Thursday, 31 October 2013

सर्किट बेंच का फैसला अधिवक्ताओं के लिए चौबिस- अठतालिसः भारत भूषण शर्मा


मंडी। सर्किट बैंच के फैसले के खिलाफ संयुक्त संघर्ष समिति के आहवान पर जिला बार एसोसिएशन का अदालतों से बाहिष्कार जारी है। जिससे अदालतों का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। अधिवक्ताओं के कामकाज में भाग न लेने से अदालती कार्य प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से हो रहा है। अधिवक्ताओं के कार्य पर न रहने के कारण न्यायलय परिसर में दोपहर बाद सन्नाटा पसर जाता है। हालांकि कुछ झुंडों में बैठे अधिवक्तागण उच्च न्यायलय के इस फैसले पर गर्मागर्म चर्चा करते देखे जा सकते हैं। उच्च न्यायलय के उपमंडलों में सर्किट कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष और जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा का कहना है कि यह जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों के साथ चौबिस अठतालिस हुआ है। जिसके तहत जिला बार के अधिवक्ताओं के करीब 2000 मामले उनसे राय लिये बगैर अन्यत्र अदालतों को भेज कर उन्हे ब्रीफलैस करने के कोशीश की जा रही है। अगर सर्किट कोर्ट को मामले प्रेषित किये जाने थे तो इससे पहले विभिन्न पक्षों और अधिवक्ताओं से पूछ कर वही मामले उन उपमंडलों को भेजे जाने चाहिए थे जो वहां मामलों का निराकरण चाहते थे। लेकिन उपमंडलों के तहत आने वाले सभी मामलों को सर्किट में भेज देना न्यायसंगत नहीं है। अधिवक्ता लोकेन्द्र कुटलैहडिया का कहना है कि बार एसोसिएशन विकेन्द्रीकरण की विरोधी नहीं है लेकिन बिना मूलभूत सुविधाओं के सर्किट कोर्ट लगाने से न्यायलय की गरिमा को ठेस पहुंचेगी। अस्थाई व्यवस्था से न्यायिक व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होगी और गुणात्मक न्याय नहीं हो पाएगा। बार एसोसिएशन के उप प्रधान दिनेश सकलानी का कहना है कि विकेन्द्रीकरण के तहत प्रदेश उच्च न्यायलय की स्थाई खंडपीठ धर्मशाला और मंडी में भी शुरू की जानी चाहिए। जिससे क्षेत्र के लोगों को उच्च न्यायलय स्तर पर न्याय हासिल करना सुगम हो सके। अधिवक्ता महेश चंद्र शर्मा का कहना है कि सर्किट कोर्ट का फैसला लागू करने से पहले विधिक समुदाय और प्रभावित बार एसोसिएशनों से सुझाव ले कर व्यवहारिक दिक्कतों पर कार्य किया जाना चाहिए था। अगर अधिवक्ताओं के पास ब्रीफ ही नहीं रहे तो उनका इस व्यवसाय में रहना मुश्किल हो जाएगा। जबकि देश और समाज को लोगों तक न्याय पहुंचाने के लिए इस समय अधिवक्ताओं की भारी जरूरत है।

Tuesday, 29 October 2013

अधिवक्ताओं द्वारा अदालतों का बाहिष्कार जारी


मंडी। सर्किट बेंच के फैसले के विरोध में अधिवक्ताओं ने मंगलवार को भी अदालती कार्यवाही का बाहिष्कार किया। जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने न्यायलय परिसर में इस फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद एसोसिएशन ने बार रूम में आम सभा का आयोजन कर अपने आंदोलन पर चर्चा की। उच्च न्यायलय के फैसले पर उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के सर्किट कोर्ट लगाने के निर्देशों का विरोध करने के लिए गठित संयुक्त संघर्ष समिति के सप्ताह भर हडताल करने के आहवान पर जिला बार एसोसिएशन ने मंगलवार को भी अदालती कार्यवाहियों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं के अदालती कामकाज में शामिल न होने के कारण कार्य प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से किया गया। अधिवक्ताओं ने न्यायलय परिसर में जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इधर बार रूम में हुई एसोसिएशन की आम सभा में संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष और एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश भर का विधिक समुदाय परेशानी में पड गया है। वहीं पर लोगों को न्याय हासिल करना अधिक महंगा हो गया है। उच्च न्यायलय ने उपमंडलों में सर्किट कोर्ट के निर्णय लेते समय आर्थिक पहलू को ध्यान में नहीं रखा है। जितना खर्चा सर्किट कोर्ट लगाने में होगा उससे अच्छा तो यह होता कि उपमंडलों में स्थाई कोर्ट की स्थापना की जाती है। एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने सदस्यों से आहवान किया कि इस अतार्किक निर्णय का डट कर विरोध किया जाए। उन्होने कहा कि सर्किट कोर्ट का निर्णय न्यायधीशों, कोर्ट के स्टाफ, अधिवक्ताओं और याचिकाकर्ताओं सभी के लिए परेशानीदेह है। वहीं पर विचाराधीन बंदियों को उपमंडलों में पेश करने के लिए अधिक पुलिस कर्मी चाहिए और सरकार को अधिक खर्चा उठाना पडेगा। उन्होने कहा कि संयुक्त संघर्ष समिति के निर्णय के तहत शनिवार तक अदालतों के कामकाज का बाहिष्कार किया जाएगा। आम सभा में अधिवक्ता जी पी गुलेरिया, डी सी गुलेरिया, श्याम कुमार शर्मा, ललित कपूर, समीर कश्यप, ललित ठाकुर, रूपेन्द्र सिंह और हितेश बहल ने चर्चा में भाग लिया। आम सभा में एसोसिएशन के उप प्रधान दिनेश सकलानी, सहसचिव विक्रांत शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी तथा सदस्य मौजूद थे।

Monday, 28 October 2013

अधिवक्ताओं की संघर्ष समिति ने किया एक हफ्ते हडताल का ऐलान


मंडी। सर्किट कोर्ट के विरोध में गठित प्रदेश संयुक्त संघर्ष समिति ने इस पूरे सप्ताह अदालतों का बाहिष्कार कर हडताल करने का ऐलान किया है। रविवार को शिमला जिला बार ऐसोसिएशन के आहवान पर प्रदेश भर की सात जिला बार एसोसिएशनों ने संघर्ष समिति का गठन करके यह निर्णय लिया है। सोमवार को मंडी जिला एवं सत्र न्यायलय के कार्यरत अधिवक्ताओं ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए अदालतों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं के आंदोलन को समर्थन देते हुए नोटरी पब्लिक, ओथ कमीश्नर और टाइपिस्ट एसोसिएशन ने भी अपना कामकाज ढप्प रखा। सोमवार सुबह जिला बार एसोसिएशन की ओर से न्यायलय परिसर में जनसभा का आयोजन किया गया। जिसमें एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा और महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि शिमला बार एसोसिएशन के आहवान पर रविवार को शिमला में प्रदेश भर के सात जिलों की जिला बार एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने एक बैठक में भाग लिया। जिसमें धर्मशाला, शिमला, मंडी, सोलन, चंबा, हमीरपूर और ऊना जिला बार एसोसिएशनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक में संयुक्त संघर्ष समिति का गठन करके धर्मशाला के पी सी राणा को अध्यक्ष और मंडी के भारत भूषण शर्मा को उपाध्यक्ष बनाया गया है। बैठक में उच्च न्यायलय के निर्देशों के तहत उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के सर्किट कोर्ट लगाने के फैसले का डटकर विरोध करने के लिए प्रदेशभर में रणनिति के तहत आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत एक सप्ताह तक अदालतों का पुर्ण बाहिष्कार करने का निर्णय लिया है। अगर इस बीच इस मामले का कोई हल नहीं हो पाया तो आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा। इधर, संयुक्त संघर्ष समिति के आहवान पर अधिवक्ताओं ने अदालती कार्यवाहियों का बाहिष्कार किया। जबकि अदालतों में प्रौक्सी अधिवक्ताओं से कामकाज का निपटारा किया गया। अधिवक्ताओं ने मंडी शहर के विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए जूलूस निकाल कर सर्किट कोर्ट के विरोध में जमकर नारेबाजी की। वहीं पर नोटरी पब्लिक, ओथ कमीश्नर और टाइपिस्ट युनियन ने भी अधिवक्ताओं की मांगों का समर्थन करते हुए अपना कामकाज बंद रखा।

Friday, 25 October 2013

रिवालसर में अवैज्ञानिक तरीके से रंग हटाने से धरोहरों को खतरा


मंडी। ग्रीन ट्रिब्युनल बैंच के आदेश की अनुपालना के तहत धार्मिक त्रिवेणी रिवालसर में धार्मिक मंत्रों पर चढाए गए रंगों को अवैज्ञानिक तरीके से मिटाया जा रहा है। जिससे इन ऐतिहासिक स्थलों के स्वरूप बदलने और नष्ट होने का खतरा हो गया है। इस बारे में स्थानिय लोगों ने उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश के मुखयमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है। प्रेस को जानकारी देते हुए गुरूदास नेगी, कुमार सिंह नेगी, थुप तेन, तारा चंद नेगी और दुर्गा दास ने बताया कि हिंदू, बौध और सिख धर्म की त्रिवेणी रिवालसर में ग्रीन बेंच के आदेश के तहत इन दिनों चट्टानों और पत्थरों पर उकेरे गए धार्मिक मंत्रों पर चढाए गए रंग को हटाने की कार्यवाही चल रही है। लेकिन इन स्थलों से रंग हटाने के लिए रेगमाल और तारपीन का प्रयोग अवैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है। जिससे इन धरोहरों के नष्ट होने का खतरा बन गया है। वहीं पर लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रही हैं। उन्होने बताया कि रिवालसर झील परिक्रमा में ग्राम पंचायत लोअर रिवालसर के गेट के बाहर करीब 6 फुट ऊंची चटान पर गुरू पदम संभव की प्रतिमा और गुरू अवलोकतेश्वर का मंत्र प्राचीन समय से उकेरा गया है। इस चट्टान का उल्लेख वर्ष 1920 में मंडी के तात्कालीन अधीक्षक एमरसन ने भी गजेटियर आफ मंडी स्टेट में किया है। लेकिन इस ऐतिहासिक धरोहर पर चढाए गए रंग को हटाने के नाम पर इसे खराब करने की चेष्टा की जा रही है। उन्होने कहा कि ग्रीन बेंच के आदेशों में यह कहीं नहीं कहा गया है कि इन धरोहरों से रंग हटाने के नाम पर इन्हे नष्ट कर दिया जाए। उन्होने कहा कि अवैज्ञानिक ढंग से रंग हटाने का कार्य किये जाने से न केवल स्थानिय वासियों में गहरा रोष है बल्कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाओं पर भी चोट पहुंच रही है। उन्होने कहा कि अवैज्ञानिक ढंग से रंग हटाने के नाम पर धरोहरों से छेडछाड करने और इन्हे नष्ट करने के बारे में ग्रीन बेंच को भी अवगत करवाया जाएगा। उन्होने मुखयमंत्री से मांग की है कि अगर इन धरोहरों का रंग हटाकर असली रूप में लाना है तो इसके लिए पुरातत्व विभाग अथवा विशेषज्ञों की राय लेकर ही कार्य शुरू करना चाहिए। अन्यथा प्राचीन धरोहरों से रंग हटाने के नाम पर इनका स्वरूप ही बदल जाएगा और यह नष्ट हो जाएंगी।

