Monday, 19 June 2017

वन रक्षक हत्या मामले की हो निष्पक्ष जांचः पब्लिक वैल्फेयर फाउंडेशन मंडी




मंडी। पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन मंडी ने वन रक्षक होशियार सिंह की हत्या के मामले की कड़ी और निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। फाउंडेशन के अध्यक्ष अमर चंद वर्मा व कार्यकारिणी सदस्यों हितेन्द्र शर्मा, उत्तम चंद सैनी, समीर कश्यप और एम एल शर्मा ने कहा कि वन माफिया की यह कार्यवाही किसी आंतकवादी घटना से कम नहीं है। ऐसे में मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रदेश सरकार को सभी प्रकार के संदेहों को मिटाने के लिए इसकी जांच सीबीआई से करवानी चाहिए। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे शांत राज्य में माफिया राज की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में इस तरह की घटना का सामने आना देवभूमि के लिए बहुत शर्मनाक है। अगर इस घटना के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नहीं की गई तो इसका प्रदेश की जनता और ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाले कर्मियों को गल्त संदेश जाएगा। उन्होने कहा कि पुलिस की जांच विरोधाभासी प्रतीत हो रही है क्योंकि इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी पुलिस अभी तक यह निश्चित नहीं कर पायी है कि यह हत्या का मामला है या आत्महत्या का। उन्होने कहा कि इस घटना से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार को वन माफिया पर अंकुश लगाने के लिए उदाहरण स्थापित करने वाले ठोस कदम उठाने चाहिए। जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो सके और वन विभाग सहित सभी विभागों में कार्य करने वाले सभी कर्मी स्वतंत्रतापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें।
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दो महीने में पंचायत सचिव की विधवा को पेंशन दे विभागः ट्रिब्यूनल





मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने ग्रामीण विकास विभाग को पंचायत सचिव की विध्वा की पैंशन दो महिने में देने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा दो जेबीटी अध्यापकों के पक्ष में संशोधित वेतन भी देने के आदेश दिये हैं। ट्रिब्यूनल के सदस्य डी के शर्मा ने मंडी सर्किट के दौरान ग्रामीण विकास विभाग को डरबाड (धर्मपूर) निवासी अत्री देवी पत्नी बेली राम के पक्ष में दो माह के भीतर पैंशन देने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल में दायर याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता का कहना था कि उनके पति बेली राम ग्रामीण विकास विभाग में गद्दीधार ग्राम पंचायत में बतौर पंचायत सचिव सेवानिवृत हुए थे। लेकिन विभाग उन्हें पैंशन नहीं दे रहा था। ऐसे में उन्होने ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। ट्रिब्यूनल ने प्रदेश उच्च न्यायलय की ओर से दी गई व्यवस्था के आधार पर याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकारते हुए ट्रिब्यूनल ने संबंधित विभाग को दो माह के भीतर पैंशन देने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा दो अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल ने जेबीटी अध्यापक दत्त राम और रणवीर को संशोधित वेतन देने के आदेश दिये हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि विभाग उन्हें अनुबंध के समय का संशोधित वेतन नहीं दे रहा था। ट्रिब्यूनल में इन सभी याचिकाओं की पैरवी अधिवक्ता राजकुमार शर्मा ने की।
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Wednesday, 14 June 2017

सैमसंग मोबाइल कंपनी व विक्रेता को हर्जाना अदा करने के आदेश



मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने मोबाइल कंपनी और विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में मोबाइल की कीमत 15 हजार रूपये ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा उन्हें उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले 5000 रूपये हर्जाना और 4000 रूपये शिकायत भी अदा करने को कहा है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्य और सदस्यों विभूती शर्मा व आकाश शर्मा ने मंडी शहर के वार्ड नंबर एक खलयार की पार्षद अलकनंदा हांडा एडवोकेट की शिकायत को उचित मानते हुए मोबाइल फोन निर्माता सैमसंग इंडिया कंपनी और इंदिरा मार्केट स्थित विक्रेता राहुल कमयुनिकेशन को मोबाइल की मूल्य राशि 15,000 रूपये उपभोक्ता के पक्ष में 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित लौटाने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता सतीश कौशल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता अलकनंदा हांडा ने विक्रेता से एक मोबाइल फोन खरीदा था। लेकिन एक महीने बाद ही वारंटी अवधि में मोबाइल ने सुचारू रूप से कार्य करना पुरी तरह से बंद कर दिया। जिसके चलते उन्होने विक्रेता को संपर्क किया तो उन्हें दो-तीन दिन के बाद पता करने को कहा गया। इसके बाद जब उन्होने विक्रेता से संपर्क किया तो विक्रेता ने उन्हें निर्माता कंपनी से संपर्क करने को कहा गया। लेकिन न तो विक्रेता और न ही कंपनी ने उपभोक्ता के फोन को वारंटी अवधि में निशुल्क ठीक किया और न ही उन्हें खराब फोन के बदले नया फोन दिया। ऐसे में उपभोक्ता ने उनकी सेवाओं में कमी के चलते फोरम में शिकायत दायर की थी। उपभोक्ता फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विक्रेता और निर्माता द्वारा वारंटी अवधि में फोन ठीक नहीं करना और खराब फोन के बदले नया फोन नहीं देना उनकी सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते फोरम ने उन्हें मोबाइल की कीमत उपभोक्ता के पक्ष में ब्याज सहित अदा करने और उनकी सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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वन रक्षक होशियार सिंह की हत्या की हो सीबीआई जांचः सराज मंच




