मंडी। जहां एक ओर उच्च न्यायलय के आदेशों के तहत मंडी नगर में निर्माण तोडे जा रहे हैं। वहीं पर मंडी शहर की साथ लगती बिजणी पंचायत में न्यायलय के फैसले (डिक्री) के बावजूद भी निर्माण कार्य किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। शहर के बिजणी मुहाल में सिहन (गागल) निवासी दिनेश सिंह और गुटकर निवासी लोक राज ने खसरा नंबर 576,577 और 578 में स्थित भूमि को अन्य हिस्सेदारों के साथ खरीदा था। लेकिन भूमि की तकसीम के बगैर ही लोक राज ने इस पर मकान बनाने के लिए काम शुरू करवा दिया। जिस पर दिनेश कुमार ने अदालत में इस निर्माण कार्य पर रोक लगाने के लिए अदालत में दीवानी मामला दायर किया था। लेकिन अदालत ने वादी का दावा खारिज कर दिया था। जिस पर वादी ने अतिरिक्त जिला न्यायधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट राजेन्द्र कुमार शर्मा के न्यायलय में अपील दायर की थी। न्यायलय ने पहली अक्तुबर 2010 को वादी की अपील को स्वीकारते हुए प्रतिवादी को विवादित भूमि की तकसीम होने पर इसमें आगे के निर्माण पर रोक लगाने की डिक्री पास की थी। वादी ने इस डिक्री को अमल में लाने के लिए अदालत में एगजीक्युशन (इजराय)भी दायर कर दिया है। जिसकी सूचना प्रतिवादी को हो गई है और अब यह इजराय प्रतिवादी के जवाब के लिए पांच अगस्त को सुनिश्चित हुआ है। इससे पहले यह मामला 31 जुलाई को जवाब के लिये लगा था। इसी बीच प्रतिवादी ने विगत वीरवार पहली अगस्त को ही इस भूमि पर एक और मंजिल का निर्माण करके स्लैब डाल दिया है। वादी दिनेश सिंह ने प्रेस को जारी ब्यान में कहा है कि प्रतिवादी ने विवादित भूमि पर आगे निर्माण करने से रोक लगाने संबंधी डिक्री की अवहेलना करके दूसरी मंजिल पर स्लैब का निर्माण करके न्यायलय की अवमानना की है। जिसके लिए वह अदालत में प्रतिवादी पर अवमानना का मामला दायर करने की याचिका अदालत में दायर करेंगे। Saturday, 3 August 2013
न्यायलय की डिक्री की अवहेलना कर निर्माण जारी
मंडी। जहां एक ओर उच्च न्यायलय के आदेशों के तहत मंडी नगर में निर्माण तोडे जा रहे हैं। वहीं पर मंडी शहर की साथ लगती बिजणी पंचायत में न्यायलय के फैसले (डिक्री) के बावजूद भी निर्माण कार्य किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। शहर के बिजणी मुहाल में सिहन (गागल) निवासी दिनेश सिंह और गुटकर निवासी लोक राज ने खसरा नंबर 576,577 और 578 में स्थित भूमि को अन्य हिस्सेदारों के साथ खरीदा था। लेकिन भूमि की तकसीम के बगैर ही लोक राज ने इस पर मकान बनाने के लिए काम शुरू करवा दिया। जिस पर दिनेश कुमार ने अदालत में इस निर्माण कार्य पर रोक लगाने के लिए अदालत में दीवानी मामला दायर किया था। लेकिन अदालत ने वादी का दावा खारिज कर दिया था। जिस पर वादी ने अतिरिक्त जिला न्यायधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट राजेन्द्र कुमार शर्मा के न्यायलय में अपील दायर की थी। न्यायलय ने पहली अक्तुबर 2010 को वादी की अपील को स्वीकारते हुए प्रतिवादी को विवादित भूमि की तकसीम होने पर इसमें आगे के निर्माण पर रोक लगाने की डिक्री पास की थी। वादी ने इस डिक्री को अमल में लाने के लिए अदालत में एगजीक्युशन (इजराय)भी दायर कर दिया है। जिसकी सूचना प्रतिवादी को हो गई है और अब यह इजराय प्रतिवादी के जवाब के लिए पांच अगस्त को सुनिश्चित हुआ है। इससे पहले यह मामला 31 जुलाई को जवाब के लिये लगा था। इसी बीच प्रतिवादी ने विगत वीरवार पहली अगस्त को ही इस भूमि पर एक और मंजिल का निर्माण करके स्लैब डाल दिया है। वादी दिनेश सिंह ने प्रेस को जारी ब्यान में कहा है कि प्रतिवादी ने विवादित भूमि पर आगे निर्माण करने से रोक लगाने संबंधी डिक्री की अवहेलना करके दूसरी मंजिल पर स्लैब का निर्माण करके न्यायलय की अवमानना की है। जिसके लिए वह अदालत में प्रतिवादी पर अवमानना का मामला दायर करने की याचिका अदालत में दायर करेंगे।
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