Thursday, 24 October 2013

जिला बार एसोसिएशन की हडताल शनिवार तक जारी रहेगी


मंडी। जिला बार एसोसिएशन की दो दिवसीय हडताल के तहत वीरवार को भी अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाज का पूर्ण रूप से बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने मंडी शहर में जुलूस निकाल कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। वहीं पर एसोसिएशन ने अब अपनी हडताल को शनिवार तक बढाने का निर्णय लिया है। उच्च न्यायलय के निर्देश के तहत जिला के उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के सर्किट कोर्ट लगाने के निर्णय के विरोध में अधिवक्ताओं ने दूसरे दिन भी कामकाज ढप्प रखा। वीरवार सुबह न्यायलय परिसर में एकत्र हुए अधिवक्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद अधिवक्ताओं ने मंडी शहर के चौहट्टा, मोती बाजार, समखेतर और भूतनाथ बाजार में से जुलूस निकाला। दिन भर अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाम का बाहिष्कार किया। जिला बार एसोसिएशन के आहवान पर बार रूम में आंदोलन की रणनिती तय करने के लिए आम सभा का आयोजन किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायलय के फरमान पर लोगों की सुविधा को देखे बगैर सर्किट कोर्ट शुरू करना एक जनविरोधी कदम है। बिना सुविधाएं मुहैया करके जिला एवं सत्र न्यायलय से करीब 1200 विचाराधीन मामलों को उपमंडलों में भेज कर उनकी सुनवाई करने से जहां न्यायधीशों को दौड-भाग से गुजरना पडेगा। उप प्रधान दिनेश सकलानी का कहना था कि सर्किट बेंच का फैसला जहां लोगों के लिए परेशानी भरा हुआ है। वहीं पर न्यायलय भवन, आफिस, लाईब्रेरी और अन्य मूलभूत जरूरतों के बगैर न्यायलय का संचालन दिक्कतों भरा है। आम सभा में चर्चा के दौरान अधिवक्ता सुंदर गोयल का कहना था कि इस निर्णय से भ्रम की स्थिती पैदा हुई है। वहीं पर सर्किट कोर्ट को मामले भेज कर नये सिरे से इन मामलों में अनेकों पार्टियों को नोटिस भेज कर तलब किया जाएगा। जिससे यह मामले शीघ्र निस्तारित होने के बजाय अधिक लंबित होंगे। अधिवक्ता श्याम कुमार शर्मा का कहना था कि इस फैसले से प्रभावित बार एसोसिएशनों के साथ संपर्क करके उन्हे इसे वापिस लेने के लिए लामबंद किया जाना चाहिए। अधिवक्ता ललित कपूर का कहना था कि प्रदेश उच्च न्यायलय के मुखय न्यायधीश को आंदोलनरत अधिवक्ताओं की समस्याओं को सुनने के लिए पहलकदमी करनी चाहिए। उन्होने कहा कि सर्किट कोर्ट से भागम दौड की स्थिती पैदा हो जाएगी। अधिवक्ता जानकी दास डोगरा का कहना था कि सर्किट कोर्ट के फैसले का डटकर विरोध किया जाना चाहिए। इस फैसले से प्रदेश की सबसे पुरानी बार एसोसिएशन प्रभावित हो रही है। अधिवक्ता अमर चंद वर्मा का कहना था कि न्यायिक व्यवस्था के विकेन्द्रीकरण के तहत उच्च न्यायलय की खंडपीठ मंडी और धर्मशाला में जल्द से जल्द खोली जानी चाहिए। अधिवक्ता समीर कश्यप का कहना था कि अधिवक्ता विकेन्द्रीकरण के खिलाफ नहीं हैं पर इसके लिए सर्किट कोर्ट की जगह उपमंडलों में स्थाई न्यायलय स्थापित किये जाने चाहिए। बार एसोसिएसन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि आम सभा में निर्णय लिया गया कि सर्किट कोर्ट को लेकर चल रहा आंदोलन शनिवार तक जारी रहेगा। इस दौरान अदालतों का बाहिष्कार किया जाएगा जबकि मामलों की सुनवाई में प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से होगी।

पिक्चर- प्रशांत शर्मा एडवोकेट

Wednesday, 23 October 2013

जिला बार एसोसिएशन ने सर्किट कोर्ट के विरोध में हडताल की


मंडी। जिला बार एसोसिएशन ने सर्किट कोर्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को पुर्ण रूप से हडताल की। अधिवक्ताओं ने मंडी शहर में एक रैली करके अपना विरोध प्रदर्शन किया। वहीं पर अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाज का भी पुर्ण रूप से बाहिष्कार किया। जिला बार एसोसिएशन के आहवान पर जिला एवं सत्र न्यायलय के अधिवक्ताओं ने दो दिवसीय हडताल के तहत अपनी विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। उच्च न्यायलय के निर्देशों के तहत बुनियादी ढांचा विकसित किये बगैर उपमंडल स्तर पर सर्किट कोर्ट लगाने के फैसले से आहत अधिवक्ता इस फैसले को वापिस लेने की मांग को लेकर इन दिनों आंदोलन कर रहे हैं। जिला बार एसोसिएशन का मानना है कि उपमंडल स्तर पर न्यायलय भवन, पुस्तकालय, बार रूम व कार्यालय की जरूरतों का बुनियादी ढांचा तैयार किये बगैर सर्किट कोर्ट लगाने का फैसला अव्यवहारिक और जन विरोधी है। प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज शर्मा ने कहा कि अधिवक्ता न्याय व्यवस्था के विकेन्द्रीकरण के सिद्धान्तत: पक्ष में हैं। उन्होने कहा कि वास्तव में जनता के घर द्वार तक न्याय पहुंचाने की शुरूआत सर्वोच्च न्यायलय और उच्च न्यायलयों से होनी चाहिए। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा ने कहा कि मंडी और धर्मशाला में प्रदेश उच्च न्यायलय की खंडपीठ खोलने को लेकर अधिवक्ता समुदाय, स्वयंसेवी संस्थाओं और याचिकाकर्ताओं की पुराने समय से मांग रही है। जिला बार एसोसिएशन मांग करती है कि विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया के तहत यह खंडपीठें जल्द से जल्द शुरू की जाए। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दिनेश सकलानी ने कहा कि सर्किट कोर्ट का फैसला पीठासीन अधिकारियों के लिए भी बिल्कुल व्यवहारिक नहीं है। लगातार सर्किट कोर्ट से उनकी एकाग्रता और काम करने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि अधिवक्ता इस फैसले के विरोध में वीरवार को भी अदालत में पूर्ण रूप से हडताल रखेंगे। बुधवार सुबह अधिवक्ताओं ने न्यायलय परिसर से रैली निकाल कर शहर के विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए सर्किट कोर्ट के विरोध में जमकर नारेबाजी की। वहीं पर अदालतों के कामकाज में भाग न ले कर कार्यवाहियों का पूरी तरह से बाहिष्कार किया गया।

Tuesday, 22 October 2013

बीमा कंपनी को 92,000 रूपये ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 92,000 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा के बदले 6000 रूपये हर्जाना और 4000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने जोगिन्द्रनगर तहसील के होटल उहल के नजदीक स्थित मैसर्ज स्पीड आटोमोबाइलस के मालिक संजय शर्मा की शिकायत को उचित मानते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त मुआवजा राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता समीर कश्यप के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने अधिकृत मारूती सर्विस स्टेशन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमावधि के दौरान 2 सितंबर 2009 को भारी बारिश के कारण मलबा आने से सर्विस स्टेशन का भवन और सारा स्टॉक बर्बाद हो गया था। उपभोक्ता ने घटना के बारे में पुलिस और कंपनी को दी थी। जिस पर कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती की थी। सर्वेयर ने मौका स्थल पर आकर नुकसान का आकलन किया था। लेकिन कंपनी के मुआवजा तय नहीं करने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी के सर्वेयर ने अपनी रिर्पोट में माना है कि अगर उपभोक्ता की ओर से दिये गये दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो उनके पक्ष में 92,000 रूपये की मुआवजा राशि दी जा सकती है। लेकिन सर्वेयर की रिर्पोट में इस बारे में नहीं बताया गया है कि उपभोक्ता दवारा मुहैया करवाए गए दस्तावेज क्यों दुरूस्त नहीं हैं। असलीयत में हुए नुक्सान के आधार पर मुआवजा अदा न करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए फोरम ने कंपनी को उक्त राशि उपभोक्ता के पक्ष में ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

जिला बार एसोसिएशन ने किया दो दिवसीय हडताल का ऐलान


मंडी। उच्च न्यायलय के निर्देश पर शुरू हुए सर्किट कोर्ट के विरोध में जिला बार एसोसिएशन ने दो दिवसीय हडताल का ऐलान किया है। जिसके चलते अधिवक्ता बुधवार और वीरवार को अदालती कार्यवाहियों का पूरी तरह से बाहिष्कार करेंगे। उच्च न्यायलय के निर्देश पर जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के न्यायलयों के उपमंडलों में सर्किट बेंच के विरोध में अधिवक्ता लामबंद हो गए हैं। जिला बार एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायलय परिसर में जनसभा का आयोजन किया। अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज शर्मा ने इस निर्णय को अतार्किक और असंगत बताते हुए विकेन्द्रीयकरण के नाम पर सर्किट कोर्ट शुरू करने को अनुचित ठहराया। उन्होने कहा कि विकेन्द्रीयकरण पहले उच्चतम न्यायलय और प्रदेश उच्च न्यायलय में किया जाना चाहिए। जिसके तहत उच्चतम न्यायलय के सर्किट उच्च न्यायलयों में और उच्च न्यायलयों के सर्किट जिला मुखयालय स्तर पर भी आने चाहिए। उन्होने कहा कि प्रदेश के विधिक समुदाय से परामर्श किये बगैर सर्किट कोर्ट थोप देने का निर्णय न्यायधीशों, न्यायिक कर्मियों, अधिवक्ताओं और याचिकाकर्ताओं सभी के लिए परेशानी देने वाला है। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायलय ने लोगों की जरूरतों को समझे बगैर मनमाने तरीके से यह निर्णय लिया है। सर्किट बेंच से मामलों का शीघ्र निस्तारण नहीं हो सकता। बल्कि इससे याचिकाकर्ताओं को न्याय हासिल करना और अधिक महंगा हो जाएगा। लोगों को जिला मुखयालय से अधिवक्ता उपमंडलों को ले जाने के लिए अधिक खर्चा करना पडेगा। वहीं पर इन सर्किट बेंच के दौरान लोगों को मामलों की नकलें लेने के लिए जिला मुखयालयों के चक्कर लगाने पडेंगे। उन्होने कहा कि उपमंडलों में जरूरतों के मुताबिक स्थाई न्यायलयों की स्थापना करके लोगों को राहत दी जा सकती है। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने कहा कि उच्च न्यायलय के इस निर्णय ने जिला एवं उपमंडल की बार एसोसिएशनों में दरार डालने का काम किया है। उन्होने कहा कि इस बारे में जिला बार एसोसिएशन प्रदेश भर की एसोसिएशनों के संपर्क में है और इस बारे में एक व्यापक आंदोलन शुरू करने की रणनीति तैयार की जा रही है। उन्होने कहा कि कांगडा जिला बार एसोसिएशन के आहवान पर मंडी बार भी बुधवार और वीरवार को पुर्ण हडताल करेगी। उन्होने कहा कि एसोसिएशन के सदस्य अदालती कार्यवाहियों का बाहिष्कार करते हुए सर्किट कोर्ट बंद करने की अपनी मांग को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे।

