मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल ने सेवानिवृत मुखय चिकित्सा अधिकारी के पक्ष में बढे हुए सेवानिवृति संबंधी लाभ तीन माह में देने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्युनल ने प्रदेश उच्च न्यायलय के फैसले की व्यवस्था के अनुरूप चिकित्सक को लाभ देने के आदेश दिये हैं। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल के अध्यक्ष वी के शर्मा और सदस्य प्रेम कुमार ने मंडी सर्किट बेंच के दौरान सुनाए फैसले में सेवानिवृत मुखय चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रिया मल्होत्रा की इजराय याचिका को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार के स्वास्थय एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुखय सचिव को उनके सेवा संबंधी लाभ तीन माह में देने का फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता के अनुसार उनके पक्ष में ट्रिब्युनल ने साल 2002 और 2006 में आदेश पारित किये थे। जिन्हे लागू करने के लिए यह इजराय याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि साल 1996 में फिक्स किए गए उनके वेतन को घटाया न जाए और उन्हें इस वेतन के मुताबिक अगली वेतन बढौतरी भी दी जाए तथा बकाया राशि का भुगतान किया जाए। इसके अलावा उनके सेवानिवृत संबंधी लाभों से रिकवरी पर भी रोक लगाने का आग्रह किया गया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एस पी चटर्जी का सुनवाई के दौरान कहना था कि यह याचिका डॉक्टर जगत राम ठाकुर बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार मामले में 18 अप्रैल 2011 को दी गई व्यवस्था के तहत कवर होती है। जबकि सहायक एडवोकेट जनरल का कहना था कि अगर रिकार्ड से यह प्रमाणित हो जाता है कि याचिकाकर्ता उक्त फैसले के तहत आते हैं तो उनके केस पर विचार किया जा सकता है। ऐसे में प्रशासनिक ट्रिब्युनल ने प्रदेश उच्च न्यायलय के उक्त फैसले के तहत वेरिफिकेशन के बाद विभाग को याचिकाकर्ता के पक्ष में सभी सेवा संबंधी लाभ तीन माह में देने का फैसला सुनाया है।
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