Thursday, 31 October 2013
सर्किट बेंच का फैसला अधिवक्ताओं के लिए चौबिस- अठतालिसः भारत भूषण शर्मा
Tuesday, 29 October 2013
अधिवक्ताओं द्वारा अदालतों का बाहिष्कार जारी
Monday, 28 October 2013
अधिवक्ताओं की संघर्ष समिति ने किया एक हफ्ते हडताल का ऐलान
Friday, 25 October 2013
रिवालसर में अवैज्ञानिक तरीके से रंग हटाने से धरोहरों को खतरा
Thursday, 24 October 2013
जिला बार एसोसिएशन की हडताल शनिवार तक जारी रहेगी
पिक्चर- प्रशांत शर्मा एडवोकेट
Wednesday, 23 October 2013
जिला बार एसोसिएशन ने सर्किट कोर्ट के विरोध में हडताल की
Tuesday, 22 October 2013
बीमा कंपनी को 92,000 रूपये ब्याज सहित अदा करने के आदेश
जिला बार एसोसिएशन ने किया दो दिवसीय हडताल का ऐलान
Monday, 21 October 2013
बीमा कंपनी को 2,01,620 रूपये अदा करने के आदेश
Sunday, 20 October 2013
साक्ष्यों के अभाव में चरस रखने का आरोपी बरी
Saturday, 19 October 2013
बार एसोसिएशन ने सर्किट कोर्ट के विरोध में हडताल की
Friday, 18 October 2013
चरस सहित पकडे जाने पर 5 साल की कठोर कारावास और 50,000 रूपये जुर्माना
मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को पांच साल के कठोर कारावास और 50,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना न अदा करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने थुनाग तहसील के बागा चनौगी निवासी ओम प्रकाश पुत्र राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 8 जनवरी 2010 को सुंदरनगर की बीएसएल कलौनी पुलिस का दल थाना प्रभारी मदन मोहन की अगुवाई में नरेश चौक पर तैनात था। इसी दौरान धनोटु की ओर से आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देख कर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस दल ने आरोपी को काबू करके उसकी तलाशी ली तो उसके पिठु बैग में से एक किलो चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत में शुक्रवार को सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से नरम रूख अपनाने की मांग की गई। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस तरह के मामलों में इन दिनों चेतावनीपूर्ण बढौतरी हो रही है ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की विस्तार से सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा कि आरोपी से बरामदशुदा चरस गैर व्यवसायिक मात्रा में है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
Thursday, 17 October 2013
उपमंडल पर सर्किट कोर्ट लगाने का जिला बार एसोसिएशन ने किया विरोध
Wednesday, 16 October 2013
सदयाणा की बस खराब होने से लोगों को परेशानी
मंडी। सदयाणा और कोट को जाने वाली परिवहन निगम की बस के पिछले दो दिनों से रास्ते में ही खराब हो जाने से लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड रहा है। स्थानिय वासी देशराज और ललित ने बताया कि सदयाणा और कोट को जाने वाली बस पिछले दो दिनों से रास्ते में ही खराब हो रही है। जिससे इन गांवों के लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड रहा है। उन्होने निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक को इस रूट पर ठीक बस भेजने का आग्रह किया है। इधर, क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद ने बताया कि बस में खराबी आ गई थी। लेकिन खराबी का पता चलते ही अब इसे ठीक कर दिया गया है।
भागवत कथा से माहौल भक्तिमय
चेत राम ठाकुर के मिल्क फेड का अध्यक्ष बनने पर आभार जताया
Monday, 14 October 2013
रामनगर महल्ले री सैर
रामनगर महल्ले री सैर (मंडयाली लेख-11)
आपणी सांझकणी सैरा जो जारी रखणे कठे मेरे अंदरा ले भारी दबाब हा। दरअसल इन्हा सैरा के मेरा मंडयाली बिच लिखणे रा जे क्रम शुरू हुइरा हाउं तेता जो रोकणा नीं चाहंदा। इधी कठे नी जे भई मुंजो मंडयाली लिखणे ले कुछ मिलणे री उम्मीद ही। बल्कि मुंजो लगहां भई ये मेरे शैहरा होर प्रदेशा रा मेरे परा एक कर्जा हा जे मुंजो हे चुकाणा पौणा। अगर हाउं कुछ लिखणा-पढणा सिखी गईरा ता मुंजो तेसा भाषा बिच बी से लिखणा चहिए जे मेरी जिंदगी रा हिस्सा हा। मुंजो लगहां भई मंडयाली बिच लिखुआं हाउं ज्यादा धरातला परा जाई के अभिव्यक्त करी सकहां। इधी कठे सांझकणी सैरा रे कठे आपु जो मानसिक रूपा के तैयार करी के हाउं कई बार टलणे बाद आखिरकार चली हे पौहां। सुकेता (सुंदरनगरा) ले आउणे वाली सुकेती खाड पुलघराटा बाले मंडी शैहरा पौंहचाईं। पुलघराटा ले पाडला रे पुराणे पुला तक सुकेती खाडा रे पुठे हाथा बखौ रामनगर महल्ला बसीरा। खाडा ले टारना पहाडी रे उपरा तका ये महल्ला फैलीरा। पुराणे सुकेती पुल्हा से सौगी हे विश्वकर्मा रा मंदर होर हाल बणीरा। ये हाल शैहरा बिच हुणे करूआं शादी-ब्याह, क्रार्यक्रमा होर मिटिंगा कठे प्रयोग हुआं। मंदर रे सौगी हे एक बायं ही। पर ऐसा बाईं री हालत बडी खराब हुई गईरी। होर जल्दी थे जल्दी ये प्राकृतिक जल स्त्रोत ठीक कितया जाणा चहिए। रामनगर महल्ले बिच सभी थे महत्वपुर्ण स्थल बरसेला मॉनुमैंट है। ये स्मारक 1637 ई. ले बादा रे मंडी रे इतिहासा पर बडी महत्वपूर्ण जानकारी देहां। जेबे मंडी रे राजे गुजरी जाहें थे ता तिन्हा री राणियां होर खवासियां बी तिन्हा के सती हुई जाहीं थी। इन्हा राजेयां सौगी राणियां और खवासियां रे सती हुणे री याद जिउंदी रखणे कठे पाथरा रे स्तंभ बनाए जाहें थे।
