का ब्यान भी दर्ज किया गया। लेकिन वह पुलिस के सामने दिए गए ब्यान से अदालत में मुकर गई। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि गवाहों के मुकरने का प्रचलन समाज में लगातार बढता जा रहा है। झूठा बयान देने की इस कुरीति को समाप्त करने के लिए ऐसा करने वालों पर कार्यवाही होनी चाहिए। हालांकि पीडिता ने पुलिस के पास आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन गवाहों के कटघरे में आते ही पीडिता ने जानबूझ कर झूठा बयान दर्ज करवाया। पीडिता के बयान से यह मामला पूरी तरह से ध्वसत हो गया। इन हालातों में अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया। जबकि झूठा ब्यान दर्ज करवाने पर पीडिता को कारण बताओ नोटिस का जवाब 29 सितंबर को अदालत में पेश करने के आदेश दिए।

Tuesday, 6 September 2011

वैब पोर्टल पर 1000 रूपये हर्जाना ठोंका


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने एक वैब पोर्टल की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोक्ता के पक्ष में 1000 रूपये हर्जाना दो माह के भीतर अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों सत्यभामा व के पी सहगल ने जिला कुल्लू के शरन (नगर) निवासी जीवन सिंह पुत्र चंदे राम की शिकायत को उचित मानते हुए नापतोल कोम युनिट और वेसपरो डिजिटल कंपनी मुमबई के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया। अधिवक्ता एस एम कपूर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने वैब पोर्टल नापतोल कोम युनिट को वैसपरो डिजिटल का एक मिनी लैपटाप खरीदने का आर्डर दिया था। इस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न प्रकार का सामान बेचा जाता है। उपभोक्ता को पोर्टल से एक पार्सल प्राप्त हुआ जिसे उन्होने डाक कर्मियों की उपस्थिति में खोला तो यह पुरानी पत्रिकाओं से भरा हुआ था। इसके बाद उपभो्क्ता ने कई बार उक्त कंपनियों को संपर्क कर लैपटाप भेजने को कहा। लेकिन कंपनियों की ओर से कोई कार्यवाही न किए जाने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम की कार्यवाही में कंपनियों के शामिल न होने पर एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनियों ने यह माना है कि उन्होने गल्ती से उपभोक्ता तक उनका सामान नहीं पहुंचाया। हालांकि कंपनियों ने उपभोक्ता को चैक के माध्यम से लैपटाप की कीमत वापिस कर दी थी। लेकिन यह राशी भी देरी से उ्पभोक्ता को जारी की गई। जो कंपनियों की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में कंपनियों की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में फोरम ने उक्त हर्जाना राशी और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। 

नयी बैटरी 30 दिन में देने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता के मोटर साईकिल की बैटरी 30 दिन में ठीक करने या इसके बदले नयी बैटरी देने का फैसला सुनाया। इसके अलावा विक्रेता की सेवाओं में कमी आंकते हुए 1500 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए गए। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों सत्यभामा व के पी सहगल ने ढालपूर निवासी कपिल ठाकुर पुत्र हीरा सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए बैटरी विक्रेता सरवरी बाजार सथित साईला मोटोरज के मालिक के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया। अधिवक्ता ललित ठाकुर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने विक्रेता से 20 नवंबर 2009 को अपने मोटरसाईकिल के लिए एक बैटरी खरीदी थी। जिसकी 15 महिने की वारंटी थी। लेकिन अप्रैल 2010 में बैटरी ने काम करना बंद कर दिया। जिस पर विक्रेता ने मैकेनिक भेज कर इसे ठीक करवाया। लेकिन जून माह में बैटरी फिर से खराब हो गई। उपभोकता ने विक्रेता को संपर्क किया लेकिन बैटरी ठीक नहीं हो पाई। जुलाई माह में विक्रेता ने उपभोक्ता को बताया कि बैटरी मंडी स्थित मुख्य सर्विस सटेशन में ही ठीक हो सकती है जिसमें करीब दो सप्ताह का समय लगेगा। लेकिन इस बीच प्रयोग करने केलिए विक्रेता ने उपभोक्ता को विकल्प के रूप में कोई बैटरी मुहैया नहीं करवाई। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम की कार्यवाही में विक्रेता के भाग न लेने पर फोरम ने एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विक्रेता उपभोक्ता को सेवाएं प्रदान करने में असफल रहा जो सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता की बैटरी 30 दिन में ठीक करने या इसके बदले नयी बैटरी देने के आदेश दिए। जबकि विक्रेता की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Friday, 2 September 2011

