मंडी। चरस तस्करी के आरोपी को अदालत ने चार साल के कठोर कारावास और तीस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के निश्चित अवधि में जुर्माना राशि अदा न करने पर उसे एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने हरियाणा के जींद जिला की सफीदों तहसील के करकहना गांव निवासी दिलबाग पुत्र तुलसी राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार बीएसएल कलौनी पुलिस थाना सुंदरनगर का दल मुखय आरक्षी सत्य प्रकाश की अगुवाई में बलवाहण लिंक रोड पर सेगली के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान आरोपी दायें कंधे पर बैग उठाए हुए वहां आया। आरोपी ने पुलिस दल को देखकर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस दल ने आरोपी को संदेह के आधार पर काबू करके उसके बैग की तलाशी ली। पुलिस को आरोपी के बैग में से 400 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 8 गवाहों के बयान कलमबंद करके मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चरस बरामदगी का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है ऐसे में उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस तरह के मामलों में चेतावनीपुर्ण ढंग से बढौतरी हो रही है। जिसके चलते आरोपी को कडी सजा दी जानी चाहिए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे मामलों में बढौतरी से समाज पर पडने वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इन अपराधों के प्रति सखती से निपटा जाना चाहिए। अदालत ने आरोपी से बरामद चरस व्यवसायिक मात्रा से कम और लघु मात्रा से अधिक होने के कारण उक्त अवधि के कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। Wednesday, 19 February 2014
चरस तस्कर को चार साल कठोर सजा 30,000 रूपये जुर्माना
मंडी। चरस तस्करी के आरोपी को अदालत ने चार साल के कठोर कारावास और तीस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के निश्चित अवधि में जुर्माना राशि अदा न करने पर उसे एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने हरियाणा के जींद जिला की सफीदों तहसील के करकहना गांव निवासी दिलबाग पुत्र तुलसी राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार बीएसएल कलौनी पुलिस थाना सुंदरनगर का दल मुखय आरक्षी सत्य प्रकाश की अगुवाई में बलवाहण लिंक रोड पर सेगली के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान आरोपी दायें कंधे पर बैग उठाए हुए वहां आया। आरोपी ने पुलिस दल को देखकर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस दल ने आरोपी को संदेह के आधार पर काबू करके उसके बैग की तलाशी ली। पुलिस को आरोपी के बैग में से 400 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 8 गवाहों के बयान कलमबंद करके मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चरस बरामदगी का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है ऐसे में उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस तरह के मामलों में चेतावनीपुर्ण ढंग से बढौतरी हो रही है। जिसके चलते आरोपी को कडी सजा दी जानी चाहिए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे मामलों में बढौतरी से समाज पर पडने वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इन अपराधों के प्रति सखती से निपटा जाना चाहिए। अदालत ने आरोपी से बरामद चरस व्यवसायिक मात्रा से कम और लघु मात्रा से अधिक होने के कारण उक्त अवधि के कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
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