बरसेला स्मारक मंडी रे इतिहासा जो दसहां। ऐस स्मारका रा महत्व देखदे हुए भारतीय पुरातत्व विभागा वालेयां ये आपणे नियंत्रणा बिच लेई लीतीरा। रामनगरा जो जाणे वाली सडका रे चौका बाले ले पुठे हाथा बखौ एक गली हेठा बखौ उतरुआं ऐस स्मारका बाले पुजहाएं। ये गली अग्गे जाईके तहसीला बाले मिलहाईं। चौका पर एस स्मारका जो दर्शाणे कठे कोई बी बोर्ड नहीं लगीरा जेता के पता चलो भई एस स्मारका जो देखणेओ जाणे कठे रस्ता किन्हुए हा। विभागा जो सडका पर बोर्ड लगाई के एस स्थल रा महत्व होर रस्ता ठीक ढंगा के दसणा चहिए। रामनगर महल्ला मंडी ले सुंदरनगरा बखौ जाणे वाली पुराणी सडका रे उपर होर हेठली बखौ बसीरा। पहले शिमले चंडीगढा बखौ एस सडका ले हे जाहें थे। बाईपास बणने ले ऐस सडका पर ट्रैफिका री मार थोडी कम हुईरी। पर अझे बी ट्रैफिका रा हाल ये हा भई सडक कम चौडी हुणे करूआं कई बार जाम लगीरा रैहां। प्रशासन ऐभे ऐस सडका जो वन वे करने री योजना पर काम करी करहां। एसा सडका रे दोनो बखौ रामनगरा रा बाजार हा। एस महल्ले री सभी थे बडी खासियत ये ही भई इथी सभी धर्मा रे लोग मिलीजुली कने रैहाएं। इहां ता इथी मंडी रे लोक बी पुराणे जमाने ते बसीरे पर इथी ज्यादातर आबादी बादा बिच बाहरा ले आईरे अल्पसंख्यक समुदाया री ही।
रामनगरा सिख धर्म रे नामधारी होर नीलधारी लोग ज्यादा रैहाएं। मंगवाईं महल्ले री शुरूआता बिच हे होटल किंगसिटी होर दो-तीन होटल हे। इथी हे जीबे भाई री दुकान ही। जीवा कांग्रेसा रे नेता हा होर कई साला ले मंत्री अनिल शर्मा के जुडीरा। इन्हा री चाही री दुकाना भ्यागा ले हे राजनिती री गपशप शुरू हुई जाहीं। नारायण सिंह मेरा क्लासफेलो हुआं था आजकाले बाहर रैहां। इन्हा री कुल्फियां री फैक्टरी मुंजो अझी बी याद ही। बचपना बिच फुटबाल खेलुआं आउणे बाद नारायण, काला होर तिन्हा रा छोटा भाई चुपचाप कुल्फियां निकालुआं सारी टीमा जो खवाहें थे। नारायणा रे घरा पारा बखौ हरिशु होरी रा घर हा। इन्हा रे पिता जी के बी आसारी बडी दोस्ती ही। रिशु आसारे वक्ता बिच फुटबाला रा सभी थे शानदार खिलाडी रैहा। रिशुए आपणे फुटबाला रे कैरियरा बिच देश रे लगभग सारे नामीगिरामी फुटबाल टीमा के मैच खेलीरे। आजकाले हरिशे आपणे घरा उपरा बखौ स्पोर्टसा री दुकान पाईरी। हरिशु रा भाई जीतू आजकाले फुटबाला रे कोचा री नौकरी करहां। हरिशा री दुकाना अगे विक्रम पठानिया (बावे) होरी री दुकान ही। बावा बी मंगवाईं महल्ले रा फुटबाल प्लेयर रैहीरा। बावे री दुकाना उपरा बखौ एडवोकेट कमल सैणी होरी रा घर हा। एडवोकेट कमल सैणी वकालता रे सौगी-2 फोटोग्राफी रा शौक बी रखाहें। आजकाले इन्हा रे खीचीरे फोटो काफी पसंद किते जाई करहाएं। बावे री दुकाना रे थोडी अग्गे रामनगरा रे पुर्व पार्षद अवनिंदर सिंह होरी री दुकान ही। इन्हा री दुकाना सामणे मनीष दुग्गल होरिये आपणी नौवीं दुकान बनाईरी। इथी हे थोडी दूर अगे हैस्बी गन फैक्टरी ही। ऐता रे सौगी हे सुरेश शर्मा, हरिसिंह, रणिया होर भागी री दुकान ही। मंगवाई महल्ले बिच कई सरकारी दफ्तर हे। सडका रे हेठा बखौ एक लिंक तहसीला जो जाहां। तहसीला रे भवना बिच आबकारी काराधान होर पर्यटन विभागा रे दफ्तर बी हे। जबकि पाडल, रामनगर, टारना होर भगवाहन महल्ले रे पटवारियां रे दफ्तर बी इथी हे। तहसीला सौगी हे विजिलेंस एंड एंटी करप्शना रे एसपी रा दफ्तर हा। जबकि नबी रे सौहरे सक्सेना होरी रे घरा एनसीबी रा दफतर हा। इथी ले बरसेले बखौ जाणे वाली गली बिच तहसीलदार होर कर्मचारियां रे क्वाटर हे। बरसेले रे नेडे हे फुटबाला रे खेला बिच मंडी रा नावं रोशन करने वाले कई खिलाडियां रे घर हे। जिन्हा बिच सुनील भाई, सोमा भाई, छोटु भाई, (नीनी होर नीटी) भाई, लाला भाई होर सुरेश भाई बगैरा। इधी ले अलावा बी रामनगरा बिच फुटबाल, क्रिकेट होर बाकी खेल खेलणे वालेयां री एक लंबी फेहरिस्त ही। जिन्हा बिच आसे जस्सी भाई, सतीश, डीडी, रूपलाल, सुभाष, रोशन, भागी, सुरेश, महेश, राजेन्द्र, भोला भाई, कुकु भाई, मिंटु होर टाईगरा होरी रा नावं लेई सकहाएं। तहसीला ले उपरा बखौ एक गली नाले रे सौगी-2 कुमी राम होर एडवोकेट इन्द्रा होरी रे घरा बखौ जाहीं। तहसीला अग्गे विख्यात गुलेरिया एडवोकेटा होरी रा घर हा। ऐते अगे कोर्टा रे क्रिमिनल एहलमद राकु भाई होरी रा घरा हा। सामहणे नंबरदार तारा सिंह सरदारा होरी रा घर हा। ऐता रे सौगी हे सामणे बखौ नगर परिषदा रा शौचालय हा। पर देखरेखा रे बगैर ये काम नीं करी करदा। हालांकि ऐता जो बनाणे कठे कमेटिए कई लाख रूपये रा खर्चा कितीरा। इथी हे एक पुराणा पीपल हा। ऐता ले हेठा बखौ पशु चिकित्सालय हा। जबकि उपरा बखौ जाणे वाले सडक एडीजे साहब होर सीजेएम साहब रे रैजीडैंसा जो जाहीं। ऐसा हे सडका पर अग्गे प्रेस क्लब मंडी रा भवन हा। हालांकि प्रेस क्लबा रे ऐस भवन ले कई गतिविधियां चली सकहाईं पर फिलहाल क्लबा री गतिविधियां पुरी तरहा के ठप्प पईरी। सरकारा जो क्लब रे सौगी वाली जमीन क्लब जो देई के इथी रा समुचित प्रयोग करना चहिए। पीपला रे अगे पंडत ब्रदर्जा री दुकाना ही। एते अग्गे भानू पठानिया भाई होरी री बर्फा री फैक्टरी ही। भानू भाई रे पिता जी मेरे दादा जो आपणा गुरू मनहाएं थे। अझी तका इन्हा रा परिवार आसारे परिवारा के गुरू-शिष्या वाला रिश्ता मनुआं आसा के मिलहाएं होर बरताएं। भानू भाई रे घरा रे सामहणे नामधारी धर्मशाला ही।