मंडी। वन रक्षक होशियार सिंह की हत्या को लेकर लोगों का उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को भी भारी संखया में लोगों ने जिला मुखयालय पहुंच कर इस मामले को आत्महत्या दर्शाने का कडा विरोध किया। सराज मंच की अगुवाई में सैंकडों लोगों ने उपायुक्त मंडी कार्यालय के बाहर करीब दो घंटे तक धरना प्रदर्शन किया। सराज मंच ने उपायुक्त मंडी को ज्ञापन सौंप कर वन रक्षक होशियार सिंह की हत्या की जांच सीबीआई या किसी अन्य जांच एजेंसी से करवाने की मांग की है। इस मौके पर उपायुक्त कार्यालय के बाहर एक जनसभा का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं का कहना था कुछ अवांछनीय तत्व इस मामले को हत्या से आत्महत्या की ओर मोडना चाहते हैं। जबकि मामला किसी भी सूरत में आत्महत्या का नहीं है। क्योंकि जिन परिस्थितियों में होशियार सिंह का शव पेड से उल्टा लटका हुआ बरामद हुआ है उससे जाहिर होता है कि यह प्रथम दृष्टया हत्या का मामला है। लेकिन पुलिस की ओर से इसे आत्महत्या बताया जा रहा है जो मामले की गुत्थी सुलझाने में पुलिस की नाकामयाबी को दर्शाता है। उनका कहना था कि पुलिस साफ नजर आती हत्या की वारदात की तहकीकात को आत्महत्या दर्शा कर अपनी नालायकी को ही साबित कर रही है। ऐसे में इस मामले की तहकीकात तत्काल पुलिस से वापिस ले कर इसे सीबीआई या किसी अन्य सक्षम जांच एजेंसी को सौंप देनी चाहिए। वक्ताओं का कहना था कि इस मामले के सभी दोषियों को तुरंत हिरासत में लेकर उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके अभियोग चलाया जाए। उन्होने यह भी मांग की कि वन रक्षक होशियार सिंह को न्याय दिलाया जाए और उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए। वक्ताओं ने वन माफिया पर अंकुश लगाने के लिए वन रक्षकों को आधुनिक हथियारों से लैस करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग भी की है। इस मौके पर मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा, सराज के विधायक जयराम ठाकुर, सराज कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश रेड्डी, सराज मंच के अध्यक्ष कुंदन लाल, ग्राम पंचायत बूंग जहलगाड के प्रधान महेन्द्र राणा और नरेन्द्र कुमार रेड्डी एडवोकेट ने जनसभा का संबोधित किया। इस धरना प्रदर्शन में सराज के सैंकडों लोगों ने बढचढ कर भाग लेकर पुलिस की गल्त दिशा में चल रही तहकीकात का कडा विरोध किया।
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Monday, 12 June 2017