Monday, 21 October 2013

बीमा कंपनी को 2,01,620 रूपये अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 2,01,620 रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले 4000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट तहसील के धटोली (खुडला) निवासी जगदीश चंद पुत्र सुंका राम की शिकायत को उचित मानते हुए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि की अदायगी 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने के आदेश दिये। अधिवक्ता वीरेन्द्र कुमार के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने पौली हाऊस को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमावधि के दौरान ही 29 मार्च 2011 को भारी आंधी तूफान के कारण पौली हाऊस और फसल पूरी तरह से तबाह हो गए। उपभोक्ता ने इस बारे में कंपनी, पुलिस और पंचायत प्रधान को सूचित किया था। जिसके चलते कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती करके नुकसान का आकलन करवाया था। उपभोक्ता को शीघ्र ही मुआवजा अदा किये जाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन जब बीमा कंपनी ने मुआवजा तय नहीं किया तो उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। शिकायत की सुनवाई के दौरान कंपनी ने मुआवजा तय तो कर दिया लेकिन यह राशि पौली हाऊस को पहुंचे नुकसान से बहुत कम तय किया गया। ऐसे में फोरम ने कंपनी को घटना का फिर से आकलन करने को कहा था। लेकिन कंपनी के उचित मुआवजा अदा न करने पर उपभोक्ता ने दूसरी बार फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी की ओर से मुआवजे में अनुचित रूप से कटौती की गई। इस कटौती के बारे में कंपनी की ओर से कोई रिकार्ड पेश नहीं किया गया। फोरम ने मुआवजा राशि में अनुचित कटौती को कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त राशि ब्याज सहित अदा करने और कंपनी की कार्यप्रणाली से उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले हर्जाना व शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Sunday, 20 October 2013

साक्ष्यों के अभाव में चरस रखने का आरोपी बरी


मंडी। साक्ष्यों के अभाव में चरस रखने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने आरोपी महिला को बरी करने का फैसला सुनाया। आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उसे बरी कर दिया। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला के न्यायलय ने नेपाल के भूरती बांग अंचल के छमी दीवार (अधिकारी छोर) गांव निवासी डोलमा देवी पत्नी राम बहादुर के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 20 जून 2009 को सदर थाना पुलिस का दल बस स्टैंड से भयुली पुल की ओर गश्त पर तैनात था। जैसे ही पुलिस दल सब्जी मंडी के पास पहुंचा इसी दौरान बस स्टैंड के इन गेट से एक महिला आती हुई दिखाई दी। महिला पुलिस दल को देख कर घबरा गई। ऐसे में पुलिस ने संदेह के आधार पर महिला की तलाशी ली तो उसके उठाए गए बैग में से 500 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी महिला को हिरासत में ले कर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन की ओर से इस मामले में 11 गवाहों के ब्यान दर्ज किये गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमर सिंह ठाकुर का कहना था कि अभियोजन पक्ष के गवाहों ने विरोधाभासी ब्यान दिये हैं। जिससे आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित नहीं होता। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी महिला को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

Saturday, 19 October 2013

बार एसोसिएशन ने सर्किट कोर्ट के विरोध में हडताल की


मंडी। उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के सर्किट कोर्ट लगाने के विरोध में जिला बार एसोसिएशन ने शनिवार को सांकेतिक हडताल करके अदालतों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने सर्किट कोर्ट का विरोध करते हुए मूलभूत सुविधाएं जुटाने तक इन्हे बंद करने की मांग की है। उपमंडलों में सर्किट कोर्ट शुरू करने के उच्च न्यायलय के निर्देशों का विरोध करते हुए जिला बार एसोसिएशन ने शनिवार को सांकेतिक हडताल के जरिये अदालतों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने विरोध स्वरूप अदालतों के कामकाज में भाग नहीं लिया। जिसके कारण प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से अदालतों के कार्य का निपटारा किया गया। अधिवक्ताओं ने शनिवार सुबह से ही न्यायलय परिसर में सर्किट कोर्ट के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। परिसर में आयोजित जन सभा को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के उप प्रधान दिनेश सकलानी ने कहा कि सर्किट कोर्ट लगाने से याचिकाकर्ताओं को न्याय प्राप्त करना महंगा हो जाएगा। पहले से लंबित मामलों में अधिवक्ताओं ने जिला मुखयालय के आधार पर याचिकाकर्ताओं से अपनी फीसें तय की हैं। लेकिन इन मामलों की सुनवाई के लिए याचिकाकर्ताओं को अपने अधिवक्ता को उपमंडलों मेें हर पेशी में ले जाने के लिए अतिरिक्त राशि खर्च करनी पडेगी। जिससे याचिकाकर्ताओं पर आर्थिक बोझ बढेगा। एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने कहा कि सर्किट बेंच के दौरान उपमंडलों में न्यायलयों की उचित व्यवस्था नहीं है। जिससे न्यायिक अधिकारियों, स्टाफ, अधिवक्ताओं और लोगों को भारी परेशानी उठानी पडेगी। उन्होने कहा कि उपमंडलों में स्थाई न्यायलय बना कर वहां सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाए जाने तक सर्किट कोर्ट बंद किये जाएं। उन्होने कहा कि अगर उच्च न्यायलय की मंशा न्यायिक व्यवस्था के विकेन्द्रीयकरण की है तो इसके लिए जिला स्तर पर भी उच्च न्यायलय के सर्किट लगाए जाने चाहिए। उन्होने बताया कि एसोसिएशन ने जनरल हाउस में प्रस्ताव पारित करके उपमंडलों के सर्किट कोर्ट बंद करने की मांग की है। उन्होने कहा कि अगर उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं की गई तो अधिवक्ता प्रदेश भर की बार एसोसिएशनों के साथ रणनीति तैयार करके संघर्ष का रूख अखतियार किया जाएगा।

Friday, 18 October 2013

चरस सहित पकडे जाने पर 5 साल की कठोर कारावास और 50,000 रूपये जुर्माना



मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को पांच साल के कठोर कारावास और 50,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना न अदा करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने थुनाग तहसील के बागा चनौगी निवासी ओम प्रकाश पुत्र राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 8 जनवरी 2010 को सुंदरनगर की बीएसएल कलौनी पुलिस का दल थाना प्रभारी मदन मोहन की अगुवाई में नरेश चौक पर तैनात था। इसी दौरान धनोटु की ओर से आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देख कर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस दल ने आरोपी को काबू करके उसकी तलाशी ली तो उसके पिठु बैग में से एक किलो चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत में शुक्रवार को सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से नरम रूख अपनाने की मांग की गई। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस तरह के मामलों में इन दिनों चेतावनीपूर्ण बढौतरी हो रही है ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की विस्तार से सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा कि आरोपी से बरामदशुदा चरस गैर व्यवसायिक मात्रा में है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।

Thursday, 17 October 2013

उपमंडल पर सर्किट कोर्ट लगाने का जिला बार एसोसिएशन ने किया विरोध


मंडी। प्रदेश उच्च न्यायलय के निर्देशों पर विभिन्न उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के न्यायलयों के सर्किट लगाने का अधिवक्ताओं ने विरोध किया है। जिला बार एसोसिएशन ने जिला स्तर पर भी उच्च न्यायलय के सर्किट शुरू किये जाने की मांग की है। बार एसोसिएशन ने इस संदर्भ में आगामी 18 अक्तुबर को सांकेतिक हडताल करने का निर्णय लिया है। प्रदेश उच्च न्यायलय के आदेशों के तहत जिला के उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के सर्किट बेंच लगने शुरू हो गए हैं। जिसके तहत जिला एवं सत्र न्यायधीश हर महीने के दूसरे सप्ताह जोगिन्द्रनगर सर्किट के दौरान उपमंडल के मामलों की सुनवाई किया करेंगे। जबकि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (एक) हर माह के दूसरे सप्ताह करसोग और चौथे सप्ताह सुंदरनगर में इन उपमंडलों के मामलों का निपटारा किया करेंगे। जबकि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (दो) तीसरे सप्ताह सरकाघाट सर्किट में सुनवाई करेंगे। उच्च न्यायलय ने मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए 200 से ज्यादा विचाराधीन मामलों वाले 25 किलोमीटर से दूर स्थित उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के सर्किट लगाने के आदेश दिये हैं। इन आदेशों के तहत सरकाघाट और सुंदरनगर उपमंडलों में इन दिनों मामलों की सुनवाई शुरू हो गई है। इधर, जिला बार एसोसिएशन ने वीरवार को बार रूम में जनरल हाउस आयोजित किया। जिसमें अधिवक्ताओं का एकमत से यह कहना था कि विकेन्द्रीकरण के प्रक्रिया के तहत उच्च न्यायलय के भी जिला स्तर पर सर्किट लगने चाहिए। एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण ने कहा कि कांगडा जिला बार एसोसिएशन ने विकेन्द्रीकरण का विरोध करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है। उन्होने बताया कि उपमंडलों में बिना मूलभूत सुविधाओं के मामलों की सुनवाई से न्याय की दरकार में आए लोगों को अनेकों कठिनाईयों का सामना करना पडेगा। बार एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि आम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक उच्च न्यायलय का सर्किट जिला स्तर पर नहीं लगता तब तक उपमंडलीय सर्किट भी बंद किये जाएं। एसोसिएशन ने सर्वसममति से निर्णय लिया है कि आगामी 18 अक्तूबर को विरोध प्रदर्शन करके सांकेतिक हडताल की जाएगी। एसोसिएशन की आम सभा में एसोसिएशन के उप प्रधान दिनेश सकलानी, प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य नरेन्द्र गुलेरिया, दुनीचंद शर्मा, देशमित्र, शांती लाल वैद्या, महेश चंद्र शर्मा, महेन्द्र पाल सहगल, रवि सिंह राणा, सुंदर गोयल, अजय ठाकुर, हेमन्त कपूर, लोकेश कपूर, संजय मंडयाल, दिनेश शर्मा और समीर कश्यप ने चर्चा में भाग लिया। इस मौके पर बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।

Wednesday, 16 October 2013

सदयाणा की बस खराब होने से लोगों को परेशानी


मंडी। सदयाणा और कोट को जाने वाली परिवहन निगम की बस के पिछले दो दिनों से रास्ते में ही खराब हो जाने से लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड रहा है। स्थानिय वासी देशराज और ललित ने बताया कि सदयाणा और कोट को जाने वाली बस पिछले दो दिनों से रास्ते में ही खराब हो रही है। जिससे इन गांवों के लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड रहा है। उन्होने निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक को इस रूट पर ठीक बस भेजने का आग्रह किया है। इधर, क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद ने बताया कि बस में खराबी आ गई थी। लेकिन खराबी का पता चलते ही अब इसे ठीक कर दिया गया है।

भागवत कथा से माहौल भक्तिमय


मंडी। सनातन धर्म सभा मंदिर में जारी भागवत कथा से माहौल भक्तिमय हो गया है। श्री मदभागवत कथा का पाठ पंडित पंकज शर्मा (वृंदावन दीक्षित) दवारा किया जा रहा है। विगत12 अक्तुबर से शुरू हुई इस कथा का समापन 18 अक्तुबर को होगा। प्रतिदिन कथा में सुबह 7 बजे से 11 बजे तक संस्कृत का मूल पाठ किया जाता है। जबकि दोपहर एक बजे से चार बचे तक भागवत कथा प्रवचन हो रहा है। कथा को भक्तिमय और संगीतमय करने के लिए बांसुरी वादक योगेश शर्मा, तबला वादक कृष्ण चंद शर्मा, की बोर्ड प्रमोद शर्मा, पैड पर चमन शर्मा, मूल पाठ में मनीष शर्मा और पूजन में भारत भूषण शर्मा सहयोग कर रहे हैं।