इथी तडके ले हे नामधारी समुदाय रे लोका रा पौंहचणा शुरू हुई जाहां। इथी ले थोडा अग्गे जस्सी भाई, भोला भाई और कुकु भाई रा घर होर तिन्हा री बीरी सिंह एंड सन गन फैक्टरी ही। इथी हे सामहणे रणिया भाई आटो रिपेयरा री दुकान करहाएं। सौगी हे टाइगर भाई रा घर बी हा। ऐते थोडी अगे ले एक सडक जिला पंचायत अधिकारी रे दफ्तरा जो जाहीं। जबकि सडका ले हेठा बखौ जाणे वाले गली बिच प्रसिध पत्रकार बीरबल शर्मा होरी रा घर हा। बीरबल शर्मा एक ऐहडी शख्शियत हे जिन्हे लगभग सारे प्रदेशा री यात्रा करी कने पहाडा रा जन जीवन आपणे कैमरे बिच समेटी लीतीरा। इन्हा री एनएच-21 पर बिंद्रावणी हिमाचल दर्शन आर्ट गैलरी बिच यों सारी पिक्चरा लोका रे प्रदर्शन कठे रखीरी। ऐसा गैलरी रे माध्यमा ले लोका जो एकी हे छता थाल्हे पूरे प्रदेशा रे दर्शन चित्रा रे माध्यमा के हुई जाहें। बीरबल शर्मा होरी रे घर सौगी हे आसारे दोस्त राकेश (राकू) भाई होरी रा घर हा। राकू भाई आजकाले स्कूला रे लैक्चरार हे लगीरे। इन्हा रे घरा मेरा बचपना ले आउणा जाणा हा। राकू भाई सौगी आसे कई नाटका बिच काम कीतीरा। साहित्यिक रूचि वाले राकू भाई अझी बी नाटका बिच अभिनय करहाएं होर स्कूला रे बच्चेयां जो बी नाटक तैयार करवाहें। इथी ले थोडा अगे चलणे पर रामनगर महल्ले री मोती मस्जिद आवाहीं।
इहां ता मंडी हमेशा सभी धर्मा रा समभाव बणीरा रैहां। पर कई बार कुछ घटना रा फायदा चकी के सांप्रदायिक लोक धार्मिक असहिष्णुता फैलाहें होर आदमी जो आदमी रा दुश्मन बनाई देहाएं। मुंजो याद ही भई कुछ साल पैहले बाहरी राज्य ले आईरे मुहम्मद मरगुब नावां रे एकी दर्जी रा काम करने वाले मठे कोटली री मठी के प्रेम प्रसंगा बिच तेसा पर भरी बसा बिच तेजाब सटी दितेया था। जेता री प्रतिक्रिया बिच सांप्रदायिक लोके रामनगर होर जेलरोडा री मस्जिदा पर हमला करीके इन्हा जो नुकसान पहुंचाणे री कोशीश किती थी। जेता के दोनों धर्मा बिच नफरता री खाई खोदणे रा काम हुआ था। पर तेता ले बाद कोई भी ऐहडी घटना नी हुई जेता के सांप्रदायिक माहौल बणया हो। थोडा दूर चलणे पर नीलधारी समुदाय रा गुरूद्वारा श्री दुख निवारण साहिब आवहां। गुरूद्वारे बिच दिन भर शब्द कीर्तना रा माहौल रैहां। सिख लोक आपणे गुरूआं रे प्रकाशोत्सव होर विभिन्न त्योहारा रे मौकेयां जो खूब धूमधामा के मनाहें। इथी हे सौगी लगदा रंगारंग सिंह पत्रकारा होरी रा घर हा। रंगरंग सिंह होरी रे पिता जी विश्वेश्वर सिंह होरी बौहत सुलझी रे इंसान हे। रंगा होरी रे बडे भाई सुक्खा भाई जी कांग्रेसा रे नेता हे। सुक्खा भाई आजकाले नगर परिषद मंडी रे मनोनीत पार्षद हे। नीलधारी गुरूद्वारे ले थोडा अग्गे कैहनवाल चौक आवां। कैहनवाल चौका पर झीरू मियां होरी रा घर हा। कैहनवाल रोडा पर दैनिक जागरणा रे ब्युरो चीफ विनोद भावुका होरी रा क्वाटर हा। भावुक जी मेरे अभिन्न मित्र हे। ध्याडे रा ज्यादातर वक्त आसारा कठे हे गुजरां। पत्रकार होणे रे सौगी-2 स्यों सोसल एक्टिविस्ट होर साहित्यकार बी हे। भावुक जी आजकाले कांगडी बिच बडी अच्छी कविता लिखी करहाएं। मेरे मंडयाली लिखणे पीछे बी इन्हा री हे प्रेरणा ही। इन्हा रे क्वाटरा मेरा अक्सर आउणा-जाणा लगीरा रैहां। कैहनवाला जो जाणे वाली सडका रे किनारे डीएफसी रा गोदाम हा। इथी हे एडवोकेट जी पी गुलेरिया होर एडवोकेट दुर्गा सिंह होरी रे घर हे। कैहनवाला जो जाणे वाली सडका ले एक लिंक रोड टारना बखौ आवां। इथी राजीव स्टुडियो वालेयां रे घरा बाले करीब दो दर्जन मकान हे। सौगी हे एक पुराणी बौवडी बी ही। ये सडक अगे जाई के माहुंनागा रे मंदरा बाले गट्टु रामा होरी रे घरा रे नजदीक निकलाहीं। इथी कांग्रेसी नेता एडवोकेट दीपक शर्मा होरी रा घर बी हा। कैहनवाल चौका पर हे मेहर भवन हा। इथी रे नारायण सिंह होरी, बच्ची भाई, बॉबी भाई, रिकी, डान भाई होर सारे परिवारा के आसारे परिवारा रे पुराणे संबंध हे। इथी ले अग्गे सडका रे उपरा बखौ हे घर बसीरे जबकि खाडा बखौ कमेटी वालेयां जंगला लगाई दितीरा। थोडी दूर अग्गे अशोका फर्नीचरा रा शोरूम हा। सामणे मोनाल होटल हा। इथी हे आसारे भगवाहन महल्ले ले गइरे हरजिंदर बिल्ला होर पप्पे होरी री चाही री दुकान ही। थोडा दूर चली के पुलघराटा रा पेट्रोल पंप आवां। पुलघराटा ले एक सडक बाईपासा जो चली जाहीं होर एक रामनगरा जो आवाहीं। पुलघराटा टारना रे पार्षद होर रामनगरा रे पुर्व पार्षद योगराज होरी रा घर हा। पुलघराटा रामनगर महल्ला खत्म हुई जाहां होर इथी ले हाउं वापस हटणा शुरू करी देहां। ऐस वक्त न्यारा हुई गईरा होर पुलघराटा रे चौका पर कमेटी री कोई स्ट्रीट लाईट नीं भखीरी। पुलघराटा ले अशोका फर्नीचरा रे शो रूमा तक कोई लाईट प्वाईँट नीं जलणे रे करुआं घुप्प न्यारा पईरा। इथी होटला री लाईटा के थोडा परयासा हा। इथी ले मेहर भवना तक बी कोई लाईट नी ही। मेहर भवन ले अगे हाउं स्ट्रीट लाईटा चैक करदा लगहां तो मुंजो महामृत्युंजय चौका तक करीब दो दर्जन लाईट प्वाईंट लगीरे मिलहाएं। पर हैरानी री गल ये रैही भई करीब 50 फुटा री दूरी पर लगीरे इन्हा प्वाइंटा मंझा ले एकी बी खंबे बिच लाईट नीं भखीरी थी। हैरानी री गल ये बी ही भई ऐस महल्ले कई अधिकारी होर जिम्मेवार लोक रैहाएं पर इथी री लाईटा रे कठे कोई नीं सोचदा। इधी ले पैहले रामनगरा री सडका री हालत बी बडी खस्ता थी। कुछ वक्त पैहले ये ठीक ता किती थी पर भी खराब हुई गईरी कई जगहा ले। रामनगर महल्ले री सांझकणी सैरा ले ऐहडा सामहणे आया भई प्रशासना जो महल्ले रे ऐतिहासिक स्थल बरसेले रे बारे बिच उचित जगहा पर जानकारी देणी चहिए। महल्ले रे नालेयां री चैनलाईजेशन करना चहिए। प्राकृतिक स्त्रोत बचाणे चहिए, बिजली री हालत ठीक करनी चहिए होर सडका ठीक किती जाणी चहिए। इधी ले अलावा बी बौहत सारी समस्या महल्ले वालेयां री हुई सकाहीं। जेता कठे आसारे प्रतिनिधियां जो लोका ले जानकारी मांगी के तिन्हा रे हे सहयोगा के सुलझाणी चहिए। फिलहाल आज की सैरा बिच इतना हे बाकि रैही गईरी गल्ला अगली बार करघे। तेबे तका तुसारा धन्यावाद...