विश्व बाल श्रमिक दिवस पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित




मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से सोमवार को जिला न्यायलय में विश्व बाल श्रमिक दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अशोक कुमार ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि बाल श्रमिक दिवस का आयोजन बाल श्रम उन्मूलन के लिए किया जाता है। इस दिन का हमारे लिए ज्यादा महत्व इसलिए है कि भारत में दुनिया के सबसे अधिक बाल श्रमिक हैं। अनुमान के अनुसार दुनिया के बाल श्रमिकों का एक तिहाई हिस्सा भारत में है। उन्होने बताया कि सरकारी अनुमान के अनुसार भारत में 1 करोड़ 70 लाख बाल श्रमिक हैं। जबकि स्वतंत्र आंकडे बताते हैं कि यह संखया 4 करोड़ है और अगर स्कूल के बाहर के सभी बच्चों को बाल श्रमिक मानें तो यह संखया करीब 10 करोड़ है। उन्होने कहा कि देश के करीब 50 फीसदी बच्चे बाल श्रमिक होने के कारण अपने बचपन के अधिकार से तथा अनपढ कामगार होने के कारण अपनी सच्ची क्षमताएं हासिल करने से वंचित हैं। उन्होने बताया कि इन तथ्यों के मद्देनजर भारतीय संविधान में कहा गया है कि 14 साल से कम उम्र का बच्चा किसी फैक्टरी, खदान या खतरनाक कार्यों में काम पर नहीं रखा जाएगा। इसके अलावा राज्यों को दायित्व सौंपा गया है कि बच्चों का कम उम्र में शोषण न हो और वह अपनी आयु के अनुसार ही आर्थिक कार्यों में लगाए जाएं। उन्होने कहा कि बच्चों को स्वस्थ तरीके से सममानजनक स्थिति के विकास के अवसर और सुविधाएं दी जानी चाहिए जिससे वह भविष्य के सशक्त नागरिक बन कर देश की बागडोर संभाल सकें। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 14 साल तक बच्चों को मुफत और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन के प्रधान संजय मंडयाल एडवोकेट ने बाल श्रम निषेध अधिनियम 1986 और राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के बारे में प्रकाश डाला। जबकि अधिवक्ता समीर कश्यप ने बाल श्रमिकों के हालातों पर चर्चा करते हुए उनके आपराधिक परिणामों को रोकने के लिए उन्हें अनिवार्य और व्यवसायिक शिक्षा की ओर अग्रसर करने का आहवान किया। इस मौके पर बाल विकास परियोजना विभाग के प्रतिनिधी ने भी विभाग की ओर से चलायी जा रही चाइल्ड हैल्प लाइन सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इस शिविर में अधिवक्ता, पैरा लीगल वालंटियर तथा अदालत में उपस्थित लोगों ने भाग लिया।
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Sunday, 11 June 2017

निर्माणाधीन कार्य पर रोक के लिए विध्वा ने लगाई डीसी से गुहार




मंडी। सुंदरनगर के घांगल (महादेव) मुहाल में निर्माणाधीन कार्य पर रोक लगाने के लिए एक विध्वा महिला ने उपायुक्त मंडी से गुहार लगाई है। इधर, उपायुक्त मंडी संदीप कदम ने महिला की अर्जी पर कार्यवाही करते हुए उपमंडलाधिकारी सुंदरनगर को उचित कदम उठाने के निर्देश जारी किये हैं। वीरवार को सुंदरनगर के महादेव की निवासी लता देवी पत्नी स्व. विजय ने अधिवक्ता गीतांजली शर्मा के माध्यम से उपायुक्त मंडी को अर्जी सौंपी है। महिला के अनुसार वह घांगल मुहाल में स्थित जमीन की अन्य हिस्सेदारों के साथ मालिक है। लेकिन इस संयुक्त भूमी की सडक के साथ लगती मूल्यवान जमीन पर एक हिस्सेदार जबरन निर्माण करके जल्द से जल्द कब्जा करना चाह रहा है। महिला के अनुसार जिस न्यायलय में उनका मामला विचाराधीन है वहां के न्यायिक अधिकारी इन दिनों छुट्टी पर है। ऐसे में उक्त हिस्सेदार छुट्टियों का फायदा उठाते हुए कीमती जमीन पर कब्जा करके निर्माण करना चाहता है। महिला का कहना है कि अगर निर्माण करवा रहे हिस्सेदार को रोका नहीं गया तो वह जबरन जमीन पर कब्जा करने में सफल हो जाएगा। जिससे महिला जमीन पर अपने अधिकार से वंचित रह जाएगी। इसके अलावा भूमी को जबरन हथियाने की कोशीशों से शांति व्यवस्था का भी खतरा बना हुआ है। ऐसे में महिला ने उपायुक्त मंडी से मांग की है कि बीएसएल कालौनी सुंदरनगर थाना पुलिस के माध्यम से मौकास्थल पर यह निर्माण कार्य तत्काल बंद करवाया जाए। इधर, उपायुक्त मंडी संदीप कदम ने उपमंडलाधिकारी सुंदरनगर को इस बारे में उचित कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं।
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चेक बाउंस पर एक साल कैद, जुर्माना




