मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने साइबर कैफे के मालिक को उपभोक्ता के पक्ष में रेलवे टिकट बुकिंग राशि 9745 रूपये ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा कैफे मालिक की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्य और सदस्य आकाश शर्मा ने सरकाघाट तहसील के तलांगडा (मसेरन) निवासी योगेन्द्र ठाकुर पुत्र हरी सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए सरकाघाट स्थित साइबर कैफे मैसर्ज पटयाल फोटोस्टेट के मालिक रमेश चंद पुत्र अच्छर सिंह को उपभोक्ता के पक्ष में रेलवे टिक बुकिंग की उक्त राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता अरूण शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता के बेटे हितेश ठाकुर का चयन नेशनल डिफेंस अकादमी, खरडगवासला (महाराष्ट्र) में होने पर उपभोक्ता ने कैफे मालिक के पास अंबाला से पुना के लिए रेलवे के तीन टिकट बुक करवाए थे। यह रेल 21 जून 2014 को रवाना होनी थी। जब उन्होने टिकट की कंफरमेशन के बारे में 17 जून को पता किया तो जानकारी हुई कि उनके टिकट कैंसिल कर दिये गए हैं। ऐसे में उन्हें अपने बेटे को हवाई जहाज के माध्यम से पूना भेजना पडा। अगले दिन जब उन्होने साइबर कैफे मालिक से टिकट कैंसिल किये जाने के बारे में पूछा तो उन्होने वादा कि जैसे ही बुकिंग राशि वापिस आती है यह उन्हें सौंप दी जाएगी। लेकिन राशि अदा न करने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि साइबर कैफे मालिक को यह राशि 19 जून को ही मिल गई थी। हालांकि कैफे मालिक का कहना था कि उन्होने राशि वापिस लेने के लिए उपभोक्ता के परिवार के सदस्यों को सूचित किया गया था। लेकिन ऐसे किसी भी रिश्तेदार का शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। इतना ही नहीं शिकायत दायर किये जाने तक भी उपभोक्ता की राशि वापिस नहीं लौटायी गई। कैफे मालिक का पैसे न लौटाने का व्यवहार उनकी सेवाओं में कमी को दर्शाता है। फोरम ने कैफे मालिक को रेलवे बुकिंग की राशि उपभोक्ता के पक्ष में ब्याज सहित अदा करने तथा उनकी सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले उक्त हर्जाना तथा शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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