उपभोक्ता के पक्ष में बीमा कंपनी को 2,61,543 रूपये ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने एक बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 2,61,543 रूपये की राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 10 हजार रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट सर्किट बेंच के दौरान सुनाए फैसले में गोपालपुर निवासी विनोद पूरी के पक्ष में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त राशी का भुगतान 9 फीसदी ब्याज दर सहित करने के आदेश दिए। अधिवक्ता एस के वर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने तताहर(नवाही) गांव में मैसर्ज त्रिमुर्ति टायर मोलडिंग वकर्स के नाम से अपना व्यवसाय शुरू किया था। उद्योग स्थापित करने के लिए उन्होने ग्रामीण बैंक से वितिय सहायता लेकर अपने प्लांट को बीमा कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधी के दौरान उपभोक्ता के प्लांट में आग लग जाने से वहां रखा सामान क्षतिग्रस्त हो गया था। उपभोक्ता ने घटना की सूचना पुलिस में दर्ज करवा कर बैंक को भी सूचित किया था। बैंक ने इस घटना की सूचना कंपनी को दी थी। जिस पर कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती कर नुक्सान का आकलन किया था। लेकिन कंपनी के मुआवजा अदा न करने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी यह साबित करने में नाकाम रही कि उपभोक्ता ने बीमा पालिसी की किसी शर्त का उल्लंघन किया हो। उपभोक्ता को मुआवजा जारी न करने को कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए फोरम ने मुआवजा राशी बयाज सहित अदा करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी देने का फैसला सुनाया। 

देवताओं और डायनों के युद्ध में इस बार डायनें जीती


मंडी। गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंडी के विभिन्न मंदिरों में जाग का आयोजन हुआ। देवधार मंदिर में हुई जाग के दौरान इस बार देवताओं और डायनों के बीच हुए युद्ध में डायनों की जीत हुई है। जिला की सनोर घाटी के जला गांव के प्राचीन गणेश मंदिर में जलौउणी गणेश चौथ पर हुई जाग में मंडी और कुल्लू जिला के हजारों लोगों ने भाग लिया। मंदिर के पुजारी भवानी दत शर्मा और मंदिर प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी अतुल शर्मा ने बताया कि सबसे पहले आदि गणेश का वैदिक पूजन किया गया। जिसके बाद 108 कलश और दीप प्रज्जवलित करके गणेश भगवान की अर्चना की गई। जला गांव में सथित गणेश भगवान के भंडार से देवता का रथ मंदिर तक पहुंचाया गया। जहां पर जाग का समारोह आयोजित हुआ। जाग के दौरान लोगों के कष्टों का निवारण देवता के गुर के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर मंडी और कुल्लू जनपद के हजारों श्रद्धालुओं ने बढ चढ कर भाग लिया। वहीं मंडी के समीपवर्ती देवधार गांव में स्थित सत बालाकमेश्वर मंदिर में भी जाग का आयोजन हुआ। प्राचीन समय से आयोजित होने वाली इस जाग में भी हजारों लोगों ने अपनी शिरकत की। रात करीब 12 बजे देवता के भंडार से मंदिर के लिए मशालें उठाए हुए श्रद्धालु जयकारों का उदघोष करते हुए मंदिर तक पहुंचे। जिसके बाद मंदिर के कपाट खोले गए। मंदिर कमेटी के प्रधान भूप चंद शर्मा, स्थानिय निवासी विकास शर्मा, धीरज शर्मा, मनीष कटोच, सोनू, पुषपराज शर्मा और पाल ने बताया कि जाग के दौरान देवता के गुर सहित हार के करीब 200 लोगों ने खेल में भाग लिया। इसके बाद सुबह होने तक प्रश्नों और खेलों का सिलसिला सुबह तक चलता रहा। जाग का रोचक पहलू यह रहा कि देवताओं और डायनों के मध्य हुए युध के दौरान इस बार डायनों की जीत हुई। परंपरागत विश्वास के अनुसार डायनों की जीत से आर्थिक संपन्नता आती है लेकिन जान माल का नुकसान होता है।