बरसेला स्मारक मंडी रे इतिहासा जो दसहां। ऐस स्मारका रा महत्व देखदे हुए भारतीय पुरातत्व विभागा वालेयां ये आपणे नियंत्रणा बिच लेई लीतीरा। रामनगरा जो जाणे वाली सडका रे चौका बाले ले पुठे हाथा बखौ एक गली हेठा बखौ उतरुआं ऐस स्मारका बाले पुजहाएं। ये गली अग्गे जाईके तहसीला बाले मिलहाईं। चौका पर एस स्मारका जो दर्शाणे कठे कोई बी बोर्ड नहीं लगीरा जेता के पता चलो भई एस स्मारका जो देखणेओ जाणे कठे रस्ता किन्हुए हा। विभागा जो सडका पर बोर्ड लगाई के एस स्थल रा महत्व होर रस्ता ठीक ढंगा के दसणा चहिए। रामनगर महल्ला मंडी ले सुंदरनगरा बखौ जाणे वाली पुराणी सडका रे उपर होर हेठली बखौ बसीरा। पहले शिमले चंडीगढा बखौ एस सडका ले हे जाहें थे। बाईपास बणने ले ऐस सडका पर ट्रैफिका री मार थोडी कम हुईरी। पर अझे बी ट्रैफिका रा हाल ये हा भई सडक कम चौडी हुणे करूआं कई बार जाम लगीरा रैहां। प्रशासन ऐभे ऐस सडका जो वन वे करने री योजना पर काम करी करहां। एसा सडका रे दोनो बखौ रामनगरा रा बाजार हा। एस महल्ले री सभी थे बडी खासियत ये ही भई इथी सभी धर्मा रे लोग मिलीजुली कने रैहाएं। इहां ता इथी मंडी रे लोक बी पुराणे जमाने ते बसीरे पर इथी ज्यादातर आबादी बादा बिच बाहरा ले आईरे अल्पसंख्यक समुदाया री ही।
रामनगरा सिख धर्म रे नामधारी होर नीलधारी लोग ज्यादा रैहाएं। मंगवाईं महल्ले री शुरूआता बिच हे होटल किंगसिटी होर दो-तीन होटल हे। इथी हे जीबे भाई री दुकान ही। जीवा कांग्रेसा रे नेता हा होर कई साला ले मंत्री अनिल शर्मा के जुडीरा। इन्हा री चाही री दुकाना भ्यागा ले हे राजनिती री गपशप शुरू हुई जाहीं। नारायण सिंह मेरा क्लासफेलो हुआं था आजकाले बाहर रैहां। इन्हा री कुल्फियां री फैक्टरी मुंजो अझी बी याद ही। बचपना बिच फुटबाल खेलुआं आउणे बाद नारायण, काला होर तिन्हा रा छोटा भाई चुपचाप कुल्फियां निकालुआं सारी टीमा जो खवाहें थे। नारायणा रे घरा पारा बखौ हरिशु होरी रा घर हा। इन्हा रे पिता जी के बी आसारी बडी दोस्ती ही। रिशु आसारे वक्ता बिच फुटबाला रा सभी थे शानदार खिलाडी रैहा। रिशुए आपणे फुटबाला रे कैरियरा बिच देश रे लगभग सारे नामीगिरामी फुटबाल टीमा के मैच खेलीरे। आजकाले हरिशे आपणे घरा उपरा बखौ स्पोर्टसा री दुकान पाईरी। हरिशु रा भाई जीतू आजकाले फुटबाला रे कोचा री नौकरी करहां। हरिशा री दुकाना अगे विक्रम पठानिया (बावे) होरी री दुकान ही। बावा बी मंगवाईं महल्ले रा फुटबाल प्लेयर रैहीरा। बावे री दुकाना उपरा बखौ एडवोकेट कमल सैणी होरी रा घर हा। एडवोकेट कमल सैणी वकालता रे सौगी-2 फोटोग्राफी रा शौक बी रखाहें। आजकाले इन्हा रे खीचीरे फोटो काफी पसंद किते जाई करहाएं। बावे री दुकाना रे थोडी अग्गे रामनगरा रे पुर्व पार्षद अवनिंदर सिंह होरी री दुकान ही। इन्हा री दुकाना सामणे मनीष दुग्गल होरिये आपणी नौवीं दुकान बनाईरी। इथी हे थोडी दूर अगे हैस्बी गन फैक्टरी ही। ऐता रे सौगी हे सुरेश शर्मा, हरिसिंह, रणिया होर भागी री दुकान ही। मंगवाई महल्ले बिच कई सरकारी दफ्तर हे। सडका रे हेठा बखौ एक लिंक तहसीला जो जाहां। तहसीला रे भवना बिच आबकारी काराधान होर पर्यटन विभागा रे दफ्तर बी हे। जबकि पाडल, रामनगर, टारना होर भगवाहन महल्ले रे पटवारियां रे दफ्तर बी इथी हे। तहसीला सौगी हे विजिलेंस एंड एंटी करप्शना रे एसपी रा दफ्तर हा। जबकि नबी रे सौहरे सक्सेना होरी रे घरा एनसीबी रा दफतर हा। इथी ले बरसेले बखौ जाणे वाली गली बिच तहसीलदार होर कर्मचारियां रे क्वाटर हे। बरसेले रे नेडे हे फुटबाला रे खेला बिच मंडी रा नावं रोशन करने वाले कई खिलाडियां रे घर हे। जिन्हा बिच सुनील भाई, सोमा भाई, छोटु भाई, (नीनी होर नीटी) भाई, लाला भाई होर सुरेश भाई बगैरा। इधी ले अलावा बी रामनगरा बिच फुटबाल, क्रिकेट होर बाकी खेल खेलणे वालेयां री एक लंबी फेहरिस्त ही। जिन्हा बिच आसे जस्सी भाई, सतीश, डीडी, रूपलाल, सुभाष, रोशन, भागी, सुरेश, महेश, राजेन्द्र, भोला भाई, कुकु भाई, मिंटु होर टाईगरा होरी रा नावं लेई सकहाएं। तहसीला ले उपरा बखौ एक गली नाले रे सौगी-2 कुमी राम होर एडवोकेट इन्द्रा होरी रे घरा बखौ जाहीं। तहसीला अग्गे विख्यात गुलेरिया एडवोकेटा होरी रा घर हा। ऐते अगे कोर्टा रे क्रिमिनल एहलमद राकु भाई होरी रा घरा हा। सामहणे नंबरदार तारा सिंह सरदारा होरी रा घर हा। ऐता रे सौगी हे सामणे बखौ नगर परिषदा रा शौचालय हा। पर देखरेखा रे बगैर ये काम नीं करी करदा। हालांकि ऐता जो बनाणे कठे कमेटिए कई लाख रूपये रा खर्चा कितीरा। इथी हे एक पुराणा पीपल हा। ऐता ले हेठा बखौ पशु चिकित्सालय हा। जबकि उपरा बखौ जाणे वाले सडक एडीजे साहब होर सीजेएम साहब रे रैजीडैंसा जो जाहीं। ऐसा हे सडका पर अग्गे प्रेस क्लब मंडी रा भवन हा। हालांकि प्रेस क्लबा रे ऐस भवन ले कई गतिविधियां चली सकहाईं पर फिलहाल क्लबा री गतिविधियां पुरी तरहा के ठप्प पईरी। सरकारा जो क्लब रे सौगी वाली जमीन क्लब जो देई के इथी रा समुचित प्रयोग करना चहिए। पीपला रे अगे पंडत ब्रदर्जा री दुकाना ही। एते अग्गे भानू पठानिया भाई होरी री बर्फा री फैक्टरी ही। भानू भाई रे पिता जी मेरे दादा जो आपणा गुरू मनहाएं थे। अझी तका इन्हा रा परिवार आसारे परिवारा के गुरू-शिष्या वाला रिश्ता मनुआं आसा के मिलहाएं होर बरताएं। भानू भाई रे घरा रे सामहणे नामधारी धर्मशाला ही।
