Friday, 1 September 2017

बॉलीवुड फिल्म शुभमंगल सावधान में मंडी के नीरज सूद की दमदार भूमिका





मंडी। बॉलीवुड में शुक्रवार को रिलीज हो रही कॉमेडी ड्रामा फिल्म शुभ मंगल सावधान में मंडी के नीरज सूद ने दमदार भूमिका निभायी है। निर्माता आनंद एल राय और क्रिशिका लुल्ला की इस फिल्म का निर्देशन आर. एस प्रसन्ना ने किया है। फिल्म में अभिनेता आयुष्मान खुर्राना और अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने मुखय भूमिका निभाई है तो मंडी से संबंध रखने वाले अभिनेता नीरज सूद भी प्रभावशाली भूमिका में हैं। वैसे तो नीरज सूद का परिवार मूल रूप से जिला कांगड़ा के भवारना से संबंध रखता है लेकिन उनका जन्म और पढाई मंडी में ही हुई है। यहां के वल्लभ महाविद्यालय में प्रोफेसर कृपाल सिंह और रवि शर्मा के निर्देशन में नीरज ने अपनी प्रतिभा को अभिव्यक्ति देते हुए थियेटर करना शुरू किया। बेहतरीन अभिनय के कारण उन्हे अंतरमहाविद्यालय यूथ फेस्टीवल में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में भी नवाज़ा गया था। मंडी कालेज में ग्रेज्युएशन के बाद वर्ष 1996 में उनका चयन दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (एनएसडी) के लिए हुआ। एनएसडी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़ाई करने के बाद नीरज ने वर्ष 1999 में माया नगरी मुंबई का रुख किया। नीरज ने बड़े और छोटे पर्दे पर कई दमदार रोल निभा कर अपनी पहचान बनाई है। शुक्रवार को रिलीज हो रही बॉलीवुड हिंदी फीचर फिल्म शुभ मंगल सावधान को नीरज अपने कैरियर का टर्निंग पॉइंट मान रहे हैं। मुम्बई में फिल्म के रिलीज होने से पूर्व दूरभाष पर नीरज के साथ फिल्म से सिलसिले में विस्तृत बातचीत हुई। जिसमें नीरज ने फिल्म निर्माण के कुछ यादगारी पलों के बारे में बताते हुए कहा कि इस पूरी फिल्म के दौरान कमाल का आनंद आया है क्योंकि फिल्म की स्क्रिप्ट अपने आप में बहुत शानदार थी और इंडिविजुअल वर्क के लिए कोई जगह न होने के कारण यह पूरी तरह से टीम वर्क पर निर्भर थी। फिल्म से जुड़े एक रोचक प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होने बताया कि फिल्म में जहां पर आयुष्मान खुराना मेरे बड़े भाई बृजेंद्र काला की पप्पी ले रहे हैं। इस सीन में जिस तरह से भाई साहब हम को देखते हैं तो मेरा और सीमा जी का हंस हंस के बुरा हाल हो गया था। जिसके कारण वह टेक नहीं हो पा रहा था लेकिन बाद में डायरेक्टर साहब के सख्ती करने पर बड़ी मुश्किल से हम लोगों ने सीन किया। इस सीन में आप देखेंगे कि हम विजेंद्र भाई की तरफ नहीं देख रहे हैं क्योंकि उस शॉर्ट में उनका चेहरा इतना फनी था कि हम उसको देखे नहीं पाए तो वह एक ऐसा मोमेंट है जो मुझे अभी तक याद है। हिंदी फि़ल्म उद्योग में करीब दो दशक के अपने संघर्ष और अनुभव से उन्होने यह सीखा है कि हर स्क्रिप्ट की और हर कहानी की कुछ डिमांड होती हैं वह आपको नए सिरे से काम करने के लिए मजबूर करती हैं। फिल्म में अपने करेक्टर को लेकर अपनी सोच को बताते हुए नीरज का कहना है कि मेरा मानना है कि कैरेक्टर स्टैंड आउट होना एक अच्छी बात नहीं है क्योंकि वह स्क्रिप्ट से अलग चला जाता है और बतौर अभिनेता वह कभी नहीं चाहते कि कैरेक्टर स्क्रिप्ट से अलग हो जाए। उनके अनुसार अगर कहानी से अलग चला गया तो कहानी का कोई महत्व नहीं रहेगा। इसलिए वह कहानी में रहकर ही अपने करैक्टर को विकसित करते हैं। हिंदी फिल्म उद्योग के बारे में अपने अनुभव बांटते हुए उन्होने कहा कि कभी-कभी ऐसी सोच आती है कि साल 1999 से इस लाइन में काम कर रहा हूं और काफी कुछ अनुभव भी हुआ है पर साथ ही ऐसा भी लगता है कि हर चीज का एक समय होता है और शायद वह समय मेरे लिए अभी आया है। इसके अलावा मैं अपने काम में विश्वास रखता हूं और जो भी काम मैंने आज तक किया है उसके लिए मुझे हमेशा सराहना ही मिली है। मुझे यह लगता है कि इस लाइन में हम लोगों को अपने आप को पॉजिटिव बनाकर रखना होता है क्योंकि नेगेटिविटी अच्छी चीज नहीं है और इससे आदमी की अपनी ग्रोथ रुक जाती है। इसलिए आज जहां मैं हूं वहां बहुत अच्छा हुं क्योंकि मैं अपने मनमुताबिक काम कर पाता हुं। नीरज का कहना है कि ऐसा नहीं है कि करेक्टर एक्टर के पास हर फिल्म में एक जैसा काम होता है या फिर उनके पास कुछ नया करने की संभावना नहीं रहती। जहां तक कैरेक्टर्स की बात है अभी तक आपने देखा होगा जितना भी काम मैंने किया है शायद वह एक दूसरे से मेल नहीं खाता, क्योंकि मेरी कोशिश यही रहती है कि जो मैंने किया है उसको मैं रिपीट ना करूं वह मेरे लिए भी अच्छा रहता है और जिसके लिए मैं काम कर रहा हूं उसके लिए भी अच्छा रहता है। इससे नई-नई चीजें ईजाद होती हैं और काम करने का मजा आता है। नीरज का कहना है कि जब वह फिल्म में काम नहीं कर रहे होते हैं तो वह अपने दोस्तों के साथ घूमने फिरने का शौक पूरा करते हैं या फिर अच्छी-अच्छी फिल्में देखते हैं। अपने भविष्य के प्रोजेक्ट्स के बारे में उन्होने बताया कि उनकी आने वाली फिल्मों में दिल फिरे, यहां सभी ज्ञानी हैं, फुलेना नाइट्स और डीएनए में गांधी जी आदि शामिल हैं। इसके अलावा अभी दो अन्य प्रोजेक्ट ऑन फ्लोर हैं। शुभ मंगल सावधान के बारे में बताते हुए उन्होने कहा कि इस फिल्म का उन्हें बड़ी बेसब्री से इंतजार है। इसलिए नहीं कि इसमें मेरा कैरेक्टर बहुत बढिय़ा है बल्कि इसलिए कि फिल्म की कहानी व स्क्रिप्ट बहुत अच्छी है और सबसे बड़ी बात कि सब लोगों ने बहुत मेहनत की है।
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