Monday, 28 March 2016

दुर्गम पंचायत बांधी में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित


मंडी। जिला की दुर्गम ग्राम पंचायत बांधी में रविवार को विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जे एल आजाद ने की। इस अवसर पर उन्होने जरूरतमंद लोगों से प्राधिकरण की ओर से दी जा रही मुफत कानूनी सहायता का समुचित उपयोग करने का आहवान किया। उन्होने कहा कि मनरेगा जैसे कानूनों से जहां महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। वहीं पर घरेलू हिंसा अधिनियम जैसे कानूनों के लागू होने से महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है। जिससे पुरूष प्रधान समाज में महिलाएं भी अब कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ रही हैं। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि न्याय हासिल करने के अधिकार से कोई व्यक्ति किसी भी आधार पर वंचित नहीं रहना चाहिए। इसके लिए प्राधिकरण में मुफत कानूनी सहायता का प्रावधान किया गया। जिसके तहत एक लाख रूपये से नीचे की आमदनी वाले सभी लोगों, महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति, अपंग तथा अन्य कई वर्गों को मुफत कानूनी सहायता दी जाती है। जेल में विचाराधीन बंदियों के अलावा अगर कोई सरकार के खिलाफ भी मुकदमा करना चाहता है तो उसे भी मुफत सहायता प्रदान की जाती है। उन्होने बताया कि यह सहायता प्राप्त करने के लिए संबंधित उपमंडल के न्यायिक दंडाधिकारी या मुखय न्यायिक दंडाधिकारी को सादे कागज पर अपने विवाद के बारे में जानकारी देकर अर्जी दी जाती है। इस मौके पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि इन शिविरों का उदेश्य लोगों को उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले कानूनों से अवगत करवाना होता है। उन्होने इस अवसर पर सूचना का अधिकार, मनरेगा, उपभोक्ता अधिनियम तथा मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी दी। ग्राम पंचायत बांधी के प्रधान कश्मीर सिंह ने पंचायत में शिविर आयोजित करके लोगों को कानूनी जानकारी देने पर प्राधिकरण का धन्यावाद किया। शिविर में पंचायत के सचिव घनश्याम सिंह, वार्ड पंच गुलाब सिंह, अमर सिंह, इंद्रा देवी, चमारू राम, अनुपमा, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी की धर्मपत्नी, तरूण बिष्ट सहित करीब सौ स्थानीय वासी मौजूद रहे।
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Sunday, 27 March 2016

रिटायर्ड सीएमओ को तीन माह में सेवानिवृत लाभ देने के आदेश



मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल ने सेवानिवृत मुखय चिकित्सा अधिकारी के पक्ष में बढे हुए सेवानिवृति संबंधी लाभ तीन माह में देने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्युनल ने प्रदेश उच्च न्यायलय के फैसले की व्यवस्था के अनुरूप चिकित्सक को लाभ देने के आदेश दिये हैं। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल के अध्यक्ष वी के शर्मा और सदस्य प्रेम कुमार ने मंडी सर्किट बेंच के दौरान सुनाए फैसले में सेवानिवृत मुखय चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रिया मल्होत्रा की इजराय याचिका को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार के स्वास्थय एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुखय सचिव को उनके सेवा संबंधी लाभ तीन माह में देने का फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता के अनुसार उनके पक्ष में ट्रिब्युनल ने साल 2002 और 2006 में आदेश पारित किये थे। जिन्हे लागू करने के लिए यह इजराय याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि साल 1996 में फिक्स किए गए उनके वेतन को घटाया न जाए और उन्हें इस वेतन के मुताबिक अगली वेतन बढौतरी भी दी जाए तथा बकाया राशि का भुगतान किया जाए। इसके अलावा उनके सेवानिवृत संबंधी लाभों से रिकवरी पर भी रोक लगाने का आग्रह किया गया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एस पी चटर्जी का सुनवाई के दौरान कहना था कि यह याचिका डॉक्टर जगत राम ठाकुर बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार मामले में 18 अप्रैल 2011 को दी गई व्यवस्था के तहत कवर होती है। जबकि सहायक एडवोकेट जनरल का कहना था कि अगर रिकार्ड से यह प्रमाणित हो जाता है कि याचिकाकर्ता उक्त फैसले के तहत आते हैं तो उनके केस पर विचार किया जा सकता है। ऐसे में प्रशासनिक ट्रिब्युनल ने प्रदेश उच्च न्यायलय के उक्त फैसले के तहत वेरिफिकेशन के बाद विभाग को याचिकाकर्ता के पक्ष में सभी सेवा संबंधी लाभ तीन माह में देने का फैसला सुनाया है।
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अधिवक्ता बृज किशोर शर्मा का निधन, जिला बार एसोसिएशन ने दी श्रद्धांजलि


मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में कार्यरत अधिवक्ता बृज किशोर शर्मा का हृदयघात होने से आक्समिक देहांत हो गया। वह करीब 46 वर्ष के थे। हाल ही में संपन्न हुए पंचायती राज चुनावों में वह जागर ग्राम पंचायत से उप प्रधान के पद पर निर्वाचित हुए थे। इससे पहले भी वह पंडोह पंचायत के उपप्रधान रह चुके थे। इन दिनों बृज किशोर शर्मा फोरलेन संघर्ष समिति के पंडोह के अध्यक्ष भी थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही शोक की लहर दौड गई है। जानकारी के अनुसार अधिवक्ता बृज किशोर शर्मा अपने पिता माया धर शर्मा के इलाज के सिलसिले में पीजीआई चंडीगढ गए हुए थे। वहां से लौटने के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ थे लेकिन रात करीब एक बजे अचानक उनकी तबीयत खराब हुई है। जिस पर उन्हे सांबल स्थित घर से क्षेत्रीय अस्पताल मंडी ले जाया गया। जहां से उन्हे बाद में पीजीआई के लिए रैफर कर दिया गया। लेकिन अभी वह पीजीआई जा ही रहे थे कि रास्ते में उनकी तबीयत फिर से बिगड गई और उनका देहावसान हो गया। हरिहर अस्पताल के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया गया। उनका अंतिम संस्कार सांबल गांव में व्यास नदी के तट पर किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में मंडी न्यायलय के अधिवक्ता तथा पंडोह व आसपास के क्षेत्रों के लोग भारी संखया में मौजूद थे। वह अपने पीछे पिता मायाधर शर्मा, पत्नी रीना, दस जमा एक में पढने वाले बेटे और भाई जगदीश का संसार छोड गए हैं। उनके देहावसान की सूचना मिलते ही शोक की लहर दौड गई है। जिला बार एसोसिएशन, फोरलेन संघर्ष समिति सहित विभिन्न संगठनों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों व गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता बृज किशोर मंडी के नजदीकी गांव सांबल के रहने वाले थे। उन्होने मंडी कालेज से शिक्षा प्राप्त करके हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय से साल 1999 में कानून स्नातक की पढाई पूरी की थी। वह विगत 17 सालों से मंडी के जिला न्यायलय में बतौर अधिवक्ता कार्यरत थे।