इथी तडके ले हे नामधारी समुदाय रे लोका रा पौंहचणा शुरू हुई जाहां। इथी ले थोडा अग्गे जस्सी भाई, भोला भाई और कुकु भाई रा घर होर तिन्हा री बीरी सिंह एंड सन गन फैक्टरी ही। इथी हे सामहणे रणिया भाई आटो रिपेयरा री दुकान करहाएं। सौगी हे टाइगर भाई रा घर बी हा। ऐते थोडी अगे ले एक सडक जिला पंचायत अधिकारी रे दफ्तरा जो जाहीं। जबकि सडका ले हेठा बखौ जाणे वाले गली बिच प्रसिध पत्रकार बीरबल शर्मा होरी रा घर हा। बीरबल शर्मा एक ऐहडी शख्शियत हे जिन्हे लगभग सारे प्रदेशा री यात्रा करी कने पहाडा रा जन जीवन आपणे कैमरे बिच समेटी लीतीरा। इन्हा री एनएच-21 पर बिंद्रावणी हिमाचल दर्शन आर्ट गैलरी बिच यों सारी पिक्चरा लोका रे प्रदर्शन कठे रखीरी। ऐसा गैलरी रे माध्यमा ले लोका जो एकी हे छता थाल्हे पूरे प्रदेशा रे दर्शन चित्रा रे माध्यमा के हुई जाहें। बीरबल शर्मा होरी रे घर सौगी हे आसारे दोस्त राकेश (राकू) भाई होरी रा घर हा। राकू भाई आजकाले स्कूला रे लैक्चरार हे लगीरे। इन्हा रे घरा मेरा बचपना ले आउणा जाणा हा। राकू भाई सौगी आसे कई नाटका बिच काम कीतीरा। साहित्यिक रूचि वाले राकू भाई अझी बी नाटका बिच अभिनय करहाएं होर स्कूला रे बच्चेयां जो बी नाटक तैयार करवाहें। इथी ले थोडा अगे चलणे पर रामनगर महल्ले री मोती मस्जिद आवाहीं।
इहां ता मंडी हमेशा सभी धर्मा रा समभाव बणीरा रैहां। पर कई बार कुछ घटना रा फायदा चकी के सांप्रदायिक लोक धार्मिक असहिष्णुता फैलाहें होर आदमी जो आदमी रा दुश्मन बनाई देहाएं। मुंजो याद ही भई कुछ साल पैहले बाहरी राज्य ले आईरे मुहम्मद मरगुब नावां रे एकी दर्जी रा काम करने वाले मठे कोटली री मठी के प्रेम प्रसंगा बिच तेसा पर भरी बसा बिच तेजाब सटी दितेया था। जेता री प्रतिक्रिया बिच सांप्रदायिक लोके रामनगर होर जेलरोडा री मस्जिदा पर हमला करीके इन्हा जो नुकसान पहुंचाणे री कोशीश किती थी। जेता के दोनों धर्मा बिच नफरता री खाई खोदणे रा काम हुआ था। पर तेता ले बाद कोई भी ऐहडी घटना नी हुई जेता के सांप्रदायिक माहौल बणया हो। थोडा दूर चलणे पर नीलधारी समुदाय रा गुरूद्वारा श्री दुख निवारण साहिब आवहां। गुरूद्वारे बिच दिन भर शब्द कीर्तना रा माहौल रैहां। सिख लोक आपणे गुरूआं रे प्रकाशोत्सव होर विभिन्न त्योहारा रे मौकेयां जो खूब धूमधामा के मनाहें। इथी हे सौगी लगदा रंगारंग सिंह पत्रकारा होरी रा घर हा। रंगरंग सिंह होरी रे पिता जी विश्वेश्वर सिंह होरी बौहत सुलझी रे इंसान हे। रंगा होरी रे बडे भाई सुक्खा भाई जी कांग्रेसा रे नेता हे। सुक्खा भाई आजकाले नगर परिषद मंडी रे मनोनीत पार्षद हे। नीलधारी गुरूद्वारे ले थोडा अग्गे कैहनवाल चौक आवां। कैहनवाल चौका पर झीरू मियां होरी रा घर हा। कैहनवाल रोडा पर दैनिक जागरणा रे ब्युरो चीफ विनोद भावुका होरी रा क्वाटर हा। भावुक जी मेरे अभिन्न मित्र हे। ध्याडे रा ज्यादातर वक्त आसारा कठे हे गुजरां। पत्रकार होणे रे सौगी-2 स्यों सोसल एक्टिविस्ट होर साहित्यकार बी हे। भावुक जी आजकाले कांगडी बिच बडी अच्छी कविता लिखी करहाएं। मेरे मंडयाली लिखणे पीछे बी इन्हा री हे प्रेरणा ही। इन्हा रे क्वाटरा मेरा अक्सर आउणा-जाणा लगीरा रैहां। कैहनवाला जो जाणे वाली सडका रे किनारे डीएफसी रा गोदाम हा। इथी हे एडवोकेट जी पी गुलेरिया होर एडवोकेट दुर्गा सिंह होरी रे घर हे। कैहनवाला जो जाणे वाली सडका ले एक लिंक रोड टारना बखौ आवां। इथी राजीव स्टुडियो वालेयां रे घरा बाले करीब दो दर्जन मकान हे। सौगी हे एक पुराणी बौवडी बी ही। ये सडक अगे जाई के माहुंनागा रे मंदरा बाले गट्टु रामा होरी रे घरा रे नजदीक निकलाहीं। इथी कांग्रेसी नेता एडवोकेट दीपक शर्मा होरी रा घर बी हा। कैहनवाल चौका पर हे मेहर भवन हा। इथी रे नारायण सिंह होरी, बच्ची भाई, बॉबी भाई, रिकी, डान भाई होर सारे परिवारा के आसारे परिवारा रे पुराणे संबंध हे। इथी ले अग्गे सडका रे उपरा बखौ हे घर बसीरे जबकि खाडा बखौ कमेटी वालेयां जंगला लगाई दितीरा। थोडी दूर अग्गे अशोका फर्नीचरा रा शोरूम हा। सामणे मोनाल होटल हा। इथी हे आसारे भगवाहन महल्ले ले गइरे हरजिंदर बिल्ला होर पप्पे होरी री चाही री दुकान ही। थोडा दूर चली के पुलघराटा रा पेट्रोल पंप आवां। पुलघराटा ले एक सडक बाईपासा जो चली जाहीं होर एक रामनगरा जो आवाहीं। पुलघराटा टारना रे पार्षद होर रामनगरा रे पुर्व पार्षद योगराज होरी रा घर हा। पुलघराटा रामनगर महल्ला खत्म हुई जाहां होर इथी ले हाउं वापस हटणा शुरू करी देहां। ऐस वक्त न्यारा हुई गईरा होर पुलघराटा रे चौका पर कमेटी री कोई स्ट्रीट लाईट नीं भखीरी। पुलघराटा ले अशोका फर्नीचरा रे शो रूमा तक कोई लाईट प्वाईँट नीं जलणे रे करुआं घुप्प न्यारा पईरा। इथी होटला री लाईटा के थोडा परयासा हा। इथी ले मेहर भवना तक बी कोई लाईट नी ही। मेहर भवन ले अगे हाउं स्ट्रीट लाईटा चैक करदा लगहां तो मुंजो महामृत्युंजय चौका तक करीब दो दर्जन लाईट प्वाईंट लगीरे मिलहाएं। पर हैरानी री गल ये रैही भई करीब 50 फुटा री दूरी पर