मंडी। अफीम सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 4 साल के कठोर कारावास और 25,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने सदर तहसील के मंदिर टांडा निवासी इन्द्र सिंह पुत्र कांशी राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 18 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 25 नवंबर 2008 को बल्ह थाना पुलिस का दल इंसपैक्टर शकुंतला की अगुवाई में ढाबण गांव के पास मौजूद था। इसी दौरान मंदिर टांडा की ओर से आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देखकर सडक से नीचे की ओर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस दल ने संदेह के आधार पर आरोपी को काबू करके उसकी तलाशी ली तो उससे 450 ग्राम अफीम बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 9 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर मामले को साबित किया। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है इसलिये उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस तरह के अपराधों में चेतावनी पूर्ण ढंग से बढौतरी हो रही है ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी से बरामद अफीम की मात्रा व्यवसायिक से कम और लघु मात्रा से अधिक है। जिसके चलते अदालत ने बरामद अफीम की मात्रा को देखते हुए उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
Tuesday, 25 June 2013
अफीम सहित पकडे जाने के आरोपी को 4 साल कठोर कारावास की सजा
मंडी। अफीम सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 4 साल के कठोर कारावास और 25,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने सदर तहसील के मंदिर टांडा निवासी इन्द्र सिंह पुत्र कांशी राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 18 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 25 नवंबर 2008 को बल्ह थाना पुलिस का दल इंसपैक्टर शकुंतला की अगुवाई में ढाबण गांव के पास मौजूद था। इसी दौरान मंदिर टांडा की ओर से आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देखकर सडक से नीचे की ओर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस दल ने संदेह के आधार पर आरोपी को काबू करके उसकी तलाशी ली तो उससे 450 ग्राम अफीम बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 9 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर मामले को साबित किया। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है इसलिये उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस तरह के अपराधों में चेतावनी पूर्ण ढंग से बढौतरी हो रही है ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी से बरामद अफीम की मात्रा व्यवसायिक से कम और लघु मात्रा से अधिक है। जिसके चलते अदालत ने बरामद अफीम की मात्रा को देखते हुए उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
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