उपायुक्त कार्यालय में नगर नियोजन के कायदों को ताक पर रख हो रहा निर्माण




मंडी। ऐसा लगता है कि नगर नियोजन के सारे कायदे कानून जनता पर ही लागू होते हैं। जबकि प्रशासन इन कायदे कानूनों के दायरे से बाहर है। तभी तो प्रशासन कानूनों के प्रावधानों की अनदेखी कर अपनी मनमर्जी से निर्माण करता है। लेकिन शायद यह भूला दिया जाता है कि इसका आम जनता में क्या संदेश जाएगा। इन दिनों उपायुकत कार्यालय के प्रवेश द्वार की पोर्च के ऊपर एक कमरे का निर्माण कार्य चल रहा है। यह निर्माण न केवल देखने में बदसूरत लग रहा बल्कि इससे उपायुक्त कार्यालय के खूबसूरत भवन की शोभा भी खराब हो गई है। सुत्रों से पता चला है कि इस निर्माण के लिए उपायुक्त कार्यालय की ओर से नगर निगम विभाग की अनुमती भी नहीं ली गई है। जिससे प्रतीत होता है कि प्रशासन का नगर नियोजन विभाग जैसी संस्था के प्रति कोई सम्मान नहीं है। जबकि शहरों में इस विभाग की विशेष अहमियत होती है। इसी तरह का निर्माण कार्य जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के प्रवेश द्वार के पोर्च के ऊपर किया जा रहा है। इस भवन में एक खिडकी को हटा कर पोर्च के ऊपर की छत में भी एक कमरा बनाया जा रहा है। सुत्रों से पता चला है कि पुलिस विभाग यहां पर एक कैंटीन बनाने की सोच रहा है। उल्लेखनीय है कि मंडी में पहले भी नगर नियोजन के मामलों में प्रदेश उच्च न्यायलय हस्ताक्षेप कर चुका है। उपायुक्त कार्यालय में कुछ साल पहले भी नगर नियोजन नियमों का उल्लंघन करके बिना अनुमति से ऊपरी मंजिल में कुछ कमरों का निर्माण कार्य करवाया गया था। आरटीआई बयुरो के संयोजक लवण ठाकुर ने उपायुक्त कार्यालय में प्रवेश द्वार की पोर्च पर बिना अनुमति से हो रहे निर्माण कार्य की शिकायत मंडी के नगर नियोजक को की है। उन्होने शिकायत के माध्यम से मांग की है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों को नोटिस जारी करके यह निर्माण कार्य तुरंत बंद करवाया जाए। इसके अलावा दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही अमल में लाई जाए। इधर, इस बारे में जब नगर नियोजक सुनील कपूर से बात की गई तो उन्होने बताया कि वह इस समय स्टेशन से बाहर हैं। इस बारे में वह मंडी आकर ही बता सकती हैं। वहीं पर जब उपायुकत मंडी देवेश कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होने कहा कि उन्हे इस निर्माण के बारे में जानकारी नहीं है। यह कार्य उनकी तैनाती से पहले शुरू हुआ है। 

