मंडी। उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के सर्किट कोर्ट लगाने के विरोध में जिला बार एसोसिएशन ने शनिवार को सांकेतिक हडताल करके अदालतों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने सर्किट कोर्ट का विरोध करते हुए मूलभूत सुविधाएं जुटाने तक इन्हे बंद करने की मांग की है। उपमंडलों में सर्किट कोर्ट शुरू करने के उच्च न्यायलय के निर्देशों का विरोध करते हुए जिला बार एसोसिएशन ने शनिवार को सांकेतिक हडताल के जरिये अदालतों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने विरोध स्वरूप अदालतों के कामकाज में भाग नहीं लिया। जिसके कारण प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से अदालतों के कार्य का निपटारा किया गया। अधिवक्ताओं ने शनिवार सुबह से ही न्यायलय परिसर में सर्किट कोर्ट के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। परिसर में आयोजित जन सभा को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के उप प्रधान दिनेश सकलानी ने कहा कि सर्किट कोर्ट लगाने से याचिकाकर्ताओं को न्याय प्राप्त करना महंगा हो जाएगा। पहले से लंबित मामलों में अधिवक्ताओं ने जिला मुखयालय के आधार पर याचिकाकर्ताओं से अपनी फीसें तय की हैं। लेकिन इन मामलों की सुनवाई के लिए याचिकाकर्ताओं को अपने अधिवक्ता को उपमंडलों मेें हर पेशी में ले जाने के लिए अतिरिक्त राशि खर्च करनी पडेगी। जिससे याचिकाकर्ताओं पर आर्थिक बोझ बढेगा। एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने कहा कि सर्किट बेंच के दौरान उपमंडलों में न्यायलयों की उचित व्यवस्था नहीं है। जिससे न्यायिक अधिकारियों, स्टाफ, अधिवक्ताओं और लोगों को भारी परेशानी उठानी पडेगी। उन्होने कहा कि उपमंडलों में स्थाई न्यायलय बना कर वहां सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाए जाने तक सर्किट कोर्ट बंद किये जाएं। उन्होने कहा कि अगर उच्च न्यायलय की मंशा न्यायिक व्यवस्था के विकेन्द्रीयकरण की है तो इसके लिए जिला स्तर पर भी उच्च न्यायलय के सर्किट लगाए जाने चाहिए। उन्होने बताया कि एसोसिएशन ने जनरल हाउस में प्रस्ताव पारित करके उपमंडलों के सर्किट कोर्ट बंद करने की मांग की है। उन्होने कहा कि अगर उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं की गई तो अधिवक्ता प्रदेश भर की बार एसोसिएशनों के साथ रणनीति तैयार करके संघर्ष का रूख अखतियार किया जाएगा। Saturday, 19 October 2013
बार एसोसिएशन ने सर्किट कोर्ट के विरोध में हडताल की
मंडी। उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के सर्किट कोर्ट लगाने के विरोध में जिला बार एसोसिएशन ने शनिवार को सांकेतिक हडताल करके अदालतों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने सर्किट कोर्ट का विरोध करते हुए मूलभूत सुविधाएं जुटाने तक इन्हे बंद करने की मांग की है। उपमंडलों में सर्किट कोर्ट शुरू करने के उच्च न्यायलय के निर्देशों का विरोध करते हुए जिला बार एसोसिएशन ने शनिवार को सांकेतिक हडताल के जरिये अदालतों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने विरोध स्वरूप अदालतों के कामकाज में भाग नहीं लिया। जिसके कारण प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से अदालतों के कार्य का निपटारा किया गया। अधिवक्ताओं ने शनिवार सुबह से ही न्यायलय परिसर में सर्किट कोर्ट के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। परिसर में आयोजित जन सभा को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के उप प्रधान दिनेश सकलानी ने कहा कि सर्किट कोर्ट लगाने से याचिकाकर्ताओं को न्याय प्राप्त करना महंगा हो जाएगा। पहले से लंबित मामलों में अधिवक्ताओं ने जिला मुखयालय के आधार पर याचिकाकर्ताओं से अपनी फीसें तय की हैं। लेकिन इन मामलों की सुनवाई के लिए याचिकाकर्ताओं को अपने अधिवक्ता को उपमंडलों मेें हर पेशी में ले जाने के लिए अतिरिक्त राशि खर्च करनी पडेगी। जिससे याचिकाकर्ताओं पर आर्थिक बोझ बढेगा। एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने कहा कि सर्किट बेंच के दौरान उपमंडलों में न्यायलयों की उचित व्यवस्था नहीं है। जिससे न्यायिक अधिकारियों, स्टाफ, अधिवक्ताओं और लोगों को भारी परेशानी उठानी पडेगी। उन्होने कहा कि उपमंडलों में स्थाई न्यायलय बना कर वहां सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाए जाने तक सर्किट कोर्ट बंद किये जाएं। उन्होने कहा कि अगर उच्च न्यायलय की मंशा न्यायिक व्यवस्था के विकेन्द्रीयकरण की है तो इसके लिए जिला स्तर पर भी उच्च न्यायलय के सर्किट लगाए जाने चाहिए। उन्होने बताया कि एसोसिएशन ने जनरल हाउस में प्रस्ताव पारित करके उपमंडलों के सर्किट कोर्ट बंद करने की मांग की है। उन्होने कहा कि अगर उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं की गई तो अधिवक्ता प्रदेश भर की बार एसोसिएशनों के साथ रणनीति तैयार करके संघर्ष का रूख अखतियार किया जाएगा।
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