चेत राम ठाकुर के मिल्क फेड का अध्यक्ष बनने पर आभार जताया


मंडी। सिराज विधानसभा क्षेत्र के चेत राम ठाकुर को मिल्क फेड का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने से कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड गई है। कांग्रेस नेता पुष्प राज शर्मा, हरिन्द्र सेन, राजेन्द्र मोहन, विकास कपूर, यशकांत कश्यप, योगेश कुमार, दीपक पठानिया, रविन्द्र ठाकुर सिल्ही, राजा महेन्द्रु, नितिन भाटिया, अभिजीत डोगरा, लोकेन्द्र ठाकुर, हितेश्वर और मंजुल ठाकुर ने चेत राम ठाकुर को मिल्क फेडरेशन का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर प्रदेश के मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह, सांसद प्रतिभा सिंह तथा विक्रमादित्य सिंह का धन्यावाद किया है।

Monday, 14 October 2013

रामनगर महल्ले री सैर





रामनगर महल्ले री सैर (मंडयाली लेख-11)

आपणी सांझकणी सैरा जो जारी रखणे कठे मेरे अंदरा ले भारी दबाब हा। दरअसल इन्हा सैरा के मेरा मंडयाली बिच लिखणे रा जे क्रम शुरू हुइरा हाउं तेता जो रोकणा नीं चाहंदा। इधी कठे नी जे भई मुंजो मंडयाली लिखणे ले कुछ मिलणे री उम्मीद ही। बल्कि मुंजो लगहां भई ये मेरे शैहरा होर प्रदेशा रा मेरे परा एक कर्जा हा जे मुंजो हे चुकाणा पौणा। अगर हाउं कुछ लिखणा-पढणा सिखी गईरा ता मुंजो तेसा भाषा बिच बी से लिखणा चहिए जे मेरी जिंदगी रा हिस्सा हा। मुंजो लगहां भई मंडयाली बिच लिखुआं हाउं ज्यादा धरातला परा जाई के अभिव्यक्त करी सकहां। इधी कठे सांझकणी सैरा रे कठे आपु जो मानसिक रूपा के तैयार करी के हाउं कई बार टलणे बाद आखिरकार चली हे पौहां। सुकेता (सुंदरनगरा) ले आउणे वाली सुकेती खाड पुलघराटा बाले मंडी शैहरा पौंहचाईं। पुलघराटा ले पाडला रे पुराणे पुला तक सुकेती खाडा रे पुठे हाथा बखौ रामनगर महल्ला बसीरा। खाडा ले टारना पहाडी रे उपरा तका ये महल्ला फैलीरा। पुराणे सुकेती पुल्हा से सौगी हे विश्वकर्मा रा मंदर होर हाल बणीरा। ये हाल शैहरा बिच हुणे करूआं शादी-ब्याह, क्रार्यक्रमा होर मिटिंगा कठे प्रयोग हुआं। मंदर रे सौगी हे एक बायं ही। पर ऐसा बाईं री हालत बडी खराब हुई गईरी। होर जल्दी थे जल्दी ये प्राकृतिक जल स्त्रोत ठीक कितया जाणा चहिए। रामनगर महल्ले बिच सभी थे महत्वपुर्ण स्थल बरसेला मॉनुमैंट है। ये स्मारक 1637 ई. ले बादा रे मंडी रे इतिहासा पर बडी महत्वपूर्ण जानकारी देहां। जेबे मंडी रे राजे गुजरी जाहें थे ता तिन्हा री राणियां होर खवासियां बी तिन्हा के सती हुई जाहीं थी। इन्हा राजेयां सौगी राणियां और खवासियां रे सती हुणे री याद जिउंदी रखणे कठे पाथरा रे स्तंभ बनाए जाहें थे।
बरसेला स्मारक मंडी रे इतिहासा जो दसहां। ऐस स्मारका रा महत्व देखदे हुए भारतीय पुरातत्व विभागा वालेयां ये आपणे नियंत्रणा बिच लेई लीतीरा। रामनगरा जो जाणे वाली सडका रे चौका बाले ले पुठे हाथा बखौ एक गली हेठा बखौ उतरुआं ऐस स्मारका बाले पुजहाएं। ये गली अग्गे जाईके तहसीला बाले मिलहाईं। चौका पर एस स्मारका जो दर्शाणे कठे कोई बी बोर्ड नहीं लगीरा जेता के पता चलो भई एस स्मारका जो देखणेओ जाणे कठे रस्ता किन्हुए हा। विभागा जो सडका पर बोर्ड लगाई के एस स्थल रा महत्व होर रस्ता ठीक ढंगा के दसणा चहिए। रामनगर महल्ला मंडी ले सुंदरनगरा बखौ जाणे वाली पुराणी सडका रे उपर होर हेठली बखौ बसीरा। पहले शिमले चंडीगढा बखौ एस सडका ले हे जाहें थे। बाईपास बणने ले ऐस सडका पर ट्रैफिका री मार थोडी कम हुईरी। पर अझे बी ट्रैफिका रा हाल ये हा भई सडक कम चौडी हुणे करूआं कई बार जाम लगीरा रैहां। प्रशासन ऐभे ऐस सडका जो वन वे करने री योजना पर काम करी करहां। एसा सडका रे दोनो बखौ रामनगरा रा बाजार हा। एस महल्ले री सभी थे बडी खासियत ये ही भई इथी सभी धर्मा रे लोग मिलीजुली कने रैहाएं। इहां ता इथी मंडी रे लोक बी पुराणे जमाने ते बसीरे पर इथी ज्यादातर आबादी बादा बिच बाहरा ले आईरे अल्पसंख्यक समुदाया री ही।
रामनगरा सिख धर्म रे नामधारी होर नीलधारी लोग ज्यादा रैहाएं। मंगवाईं महल्ले री शुरूआता बिच हे होटल किंगसिटी होर दो-तीन होटल हे। इथी हे जीबे भाई री दुकान ही। जीवा कांग्रेसा रे नेता हा होर कई साला ले मंत्री अनिल शर्मा के जुडीरा। इन्हा री चाही री दुकाना भ्यागा ले हे राजनिती री गपशप शुरू हुई जाहीं। नारायण सिंह मेरा क्लासफेलो हुआं था आजकाले बाहर रैहां। इन्हा री कुल्फियां री फैक्टरी मुंजो अझी बी याद ही। बचपना बिच फुटबाल खेलुआं आउणे बाद नारायण, काला होर तिन्हा रा छोटा भाई चुपचाप कुल्फियां निकालुआं सारी टीमा जो खवाहें थे। नारायणा रे घरा पारा बखौ हरिशु होरी रा घर हा। इन्हा रे पिता जी के बी आसारी बडी दोस्ती ही। रिशु आसारे वक्ता बिच फुटबाला रा सभी थे शानदार खिलाडी रैहा। रिशुए आपणे फुटबाला रे कैरियरा बिच देश रे लगभग सारे नामीगिरामी फुटबाल टीमा के मैच खेलीरे। आजकाले हरिशे आपणे घरा उपरा बखौ स्पोर्टसा री दुकान पाईरी। हरिशु रा भाई जीतू आजकाले फुटबाला रे कोचा री नौकरी करहां। हरिशा री दुकाना अगे विक्रम पठानिया (बावे) होरी री दुकान ही। बावा बी मंगवाईं महल्ले रा फुटबाल प्लेयर रैहीरा। बावे री दुकाना उपरा बखौ एडवोकेट कमल सैणी होरी रा घर हा। एडवोकेट कमल सैणी वकालता रे सौगी-2 फोटोग्राफी रा शौक बी रखाहें। आजकाले इन्हा रे खीचीरे फोटो काफी पसंद किते जाई करहाएं। बावे री दुकाना रे थोडी अग्गे रामनगरा रे पुर्व पार्षद अवनिंदर सिंह होरी री दुकान ही। इन्हा री दुकाना सामणे मनीष दुग्गल होरिये आपणी नौवीं दुकान बनाईरी। इथी हे थोडी दूर अगे हैस्बी गन फैक्टरी ही। ऐता रे सौगी हे सुरेश शर्मा, हरिसिंह, रणिया होर भागी री दुकान ही। मंगवाई महल्ले बिच कई सरकारी दफ्तर हे। सडका रे हेठा बखौ एक लिंक तहसीला जो जाहां। तहसीला रे भवना बिच आबकारी काराधान होर पर्यटन विभागा रे दफ्तर बी हे। जबकि पाडल, रामनगर, टारना होर भगवाहन महल्ले रे पटवारियां रे दफ्तर बी इथी हे। तहसीला सौगी हे विजिलेंस एंड एंटी करप्शना रे एसपी रा दफ्तर हा। जबकि नबी रे सौहरे सक्सेना होरी रे घरा एनसीबी रा दफतर हा। इथी ले बरसेले बखौ जाणे वाली गली बिच तहसीलदार होर कर्मचारियां रे क्वाटर हे। बरसेले रे नेडे हे फुटबाला रे खेला बिच मंडी रा नावं रोशन करने वाले कई खिलाडियां रे घर हे। जिन्हा बिच सुनील भाई, सोमा भाई, छोटु भाई, (नीनी होर नीटी) भाई, लाला भाई होर सुरेश भाई बगैरा। इधी ले अलावा बी रामनगरा बिच फुटबाल, क्रिकेट होर बाकी खेल खेलणे वालेयां री एक लंबी फेहरिस्त ही। जिन्हा बिच आसे जस्सी भाई, सतीश, डीडी, रूपलाल, सुभाष, रोशन, भागी, सुरेश, महेश, राजेन्द्र, भोला भाई, कुकु भाई, मिंटु होर टाईगरा होरी रा नावं लेई सकहाएं। तहसीला ले उपरा बखौ एक गली नाले रे सौगी-2 कुमी राम होर एडवोकेट इन्द्रा होरी रे घरा बखौ जाहीं। तहसीला अग्गे विख्यात गुलेरिया एडवोकेटा होरी रा घर हा। ऐते अगे कोर्टा रे क्रिमिनल एहलमद राकु भाई होरी रा घरा हा। सामहणे नंबरदार तारा सिंह सरदारा होरी रा घर हा। ऐता रे सौगी हे सामणे बखौ नगर परिषदा रा शौचालय हा। पर देखरेखा रे बगैर ये काम नीं करी करदा। हालांकि ऐता जो बनाणे कठे कमेटिए कई लाख रूपये रा खर्चा कितीरा। इथी हे एक पुराणा पीपल हा। ऐता ले हेठा बखौ पशु चिकित्सालय हा। जबकि उपरा बखौ जाणे वाले सडक एडीजे साहब होर सीजेएम साहब रे रैजीडैंसा जो जाहीं। ऐसा हे सडका पर अग्गे प्रेस क्लब मंडी रा भवन हा। हालांकि प्रेस क्लबा रे ऐस भवन ले कई गतिविधियां चली सकहाईं पर फिलहाल क्लबा री गतिविधियां पुरी तरहा के ठप्प पईरी। सरकारा जो क्लब रे सौगी वाली जमीन क्लब जो देई के इथी रा समुचित प्रयोग करना चहिए। पीपला रे अगे पंडत ब्रदर्जा री दुकाना ही। एते अग्गे भानू पठानिया भाई होरी री बर्फा री फैक्टरी ही। भानू भाई रे पिता जी मेरे दादा जो आपणा गुरू मनहाएं थे। अझी तका इन्हा रा परिवार आसारे परिवारा के गुरू-शिष्या वाला रिश्ता मनुआं आसा के मिलहाएं होर बरताएं। भानू भाई रे घरा रे सामहणे नामधारी धर्मशाला ही।
इथी तडके ले हे नामधारी समुदाय रे लोका रा पौंहचणा शुरू हुई जाहां। इथी ले थोडा अग्गे जस्सी भाई, भोला भाई और कुकु भाई रा घर होर तिन्हा री बीरी सिंह एंड सन गन फैक्टरी ही। इथी हे सामहणे रणिया भाई आटो रिपेयरा री दुकान करहाएं। सौगी हे टाइगर भाई रा घर बी हा। ऐते थोडी अगे ले एक सडक जिला पंचायत अधिकारी रे दफ्तरा जो जाहीं। जबकि सडका ले हेठा बखौ जाणे वाले गली बिच प्रसिध पत्रकार बीरबल शर्मा होरी रा घर हा। बीरबल शर्मा एक ऐहडी शख्शियत हे जिन्हे लगभग सारे प्रदेशा री यात्रा करी कने पहाडा रा जन जीवन आपणे कैमरे बिच समेटी लीतीरा। इन्हा री एनएच-21 पर बिंद्रावणी हिमाचल दर्शन आर्ट गैलरी बिच यों सारी पिक्चरा लोका रे प्रदर्शन कठे रखीरी। ऐसा गैलरी रे माध्यमा ले लोका जो एकी हे छता थाल्हे पूरे प्रदेशा रे दर्शन चित्रा रे माध्यमा के हुई जाहें। बीरबल शर्मा होरी रे घर सौगी हे आसारे दोस्त राकेश (राकू) भाई होरी रा घर हा। राकू भाई आजकाले स्कूला रे लैक्चरार हे लगीरे। इन्हा रे घरा मेरा बचपना ले आउणा जाणा हा। राकू भाई सौगी आसे कई नाटका बिच काम कीतीरा। साहित्यिक रूचि वाले राकू भाई अझी बी नाटका बिच अभिनय करहाएं होर स्कूला रे बच्चेयां जो बी नाटक तैयार करवाहें। इथी ले थोडा अगे चलणे पर रामनगर महल्ले री मोती मस्जिद आवाहीं।
इहां ता मंडी हमेशा सभी धर्मा रा समभाव बणीरा रैहां। पर कई बार कुछ घटना रा फायदा चकी के सांप्रदायिक लोक धार्मिक असहिष्णुता फैलाहें होर आदमी जो आदमी रा दुश्मन बनाई देहाएं। मुंजो याद ही भई कुछ साल पैहले बाहरी राज्य ले आईरे मुहम्मद मरगुब नावां रे एकी दर्जी रा काम करने वाले मठे कोटली री मठी के प्रेम प्रसंगा बिच तेसा पर भरी बसा बिच तेजाब सटी दितेया था। जेता री प्रतिक्रिया बिच सांप्रदायिक लोके रामनगर होर जेलरोडा री मस्जिदा पर हमला करीके इन्हा जो नुकसान पहुंचाणे री कोशीश किती थी। जेता के दोनों धर्मा बिच नफरता री खाई खोदणे रा काम हुआ था। पर तेता ले बाद कोई भी ऐहडी घटना नी हुई जेता के सांप्रदायिक माहौल बणया हो। थोडा दूर चलणे पर नीलधारी समुदाय रा गुरूद्वारा श्री दुख निवारण साहिब आवहां। गुरूद्वारे बिच दिन भर शब्द कीर्तना रा माहौल रैहां। सिख लोक आपणे गुरूआं रे प्रकाशोत्सव होर विभिन्न त्योहारा रे मौकेयां जो खूब धूमधामा के मनाहें। इथी हे सौगी लगदा रंगारंग सिंह पत्रकारा होरी रा घर हा। रंगरंग सिंह होरी रे पिता जी विश्वेश्वर सिंह होरी बौहत सुलझी रे इंसान हे। रंगा होरी रे बडे भाई सुक्खा भाई जी कांग्रेसा रे नेता हे। सुक्खा भाई आजकाले नगर परिषद मंडी रे मनोनीत पार्षद हे। नीलधारी गुरूद्वारे ले थोडा अग्गे कैहनवाल चौक आवां। कैहनवाल चौका पर झीरू मियां होरी रा घर हा। कैहनवाल रोडा पर दैनिक जागरणा रे ब्युरो चीफ विनोद भावुका होरी रा क्वाटर हा। भावुक जी मेरे अभिन्न मित्र हे। ध्याडे रा ज्यादातर वक्त आसारा कठे हे गुजरां। पत्रकार होणे रे सौगी-2 स्यों सोसल एक्टिविस्ट होर साहित्यकार बी हे। भावुक जी आजकाले कांगडी बिच बडी अच्छी कविता लिखी करहाएं। मेरे मंडयाली लिखणे पीछे बी इन्हा री हे प्रेरणा ही। इन्हा रे क्वाटरा मेरा अक्सर आउणा-जाणा लगीरा रैहां। कैहनवाला जो जाणे वाली सडका रे किनारे डीएफसी रा गोदाम हा। इथी हे एडवोकेट जी पी गुलेरिया होर एडवोकेट दुर्गा सिंह होरी रे घर हे। कैहनवाला जो जाणे वाली सडका ले एक लिंक रोड टारना बखौ आवां। इथी राजीव स्टुडियो वालेयां रे घरा बाले करीब दो दर्जन मकान हे। सौगी हे एक पुराणी बौवडी बी ही। ये सडक अगे जाई के माहुंनागा रे मंदरा बाले गट्टु रामा होरी रे घरा रे नजदीक निकलाहीं। इथी कांग्रेसी नेता एडवोकेट दीपक शर्मा होरी रा घर बी हा। कैहनवाल चौका पर हे मेहर भवन हा। इथी रे नारायण सिंह होरी, बच्ची भाई, बॉबी भाई, रिकी, डान भाई होर सारे परिवारा के आसारे परिवारा रे पुराणे संबंध हे। इथी ले अग्गे सडका रे उपरा बखौ हे घर बसीरे जबकि खाडा बखौ कमेटी वालेयां जंगला लगाई दितीरा। थोडी दूर अग्गे अशोका फर्नीचरा रा शोरूम हा। सामणे मोनाल होटल हा। इथी हे आसारे भगवाहन महल्ले ले गइरे हरजिंदर बिल्ला होर पप्पे होरी री चाही री दुकान ही। थोडा दूर चली के पुलघराटा रा पेट्रोल पंप आवां। पुलघराटा ले एक सडक बाईपासा जो चली जाहीं होर एक रामनगरा जो आवाहीं। पुलघराटा टारना रे पार्षद होर रामनगरा रे पुर्व पार्षद योगराज होरी रा घर हा। पुलघराटा रामनगर महल्ला खत्म हुई जाहां होर इथी ले हाउं वापस हटणा शुरू करी देहां। ऐस वक्त न्यारा हुई गईरा होर पुलघराटा रे चौका पर कमेटी री कोई स्ट्रीट लाईट नीं भखीरी। पुलघराटा ले अशोका फर्नीचरा रे शो रूमा तक कोई लाईट प्वाईँट नीं जलणे रे करुआं घुप्प न्यारा पईरा। इथी होटला री लाईटा के थोडा परयासा हा। इथी ले मेहर भवना तक बी कोई लाईट नी ही। मेहर भवन ले अगे हाउं स्ट्रीट लाईटा चैक करदा लगहां तो मुंजो महामृत्युंजय चौका तक करीब दो दर्जन लाईट प्वाईंट लगीरे मिलहाएं। पर हैरानी री गल ये रैही भई करीब 50 फुटा री दूरी पर लगीरे इन्हा प्वाइंटा मंझा ले एकी बी खंबे बिच लाईट नीं भखीरी थी। हैरानी री गल ये बी ही भई ऐस महल्ले कई अधिकारी होर जिम्मेवार लोक रैहाएं पर इथी री लाईटा रे कठे कोई नीं सोचदा। इधी ले पैहले रामनगरा री सडका री हालत बी बडी खस्ता थी। कुछ वक्त पैहले ये ठीक ता किती थी पर भी खराब हुई गईरी कई जगहा ले। रामनगर महल्ले री सांझकणी सैरा ले ऐहडा सामहणे आया भई प्रशासना जो महल्ले रे ऐतिहासिक स्थल बरसेले रे बारे बिच उचित जगहा पर जानकारी देणी चहिए। महल्ले रे नालेयां री चैनलाईजेशन करना चहिए। प्राकृतिक स्त्रोत बचाणे चहिए, बिजली री हालत ठीक करनी चहिए होर सडका ठीक किती जाणी चहिए। इधी ले अलावा बी बौहत सारी समस्या महल्ले वालेयां री हुई सकाहीं। जेता कठे आसारे प्रतिनिधियां जो लोका ले जानकारी मांगी के तिन्हा रे हे सहयोगा के सुलझाणी चहिए। फिलहाल आज की सैरा बिच इतना हे बाकि रैही गईरी गल्ला अगली बार करघे। तेबे तका तुसारा धन्यावाद...