दूध का दाम बढाने का किया स्वागत


मंडी। प्रदेश सरकार द्वारा दूध का दाम एक रूपये बढाने के निर्णय का पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष दलीप सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का धन्यावाद किया है। उन्होने कहा कि दुग्ध उत्पादकों की मांग को तवज्जो देते हुए दूध का दाम एक रूपया बढाने का कदम स्वागत योग्य है। उन्होने कहा कि अगर दाम 4 रूपये और बढा दिए जाएं तो दुग्ध उत्पादन का क्षेत्र बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है। उन्होने कहा कि दुग्ध गंगा योजना से बेरोजगार ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार का एक अच्छा साधन मिल गया है। लेकिन मौजूदा दौर में दुग्ध उत्पादन के व्यवसाय को अपनाना बेहद चुनौतीपूर्ण है। क्योंकि पशुओं के चारे आदी के लिए उत्पादकों को भारी खर्चा उठाना पडता है। दूध का उचित दाम मिलने से उत्पादक अपनी आर्थिकी सुदृढ कर पाने में सक्षम होंगे और दुग्ध उत्पादन में नये कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

स्पीड पोस्ट समय पर न पहुंचाने पर डाक विभाग को हर्जाना


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने स्पीड पोस्ट समय पर गंतव्य तक न पहुंचाने को डाक विभाग की सेवाओं में कमी मानते हुए उपभोक्ता के पक्ष में 25 सौ रूपये हर्जाना दो माह में अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा विभाग को 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्य रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट तहसील के पारगी (समैला) स्थित विवेकानंद माडल स्कूल के प्रधानाचार्य राज पाल शर्मा की शिकायत को उचित मानते हुए चीफ पोस्ट मास्टर, मुख्य डाकघर धर्मशाला और शिमला के खिलाफ उक्त आदेश पारित किए। फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता पिछले 10 सालों से पारगी में पाठशाला चला रहे हैं। गत वर्ष 24 फरवरी को उपभोक्ता ने शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सैक्शन आफिसर को दो पत्र प्रेषित किए थे। इनमें से एक पत्र तो 26 फरवरी को बोर्ड में प्राप्त हो गया। लेकिन दूसरा पत्र 2 मार्च को पहुंचा। इस पत्र में उपभोक्ता ने अपनी पाठशाला के सम्बधता(एफीलिएशन) से संबंधित दस्तावेज भेजे गए थे। बोर्ड में पत्र के समय पर न पहुंच पाने के कारण पाठशाला की सम्बधता समाप्त कर दी गई। जिससे उपभोक्ता के स्कूल में पढने वाले 15 छात्रों ने पाठशाला छोड दी थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विभाग ने लापरवाही से कार्य करते हुए 24 फरवरी को प्रेषित की गई स्पीड पोस्ट को 2 मार्च को गंतव्य तक पहुंचाया। विभाग की कार्यप्रणाली को सेवाओं में कमी करार देते हुए फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में हर्जाना राशी और शिकायत व्यय अदा करने का फैसला सुनाया। 

14 माह से कर्मी को नहीं हुआ भुगतान


मंडी। हिमाचल प्रदेश विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एच पी एम सी) के एक कर्मी को सेवानिवृति के 14 महीने बीत जाने के बाद भी एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। विभाग से 31 मई 2010 को सेवानिवृत हुए प्रयोगशाला अटेंडेंट भाग चंद को अब एरियर की दो लाख रूपये की राशी के लिए एचपीएमसी कार्यालय के चक्कर लगाने पड रहे हैं। हालांकि उन्होने इस बारे में निगम के उच्चाधिकारियों के समक्ष भी यह मामला उठाया है। भाग सिंह एचपीएमसी के जडोल (सुंदरनगर) संयंत्र से सेवानिवृत हुआ था। लेकिन उनको छुट्टियों का वेतन (लीव एनकैशमेंट) और नये वेतनमान का 1 जनवरी 2006 से भुगतान नहीं किया गया। भाग सिंह ने इस संदर्भ में सूचना के अधिकार के तहत निगम के प्रबंध निदेशक से सूचना मांगी थी। जिस पर निगम ने इन सूचनाओं की जानकारी दी है कि निगम ने अभी तक अपने कर्मचारियों को नए वेतनमान के एरियर का भुगतान का निर्णय नहीं लिया है। निगम के प्रबंध निदेशक ने बताया कि जब तक बीओडी की बैठक में कोई फैसला नहीं होता तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...