मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 5 साल के कठोर कारावास और 50,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने पधर तहसील के टिक्कन गांव निवासी रोशन लाल पुत्र रती राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 29 अगस्त 2008 को विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्युरो मंडी के इंसपैक्टर शमशेर सिंह और पधर थाना के उपनिरिक्षक ओम प्रकाश की अगुवाई में पुलिस का दल घटासणी-जोगिन्द्रनगर मार्ग पर तैनात था। इसी दौरान बरोट की ओर से कंधे पर बैग लटकाए पैदल आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देख कर भागने की कोशीस की। पुलिस दल ने आरोपी को काबू करके उसके बैग की तलाशी ली तो इसमें से 850 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 7 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। वीरवार को सजा की अवधि पर अदालत में हुर्ई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है ऐसे में उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस तरह के मामलों में चेतावनीपूर्ण ढंग से बढौतरी हो रही है। ऐसे में आरोपी के प्रति नरम रूख न अपनाया जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी से बरामदशुदा चरस व्यवसायिक मात्रा से कम है जबकि लघु मात्रा से अधिक हैं। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। Thursday, 1 August 2013
चरस सहित पकडे आरोपी को 5 साल कैद 50,000 जुर्माना
मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 5 साल के कठोर कारावास और 50,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने पधर तहसील के टिक्कन गांव निवासी रोशन लाल पुत्र रती राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 29 अगस्त 2008 को विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्युरो मंडी के इंसपैक्टर शमशेर सिंह और पधर थाना के उपनिरिक्षक ओम प्रकाश की अगुवाई में पुलिस का दल घटासणी-जोगिन्द्रनगर मार्ग पर तैनात था। इसी दौरान बरोट की ओर से कंधे पर बैग लटकाए पैदल आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देख कर भागने की कोशीस की। पुलिस दल ने आरोपी को काबू करके उसके बैग की तलाशी ली तो इसमें से 850 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 7 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। वीरवार को सजा की अवधि पर अदालत में हुर्ई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है ऐसे में उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस तरह के मामलों में चेतावनीपूर्ण ढंग से बढौतरी हो रही है। ऐसे में आरोपी के प्रति नरम रूख न अपनाया जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी से बरामदशुदा चरस व्यवसायिक मात्रा से कम है जबकि लघु मात्रा से अधिक हैं। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
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