मंडी। जिला डीपीई संघ की बैठक प्रधान अनिल पठानिया की अध्यक्षता में मंडी में आयोजित की गई। बैठक में ग्रेड पे के संबंध में विचार विमर्श किया गया। डीपीई संघ के मुताबिक शिक्षा विभाग में लगभग सभी श्रेणियों को संशोधित ग्रेड पे दे दिया गया है लेकिन डीपीई पद पर कार्यरत कर्मचारियों को पुरानी तर्ज पर ही ग्रेड पे दिया जा रहा है। संघ का मानना है कि यह दुर्भागयपुर्ण है कि इस वक्त शिक्षा विभाग में पीईटी अध्यापकों को 4400 रूपये ग्रेड पे प्रतिमाह दिया जा रहा है। लेकिन पीईटी से पदोन्नत होने के बाद डीपीई बने शिक्षकों से भेदभाव करके मात्र पुराने तर्ज पर ही 3600 रूपये ग्रेड पे दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश डीपीई संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शीतकालीन सत्र तथा बजट सत्र में मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह से भी इस संबंध में मिला है। लेकिन आश्वासन के बावजूद अभी तक इस बारे में अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। संघ का कहना है कि जो वेतन और भत्ते डीपीई को टीजीटी के बराबर रूटीन में मिलते थे उनके लिए भी मुखयमंत्री से पांच बार मिल चुके हैं। वहीं पर प्रदेश के अन्य सभी मंत्रियों को भी इन मांगों के बारे में अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन सरकार और विभाग की ओर से अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है। संघ का कहना है कि अगर समय रहते उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वह न्यायलय में जाने को बाध्य हो जाएंगे। बैठक में महासचिव रमेश ठाकुर, वरिष्ठ उपप्रधान रूप सिंह, प्रधान संतोष कुमार, मीडिया प्रभारी प्रदीप भारद्वाज तथा डीपीई संघ के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। Thursday, 20 February 2014
डीपीई संघ की बैठक आयोजित
मंडी। जिला डीपीई संघ की बैठक प्रधान अनिल पठानिया की अध्यक्षता में मंडी में आयोजित की गई। बैठक में ग्रेड पे के संबंध में विचार विमर्श किया गया। डीपीई संघ के मुताबिक शिक्षा विभाग में लगभग सभी श्रेणियों को संशोधित ग्रेड पे दे दिया गया है लेकिन डीपीई पद पर कार्यरत कर्मचारियों को पुरानी तर्ज पर ही ग्रेड पे दिया जा रहा है। संघ का मानना है कि यह दुर्भागयपुर्ण है कि इस वक्त शिक्षा विभाग में पीईटी अध्यापकों को 4400 रूपये ग्रेड पे प्रतिमाह दिया जा रहा है। लेकिन पीईटी से पदोन्नत होने के बाद डीपीई बने शिक्षकों से भेदभाव करके मात्र पुराने तर्ज पर ही 3600 रूपये ग्रेड पे दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश डीपीई संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शीतकालीन सत्र तथा बजट सत्र में मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह से भी इस संबंध में मिला है। लेकिन आश्वासन के बावजूद अभी तक इस बारे में अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। संघ का कहना है कि जो वेतन और भत्ते डीपीई को टीजीटी के बराबर रूटीन में मिलते थे उनके लिए भी मुखयमंत्री से पांच बार मिल चुके हैं। वहीं पर प्रदेश के अन्य सभी मंत्रियों को भी इन मांगों के बारे में अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन सरकार और विभाग की ओर से अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है। संघ का कहना है कि अगर समय रहते उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वह न्यायलय में जाने को बाध्य हो जाएंगे। बैठक में महासचिव रमेश ठाकुर, वरिष्ठ उपप्रधान रूप सिंह, प्रधान संतोष कुमार, मीडिया प्रभारी प्रदीप भारद्वाज तथा डीपीई संघ के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
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