समीर कश्यप

13-10-2013

sameermandi.blogspot.com

Friday, 11 October 2013

दोस्तियां



दोस्तियां...

दूर होकर भी पास होने का अहसास करा जाती हैं

दोस्तियां ऐसी अक्सर हमें कई बार रूला जाती हैं

पास होने पर भी कोसों दूरियां कभी साध जाती हैं

फासलों की एक बारीक सी लकीर खींच जाती हैं

जहन के भीतर से अक्समात प्रकट हो जाती हैं

अलसुबह मुंह से नाम अपना निकलवा जाती हैं

जिंदगी को संवारने की राह कभी दिखा जाती हैं

तो इसे पा लेने की चाह कभी पीछे छोड़ जाती हैं

अपने न होने का कभी भ्रम भी ये फैला जाती हैं

दुश्मनी भी कभी इसका लिबास पहने आ जाती है

जीवन पथ की कठिनाई में सापेक्ष खड़ी हो जाती हैं

बेहद कड़वी ही सही बात अपनी समझा जाती हैं

अपनी सार्थकता का राज निष्कपट जता जाती हैं।।

समीर कशयप

30 अप्रैल 2010

sameermandi@gmail.com

Wednesday, 9 October 2013

वाहन की क्षमता से ज्यादा तेल भर रही पेट्रोल पंप की मशीन


मंडी। यहां के एक पेट्रोल पंप की मशीन में वाहन की क्षमता से अधिक डीजल भरने का मामला सामने आया है। वाहन के मालिक ने उक्त पेट्रोल पंप की शिकायत वेट एंड मैयर विभाग और संबंधित कंपनी के प्रबंधक को करके लोगों से हो रही धोखाधडी को रोकने की मांग की है। जानकारी के अनुसार शिमला में सोनी रस्तोगी कंपनी चलाने वाले चार्टेड एकाउंटेंट एस के सोनी किसी सिलसिले में मंडी आए हुए थे। इसी दौरान वह बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 21 चंडीगढ- मनाली पर शहर से बाहर बने एक पेट्रोल पंप में अपनी स्वीफट डिजायर वाहन में डीजल भरवाने के लिए गए। उन्होने पेट्रोल पंप के स्टाफ को आटो कट करके डीजल भरने को कहा। लेकिन वह उस समय हैरान रह गए जब पेट्रोल पंप के मीटर ने वाहन में 46.48 लीटर डीजल भरना दर्शाया। सोनी ने बताया कि कार निर्माता दवारा उपलब्ध करवाई गर्ई जानकारी के मुताबिक स्वीफट कार के टैंक की क्षमता 43 लीटर की है। उनके लिए यह समझ पाना मुश्किल था कि जिस टैंक में 43 लीटर डीजल डालने की क्षमता हो उसमें 46.48 लीटर डीजल कैसे डाला जा सकता है। ऐसे में उन्होने पेट्रोल पंप के स्टाफ को संपर्क करके उन्हे इस बारे में बताया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। सोनी के मुताबिक इस पेट्रोल पंप में गडबडी चल रही है जिसके तहत लोगों के साथ धोखाधडी की जा रही है। ऐसे में उन्होने वेट एंड मैयर विभाग और संबधित तेल कंपनी के प्रबंधक को शिकायत प्रेषित की है। उन्होने मांग की है कि इस मामले में जांच की जानी चाहिए और धोखाधडी करने वालों के खिलाफ कडी कार्यवाही अमल में लाई जाए।