लगीरे इन्हा प्वाइंटा मंझा ले एकी बी खंबे बिच लाईट नीं भखीरी थी। हैरानी री गल ये बी ही भई ऐस महल्ले कई अधिकारी होर जिम्मेवार लोक रैहाएं पर इथी री लाईटा रे कठे कोई नीं सोचदा। इधी ले पैहले रामनगरा री सडका री हालत बी बडी खस्ता थी। कुछ वक्त पैहले ये ठीक ता किती थी पर भी खराब हुई गईरी कई जगहा ले। रामनगर महल्ले री सांझकणी सैरा ले ऐहडा सामहणे आया भई प्रशासना जो महल्ले रे ऐतिहासिक स्थल बरसेले रे बारे बिच उचित जगहा पर जानकारी देणी चहिए। महल्ले रे नालेयां री चैनलाईजेशन करना चहिए। प्राकृतिक स्त्रोत बचाणे चहिए, बिजली री हालत ठीक करनी चहिए होर सडका ठीक किती जाणी चहिए। इधी ले अलावा बी बौहत सारी समस्या महल्ले वालेयां री हुई सकाहीं। जेता कठे आसारे प्रतिनिधियां जो लोका ले जानकारी मांगी के तिन्हा रे हे सहयोगा के सुलझाणी चहिए। फिलहाल आज की सैरा बिच इतना हे बाकि रैही गईरी गल्ला अगली बार करघे। तेबे तका तुसारा धन्यावाद...
समीर कश्यप
13-10-2013
sameermandi.blogspot.com
Friday, 11 October 2013
दोस्तियां
दोस्तियां...
दूर होकर भी पास होने का अहसास करा जाती हैं
दोस्तियां ऐसी अक्सर हमें कई बार रूला जाती हैं
पास होने पर भी कोसों दूरियां कभी साध जाती हैं
फासलों की एक बारीक सी लकीर खींच जाती हैं
जहन के भीतर से अक्समात प्रकट हो जाती हैं
अलसुबह मुंह से नाम अपना निकलवा जाती हैं
जिंदगी को संवारने की राह कभी दिखा जाती हैं
तो इसे पा लेने की चाह कभी पीछे छोड़ जाती हैं
अपने न होने का कभी भ्रम भी ये फैला जाती हैं
दुश्मनी भी कभी इसका लिबास पहने आ जाती है
जीवन पथ की कठिनाई में सापेक्ष खड़ी हो जाती हैं
बेहद कड़वी ही सही बात अपनी समझा जाती हैं
अपनी सार्थकता का राज निष्कपट जता जाती हैं।।
समीर कशयप
30 अप्रैल 2010
sameermandi@gmail.com
Wednesday, 9 October 2013
वाहन की क्षमता से ज्यादा तेल भर रही पेट्रोल पंप की मशीन
मोबाइल और प्रेमिका
मोबाइल और प्रेमिका
मोबाइल
तुम हमारे सबसे बडे दुश्मन
प्रतीत होते हो जब सटे होते हो
प्रेमिका के कान से।
तुमसे और तुम्हे सुनने वाली से
इर्ष्या सी होने लगती है यकीन मानो।
तुम्हारे और उसके रवैये से
अनगिनत आशंकाओं के घनघोर बादल
भीतर ही भीतर उमड-घुमड पडते हैं।
क्यों चिपके हो उसके कान से।
क्या जल्दी से अपनी बात खत्म करके
बंद नहीं हो सकते।
क्यों लगातार खिलखिला कर हंसाए जा रहे हो उसे।
क्या हक है तुम्हारा
हम जैसों के उम्र भर पुराने प्रेम से
खिलवाड करने का।
इतना हंसाना तो दूर हमें तो
बतियाना भी नहीं मिल पाया उम्र भर उनसे।
क्यों जाहिर कर जाते हो वह सब
जो समझ कर भी हम समझना नहीं चाहते,
कि वह हमारे अदृश्य प्रेम निवेदनों से कोसों दूर,
लोटपोट करने, गुदगुदाने, धीमे से फुसफुसाने और
अकेली जगहों में तुम्हारे जरिये सुनी जाने वाली
आवाजों के प्यार में तल्लीन है।
हमें हरगिज बर्दास्त नहीं तुम्हारा
अतिक्रमण और तुम्हारी साफगोई
हमारे प्रेम की असफलता दर्शाने की।
मोबाइल भाई, इसे चेतावनी समझ लेना
और याद रखना गर
प्रेम को छल से छीनने की
खतरनाक करतूत जारी रखी तो
यह खूबसूरत अनुभूति भरभरा के ढह जाएगी।
प्रेम पर से विश्वास उठने का अर्थ होता है
सपनों का मर जाना।
और तुम्हे याद रहे
सबसे खतरनाक होता है
सपनों का मर जाना।
समीर कश्यप
9-10-2013
sameermandi@gmail.com
98161 55600
Monday, 7 October 2013
बीमा कंपनी को 31,002 रूपये ब्याज सहित अदा करने के आदेश
Sunday, 6 October 2013
स्टेट बैंक को 10,000 ब्याज समेत अदा करने के आदेश
धारा के विपरीत बहने के राज उसी ने सिखाए हैं
दूर रहने को कहते थे जिनसे वो ही काम आए हैं
भंवर में पडी कश्ती अपनी वो ही किनारे लाए हैं
तुम कहते थे कि खुदगर्ज और मतलबपरस्त हैं वो
यही सबक तो जिंदगी में हमने तुमसे भी पाए हैं।
ख्याल तुम्हारा गल्त था निकला अपना हमराह वो
जख्म दिये थे जो तुमने उसी ने तो सहलाए हैं।
पुल जो तोड दिया था तुमने अब बना रहा है वो
धारा के विपरीत बहने के राज उसी ने सिखाए हैं।
समीर कश्यप
6-10-2013
sameermandi@gmail.com
Saturday, 5 October 2013
न्यायधीशों की मिडिएशन पर कार्यशाला संपन्न
Friday, 4 October 2013
नाकाम साबित हुई न्यायलय परिसर से भागने की कोशीस
मंडी। अदालत में पेश करने के लिए लाये गये एक आरोपी ने पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशीस की। जिसे कुछ ही दूरी पर काबू कर लिया गया। आरोपी को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जानकारी के अनुसार उप तहसील औट के पनारसा निवासी दीनू राम को मुखय न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय में लंबित मारपीट के मामले में हाजिर न होने पर गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। इस वारंट के तहत औट थाना पुलिस ने आरोपी को बीते कल हिरासत में लिया था। उसे अदालत में पेश करने के लिए शुक्रवार को मंडी लाया गया था। जैसे ही पुलिस दल आरोपी को लेकर न्यायलय परिसर में पहुंचा तो आरोपी ने अचानक पुलिस को चकमा दे कर अदालत की सीढियां उतर कर भागने की कोशीस की। जिस पर पुलिस ने आरोपी का पीछा किया और उसे टैलीफोन एक्सचेंज के नजदीक काबू