मंडी। शहर में करीब एक करोड़ रूपये की कीमत का मकान बिना कोई राशि दिए अपने नाम करवा कर बुजुर्ग विधवा महिला को भूमीहीन करने का मामला प्रकाश में आया है। करीब 86 वर्ष की पीडित महिला ने उपायुक्त, जिला पुलिस अधीक्षक और न्यायलय से न्याय प्रदान करने की गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार भगवान मुहल्ला में कृष्णा देवी विध्वा राम विलास का रिहायशी मकान है जिसकी कीमत करीब एक करोड़ रूपये है। लेकिन एक महिला ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी से इसे अपने नाम पर विक्रय कर दिया है। हालांकि इस मकान पर कब्जा अभी तक बुजुर्ग महिला का ही है। बुजुर्ग और सन्तानहीन होने के कारण कृष्णा देवी की देखभाल उनकी बेटी की तरह पाली वन्दना कर रही है। हाल ही में वन्दना की एक बेटी भी इसी मकान में पैदा हुई है और वह इन दिनों भी बुजुर्ग महिला के साथ अपनी बच्ची के साथ रह रही हैं। दूसरों पर निर्भर बुजुर्ग महिला की संपत्ति को हड़पने के लिए एक महिला ने कुछ अन्य लोगों के साथ चालाकी से काम करते हुए उसे पहले से तैयार किए दस्तावेजों को पंजीकरण अधिकारी के सामने स्वीकार करने को कहा। हालांकि विक्रय पत्र बनाने के दिन कोई राशि बुजुर्ग महिला को अदा नहीं की गई। विक्रय पत्र के करीब एक सप्ताह के बाद उक्त महिला ने बुजुर्ग महिला के नाम पर एक खाता खुलवा कर मात्र दो हजार रूपये की राशि उसमें डलवाई। इतना ही नहीं उक्त महिला ने अपने को ही बुजुर्ग महिला के इस खाते में नामिनी बना दिया और खाते की अपडेट की जानकारी के लिए भी अपना ही नंबर बैंक को दिया। विगत 3 दिसंबर से उक्त महिला तथा अन्य लोगों ने अपने आपको मकान का मालिक घोषित करते हुए बुजुर्ग महिला को किरायेदारों सहित मकान खाली करवाने के बारे में धमकाना शुरू कर दिया। इससे बुजुर्ग महिला द्वारा पाली गई लड़की वंदना कुछ संदेह हुआ और उसने सदर तहसील में इस बारे जानकारी हासिल की तो पता चला कि उक्त महिला ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बुजुर्ग महिला के मकान को विक्रय कर दिया है। ऐसे में बुजुर्ग महिला ने उपायुक्त मंडी, जिला पुलिस अधीक्षक और न्यायलय में अर्जियां देकर न्याय की गुहार लगाई है। बुजुर्ग महिला कृष्णा देवी के अधिवक्ता दीपक शर्मा और गीतांजली शर्मा ने बताया कि विक्रय पत्र बनवाने वाली महिला का पति गैर हिमाचली है। महिला के पति ने विक्रय पत्र के बाद करीब 1,90,000 रूपये की राशि बुजुर्ग महिला के नाम पर खोले गए उस खाते में जमा करवाई है जिसे उसकी पत्नी ही संचालित करती है। ऐसे में यह मामला टिनैंसी एंड लैंड रिफार्म एक्ट के तहत भी आता है। उन्होने बताया कि बुजुर्ग महिला को सरकारी पैंशन लगी हुई है और उसे अपना जीवन निर्वाह करने के लिए किराएदारों से भी किराए के रूप में पर्याप्त राशि मिल जाती है और उसकी इस बुढ़ापे की आयु में अपना मकान बेचने की कभी सोच नहीं रही है। उन्होने बताया कि बुजुर्ग महिला को उतराधिकारी बनाने के लिए दबाब बनाया गया और उससे धोखाधडी करके उसका कीमती मकान बिना पैसे दिए छीनने की कोशीश की गई है। इतना ही नहीं पंजीकरण अधिकारी ने भी मकान की कीमत का आकलन करने की कोशीश नहीं की और महिला को भूमिहीन हो जाने से नहीं रोका। उन्होने बताया कि इस मामले में कार्यवाही करने हेतु उपायुक्त मंडी और जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायतें दी गई हैं। इसके अलावा न्यायलय में भी आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) की तहत प्राथमिकी दर्ज करने की अर्जी दी गई है।
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