मोबाइल और प्रेमिका



मोबाइल और प्रेमिका

मोबाइल

तुम हमारे सबसे बडे दुश्मन

प्रतीत होते हो जब सटे होते हो

प्रेमिका के कान से।

तुमसे और तुम्हे सुनने वाली से

इर्ष्या सी होने लगती है यकीन मानो।

तुम्हारे और उसके रवैये से

अनगिनत आशंकाओं के घनघोर बादल

भीतर ही भीतर उमड-घुमड पडते हैं।

क्यों चिपके हो उसके कान से।

क्या जल्दी से अपनी बात खत्म करके

बंद नहीं हो सकते।

क्यों लगातार खिलखिला कर हंसाए जा रहे हो उसे।

क्या हक है तुम्हारा

हम जैसों के उम्र भर पुराने प्रेम से

खिलवाड करने का।

इतना हंसाना तो दूर हमें तो

बतियाना भी नहीं मिल पाया उम्र भर उनसे।

क्यों जाहिर कर जाते हो वह सब

जो समझ कर भी हम समझना नहीं चाहते,

कि वह हमारे अदृश्य प्रेम निवेदनों से कोसों दूर,

लोटपोट करने, गुदगुदाने, धीमे से फुसफुसाने और

अकेली जगहों में तुम्हारे जरिये सुनी जाने वाली

आवाजों के प्यार में तल्लीन है।

हमें हरगिज बर्दास्त नहीं तुम्हारा

अतिक्रमण और तुम्हारी साफगोई

हमारे प्रेम की असफलता दर्शाने की।

मोबाइल भाई, इसे चेतावनी समझ लेना

और याद रखना गर

प्रेम को छल से छीनने की

खतरनाक करतूत जारी रखी तो

यह खूबसूरत अनुभूति भरभरा के ढह जाएगी।

प्रेम पर से विश्वास उठने का अर्थ होता है

सपनों का मर जाना।

और तुम्हे याद रहे

सबसे खतरनाक होता है

सपनों का मर जाना।

समीर कश्यप

9-10-2013

sameermandi@gmail.com

98161 55600

Monday, 7 October 2013

बीमा कंपनी को 31,002 रूपये ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 31,002 रूपये की राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिये। इसके अलावा बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले 6000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय अदा करने का आदेश दिया। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट तहसील के भांबला निवासी अमर सिंह धीमान पुत्र एम आर धीमान की शिकायत को उचित मानते हुए रिलायंस लाईफ इंश्योरेंस कंपनी के मुमबई कार्यालय और स्थानीय ईकाई के शाखा प्रबंधक को संयुक्त रूप से उक्त राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित लौटाने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने 31,002 रूपये की प्रिमियम अदा करके कंपनी से जीवन बीमा की पॉलिसी खरीदी थी। उपभोक्ता को चार साल बाद पालिसी का प्रिमियम जमा करवाना था और 13 साल के बाद पॉलिसी ने मैच्योर होना था। उपभोक्ता को कहा गया था कि उन्हे पॉलिसी बांड 15 दिनों में दे दिया जाएगा। ऐसा न करने पर उपभोक्ता फ्री लुक समय में पॉलिसी खारिज करके अपनी राशि वापिस ले सकता था। उपभोक्ता को करीब एक साल बाद पॉलिसी का बांड मुहैया करवाया गया। लेकिन जब उपभोक्ता ने बांड को देखा तो इसके अनुसार उपभोक्ता को 13 साल तक नियमित प्रिमियम अदा करना था। ऐसे में उपभोक्ता ने फ्री लुक समय में कंपनी को लिखित रूप से विरोध किया था। जिस पर मंडी शाखा ने उनसे बांड लेकर इसे कंपनी के मुमबई कार्यालय भेज कर जल्द ही प्रिमियम लौटाने की बात कही थी। लेकिन राशि न लौटाने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम की कार्यवाही में कंपनी के भाग न लेने पर एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता के कई बार प्रार्थना के बावजूद भी कंपनी की ओर से पॉलिसी को कैंसिल नहीं किया गया और न ही उपभोक्ता की राशि को वापिस लौटाया गया। उपभोक्ता की प्रिमियम राशि न लौटाने को कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए फोरम ने उक्त राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिये। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Sunday, 6 October 2013

स्टेट बैंक को 10,000 ब्याज समेत अदा करने के आदेश


मंडी। एटीएम से पैसे निकालने की विडियो क्लीप मुहैया न करवाने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने बैंक को उपभोक्ता के खाते में 10,000 रूपये की राशि ब्याज सहित जमा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा बैंक की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने यहां के जवाहर नगर निवासी संसार चंद कपूर पुत्र भीखम राम की शिकायत को उचित मानते हुए मंडी स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया की शाखा को उक्त राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित उपभोक्ता के खाते में जमा कराने के आदेश दिये। अधिवक्ता अभिषेक लखनपाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने उक्त बैंक में अपना खाता खुलवाया है। बैंक की ओर से उन्हे एटीएम कार्ड मुहैया किया गया है। उपभोक्ता को पता चला कि 10 नवंबर 2011 को उनके खाते से 10,000 रूपये की राशि निकाल ली गई है। जब उपभोक्ता ने इस बारे में तहकीकात की तो वह यह जानकार हैरान रह गए कि उनके खाते से एटीएम के माध्यम से यह राशि निकाली गई है। उपभोक्ता का कहना था कि उस रोज न तो उन्होने एटीएम कार्ड का प्रयोग किया था और न ही उनके कहने पर किसी अन्य ने इसका प्रयोग किया। लेकिन इसके बावजूद भी उनके खाते से राशि निकाल दी गई। उपभोक्ता ने बैंक के पास शिकायत करके इस लेनदेन से संबंधित विडियो क्लीप मुहैया करवाने की मांग की थी। लेकिन बैंक के क्लीप मुहैया न करवाने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैंक विडियो क्लीप मुहैया करवाने में असफल रहा। जिससे जाहिर होता है कि उपभोक्ता के खाते से राशि निकाली गई है। ऐसे में फोरम ने लेनदेन की विडियो क्लीप मुहैया न करवाने को बैंक की सेवाओं में कमी करार देते हुए एटीएम से निकाली गई राशि उपभोक्ता के पक्ष में ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। वहीं पर बैंक की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

धारा के विपरीत बहने के राज उसी ने सिखाए हैं




दूर रहने को कहते थे जिनसे वो ही काम आए हैं

भंवर में पडी कश्ती अपनी वो ही किनारे लाए हैं

तुम कहते थे कि खुदगर्ज और मतलबपरस्त हैं वो

यही सबक तो जिंदगी में हमने तुमसे भी पाए हैं।

ख्याल तुम्हारा गल्त था निकला अपना हमराह वो

जख्म दिये थे जो तुमने उसी ने तो सहलाए हैं।

पुल जो तोड दिया था तुमने अब बना रहा है वो

धारा के विपरीत बहने के राज उसी ने सिखाए हैं।

समीर कश्यप

6-10-2013

sameermandi@gmail.com

Saturday, 5 October 2013

न्यायधीशों की मिडिएशन पर कार्यशाला संपन्न


मंडी। यहां के उपायुक्त कार्यालय के सभागार में मिडिएशन पर चल रही छ दिवसीय कार्यशाला शनिवार को संपन्न हो गई। कार्यशाला में मंडी, कुल्लू, बिलासपूर और हमीरपूर जिलों के जिला एवं सत्र न्यायधीशों सहित 24 न्यायिक दंडाधिकारी शामिल हुए। राज्य विधिक प्राधिकरण की ओर यहां जारी मिडिएशन पर 42 घंटे की कार्यशाला संपन्न हो गई। कार्यशाला में मिडिएशन के विशेषज्ञ डा शिव कुमार शर्मा ने न्यायधीशों को मिडिएशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए इस प्रक्रिया को समझना निहायत आवश्यक है। उन्होने बताया कि अमेरिका में इन दिनों 80 फीसदी मामलों को मिडिएशन के माध्यम से सुलझाया जाता है। देश भर के विभिन्न न्यायलयों में इन दिनों करीब 3.26 करोड मामले लंबित हैं। जबकि नये मामले भी लगातार आ रहे हैं। ऐसे में इन मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए देश में करीब 10 साल पहले मिडिएशन से मामले सुलझाने की पहल की गई है। इसी सिलसिले में न्यायधीशों, अधिवक्ताओं, मिडिएटरों, कानून को लागू करने वाली एजेसियों, विधि छात्रों तथा अन्य संस्थाओं को मिडिएशन के बारे में प्रशिक्षण कार्यक्रम किये जा रहे हैं। डा शिव कुमार शर्मा ने बताया कि मिडिएशन की तकनीक से जहां दोनों पक्षों के पैसे, समय और ऊर्जा की बचत होती है वहीं पर मामले का निर्णय दोनों पक्षों के द्वारा किये जाने से उनमें भविष्य की मुकदमेबाजी हमेशा-2 के लिए खत्म हो जाती है। उन्होने बताया कि सिविल प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत जिन मामलों में समझौतों की संभावना होती है उन्हे संबंधित न्यायलय मिडिएशन के लिए भेजता है। मिडिएशन केन्द्र में दोनों पक्ष आमने-सामने बैठ कर अपने आप मामले का समाधान निकालतेे हैं। जिसमें प्रशिक्षित मिडिएटर उनकी सहायता करते हैं। दोनों पक्षों द्वारा मामले का आपस में निपटारा कर देने के बाद अदालत इसे हमेशा-2 के लिए खत्म कर देती है। उन्होने बताया कि न्यायिक अधिकारियों को मिडिएशन का प्रशिक्षण देने की कार्यशाला इससे पहले शिमला में भी लग चुकी है और इसके बाद अब धर्मशाला में आयोजित होगी। उन्होने उममीद जताई कि कार्यशाला में प्रशिक्षण के बाद न्यायिक अधिकारी मिडिएशन की तकनीक से मामलों के शीघ्र निस्तारण को सुनिश्चित करेंगे। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में रहने वाले डा शिव कुमार शर्मा इन दिनों देश भर में मिडिएशन का प्रशिक्षण दे रहे हैं और अभी तक 400 से भी अधिक कार्यशालाओं में भाग ले चुके हैं। मध्यप्रदेश के कटनी (जबलपुर) निवासी डा शिव कुमार शर्मा वर्ष 1970 में अमेरिका चले गए थे और वहां पर ज्युरिस डाक्टर आफ लॉ हैं। वह विगत 2007 के बाद से 4-5 माह के लिए भारत में आकर मिडिएशन का प्रशिक्षण देने की सेवा दे रहे हैं। वह बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक के अलावा मुमबई के चैंबर आफ कमर्स तथा इंडियन मर्चेंट कमर्स में भी मिडिएशन का प्रशिक्षण दे चुके हैं। उन्होने कहा कि मामलों के हमेशा-2 के लिए शीघ्र निस्तारण करने के लिए मिडिएशन का प्रचार और प्रसार करना चाहिए। जिससे लोग इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक हो सकें।