मंडी। चैक बाउंस की दो शिकायतों में अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को एक-2 साल की कारावास और सात लाख रूपये बतौर हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। आरोपी के हर्जाना राशि को समय पर अदा न करने की सूरत में तीन-2 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त मुखय न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर एक संदीप सिंह सिहाग के न्यायलय ने शिकायतकर्ता गुटकर स्थित मैसर्ज पाल डिस्ट्रीब्यूटर्स की पार्टनर इंद्रजीत कौर की ओर से दायर दो शिकायतों पर चलाए गए अभियोग साबित होने पर जिला कुल्लू के मनाली स्थित कार्तिक एंटरप्राइजिस के नीरज शर्मा को उक्त सजा का फैसला सुनाया है। उसे दोनों शिकायतों के तहत एक-एक साल की कारावास और प्रत्येक केस में तीन लाख पचास हजार रूपये हर्जाना अदा करना होगा। ऐसा न करने पर आरोपी को दोनों मामलों में तीन-2 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अधिवक्ता विशाल ठाकुर के माध्यम से अदालत में दायर शिकायतों के अनुसार आरोपी ने शिकायतकर्ता से कुछ सामान खरीदा था। इस सामान की अदायगी के लिए आरोपी ने उन्हे ढाई लाख रूपये के दो चैक दिये थे। शिकायतकर्ता ने जब यह चैक बैंक में भुगतान के लिए लगाए तो आरोपी के खाते में राशि न होने के कारण बाउंस हो गये थे। शिकायतकर्ता ने आरोपी को नोटिस जारी करके राशि की मांग की थी। लेकिन इसके बावजूद भी राशि अदा न करने पर उन्होने आरोपी के खिलाफ अदालत में निगोशिएबल इंस्ट्रुमैंट अधिनियम की धारा 138 के तहत अभियोग चलाये थे। अदालत ने अपने फैसलों में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी पर चैक बाउंस के अभियोग साबित हुए हैं। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाना अदा करने के फैसले सुनाये हैं।
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मनरेगा महिला कामगारों को बांटी वाशिंग मशीनें





मंडी। बालीचौकी क्षेत्र के महिला मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड की ओर से करीब दो दर्जन वाशिंग मशीनें वितरित की गई। यह मशीनें भवन व अन्य निर्माण कार्य कानून 1996 के तहत बांटी गई हैं। मंगलवार को जिला श्रम कार्यालय के माध्यम से बालीचौकी क्षेत्र की महिला मनरेगा मजदूर हिमा देवी, दिलाबरू, बंती देवी, सीता देवी, तिरमा देवी, कुसुमा देवी, कमला देवी, नीमा देवी, हीरा देवी, सावित्री देवी, मंघरी देवी, गीता देवी, उर्मिला देवी, उतमी देवी, ईशरा देवी, प्रोमिला देवी, पुष्पा देवी, कली देवी और उत्तमी देवी को एलजी कंपनी की वाशिंग मशीनें वितरीत दी गई। इस अवसर पर मौजूद जिला परिषद के खलवाहण वार्ड के सदस्य संत राम भी विशेष रूप से मौजूद थे। उन्होने बताया कि इस कानून को दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचाने और मनरेगा मजदूरों को बोर्ड के पास पंजीकृत करवाने तथा इसके लाभ मजदूरों तक पहुंचाने के लिए विगत तीन सालों से निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होने बताया कि सिराज क्षेत्र में इस कानून के बारे में जागरूकता लाने तथा मजदूरों को पंजीकृत करवाने के लिए कई पंचायतों में सघन जनसंपर्क अभियान किया गया। जिसके परिणाम अब सामने आने लगे हैं। उन्होने बताया कि इस कानून के तहत बालीचौकी क्षेत्र के हजारों मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड के पास पंजीकृत करवाया गया है। क्षेत्र में इस कानून के तहत सैंकडों मजदूरों को साइकिलें, सोलर लैंप, इंडक्शन चुल्हे, प्रसूता मजदूर को दस हजार रूपये, मजदूरों के बच्चों की शादी के लिए 25 हजार रूपये, छात्रवृति और दुर्घटना से मृत्यु हो जाने पर एक लाख दस हजार व स्वभाविक मृत्यु पर साठ हजार रूपये की राशि वितरीत की जा चुकी है। बोर्ड और प्रशासन इस कानून के प्रचार प्रसार के लिए उदासीन है और इसके प्रावधानों के तहत मिलने वाली सुविधाओं को जमीन के स्तर पर पहुंचाया नहीं जा रहा है। ऐसे में मजदूर उन्हें उपलब्ध करवाई जाने वाली सुविधाओं से मरहूम हैं और वह इनका समुचित लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होने मांग की है कि इस कानून को समग्रता से लागू करने के लिए श्रमिक कल्याण बोर्ड को उचित स्टाफ मुहैया करवाया जाए तथा इसे मजदूरों तक पहंचाने के लिए व्यापक जन अभियान शुरू करना चाहिए।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...