मंडी। मात्र छ: साल की नाबालिग बच्ची से दुराचार करने के आरोपी को अदालत ने 10 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 6 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने सरकाघाट तहसील के जमौई गांव निवासी जीवन राम पुत्र ज्ञान चंद के खिलाफ भादंसं की धारा 376 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया। आरोपी पर धारा 451 के तहत पीडिता के घर में अनाधिकृत प्रवेश का मामला भी साबित होने पर एक साल के साधारण कारावास और 5000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि जुर्माना समय से न भरने पर आरोपी को 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। उक्त दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडिता के दादा खेतों में काम करने गए थे। जबकि घर में पीडिता, उसका भाई और दादी मौजूद थे। पीडिता कमरे में टीवी देख रही थी। जबकि उसका भाई और दादी उपर की मंजिल में थे। इसी दौरान आरोपी ने पीडिता के कमरे में प्रवेश करके उससे दुराचार की कोशीश की। पीडिता ने शोर मचाया लेकिन टीवी की आवाज में उसकी आवाजें सुनाई नहीं दी। इसके बाद जब पीडिता की दादी ने दरवाजा खोला तो आरोपी वहां से फरार हो गया। हालांकि दादी ने आरोपी को पहचान लिया था। पीडिता के दादा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी एस एस कौंडल ने 15 गवाहों के बयान अदालत में कलमबंद करके मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि घटना के समय पीडिता की आयु मात्र 6 साल थी। ऐसे में आरोपी के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
Saturday, 1 October 2011
नाबालिगा से दुराचार के आरोपी को 10 साल की कैद
मंडी। मात्र छ: साल की नाबालिग बच्ची से दुराचार करने के आरोपी को अदालत ने 10 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 6 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने सरकाघाट तहसील के जमौई गांव निवासी जीवन राम पुत्र ज्ञान चंद के खिलाफ भादंसं की धारा 376 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया। आरोपी पर धारा 451 के तहत पीडिता के घर में अनाधिकृत प्रवेश का मामला भी साबित होने पर एक साल के साधारण कारावास और 5000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि जुर्माना समय से न भरने पर आरोपी को 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। उक्त दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडिता के दादा खेतों में काम करने गए थे। जबकि घर में पीडिता, उसका भाई और दादी मौजूद थे। पीडिता कमरे में टीवी देख रही थी। जबकि उसका भाई और दादी उपर की मंजिल में थे। इसी दौरान आरोपी ने पीडिता के कमरे में प्रवेश करके उससे दुराचार की कोशीश की। पीडिता ने शोर मचाया लेकिन टीवी की आवाज में उसकी आवाजें सुनाई नहीं दी। इसके बाद जब पीडिता की दादी ने दरवाजा खोला तो आरोपी वहां से फरार हो गया। हालांकि दादी ने आरोपी को पहचान लिया था। पीडिता के दादा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी एस एस कौंडल ने 15 गवाहों के बयान अदालत में कलमबंद करके मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि घटना के समय पीडिता की आयु मात्र 6 साल थी। ऐसे में आरोपी के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
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