मंडी। आंगनवाडी कार्यकर्ता की सीमा से अधिक आमदनी होने पर अदालत ने उसकी नियुक्ती को निरस्त करने के आदेश दिये हैं। अदालत ने सीडीपीओ द्रंग को वरीयता में आने वाले अगले उममीदवार को इस पद के लिए चयन करने के आदेश दिये हैं। उपायुक्त मंडी देवेश कुमार के न्यायलय ने जोगिन्द्रनगर तहसील के कास रककर (भराडु) गांव निवासी शीला देवी पत्नी राजेश पठानिया की अपील को स्वीकारते हुए उक्त आदेश पारित किये। अधिवक्ता आर के चावला के माध्यम से उपायुक्त की अदालत में दायर अपील के अनुसार शीला देवी सहित दो अन्य उममीदवारों ने द्रंग खंड के कोतवाली आंगनवाडी केन्द्र में आंगनवाडी कार्यकर्ता के पद के लिए आवेदन किया था। जिसमें रमा देवी को इस पद पर तैनाती दी गई थी। जिस पर शीला देवी ने इस चयन को मंडलायुक्त के अदालत में चुनौती दी थी। मंडलायुक्त ने उपायुकत मंडी के 12 मई 2008 को निरस्त करके फिर से साक्षात्कार करने और वरीयता वाले उममीदवार के चयन के आदेश दिये थे। जिस पर शीला देवी ने इस आदेश को प्रदेश के उच्च न्यायलय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायलय ने सभी आदेशों को निरस्त करके उपायुक्त के पास यह मामला भेज कर 6 महीने के भीतर सुनवाई करके फैसला करने के निर्देश दिये थे। जिस पर उपायुक्त कार्यालय ने जोगिन्द्र नगर के तहसीलदार के माध्यम से चयनित उममीदवार की आमदनी के बारे में जांच करवाई। जिसमें रमा देवी को जारी प्रमाण पत्र गल्त पाए जाने पर इसे खारिज कर दिया गया क्योंकि रमा देवी की आमदनी 10,000 रूपये की बजाय 30,000 रूपये वार्षिक पाई गई। उपायुक्त की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि रमा देवी की आमदनी का मुद्दा तहसीलदार जोगिन्द्रनगर द्वारा सौंपी गई 17 अगस्त 2011 की रिर्पोट से सुलझ गया है। जिसमें उनकी आमदनी निश्चित सीमा से अधिक निकली है। इस रिर्पोट को उपमंडलाधिकारी जोगिन्द्र नगर के न्यायलय ने भी ठीक माना है। ऐसे में अदालत ने शीला देवी की अपील को स्वीकारते हुए रमा देवी के इस पर चयन को निरस्त कर दिया। वहीं पर सीडीपीओ द्रंग को वरीयता वाले अगले उममीदवार को इस पद पर चयनित करने के आदेश दिये हैं।
Tuesday, 26 February 2013
आंगनवाडी कार्यकर्ता की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश
मंडी। आंगनवाडी कार्यकर्ता की सीमा से अधिक आमदनी होने पर अदालत ने उसकी नियुक्ती को निरस्त करने के आदेश दिये हैं। अदालत ने सीडीपीओ द्रंग को वरीयता में आने वाले अगले उममीदवार को इस पद के लिए चयन करने के आदेश दिये हैं। उपायुक्त मंडी देवेश कुमार के न्यायलय ने जोगिन्द्रनगर तहसील के कास रककर (भराडु) गांव निवासी शीला देवी पत्नी राजेश पठानिया की अपील को स्वीकारते हुए उक्त आदेश पारित किये। अधिवक्ता आर के चावला के माध्यम से उपायुक्त की अदालत में दायर अपील के अनुसार शीला देवी सहित दो अन्य उममीदवारों ने द्रंग खंड के कोतवाली आंगनवाडी केन्द्र में आंगनवाडी कार्यकर्ता के पद के लिए आवेदन किया था। जिसमें रमा देवी को इस पद पर तैनाती दी गई थी। जिस पर शीला देवी ने इस चयन को मंडलायुक्त के अदालत में चुनौती दी थी। मंडलायुक्त ने उपायुकत मंडी के 12 मई 2008 को निरस्त करके फिर से साक्षात्कार करने और वरीयता वाले उममीदवार के चयन के आदेश दिये थे। जिस पर शीला देवी ने इस आदेश को प्रदेश के उच्च न्यायलय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायलय ने सभी आदेशों को निरस्त करके उपायुक्त के पास यह मामला भेज कर 6 महीने के भीतर सुनवाई करके फैसला करने के निर्देश दिये थे। जिस पर उपायुक्त कार्यालय ने जोगिन्द्र नगर के तहसीलदार के माध्यम से चयनित उममीदवार की आमदनी के बारे में जांच करवाई। जिसमें रमा देवी को जारी प्रमाण पत्र गल्त पाए जाने पर इसे खारिज कर दिया गया क्योंकि रमा देवी की आमदनी 10,000 रूपये की बजाय 30,000 रूपये वार्षिक पाई गई। उपायुक्त की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि रमा देवी की आमदनी का मुद्दा तहसीलदार जोगिन्द्रनगर द्वारा सौंपी गई 17 अगस्त 2011 की रिर्पोट से सुलझ गया है। जिसमें उनकी आमदनी निश्चित सीमा से अधिक निकली है। इस रिर्पोट को उपमंडलाधिकारी जोगिन्द्र नगर के न्यायलय ने भी ठीक माना है। ऐसे में अदालत ने शीला देवी की अपील को स्वीकारते हुए रमा देवी के इस पर चयन को निरस्त कर दिया। वहीं पर सीडीपीओ द्रंग को वरीयता वाले अगले उममीदवार को इस पद पर चयनित करने के आदेश दिये हैं।
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