कर लिया। आरोपी को पुलिस ने न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक रमणीक शर्मा के न्यायलय में पेश किया। अदालत ने आरोपी से पुलिस तहकीकात शेष न होने के कारण उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में उपजेल मंडी भेज दिया। उल्लेखनीय है कि आरोपी के खिलाफ मुखय न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय में भादंस की धारा 325 के तहत मामला विचाराधीन है। लेकिन आरोपी पिछली कई तारीखों से अदालत में हाजिर नहीं हो रहा था। जिसके चलते उसे अदालत में पेश करने के लिए गैरजमानती वारंट जारी किये गए थे। इधर, आरोपी के पुलिस हिफाजत से फरार होने की कोशीश के बारे में जानने के लिए जब शहरी चौकी प्रभारी सी एस भंगालिया से संपर्क किया तो उन्होने बताया कि अभी तक इस बारे में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
मिडिएशन से लंबित मामलों का तेजी से होगा निस्तारणः डा शिव
Thursday, 3 October 2013
मिडिएशन पर न्यायधीशों की कार्यशाला जारी
Wednesday, 2 October 2013
नए मंदिर में बिराजेंगी माता हडिंबा
नए मंदिर में बिराजेंगी माता हडिंबा
सराज क्षेत्र के चिऊणी में देवी का भव्य मंदिर तैयार
ढाई सौ साल बाद हुआ जीर्णोद्धार, पहले नवरात्र में होगी प्रतिष्ठा
मंडी। मंडी जिले के दुर्गम क्षेत्र चिऊणी में क्षेत्र की कुल देवी हडिंबा का भव्य मंदिर बन तैयार हो गया है। मंदिर की प्रतिष्ठा शारदीय नवरात्र के पहले नवरात्र 5 अक्टूबर को होगी और हडिंबा देवी इसमें बिराजेंगी। प्रतिष्ठा के दौरान सराज घाटी के इस पवित्र स्थल पर हजारों लोग जुड़ेंगे और इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनेंगे। इसके अलावा चिऊणी-चेत का हर घर इस आयोजन में शरीक होगा और इसके साक्षी बनेंगे। क्षेत्र के लोग प्रतिष्ठा की तैयारियों में जोर-शोर से जुट गए हैं। करीब ढाई सौ साल बाद पौराणिक मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य में एक साल छह माह का समय लगा। मंदिर का नींव पत्थर 27 मार्च 2012 को रखा गया था और इसका निर्माण कार्य 4 अक्टूबर 2013 को होगा। देवी के नवनिर्मित मंदिर में काष्ठ कला का अदभुत चित्रण किया गया है। इस काष्ठ कला को अंजाम दिया आठ कारीगरों की एक टीम ने। मुख्य कारीगर भोप सिंह की अगुआई में कारीगरों की टीम ने मंदिर में इस्तेमाल हुई लकड़ी पर आदि शक्ति, नव दुर्गा, गणेश, विष्णु, महाकाली, रामायण, महाभारत और शिव पुराण सहित अन्य देवी देवताओं के कुल 60 चित्र उकेरे हैं। नक्काशी के इस काम को मुख्य कारीगार ने डेढ़ साल तक उपवास रखकर अंजाम दिया। वह दिन में सिर्फ एक बार फलाहार लेता था। मंदिर निर्माण को लोगों ने अपने काम से ज्यादा तरजीह दी और एकता और भाईचारे की मिसाल आज दुनिया के सामने है। इसके बाद एक के बाद एक चीजें लोगों के सहयोग से जुड़ती गई। यह देवी के प्रति लोगों की आस्था थी निहरी-सुनाह लंबाथाच, शिल्हीबागी, जुघांद, घाट, बूंग जहलगाड़, रोड़-भराड़ और शिवा थाना ग्राम पंचायतों के लोगों ने मंदिर निर्माण में भरपूर मदद की। यह हडिंबा के प्रति लोगों की आस्था थी जिसने उन्हें मंदिर निर्माण को प्रेरित किया। वर्ष 2012 में चैत्र नवरात्र के दौरान मंदिर का नींव पत्थर रखा गया। र्मंदर निर्माण समिति के अध्यक्ष लुदरमणी ने बताया कि लोगों ने स्वयं ही मंदिर के जिर्णोद्धार का बीड़ा उठाया। चिऊणी मे देवी के 313 चूली (घर) हैं। इन लोगों ने एक साल तक दिन रात कर भव्य मंदिर को खड़ा किया। मंदिर निर्माण के लिए प्रत्येक घर से लगभग दस हजार रुपए नगद और काम में लगे कारीगरों और श्रमिकों को राशन इत्यादि दिया। एक साल नौ महीनें तक मंदिर में लंगर चला रहा जिसका सारा खर्च स्थानीय लोगों ने किया। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण में लगभग हजारों लोगों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपनी भागेदारी सुनिश्चित की। मंदिर बनाने के लिए भी लोगों ने दिल खोलकर दान दिया, जिसकी जितनी सामथ्र्य होती थी उसने उस हिसाब से दान दिया और जो पैसा इत्यादि देने में सक्षम नहीं था उसने मंदिर में अवैतनिक काम कर अपना फर्ज निभाया। मंदिर निर्माण पर लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया। सात बहड़ के लोग करेंगे शिरकत पहले नवरात्र को हो रही मंदिर प्रतिष्ठा में स्थानीय बाशिंदों के अलावा सात बहड़ के लोग शामिल होंगे। बहड़ वह इलाका होता है जहां देवताओं को मानने वाले लोग रहते हैं। (पुराने समय में देवताओं की मान्यता के अनुसार ही इलाकों का सीमांकन होता था। एक बहड़ में एक से लेकर तीन-चार पंचायतें आती हैं।) मंदिर निर्माण कमेटी के सचिव रामचंद्र ने बताया कि हडिंबा देवी के मंदिर की प्रतिष्ठा में केउली-बगलैरा बहड़, बड़ादेव मतलोड़ा का चोहटबागा बहड़, आंकशा बहड़, जुफर बहड़ और जुघांद बहड़ के लोग शामिल होंगे। प्रत्येक बहड़ अपने साथ एक बकरा लाएगा और उसे देवी हडिंबा को समर्पित करेगा। इसके अलावा चिऊणी और चेत बहड़ के लोग इस भव्य आयोजन के कर्ता हैं। प्रतिष्ठा में दूसरे बहड़ के लोगों को बुलाने की भी रोचक परंपरा है। मंदिर निर्माण समिति के सह सचिव चिरंजी लाल ने बताया कि इन सात बहड़ के लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए अपना बहुमूल्य सहयोग दिया है। 