मंडी। दिव्यांग महिला की जमीन हस्तांतरित करके उसे भूमिहीन बनाने का मामला प्रकाश में आया है। महिला ने इस बारे में उपायुक्त मंडी संदीप कदम को शिकायत देकर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करके हस्तांतरण को खारिज करने की मांग की है। बल्ह क्षेत्र के खांदला (कुममी) गांव निवासी रत्नी विधवा दीना नाथ ने अधिवक्ता गीतांजलि शर्मा के माध्यम से उपायुक्त मंडी को बुधवार को शिकायत देकर कहा है कि वह अपने लडके व उसकी पत्नी के प्रताडनापुर्ण व्यवहार के कारण इन दिनों भंगरोटु स्थित वृद्ध आश्रम में रह रही हैं। करीब 69 वर्षीय रत्नी के अनुसार विगत 12 सितंबर को वह वृद्ध आश्रम में मौजूद थी। इसी दौरान उसका लडक़ा और बहु उसे वृद्ध आश्रम से जबरन घर ले गए। जहां पर रत्नी की इच्छा के बगैर उसकी सारी जमीन पोते के नाम पर हस्तांतरित करवाने का दबाव बनाया गया। जिसके चलते विगत 13 व 14 सितंबर को उसकी सारी जमीन बल्ह तहसील में हस्तांतरित अपने नाम करवा कर रत्नी देवी को भूमिहीन बना दिया गया। इतना ही नहीं जमीन के हस्तांतरण के बाद रत्नी देवी को घर से फिर से निकाल दिया गया। ऐसे में अब रत्नी देवी को वापिस वृद्ध आश्रम की शरण लेने को विवश होना पड रहा है। अधिवक्ता गीतांजलि शर्मा के अनुसार रत्नी देवी लगभग 40 प्रतिशत दिव्यांग महिला है और विधवा और बेसहारा है। अपने लडके की प्रताडना के कारण ही वह वृद्ध आश्रम में रह रही है। लेकिन स्थानीय प्रभावशाली लोगों व निचले राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से दिव्यांग महिला को भूमिहीन बना दिया गया है। रत्नी देवी ने उपायुक्त मंडी से शिकायत करते हुए इस मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने और दबाव में बना दिये गए हस्तांतरण दस्तावेजों को खारिज करने के आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
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