मंडी। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला च्युणी की छात्रा को अगवा करने के मामले में अदालत ने पांच आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया। आरोपियों से तहकीकात शेष न होने के कारण अदालत ने उन्हे जमानत पर रिहा कर दिया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डा. बलदेव सिंह के न्यायलय ने इस मामले के आरोपी तिलक राज, खीमे राम, इन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सिंह और पूर्ण चंद की जमानत याचिकाएं स्वीकार करके उन्हे 25 हजार रूपये की जमानती और व्यक्तिगत राशियों पर सशर्त रिहा करने के आदेश दिये। उल्लेखनीय है कि 20 मार्च को च्युणी पाठशाला की जमा दो की छात्रा जब स्कूल से परीक्षा देकर घर आ रही थी तो उसे दो आरोपियों ने च्युणी डिस्पैंसरी के पास से अगवा कर लिया था। जिसमें अन्य आरोपियों ने भी मदद की थी। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपियों को हिरासत में लिया था। जिसके चलते आरोपियों ने अधिवक्ता देवेन्द्र शर्मा और अधिवक्ता हेम सिंह ठाकुर के माध्यम से अदालत में जमानत याचिकाएं दायर की थी। याचिकाओं के जवाब में पुलिस का कहना था कि आरोपियों से किसी तरह की बरामदगी और तहकीकात शेष नहीं है जिसके चलते वह इन दिनों न्यायिक हिरासत में हैं। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों से पुलिस तहकीकात और बरामदगी शेष नहीं है ऐसे में अदालत ने उन्हे जमानती और व्यक्तिगत राशियों पर रिहा करने के आदेश दिये। Wednesday, 3 April 2013
छात्रा को अगवा करने के 5 आरोपियों को मिली जमानत
मंडी। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला च्युणी की छात्रा को अगवा करने के मामले में अदालत ने पांच आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया। आरोपियों से तहकीकात शेष न होने के कारण अदालत ने उन्हे जमानत पर रिहा कर दिया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डा. बलदेव सिंह के न्यायलय ने इस मामले के आरोपी तिलक राज, खीमे राम, इन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सिंह और पूर्ण चंद की जमानत याचिकाएं स्वीकार करके उन्हे 25 हजार रूपये की जमानती और व्यक्तिगत राशियों पर सशर्त रिहा करने के आदेश दिये। उल्लेखनीय है कि 20 मार्च को च्युणी पाठशाला की जमा दो की छात्रा जब स्कूल से परीक्षा देकर घर आ रही थी तो उसे दो आरोपियों ने च्युणी डिस्पैंसरी के पास से अगवा कर लिया था। जिसमें अन्य आरोपियों ने भी मदद की थी। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपियों को हिरासत में लिया था। जिसके चलते आरोपियों ने अधिवक्ता देवेन्द्र शर्मा और अधिवक्ता हेम सिंह ठाकुर के माध्यम से अदालत में जमानत याचिकाएं दायर की थी। याचिकाओं के जवाब में पुलिस का कहना था कि आरोपियों से किसी तरह की बरामदगी और तहकीकात शेष नहीं है जिसके चलते वह इन दिनों न्यायिक हिरासत में हैं। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों से पुलिस तहकीकात और बरामदगी शेष नहीं है ऐसे में अदालत ने उन्हे जमानती और व्यक्तिगत राशियों पर रिहा करने के आदेश दिये।
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