Friday, 4 October 2013

नाकाम साबित हुई न्यायलय परिसर से भागने की कोशीस


मंडी। अदालत में पेश करने के लिए लाये गये एक आरोपी ने पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशीस की। जिसे कुछ ही दूरी पर काबू कर लिया गया। आरोपी को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जानकारी के अनुसार उप तहसील औट के पनारसा निवासी दीनू राम को मुखय न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय में लंबित मारपीट के मामले में हाजिर न होने पर गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। इस वारंट के तहत औट थाना पुलिस ने आरोपी को बीते कल हिरासत में लिया था। उसे अदालत में पेश करने के लिए शुक्रवार को मंडी लाया गया था। जैसे ही पुलिस दल आरोपी को लेकर न्यायलय परिसर में पहुंचा तो आरोपी ने अचानक पुलिस को चकमा दे कर अदालत की सीढियां उतर कर भागने की कोशीस की। जिस पर पुलिस ने आरोपी का पीछा किया और उसे टैलीफोन एक्सचेंज के नजदीक काबू कर लिया। आरोपी को पुलिस ने न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक रमणीक शर्मा के न्यायलय में पेश किया। अदालत ने आरोपी से पुलिस तहकीकात शेष न होने के कारण उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में उपजेल मंडी भेज दिया। उल्लेखनीय है कि आरोपी के खिलाफ मुखय न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय में भादंस की धारा 325 के तहत मामला विचाराधीन है। लेकिन आरोपी पिछली कई तारीखों से अदालत में हाजिर नहीं हो रहा था। जिसके चलते उसे अदालत में पेश करने के लिए गैरजमानती वारंट जारी किये गए थे। इधर, आरोपी के पुलिस हिफाजत से फरार होने की कोशीश के बारे में जानने के लिए जब शहरी चौकी प्रभारी सी एस भंगालिया से संपर्क किया तो उन्होने बताया कि अभी तक इस बारे में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

मिडिएशन से लंबित मामलों का तेजी से होगा निस्तारणः डा शिव


मंडी। देश भर की अदालतों में लंबित करीब 3.26 करोड मामलों के निस्तारण के लिए इन दिनों मिडिएशन (मध्यस्थता) जैसी वैकल्पिक तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके लिए देश के कई राज्यों सहित प्रदेश में भी मिडिएशन के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी कडी में राज्य विधिक प्राधिकरण की ओर से इन दिनों मंडी में उपायुक्त कार्यालय कांफ्रेंस हाल में चार जिलों के जिला एवं सत्र न्यायधीशों सहित 24 न्यायधीशों को मिडिएशन का प्रशिक्षण देने के लिए अमेरिका में रहने वाले डा शिव कुमार शर्मा विशेष रूप से मंडी आए हैं। मध्य प्रदेश के कटनी (जबलपुर) निवासी डा शिव कुमार शर्मा अमेरिका में ज्युरिस डाक्टर आफ लॉ हैं और इन दिनों मिडिएशन का शिक्षण, प्रशिक्षण और कौंसलिंग का कार्य करते हैं। उन्होने बताया कि इन दिनों वह न्यायिक अधिकारियों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, मिडिएटरों, कानून को लागू करने वाली एजेंसियों, विधि छात्रों, व्यवसायिओं और उद्योगपतियों को मिडिएशन का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होने बताया कि इस तकनीक से जहां दोनो पक्षों के पैसे, समय और ऊर्जा की बजत होती है वहीं दोनों पक्षों की जीत सुनिश्चित होने से भविष्य की मुकदमेबाजी पर भी हमेशा के लिए विराम लग जाता है। उन्होने कहा कि इस तकनीक की सबसे अच्छी बात यह है कि दोनों पक्षों द्वारा ही अपने आप ही न्यायलय से बाहर अपनी शर्तों पर मामले को सुलझाया जाता है। जिसमें प्रशिक्षित मिडिएटर का काम दोनों पक्षों को मामले को सुलझाने में मदद करना होता है। जुलाई 1970 में अमेरिका चले गए डा शिव कुमार शर्मा हिमाचल प्रदेश से पहले बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी मिडिएशन का प्रशिक्षण दे चुके हैं। वह गत वर्ष दिल्ली में आयोजित तीसरी राष्ट्रीय मिडिएशन कांफ्रेंस के वक्ता भी थे और विगत 2007 के बाद से 4-5 माह के लिए भारत में आकर मिडिएशन का प्रशिक्षण देने की सेवा दे रहे हैं। डा शिव कुमार शर्मा मुम्बई के चैंबर आफ कमर्स और इंडियन मर्चेंट कमर्स में भी मिडिएशन का प्रशिक्षण दे चुके हैं। उन्होने बताया कि अमेरिका में 80 फीसदी मामले मिडिएशन के माध्यम से ही निपटाए जाते हैं। उनके कहना है कि देश में करीब 10 साल पहले ही मिडिएशन की शुरूआत हुई है। ऐसे में उन्होने उम्मीद जताई कि आने वाले दशक में मिडिएशन के माध्यम से मामलों को हमेशा-2 के लिए तेजी से निस्तारित करने में सफलता मिलेगी। उन्होने कहना है कि मिडिएशन का प्रचार और प्रसार किया जाना चाहिए। जिससे लोगों को इस तकनीक के प्रति जागरूक किया जा सके।

Thursday, 3 October 2013

मिडिएशन पर न्यायधीशों की कार्यशाला जारी


मंडी। अदालतों में लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए इन दिनों उपायुक्त कार्यालय काफ्रेंस हाल में मिडिएशन (मध्यस्थता) पर न्यायधीशों की 6 दिवसीय कार्यशाला चल रही है। कार्यशाला में मंडी, कुल्लू, हमीरपूर और बिलासपूर जिलों के जिला एवं सत्र न्यायधीशों सहित 24 न्यायधीश भाग ले रहे हैं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अदालतों में मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए इन दिनों उपायुक्त कार्यालय के काफ्रेंस हाल में मिडिएशन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें न्यायधीशों को मिडिएशन के बारे में जानकारी दी जा रही है। इस कार्यशाला में चार जिलों के जिला एवं सत्र न्यायधीशों सहित करीब दो दर्जन न्यायधीश भाग ले रहे हैं। कार्यशाला में मिडिएशन का प्रशिक्षण देने के लिए अमेरिका में रहने वाले मिडिएशन के विशेषज्ञ डा शिव कुमार शर्मा विशेष रूप से आये हुए हैं। उन्होने बताया कि अदालतों में लंबित मामलों के निस्तारण के लिए मिडिएशन की प्रक्रिया का लाभ उठाने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। जिससे न्यायिक अधिकारी मिडिएशन की तकनीक का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सकें। उन्होने बताया कि यह कार्यशाला 29 सितंबर से 5 अक्तूबर तक आयोजित की जा रही है। जिसमें न्यायिक अधिकारियों को 42 घंटों तक मिडिएशन के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होने बताया कि इससे पहले शिमला में भी इसी तरह की कार्यशाला आयोजित की जा चुकी है। जबकि मंडी के बाद धर्मशाला में भी इसके बाद कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