बार एसोसिएशन ने दी श्रद्धांजलि
मंडी। जिला बार एसोसिएशन ने दिवंगत अधिवक्ता बृज किशोर शर्मा के आक्समिक निधन पर शोक सभा का आयोजन किया। जिला बार रूम में आयोजित इस शोक सभा में अधिवक्ताओं ने दो मिनट का मौन रख कर अधिवक्ता को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज कपूर ने बताया कि इस मौके पर शोक प्रस्ताव पारित करके अधिवक्ता बृज किशोर शर्मा के शोक संतप्त परिवार को संवेदनाएं प्रेषित की गई है। एसोसिएशन के सचिव नंद लाल ने बताया कि इस मौके पर मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जे एल आजाद, अतिरिक्त मुखय न्यायिक दंडाधिकारी विवेक खनाल, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अनिता शर्मा, कोर्ट नंबर चार आकांक्षा डोगरा तथा बार एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता बृज किशोर शर्मा का विगत 23 मार्च को हृदयाघात से आक्समिक निधन हो गया था। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज कपूर ने बताया कि पंडोह स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद अधिवक्ता बृज किशोर ने वल्लभ महाविद्यालय मंडी से अर्थशास्त्र आनर्स विषय में स्नातक किया था। उन्होने सन 1999 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद मंडी में अपनी वकालत शुरू की थी। हाल ही में हुए पंचायती राज चुनावों में वह जागर पंचायत से उपप्रधान के पद पर निर्वाचित हुए थे। इसके अलावा वह इन दिनों फोरलेन संघर्ष समिति के पंडोह क्षेत्र के अध्यक्ष के रूप में सक्रिय थे।
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Wednesday, 23 March 2016

मंडी वासियों के साथ होली खेलते हैं राज माधो राव



मंडी। होली के अवसर पर अराध्य देवता राज माधव राव मंडी जनपद के लोगों के साथ जमकर होली खेलते हैं। आज के दिन वह जननायक बन शहर की गलियों में लोगों के प्यार बरसाते गुलाल से सरोबार हो उनके उत्साह को संपूर्ण बनाते हैं। रियासत काल से राज माधव राव को मंडी के राजा का दर्जा मिला हुआ है। इस लिहाज से उनके दर्शन के लिए प्रदेश के सबसे उच्च पदस्थ लोगों को भी हाजिर होना पडता है। शिवरात्रि के दौरान जनपद के सभी देवी देवता सबसे पहले उनके ही दर्शन करते हैं। ऐसे विशिष्ट देवता होली के अवसर पर मंडी में प्रतीकात्मक जननायक बन जाते हैं। दोपहर करीब दो बजे के बाद मंडी वासी जमकर होली खेलने के बाद राज माधव राव मंदिर परिसर में एकत्र होना शुरू हो जाते हैं। माधोराव की जै के नारे लगाते हुए वह पालकी को उठाकर होली खेलते-2 चौहट्टा, समखेतर और भूतनाथ मंदिर होते हुए नगर परिक्रमा में शरीक होते हैं। इस दौरान माधो राव के जुलूस पर गुलाल और पानी उंडेला जाता है वहीं पर समखेतर में जुलूस में शामिल लोगों को प्रसाद भी वितरीत किया जाता है। माधो राव का जुलूस मंदिर तक वापिस पहुंचता है। इसके बाद माधो राव विभिन्न मुहल्लों में जाकर फाग बरधवाते हैं और लोगों से प्रतीकात्मक रूप से सीधा संबंध साधते हुए उनके नजदीक से गुजर कर उन्हे आशीर्वाद देते हैं। आजादी मिलने के बाद रियासत की राजा सरकार बन गई और पारंपरिक रवायतें भी शिवरात्रि आदि के अवसर पर सरकार या प्रशासन निभाने लगा। हालांकि प्रशासनिक राजाओं के आ जाने के बाद लोगों से संपर्क और स्नेह जताने का कार्यभार भी उन्ही पर बनता है। लेकिन वह ऐसे मौकों के लिए असंवेदनशील हैं जबकि प्राचीन प्रतीकात्मक राजा माधो राव अभी भी जनोमुखी होते हुए अपनी परंपराओं का उसी तरह निर्वहन कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि इस अवसर पर माधो राव के साथ कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं होता। लेकिन सवाल वजीर, मंत्री या सिपाही का नहीं है सवाल यहां राजा का है वह होता है या नहीं होता है। अगर वर्तमान प्रशासनिक राजा भी इस तरह के समारोहों में शामिल हों तो वह भी राज माधो राव की तरह जननायक बन सकते हैं।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...