मंडी। सराज विकास खंड में मनरेगा कार्य और कामगारों का भुगतान नियमानुसार न करने पर ग्रामीण कामगार संगठन ने उपायुक्त मंडी को ज्ञापन दिया है। संगठन के अध्यक्ष संत राम व हेम सिंह ठाकुर अधिवक्ता की अगुवाई में मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त गोपाल चंद को ज्ञापन सौंपा। संत राम ने बताया कि सराज विकास खंड में पिछले 5-6 महीनों से सभी पंचायतों में मनरेगा का काम ठप्प पडा है और कामगारों से काम के लिए आवेदन नहीं लिये जा रहे हैं। इसके अलावा कई पंचायतों में इतने समय से मजदूरों के वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। खंड की ग्राम पंचायत माणी, काऊ, कुकलाह, सोमगाड, बागी भनवास, कल्हणी, थाची, देवधार, पंजाईं, बालीचौकी आदि पंचायतों में सैंकडों मजदूरों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। संत राम ने बताया कि कामगार कई बार वेतन हासिल करने के लिए बैंकों के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन उनके खाते में वेतन राशि न आने के कारण उन्हे मायूस होकर वापिस लौटना पड रहा है। उन्होने कहा कि इन पंचायतों में सोशल औडिट भी महज कागजी खानापूर्ति बन कर रह गई है। उन्होने कहा कि सराज विकास खंड में मनरेगा के तहत कार्य कर रहे लोगों का कार्य मुहैया करवाया जाए और उन्हे बकाया वेतन का तुरंत भुगतान किया जाए। उन्होने सोशल औडिट की प्रक्रिया को व्यवहारिक रूप से अमलीजामा पहनाने की भी मांग की। Tuesday, 30 April 2013
सराज में मनरेगा का काम पिछले 6 माह से ठप्प, कामगारों को नहीं मिला वेतन
मंडी। सराज विकास खंड में मनरेगा कार्य और कामगारों का भुगतान नियमानुसार न करने पर ग्रामीण कामगार संगठन ने उपायुक्त मंडी को ज्ञापन दिया है। संगठन के अध्यक्ष संत राम व हेम सिंह ठाकुर अधिवक्ता की अगुवाई में मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त गोपाल चंद को ज्ञापन सौंपा। संत राम ने बताया कि सराज विकास खंड में पिछले 5-6 महीनों से सभी पंचायतों में मनरेगा का काम ठप्प पडा है और कामगारों से काम के लिए आवेदन नहीं लिये जा रहे हैं। इसके अलावा कई पंचायतों में इतने समय से मजदूरों के वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। खंड की ग्राम पंचायत माणी, काऊ, कुकलाह, सोमगाड, बागी भनवास, कल्हणी, थाची, देवधार, पंजाईं, बालीचौकी आदि पंचायतों में सैंकडों मजदूरों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। संत राम ने बताया कि कामगार कई बार वेतन हासिल करने के लिए बैंकों के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन उनके खाते में वेतन राशि न आने के कारण उन्हे मायूस होकर वापिस लौटना पड रहा है। उन्होने कहा कि इन पंचायतों में सोशल औडिट भी महज कागजी खानापूर्ति बन कर रह गई है। उन्होने कहा कि सराज विकास खंड में मनरेगा के तहत कार्य कर रहे लोगों का कार्य मुहैया करवाया जाए और उन्हे बकाया वेतन का तुरंत भुगतान किया जाए। उन्होने सोशल औडिट की प्रक्रिया को व्यवहारिक रूप से अमलीजामा पहनाने की भी मांग की।
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