Wednesday, 2 October 2013

नए मंदिर में बिराजेंगी माता हडिंबा



नए मंदिर में बिराजेंगी माता हडिंबा

सराज क्षेत्र के चिऊणी में देवी का भव्य मंदिर तैयार

ढाई सौ साल बाद हुआ जीर्णोद्धार, पहले नवरात्र में होगी प्रतिष्ठा

मंडी। मंडी जिले के दुर्गम क्षेत्र चिऊणी में क्षेत्र की कुल देवी हडिंबा का भव्य मंदिर बन तैयार हो गया है। मंदिर की प्रतिष्ठा शारदीय नवरात्र के पहले नवरात्र 5 अक्टूबर को होगी और हडिंबा देवी इसमें बिराजेंगी। प्रतिष्ठा के दौरान सराज घाटी के इस पवित्र स्थल पर हजारों लोग जुड़ेंगे और इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनेंगे। इसके अलावा चिऊणी-चेत का हर घर इस आयोजन में शरीक होगा और इसके साक्षी बनेंगे। क्षेत्र के लोग प्रतिष्ठा की तैयारियों में जोर-शोर से जुट गए हैं। करीब ढाई सौ साल बाद पौराणिक मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य में एक साल छह माह का समय लगा। मंदिर का नींव पत्थर 27 मार्च 2012 को रखा गया था और इसका निर्माण कार्य 4 अक्टूबर 2013 को होगा। देवी के नवनिर्मित मंदिर में काष्ठ कला का अदभुत चित्रण किया गया है। इस काष्ठ कला को अंजाम दिया आठ कारीगरों की एक टीम ने। मुख्य कारीगर भोप सिंह की अगुआई में कारीगरों की टीम ने मंदिर में इस्तेमाल हुई लकड़ी पर आदि शक्ति, नव दुर्गा, गणेश, विष्णु, महाकाली, रामायण, महाभारत और शिव पुराण सहित अन्य देवी देवताओं के कुल 60 चित्र उकेरे हैं। नक्काशी के इस काम को मुख्य कारीगार ने डेढ़ साल तक उपवास रखकर अंजाम दिया। वह दिन में सिर्फ एक बार फलाहार लेता था। मंदिर निर्माण को लोगों ने अपने काम से ज्यादा तरजीह दी और एकता और भाईचारे की मिसाल आज दुनिया के सामने है। इसके बाद एक के बाद एक चीजें लोगों के सहयोग से जुड़ती गई। यह देवी के प्रति लोगों की आस्था थी निहरी-सुनाह लंबाथाच, शिल्हीबागी, जुघांद, घाट, बूंग जहलगाड़, रोड़-भराड़ और शिवा थाना ग्राम पंचायतों के लोगों ने मंदिर निर्माण में भरपूर मदद की। यह हडिंबा के प्रति लोगों की आस्था थी जिसने उन्हें मंदिर निर्माण को प्रेरित किया। वर्ष 2012 में चैत्र नवरात्र के दौरान मंदिर का नींव पत्थर रखा गया। र्मंदर निर्माण समिति के अध्यक्ष लुदरमणी ने बताया कि लोगों ने स्वयं ही मंदिर के जिर्णोद्धार का बीड़ा उठाया। चिऊणी मे देवी के 313 चूली (घर) हैं। इन लोगों ने एक साल तक दिन रात कर भव्य मंदिर को खड़ा किया। मंदिर निर्माण के लिए प्रत्येक घर से लगभग दस हजार रुपए नगद और काम में लगे कारीगरों और श्रमिकों को राशन इत्यादि दिया। एक साल नौ महीनें तक मंदिर में लंगर चला रहा जिसका सारा खर्च स्थानीय लोगों ने किया। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण में लगभग हजारों लोगों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपनी भागेदारी सुनिश्चित की। मंदिर बनाने के लिए भी लोगों ने दिल खोलकर दान दिया, जिसकी जितनी सामथ्र्य होती थी उसने उस हिसाब से दान दिया और जो पैसा इत्यादि देने में सक्षम नहीं था उसने मंदिर में अवैतनिक काम कर अपना फर्ज निभाया। मंदिर निर्माण पर लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया। सात बहड़ के लोग करेंगे शिरकत पहले नवरात्र को हो रही मंदिर प्रतिष्ठा में स्थानीय बाशिंदों के अलावा सात बहड़ के लोग शामिल होंगे। बहड़ वह इलाका होता है जहां देवताओं को मानने वाले लोग रहते हैं। (पुराने समय में देवताओं की मान्यता के अनुसार ही इलाकों का सीमांकन होता था। एक बहड़ में एक से लेकर तीन-चार पंचायतें आती हैं।) मंदिर निर्माण कमेटी के सचिव रामचंद्र ने बताया कि हडिंबा देवी के मंदिर की प्रतिष्ठा में केउली-बगलैरा बहड़, बड़ादेव मतलोड़ा का चोहटबागा बहड़, आंकशा बहड़, जुफर बहड़ और जुघांद बहड़ के लोग शामिल होंगे। प्रत्येक बहड़ अपने साथ एक बकरा लाएगा और उसे देवी हडिंबा को समर्पित करेगा। इसके अलावा चिऊणी और चेत बहड़ के लोग इस भव्य आयोजन के कर्ता हैं। प्रतिष्ठा में दूसरे बहड़ के लोगों को बुलाने की भी रोचक परंपरा है। मंदिर निर्माण समिति के सह सचिव चिरंजी लाल ने बताया कि इन सात बहड़ के लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए अपना बहुमूल्य सहयोग दिया है। 31 बलियों से होगी मंदिर की प्रतिष्ठा, हर घर में होगा पूजन देवी हडिंबा के कुल पुरोहित शेर सिंह उर्फ नागणू ने बताया कि मंदिर की प्रतिष्ठा 31 बलियों से होंगी। मंदिर के शुद्धीकरण को 27 बकरों के अलावा एक सूअर, एक मछली, एक मशैकड़ा (कैकड़ा) और एक पेठे की बलि होगी। प्रतिष्ठा में सर्वप्रथम मंदिर के चार आधार स्तंभों पर चार बकरे काटे जाएंगे। इसके बाद देवी का पंडित मंदिर में शांद बनाएगा जिसमें देवी-देवता बिराजमान होंगे। देवताओं के बिराजमान होने के बाद मंदिर के चारों ओर सूत्र (ऊन का धागा) बांधा जाएगा। मंदिर का मुख्य द्वार खोलने के लिए मशैकड़ा (पानी में मिलने वाला जीव जिसकी सौ टांगे होती हैं) की बलि होगी और गेट खुलते ही सूअर की बलि दी जाएगी। गेट खुलते ही हवन शुरू होगा, इस हवन में चार पंडित बैठेंगे। हवन प्रक्रिया रात एक बजे से सुबह सात बजे तक चलेगी। हवन पूरा होते ही देवी पूजा होगी और मंदिर के छत पर बकरे की बलि दी जाएगी इस प्रक्रिया को स्थानीय बोली में काश कहा जाता है। हडिंबा के कारदार रोशन लाल ने बताया कि काश मंदिर की प्रतिष्ठा का अंतिम पड़ाव होता है। पांच अक्टूबर सुबह सात बजे मंदिर में काश के साथ ही हर उस घर की छत पर काश होगी जहां से मंदिर दिखाई देता है। चिऊणी पंचायत के चेत, डूघा, गाडा गांव, मलाड, डडौण, कांढ़ीधार, ढेली, घियार, लैंद, ढ़ेली सहित हर गांव में काश होगी जिसमें असंख्या बकरों को बलि होगी। इसके अलावा क्षेत्र में हडिंबा देवी के जितने भी गूर, पुजारी, कारदार और भण्डारी हैं उनके घरों में भी काश का आयोजन होगा। यह प्रक्रिया मंदिर में होने वाली काश के साथ-साथ चलेंगी। मान्यता है कि काश देने से बुरी ताकतें और शैतान उस घर से दूर रहते हैं और घर पर देवी की कृपा दृष्टि बनी रहती है। मंदिर का इतिहास देवी हडिंबा सराहु में सदियों से बिराजमान है। मंदिर के बारे में सटीक जानकारी नहीं है कि इसकी स्थापना कब हुई और किसने की। चिऊणी निवासी अधिवक्ता हेमसिंह ठाकुर ने बताया कि पुराना मंदिर पहाड़ी शैली का था जिसे लगभग 1855 ईस्वी में झगडू राम मिस्त्री ने बनाया था। मान्यता है कि 17वी सदी के आसपास यहां पर ढु़ंगरी मनाली से एक कुम्हार आया था। वह अपने किलटे में ढुंगरी से हडिंबा देवी का निशान साथ लाया था। वह यहां की चिकनी मिट्टी देखकर प्रभावित हुआ और यहीं पर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करने लगा। कुम्हार ने सराहु नामक स्थान में हडिंबा को स्थापित किया। देवी के आशिर्वाद से कुम्हार के घड़े और बर्तन इतने मजबूत होते थे कि वह नहीं टूटते थे। उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई। कुछ समय बाद कुम्हार ने देखा कि कोई भी उसके घड़े और बर्तन खरीदने नहीं आ रहा। तो उसने निर्णय किया कि वह इसके बारे में पता करेगा। उसने लोगों से उसके पास दोबारा बर्तन खरीदने के लिए न आने का कारण पूछा तो लोगों ने बताया कि इसकी जरुरत ही नहीं पड़ी क्योंकि उसके बर्तन इतने मजबूत हैं कि नए खरीदने की आवश्यकता ही नहीं है। यह सुनकर कुम्हार का दिमाग चकराया और सोचा कि अगर ऐसा रहा तो मेरा काम तो चौपट हो जाएगा और वह सराहु छोडक़र चला गया। कुम्हार के जाने के बाद क्षेत्र में देवी की शक्ति से कई अलौकि घटनाएं होने लगी और करीब डेढ़ सौ साल बाद यहां मंदिर बनाया गया। तब से लेकर आज तक स्थानीय लोग हडि़ंबा को कुल देवी के रूप में पूजते आए हैं। चिऊणी में हडिंबा का स्वर्ण मुख वाला भव्य रथ है। मंदिर के अलावा क्षेत्र के घाट और चेत गांव में देवी की दो कोठियां हैं रथ बारी-बारी से इन कोठियों में रहता है। जुलाई माह कि अंतिम सप्ताह सराहु स्थित हडिंबा माता के मंदिर परिसर में एक मेले का आयोजन होता है। मेले में देवी स्थानीय कुल देवता शैटीनाग के साथ शोभायात्रा में भाग लेते ही हैं। मेले में हडिंबा में आस्था रखने वाले लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर पहुंचते हैं। इसके अलावा मेले में अन्य स्थानीय देवता भी शोभा बढ़ाते हैं। कैसे पहुंचें मंदिर तक हडिंबा देवी का यह मंदिर समुद्रतल से लगभग 25 सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जिला मुख्यालय मंडी से 90 किलोमीटर दूर इस मंदिर तक पहुंचने के लिए चिऊणी तक बस योग्य सडक़ है। मंडी से चिऊणी तक सीधी बस सेवा है। इसके अलावा चिऊणी तक छोटे वाहनों से भी पहुंचा जा सकता है। चिऊणी से सराहु स्थित हडिंबा के मंदिर तक पहुंचने के लिए 500 मीटर का ट्रैक है। मंदिर में परिसर में श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं स्थानीय लोग हडिंबा के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को अपना अतिथि मानकर अपने घर ले जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती है।

बीमा कंपनी को 75,000 ब्याज समेत देने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 75,000 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले 10,000 रूपये हर्जाना और 5000 रूपये शिकायत व्यय भी देने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने जोगिन्द्रनगर तहसील के द्रुबल गांव निवासी त्रिपता देवी पत्नी स्व. घनश्याम दास की शिकायत को उचित मानते हुए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त मुआवजा राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता के पति घनश्याम दास हिमाचल पथ परिवहन निगम के केलांग डिपो में बतौर इंसपैक्टर कार्यरत थे और वह एंपलॉयर ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम के तहत बीमाकृत थे। बीमावधि के दौरान ही उपभोक्ता के पति की मृत्यु हो गई। ऐसे में उपभोक्ता ने सभी दस्तावेज कंपनी को मुहैया करवा कर मुआवजा तय करने को कहा था। लेकिन कंपनी ने मुआवजा तय नहीं किया। जिसके चलते उपभोक्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस दिया था। इसके बावजूद भी मुआवजा तय न करने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बीमा कंपनी का कहना था कि उपभोक्ता ने देरी से शिकायत दायर की है और उन्हे घटना के बारे में देरी से सूचना दी गई है। जबकि उपभोक्ता का कहना था कि कंपनी को निगम के माध्यम से समय पर सूचना दे दी गई थी। फोरम ने कंपनी के तर्कों को अस्वीकारते हुए मुआवजा अदा न करने को सेवाओं में कमी करार दिया। ऐसे में फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Tuesday, 1 October 2013

उपभोक्ता के पक्ष में 10,25,000 रूपये ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन विक्रेता और निर्माता को उपभोक्ता के पक्ष में 10,25,000 रूपये ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा 5699 रूपये की राशि भी उपभोक्ता को ब्याज सहित लौटाने को कहा। वहीं पर विक्रेता व निर्माता की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा के बदले 20,000 रूपये हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने जिला हमीरपूर की भोरंज तहसील के हिमर गांव निवासी पवन कुमार पुत्र बृज लाल की शिकायत को उचित मानते हुए वाहन विक्रेतासाउली खडड के इंडस्ट्रियल एरिया स्थित बैहल मोटरस और निर्माता मुमबई स्थित टाटा मोटरस को उपभोक्ता के वाहन के बदले उसी मॉडल का नया वाहन देने या फिर वाहन की मूल्य राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोक्ता से रिपेयर के लिए वसूली गई राशि भी ब्याज सहित देने के आदेश दिये। अधिवक्ता हितेश बैहल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपनी आजीविका कमाने के लिए उक्त विक्रेता से निर्माता का बनाया हुआ ट्रक खरीदा था। लेकिन वाहन खरीदने के बाद से ही इसमें खराबी आनी शुरू हो गई। वाहन ने अधिक इंजिन आयल लेना शुरू कर दिया। इसके कैबिन में पानी आना शुरू हो गया। वाहन की ब्रेक और स्टेरिंग में भी खराबी आ गई। उपभोक्ता ने विक्रेता से संपर्क किया तो उन्होने वाहन को हमीरपूर में ठीक करवाने को कहा। खराबी ठीक न होने के बाद उन्हे शिमला में चैक करवाने को कहा गया। लेकिन वाहन में निर्माण से संबंधित खराबी होने के कारण इसे ठीक नहीं जा सका। वाहन के खराब रहने से उपभोक्ता अपनी आजीविका कमाने में असमर्थ हो गया। ऐसे में उन्होने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विक्रेता की ओर से फोरम की कार्यवाही में भाग न लेने पर यह माना गया कि विक्रेता को इस बारे में कुछ नहीं कहना है और उन्होने उपभोक्ता की शिकायत को उचित मान लिया है। वहीं पर वाहन निर्माता ने यह माना कि वाहन वारंटी अवधि में था। तथ्यों से यह भी साबित हुआ है कि वाहन मे निर्माण से संबंधित खराबी थी। फोरम ने अपने में फैसले में कहा कि खराब वाहन को बेचने और इसे नहीं बदलने की कार्यप्रणाली सेवाओं में कमी को दर्शाती है। जिसके चलते फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में नया वाहन देने अथवा इसकी मूल्य राशि और वारंटी में रिपेयर के लिए वसूली गई राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। फोरम ने विक्रेता और निर्माता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...