मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्टेट बैंक आफ इंडिया को उपभोक्ता के पक्ष में एक लाख रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा बैंक की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले उपभोक्ता के पक्ष में 10,000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सुंदरनगर कैंप के दौरान सुनाए फैसले में पुराना बाजार निवासी सचिन शर्मा पुत्र अनिल कुमार शर्मा की शिकायत को उचित मानते हुए बीबीएमबी कलौनी स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया की इकाई को उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज सहित 10 अक्तुबर 2005 से अदा करने के आदेश दिये। अधिवक्ता अजय प्रकाश के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता पेशे से फोटोग्राफर हैं। उपभोक्ता ने उक्त बैंक से 2004-05 में फोटोग्राफी के उपकरण खरीदने के लिए ऋण लिया था। बैंक ने उपभोक्ता के उपकरणों को 2005-06 में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। इसके अगले वर्ष भी इसी कंपनी के पास बैंक ने उपभोक्ता के उपकरणों को बीमाकृत करवाया। जिसके लिये बैंक ने उपभोक्ता से बीमा प्रीमियम के तौर पर 551 रूपये की राशि भी वसूली थी। बीमा अवधि में ही उपभोक्ता के उपकरण चोरी हो गये। जिसके बारे में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाने के बाद कंपनी को इसकी सूचना दी थी। लेकिन कंपनी के पास इस पालिसी से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। सुनवाई के दौरान उपभोक्ता को पता चला कि बैंक ने नेशनल कंपनी के पास उपकरणों का बीमा न करवा कर इन्हे ओरिएंटल इंश्योरेंस की पास बीमाकृत करवाया है। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस बारे में ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी का कहना था कि उपभोक्ता ने निश्चित समयावधि में मुआवजे की मांग नहीं की है। जिसके कारण उपभोक्ता को मुआवजा नहीं दिया जा सकता। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैंक ने उपभोक्ता को बीमा कंपनी के बारे में सही जानकारी मुहैया नहीं करवाई। अगर उपभोक्ता को सही बीमा कंपनी के बारे मेें बताया होता तो उपभोक्ता सही समय पर अपना मुआवजा मांग सकता था। लेकिन उपभोक्ता को बैंक की सेवाओं में कमी के कारण नुकसान उठाना पडा। ऐसे में फोरम ने बैंक को उपभोक्ता के पक्ष में मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा बैंक की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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