Sunday, 13 March 2016

मेले में देवताओं की श्रेणियां बनाने से कारदार नाराज


मंडी। मंडी शिवरात्रि मेला में आये अपंजीकृत देवताओं के बारे में और गलत तरीके से देवताओं की श्रेणियां बनाने के विरोध में शिवरात्रि मेला कमेटी को ज्ञापन सौंपा गया है। जिला परिषद के खलवाहण वार्ड सदस्य संत राम की अगुवाई में करीब 18 देवताओं के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त की सहायक आयुक्त पूजा चौहान के माध्यम से शनिवार को मेला कमेटी को यह ज्ञापन सौंपा है। संत राम ने बताया कि मंडी में बहुत से देवता पिछले कई सालों से शिवरात्रि मेला में शामिल होते हैं जिन का आज तक शिवरात्रि मेला कमेटी ने पंजीकरण नहीं किया है1 इन सभी देवताओं को हर साल यह आश्वासन दिया जाता है कि जल्दी ही इन देवताओं को शिवरात्रि मेला कमेटी में पंजीकृत कर दिया जाएगा। लेकिन आज तक इन सभी देवताओं को पंजीकृत नहीं किया गया है। इस बार तो मेला कमेटी इन देवताओं के प्रति इतनी असंवेदनशील हो गई है कि उन्हे हर बार दिए जाने वाले राशन, धूप-बती आदि कई सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है। उन्होने बताया कि यह सभी देवता पिछले कई सालों से मेले में शामिल होकर इस देव समागम की शोभा बढाते आ रहे हैं। लेकिन इन्हे हर बार भेद-भाव का सामना करना पडता है। इन देवताओं को ना तो रहने का उचित स्थान मिल पा रहा है और ना ही राशन मिल पा रहा है। इसके अलावा न ही उन्हें धूप बत्ती प्रदान की जाती है। संत राम ने कहा कि कुछ शरारती लोगों के कहने पर मंडी में शामिल हो रहे देवताओं व देव संस्कृति का मजाक बनाते हुए देवताओं को उच्च, मध्यम और न्यूनतम श्रेणियां बना दी गयी है और उन्हे श्रेणियों के मुताबिक सुविधा दे रहे हैं। इन श्रेणियां को बनाने का कोई आधार नहीं है। ऐसे में सभी देवलुओं में रोष व्याप्त है और देवताओं में आपसी झगडा पैदा करने की कोशीश की जा रही है। उन्होने बताया कि ज्ञापन सौंपने गए सभी देवताओं के कारदारों ने प्रशासन से उन्हे पंजीकृत करने तथा उन्हें मेला में निमंत्रित करने की मांग की है। उन्होने मांग की है कि इन सभी देवताओं को राशन व पूजा सामग्री प्रदान की जाए। सभी देवताओं के रहने और ठहरने की उचित व्यवस्था की जाए और देवताओं की श्रेणियां ना बनाई जाए। अपंजीकृत देवताओं के कारदारों का कहना है कि उनमें से अधिकांश देवता अनुसूचित जाति तथा अति दुर्गम क्षेत्रों से संबंध रखने वाले लोगों के हैं। उन्होने प्रशासन को आगाह किया है कि इन सुविधाओं के अभाव व भेदभाव से देवता समाज का गुस्सा आंदोलन में भी बदल सकता है। ऐसे में देव संस्कृति के नाम पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रिय शिवरात्रि महोत्सव में आए सभी अपंजीकृत देवताओं को अतिथि मान कर उनका सममान जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए। इधर, उपायुक्त की सहायक आयुक्त पूजा चौहान ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को मेला कमेटी के अध्यक्ष के समक्ष रख कर शीघ्र इस समस्या का समाधान किया जाएगा।
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