मंडी। तेज रफतारी और लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करने के आरोपी चालक को अदालत ने तीन माह के साधारण कारावास और 1000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मैहता के न्यायलय ने सुंदरनगर तहसील के ठंडवाणी (डैहर) गांव निवासी मनोहर लाल पुत्र रामधन के खिलाफ भादंस की धारा 279 और 337 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: तीन-तीन माह की साधारण कारावास और पांच-पांच सौ रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर सात-सात दिनों की अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतनी होगी। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 30 दिसंबर 2010 को पंडोह चौकी पुलिस को जरल के पास दुर्घटना होने की सूचना मिलने पर मुखय आरक्षी कृष्ण चंद की अगुवाई में पुलिस दल मौका पर पहुंचा। जहां पर शिकायतकर्ता अभिनव भटनागर ने बताया कि वह अपनी माता-पिता और छोटी बहन के साथ अपनी मारूती कार में फगवाडा से शास्त्रीनगर कुल्लू को जा रहा था। इसी दौरान जरल के पास पंडोह की ओर से तेज गति में आ रही हिमाचल पथ परिवहन निगम के केलांग डिपो की मनाली दिल्ली बस ने उनकी कार को टक्कर मार दी। इसके बाद बस पहाडी से टकरा गई। इस दुर्घटना में उन्हे चोट आई थी। पुलिस ने बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक राजरानी ने 9 गवाहों के बयान कलमबंद करके मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के खिलाफ वाहन को तेज रफतारी और लापरवाही से चलाकर दूसरों की जिंदगी को खतरा पहुंचाने का अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। Tuesday, 10 December 2013
लापरवाह चालक को तीन माह का कारावास
मंडी। तेज रफतारी और लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करने के आरोपी चालक को अदालत ने तीन माह के साधारण कारावास और 1000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मैहता के न्यायलय ने सुंदरनगर तहसील के ठंडवाणी (डैहर) गांव निवासी मनोहर लाल पुत्र रामधन के खिलाफ भादंस की धारा 279 और 337 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: तीन-तीन माह की साधारण कारावास और पांच-पांच सौ रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर सात-सात दिनों की अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतनी होगी। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 30 दिसंबर 2010 को पंडोह चौकी पुलिस को जरल के पास दुर्घटना होने की सूचना मिलने पर मुखय आरक्षी कृष्ण चंद की अगुवाई में पुलिस दल मौका पर पहुंचा। जहां पर शिकायतकर्ता अभिनव भटनागर ने बताया कि वह अपनी माता-पिता और छोटी बहन के साथ अपनी मारूती कार में फगवाडा से शास्त्रीनगर कुल्लू को जा रहा था। इसी दौरान जरल के पास पंडोह की ओर से तेज गति में आ रही हिमाचल पथ परिवहन निगम के केलांग डिपो की मनाली दिल्ली बस ने उनकी कार को टक्कर मार दी। इसके बाद बस पहाडी से टकरा गई। इस दुर्घटना में उन्हे चोट आई थी। पुलिस ने बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक राजरानी ने 9 गवाहों के बयान कलमबंद करके मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के खिलाफ वाहन को तेज रफतारी और लापरवाही से चलाकर दूसरों की जिंदगी को खतरा पहुंचाने का अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
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