मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने निजी अस्पताल और चिकित्सक की लापरवाही के कारण बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 5,00,000 रूपये हर्जाना ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा अस्पताल और चिकित्सक को उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्य रमा वर्मा ने जिला बिलासपुर के समोह (झंडुता) गांव निवासी ज्योती देवी पत्नी चमन लाल की शिकायत को उचित मानते हुए सुंदरनगर के ललित चौक स्थित सुकेत अस्पताल के प्रबंध निदेशक और सीनीयर सर्जन डा. अनिल चौहान की सेवाओं में कमी और लापरवाही के लिए न्यु इंडिया एशोरेंस कंपनी को उक्त हर्जाना राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता भूपिन्द्र भरमौरिया के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार 28 जून 2005 को उपभोक्ता को पेट में दर्द होने पर वह सुकेत अस्पताल में गई। जहां पर डा. अनिल चौहान ने उनकी जांच की और बताया कि उसकी आंत में फोडा है। उपभोक्ता को एडमिट करके उसका आपरेशन किया गया। अस्पताल से छुटी के कुछ दिन बाद उपभोक्ता की आपरेशन वाली जगह पर फिर से दर्द शुरू हो गया और टांकों में से पीक निकलना शुरू हो गया। ऐसे में उपभोक्ता फिर से अस्पताल गई और उसे फिर से एडमिट किया गया। इलाज के बाद उसे आश्वस्त किया गया कि अब वह ठीक हो जाएगी। लेकिन इसके बावजूद भी दर्द और पीक नहीं रूका तो उसे मंडी स्थित मंाडव अस्पताल को रेफर कर दिया गया। लेकिन यहां भी ठीक नहीं हो पाने पर उपभोक्ता ने नेहरू अस्पताल, पीजीआई चंडीगढ में अपना ईलाज करवाया। जहां पर उन्हे पता चला कि आंत के फोडे के आपरेशन के दौरान चिकित्सक की लापरवाही से उनके पेट में करीब 2.5 सेमी लंबी सुई रह गई है। यह सुई करीब पांच साल से उपभोक्ता के पेट में ही रही जिसके कारण उन्हे भारी दर्द सहना पडा और इसके इलाज के लिए राशि भी करनी पडी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि अस्पताल और चिकित्सक संयुक्त और अलग-2 रूप से यह हर्जाना देने के लिए उतरदायी हैं। लेकिन क्योंकि उन्होने बीमा की पालसियां ली हैं ऐसे में बीमा कंपनी उयह हर्जाना राशि उपभोक्ता के पक्ष में ब्याज सहित अदा करे। जबकि अस्पताल और चिकित्सक को उपभोक्ता के पक्ष में शिकायत व्यय की राशि अदा करने के आदेश दिये। Tuesday, 24 December 2013
अस्पताल और सर्जन को 5,00,000 रूपये हर्जाना अदा करने के आदेश
मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने निजी अस्पताल और चिकित्सक की लापरवाही के कारण बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 5,00,000 रूपये हर्जाना ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा अस्पताल और चिकित्सक को उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्य रमा वर्मा ने जिला बिलासपुर के समोह (झंडुता) गांव निवासी ज्योती देवी पत्नी चमन लाल की शिकायत को उचित मानते हुए सुंदरनगर के ललित चौक स्थित सुकेत अस्पताल के प्रबंध निदेशक और सीनीयर सर्जन डा. अनिल चौहान की सेवाओं में कमी और लापरवाही के लिए न्यु इंडिया एशोरेंस कंपनी को उक्त हर्जाना राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता भूपिन्द्र भरमौरिया के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार 28 जून 2005 को उपभोक्ता को पेट में दर्द होने पर वह सुकेत अस्पताल में गई। जहां पर डा. अनिल चौहान ने उनकी जांच की और बताया कि उसकी आंत में फोडा है। उपभोक्ता को एडमिट करके उसका आपरेशन किया गया। अस्पताल से छुटी के कुछ दिन बाद उपभोक्ता की आपरेशन वाली जगह पर फिर से दर्द शुरू हो गया और टांकों में से पीक निकलना शुरू हो गया। ऐसे में उपभोक्ता फिर से अस्पताल गई और उसे फिर से एडमिट किया गया। इलाज के बाद उसे आश्वस्त किया गया कि अब वह ठीक हो जाएगी। लेकिन इसके बावजूद भी दर्द और पीक नहीं रूका तो उसे मंडी स्थित मंाडव अस्पताल को रेफर कर दिया गया। लेकिन यहां भी ठीक नहीं हो पाने पर उपभोक्ता ने नेहरू अस्पताल, पीजीआई चंडीगढ में अपना ईलाज करवाया। जहां पर उन्हे पता चला कि आंत के फोडे के आपरेशन के दौरान चिकित्सक की लापरवाही से उनके पेट में करीब 2.5 सेमी लंबी सुई रह गई है। यह सुई करीब पांच साल से उपभोक्ता के पेट में ही रही जिसके कारण उन्हे भारी दर्द सहना पडा और इसके इलाज के लिए राशि भी करनी पडी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि अस्पताल और चिकित्सक संयुक्त और अलग-2 रूप से यह हर्जाना देने के लिए उतरदायी हैं। लेकिन क्योंकि उन्होने बीमा की पालसियां ली हैं ऐसे में बीमा कंपनी उयह हर्जाना राशि उपभोक्ता के पक्ष में ब्याज सहित अदा करे। जबकि अस्पताल और चिकित्सक को उपभोक्ता के पक्ष में शिकायत व्यय की राशि अदा करने के आदेश दिये।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच
मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...
-
राहुल सांकृत्यायन की श्रेष्ठ कृति दर्शन-दिग्दर्शन का अध्ययन पूरा हुआ। दर्शन जैसे विषय पर मेरे जीवन में पढ़ी गई शायद यह पहली पुस्तक है। प...
-
मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में शुक्रवार को एंटी टैरोरिजम दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया की अध्यक्षता...
-
मंडी। रिश्वत लेने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने दो पटवारियों को बरी करने का फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक...
No comments:
Post a Comment