Sunday, 9 December 2018

शहीद भगत सिंह विचार मंच ने याद किए क्रान्तिकारी और लेखक यशपाल



मंडी। यशपाल जयंती के अवसर पर शहीद भगत सिंह विचार मंच की ओर से एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें प्रसिद्ध क्रान्तिकारी और लेखक यशपाल के जीवन और उनकी कृतियों पर चर्चा की गई। इस मौके पर विचार मंच के संयोजक समीर कश्यप ने क्रान्तिकारी और लेखक के रूप में यशपाल के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होने यशपाल की पुस्तक सिंहावलोकन और मार्क्सवाद के दो लेखों का पाठ भी किया। प्रसिद्ध साहित्यकार रवि राणा शाहिन ने इस मौके पर कहा कि यशपाल के क्रान्तिकारी जीवन मूल्यों से हमें सीख लेनी चाहिए। उनका साहित्य आज भी उतना ही प्रासांगिक है जितना पूर्व में रहा है। हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले साहित्यकारों में से चंद्रधर शर्मा गुलेरी और यशपाल ने अपने-2 लेखन से देश के उत्कृष्ठ साहित्य की श्रेणी में महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित है। भाषा एवं संस्कृति विभाग के पूर्व सचिव बी आर जसवाल ने बताया कि वह कई दशकों से यशपाल के परिवार से व्यक्तिगत रूप जुडे रहे हैं। वह कई बार उनकी धर्मपत्नी प्रकाशवती पाल और बेटे आनंद यशपाल से मिले हैं। उन्होने विभाग द्वारा समय-2 पर यशपाल की याददिहानी के लिए आयोजित कार्यक्रमों तथा सरकार की ओर से उनकी स्मृति में किये गए कार्यों का विवरण रखा। सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता लवण ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि आजकल के साहित्यकारों में कथनी और करनी में अंतर मिलता है। जबकि यशपाल ने जिस तरह का क्रान्तिकारी जीवन जीया उसकी अभिव्यक्ति उनके लेखन में भी साफ देखी जा सकती है। अधिवक्ता रूपिन्द्र सिंह मन्हास ने कहा कि हमें यशपाल जयंती के अवसर पर उनके जीवन मूल्यों से शिक्षा और प्रेरणा लेनी चाहिए और क्रान्तिकारियों के सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। इस अवसर पर अधिवक्ता सतीश ठाकुर, कमल सैनी, विनोद ठाकुर, मनीष कुमार कटोच, हर्ष चंदेल, तेजभान सिंह, तरूण दीप और रूप लाल सहित मंच के अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
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