31 बलियों से होगी मंदिर की प्रतिष्ठा, हर घर में होगा पूजन देवी हडिंबा के कुल पुरोहित शेर सिंह उर्फ नागणू ने बताया कि मंदिर की प्रतिष्ठा 31 बलियों से होंगी। मंदिर के शुद्धीकरण को 27 बकरों के अलावा एक सूअर, एक मछली, एक मशैकड़ा (कैकड़ा) और एक पेठे की बलि होगी। प्रतिष्ठा में सर्वप्रथम मंदिर के चार आधार स्तंभों पर चार बकरे काटे जाएंगे। इसके बाद देवी का पंडित मंदिर में शांद बनाएगा जिसमें देवी-देवता बिराजमान होंगे। देवताओं के बिराजमान होने के बाद मंदिर के चारों ओर सूत्र (ऊन का धागा) बांधा जाएगा। मंदिर का मुख्य द्वार खोलने के लिए मशैकड़ा (पानी में मिलने वाला जीव जिसकी सौ टांगे होती हैं) की बलि होगी और गेट खुलते ही सूअर की बलि दी जाएगी। गेट खुलते ही हवन शुरू होगा, इस हवन में चार पंडित बैठेंगे। हवन प्रक्रिया रात एक बजे से सुबह सात बजे तक चलेगी। हवन पूरा होते ही देवी पूजा होगी और मंदिर के छत पर बकरे की बलि दी जाएगी इस प्रक्रिया को स्थानीय बोली में काश कहा जाता है। हडिंबा के कारदार रोशन लाल ने बताया कि काश मंदिर की प्रतिष्ठा का अंतिम पड़ाव होता है। पांच अक्टूबर सुबह सात बजे मंदिर में काश के साथ ही हर उस घर की छत पर काश होगी जहां से मंदिर दिखाई देता है। चिऊणी पंचायत के चेत, डूघा, गाडा गांव, मलाड, डडौण, कांढ़ीधार, ढेली, घियार, लैंद, ढ़ेली सहित हर गांव में काश होगी जिसमें असंख्या बकरों को बलि होगी। इसके अलावा क्षेत्र में हडिंबा देवी के जितने भी गूर, पुजारी, कारदार और भण्डारी हैं उनके घरों में भी काश का आयोजन होगा। यह प्रक्रिया मंदिर में होने वाली काश के साथ-साथ चलेंगी। मान्यता है कि काश देने से बुरी ताकतें और शैतान उस घर से दूर रहते हैं और घर पर देवी की कृपा दृष्टि बनी रहती है। मंदिर का इतिहास देवी हडिंबा सराहु में सदियों से बिराजमान है। मंदिर के बारे में सटीक जानकारी नहीं है कि इसकी स्थापना कब हुई और किसने की। चिऊणी निवासी अधिवक्ता हेमसिंह ठाकुर ने बताया कि पुराना मंदिर पहाड़ी शैली का था जिसे लगभग 1855 ईस्वी में झगडू राम मिस्त्री ने बनाया था। मान्यता है कि 17वी सदी के आसपास यहां पर ढु़ंगरी मनाली से एक कुम्हार आया था। वह अपने किलटे में ढुंगरी से हडिंबा देवी का निशान साथ लाया था। वह यहां की चिकनी मिट्टी देखकर प्रभावित हुआ और यहीं पर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करने लगा। कुम्हार ने सराहु नामक स्थान में हडिंबा को स्थापित किया। देवी के आशिर्वाद से कुम्हार के घड़े और बर्तन इतने मजबूत होते थे कि वह नहीं टूटते थे। उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई। कुछ समय बाद कुम्हार ने देखा कि कोई भी उसके घड़े और बर्तन खरीदने नहीं आ रहा। तो उसने निर्णय किया कि वह इसके बारे में पता करेगा। उसने लोगों से उसके पास दोबारा बर्तन खरीदने के लिए न आने का कारण पूछा तो लोगों ने बताया कि इसकी जरुरत ही नहीं पड़ी क्योंकि उसके बर्तन इतने मजबूत हैं कि नए खरीदने की आवश्यकता ही नहीं है। यह सुनकर कुम्हार का दिमाग चकराया और सोचा कि अगर ऐसा रहा तो मेरा काम तो चौपट हो जाएगा और वह सराहु छोडक़र चला गया। कुम्हार के जाने के बाद क्षेत्र में देवी की शक्ति से कई अलौकि घटनाएं होने लगी और करीब डेढ़ सौ साल बाद यहां मंदिर बनाया गया। तब से लेकर आज तक स्थानीय लोग हडि़ंबा को कुल देवी के रूप में पूजते आए हैं। चिऊणी में हडिंबा का स्वर्ण मुख वाला भव्य रथ है। मंदिर के अलावा क्षेत्र के घाट और चेत गांव में देवी की दो कोठियां हैं रथ बारी-बारी से इन कोठियों में रहता है। जुलाई माह कि अंतिम सप्ताह सराहु स्थित हडिंबा माता के मंदिर परिसर में एक मेले का आयोजन होता है। मेले में देवी स्थानीय कुल देवता शैटीनाग के साथ शोभायात्रा में भाग लेते ही हैं। मेले में हडिंबा में आस्था रखने वाले लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर पहुंचते हैं। इसके अलावा मेले में अन्य स्थानीय देवता भी शोभा बढ़ाते हैं। कैसे पहुंचें मंदिर तक हडिंबा देवी का यह मंदिर समुद्रतल से लगभग 25 सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जिला मुख्यालय मंडी से 90 किलोमीटर दूर इस मंदिर तक पहुंचने के लिए चिऊणी तक बस योग्य सडक़ है। मंडी से चिऊणी तक सीधी बस सेवा है। इसके अलावा चिऊणी तक छोटे वाहनों से भी पहुंचा जा सकता है। चिऊणी से सराहु स्थित हडिंबा के मंदिर तक पहुंचने के लिए 500 मीटर का ट्रैक है। मंदिर में परिसर में श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं स्थानीय लोग हडिंबा के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को अपना अतिथि मानकर अपने घर ले जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती है।
बीमा कंपनी को 75,000 ब्याज समेत देने के आदेश
Tuesday, 1 October 2013
उपभोक्ता के पक्ष में 10,25,000 रूपये ब्याज सहित अदा करने के आदेश
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