मंडी। बालीचौकी उपतहसील की उच्च पाठशाला सुधरानी में शिक्षको के आधा दर्जन से ज्यादा रिक्तपडे पदों को शीघ्र भरने के लिए शिक्षा विभाग को ज्ञापन प्रेषित किया गया है। जिला परिषद के खलवाहण वार्ड सदस्य संत राम की अगुवाई में बुधवार को अतिरिक्त उपायुक्त ऋगवेद ठाकुर के माध्यम से शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को ज्ञापन प्रेषित करने के लिए सौंपा गया। संत राम ने बताया कि उपतहसील बालीचौकी की राजकीय उच्च पाठशाला सुधरानी एक दुर्गम क्षेत्र में स्थित है। इस पाठशाला में लंबे अरसे से अध्यापक के कई पद खाली पडे हैं। अध्यापक ना होने के कारण इस पाठशाला में पढ़ाई का काम नाम मात्र का ही हो रहा है। संत राम ने बताया कि निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का मुखय लक्ष्य शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना है। इस कानून के लागू होने के तीन साल के अंदर इसके प्रावधानों की आत्मा के अनुरूप लागू करना सरकार का दायित्व सुनिश्चित किया गया था। लेकिन यह दुर्भाग्यपुर्ण है कि छह साल बीत जाने के बाद भी इस कानून का क्रियान्वयन इस पाठशाला सहित अनेकों पाठशालाओं में नहीं हो रहा है। उन्होने बताया कि स्थानीय पाठशाला की प्रबंधन समिति और अभिभावकों के सरकार से बार बार अनुरोध करने पर भी विभाग का रवैया नकारात्मक बना हुआ है और स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। सुधरानी स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष टोहली राम, सदस्य ठाकुर दास, प्रीतम सिंह भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। उन्होने विभाग से अनुरोध किया है कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पाठशाला में रिक्त पडे मुखयअध्यापक, टीजीटी आर्टस, मेडिकल, नान-मेडिकल, भाषा, प्राथमिक पाठशाला में सीएचटी व जेबीटी के पदों को शीघ्रातिशीघ्र भरा जाए। उन्होने बताया कि इस ज्ञापन की एक प्रति प्रदेश उच्च न्यायलय के मुखय न्यायधीश को भी प्रेषित की गई है।
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