मंडी। कांगणी और गंधर्व डीपीएफ जंगलों को विनाश से बचाने के लिए मंडी की संस्था पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन ने महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत से गुहार लगाई है। संस्था ने इस संबंध में उपायुक्त के माध्यम से महामहिम को ज्ञापन प्रेषित किया है। पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन की बैठक वरिष्ठ उपाध्यक्ष हितेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में पारित प्रस्ताव के आधार पर मंडी के डीपीएफ जंगल कांगणी की वनभूमी और पेडों के हो रहे अंधाधुंध कटान पर तुरंत रोक लगाने के लिए मांग की गई है। फाउंडेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हितेन्द्र शर्मा, महासचिव उत्तम चंद सैनी, प्रेस सचिव समीर कश्यप और सदस्य एम एल शर्मा ने बताया कि फाउंडेशन समय-समय पर जनता से जुडे हुए मुद्दों को उठाता रहता है। उन्होने बताया कि बैठक में कांगणी जंगल में हो रहे भूमि और वन संपदा के भारी पैमाने पर हो रहे कटाव के बारे में चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि कांगणी जंगल में विभिन्न विभागों द्वारा डीपीएफ भूमी को परिवर्तित करके अपने नाम पर हस्तांतरित करवाया जा रहा है। इस परिवर्तित भूमी में इन विभागों की ओर से पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय, भारत सरकार से अनुमतियां हासिल करके निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं। फाउंडेशन का मानना है कि कांगणी और गंधर्व डीपीएफ जंगल मंडी वासियों के लिए सदियों से फेफडों का काम कर रहे हैं। यह जंगल शहर वासियों को शुद्ध स्वच्छ जलवायु और वातावरण प्रदान करते हैं। कांगणी जंगल की डीपीएफ भूमी को परिवर्तित करने के लिए विभिन्न विभागों ने आवेदन किया है जिनमें न्यायलय परिसर, स्लॉटर हाऊस, खेल मैदान सहित कई विभागों के निर्माण कार्य किये जाने प्रस्तावित हैं। पहले ही इस वन भूमी का काफी रकबा परिवर्तित करके देवसदन, आईपीएच स्कीम, हैलीपोर्ट, संस्कृति केन्द्र, मार्केट कमेटी और डीएफसी के गोदाम आदि को सौंप दिया गया है। इतने भारी पैमाने पर हो रहे निर्माण कार्य से कांगणी जंगल की वन्य, जीव संपदा और पेयजल स्त्रोता का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि कांगणी जंगल को नष्ट करने की साजिशों से स्थानीय वासियों में गहरा रोष पनप रहा है। फाउंडेशन का मानना है कि विभिन्न विभागों के निर्माण कार्य डीपीएफ जंगल में न करवा कर इन्हें समतल बंजर भूमी में करवाया जाए। फाउंडेशन ने मांग की है कि कांगणी जंगल में प्रस्तावित सभी निर्माण कार्यों पर तुरंत रोक लगाई जाए। संस्था ने महामहिम से इस मामले में तुरंत हस्ताक्षेप करते हुए इन दोनों जंगलों को बचाने की मांग की है। गौरतलब है कि मंडी की एक अन्य संस्था भगत सिंह विचार मंच ने भी पिछले दिनों कांगणी जंगल को बचाने के मुद्दे को उठाते हुए राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को ज्ञापन प्रेषित किया है।
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