मंडी। व्यवसायिक मात्रा में चरस बरामद होने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि इसी मामले में एक अन्य आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उसे बरी कर दिया। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने हरियाणा के पलवल जिला के चांद हट निवासी प्रहलाद सिंह पुत्र अभी लाल के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। हालांकि इस मामले के अन्य आरोपी चांद हट निवासी समंदर सिंह पुत्र तुलसी राम के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर उसे बरी कर दिया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार सदर थाना पुलिस का दल 29 जुलाई 2010 को एएसआई राम लाल की अगुवाई में बिंद्रावणी चैक पोस्ट के पास नाकाबंदी पर तैनात था। इसी दौरान कुल्लू की ओर से आ रही परिवहन निगम की मनाली दिल्ली बस को चैकिंग के लिए रोका गया। बस की चैकिंग के दौरान सीट नं 23 और 24 पर बैठे आरोपियों की शक के आधार पर तलाशी ली गई। पुलिस को आरोपी प्रहलाद सिंह के बैग से 4 किलोग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 10 गवाहों के बयान दर्ज करके आरोपी पर मामला साबित किया। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अदालत को नरम रूख अपनाने की प्रार्थना की गई। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि चरस तस्करी के मामले चेतावनीपूर्ण ढंग से बढ रहे हैं। इसके अलावा आरोपी से बरामद चरस व्यवसायिक मात्रा से अधिक है ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी पर अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनायी। हालांकि इस मामले के दूसरे आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित न होने के कारण उसे बरी करने के आदेश दिये। Tuesday, 11 June 2013
चरस तस्करी के आरोपी को 10 साल कठोर कारावास और एक लाख जुर्माने की सजा
मंडी। व्यवसायिक मात्रा में चरस बरामद होने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि इसी मामले में एक अन्य आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उसे बरी कर दिया। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने हरियाणा के पलवल जिला के चांद हट निवासी प्रहलाद सिंह पुत्र अभी लाल के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। हालांकि इस मामले के अन्य आरोपी चांद हट निवासी समंदर सिंह पुत्र तुलसी राम के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर उसे बरी कर दिया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार सदर थाना पुलिस का दल 29 जुलाई 2010 को एएसआई राम लाल की अगुवाई में बिंद्रावणी चैक पोस्ट के पास नाकाबंदी पर तैनात था। इसी दौरान कुल्लू की ओर से आ रही परिवहन निगम की मनाली दिल्ली बस को चैकिंग के लिए रोका गया। बस की चैकिंग के दौरान सीट नं 23 और 24 पर बैठे आरोपियों की शक के आधार पर तलाशी ली गई। पुलिस को आरोपी प्रहलाद सिंह के बैग से 4 किलोग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 10 गवाहों के बयान दर्ज करके आरोपी पर मामला साबित किया। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अदालत को नरम रूख अपनाने की प्रार्थना की गई। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि चरस तस्करी के मामले चेतावनीपूर्ण ढंग से बढ रहे हैं। इसके अलावा आरोपी से बरामद चरस व्यवसायिक मात्रा से अधिक है ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी पर अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनायी। हालांकि इस मामले के दूसरे आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित न होने के कारण उसे बरी करने के आदेश दिये।
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