मंडी। चैक बाऊंस के मामले में अदालत ने एक आरोपी को 6 माह के कारावास और 5 लाख 80,000 रूपये हर्जाने की सजा सुनाई है। आरोपी को यह हर्जाना राशि चार माह के भीतर अदा करनी होगी। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मेहता के न्यायलय ने उप तहसील औट के टकोली निवासी ज्ञान चंद पुत्र भाग चंद की शिकायत पर निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत चलाए अभियोग के साबित होने पर उप तहसील बालीचौकी निवासी किशोरी लाल पुत्र येल राम को उक्त सजा का फैसला सुनाया। अधिवक्ता समीर कश्यप के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी ने वर्ष 2007 में ज्ञान चंद से 5,50,000 रूपये की राशि बतौर ऋण ली थी। आरोपी ने यह राशि जल्द लौटाने की बात कही थी। लेकिन राशि न लौटाने पर जब शिकायतकर्ता ज्ञान चंद ने आरोपी को संपर्क किया तो उन्हे एक चैक जारी कर दिया गया। चैक को बैंक में भुगतान के लिए लगाने पर यह आरोपी के खाते में प्र्यापत राशि न होने के कारण बाऊंस हो गया था। ऐसे में शिकायतकर्ता ने आरोपी को कानूनी नोटिस जारी करके 15 दिनों में भुगतान को कहा था। लेकिन इसके बावजूद भी राशि की अदायगी न होने पर शिकायतकर्ता ने अदालत में शिकायत दायर की थी। शिकायत के आधार पर अदालत ने आरोपी के खिलाफ निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत अभियोग चलाया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से पेश किये गए दस्तावेजों और साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित हुआ है। बुधवार को सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी को यह हर्जाना राशि 4 माह में अदा करनी होगी। Wednesday, 29 May 2013
चैक बाऊंस के आरोपी को 6 माह का कारावास 5,80,000 रूपये हर्जाने की सजा
मंडी। चैक बाऊंस के मामले में अदालत ने एक आरोपी को 6 माह के कारावास और 5 लाख 80,000 रूपये हर्जाने की सजा सुनाई है। आरोपी को यह हर्जाना राशि चार माह के भीतर अदा करनी होगी। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मेहता के न्यायलय ने उप तहसील औट के टकोली निवासी ज्ञान चंद पुत्र भाग चंद की शिकायत पर निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत चलाए अभियोग के साबित होने पर उप तहसील बालीचौकी निवासी किशोरी लाल पुत्र येल राम को उक्त सजा का फैसला सुनाया। अधिवक्ता समीर कश्यप के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी ने वर्ष 2007 में ज्ञान चंद से 5,50,000 रूपये की राशि बतौर ऋण ली थी। आरोपी ने यह राशि जल्द लौटाने की बात कही थी। लेकिन राशि न लौटाने पर जब शिकायतकर्ता ज्ञान चंद ने आरोपी को संपर्क किया तो उन्हे एक चैक जारी कर दिया गया। चैक को बैंक में भुगतान के लिए लगाने पर यह आरोपी के खाते में प्र्यापत राशि न होने के कारण बाऊंस हो गया था। ऐसे में शिकायतकर्ता ने आरोपी को कानूनी नोटिस जारी करके 15 दिनों में भुगतान को कहा था। लेकिन इसके बावजूद भी राशि की अदायगी न होने पर शिकायतकर्ता ने अदालत में शिकायत दायर की थी। शिकायत के आधार पर अदालत ने आरोपी के खिलाफ निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत अभियोग चलाया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से पेश किये गए दस्तावेजों और साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित हुआ है। बुधवार को सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी को यह हर्जाना राशि 4 माह में अदा करनी होगी।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच
मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...
-
राहुल सांकृत्यायन की श्रेष्ठ कृति दर्शन-दिग्दर्शन का अध्ययन पूरा हुआ। दर्शन जैसे विषय पर मेरे जीवन में पढ़ी गई शायद यह पहली पुस्तक है। प...
-
मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में शुक्रवार को एंटी टैरोरिजम दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया की अध्यक्षता...
-
मंडी। रिश्वत लेने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने दो पटवारियों को बरी करने का फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक...
अभी अपील बाकि है निचे तो सजा ९९% होती है | अगर धेर्य रखा जाये तो रिविजन से राहत मिल सकती है इसके पूर्व कोई रहत की संभावना नहीं है............खुलासा नहीं कर सकता .............
ReplyDelete