मंडी। भवन नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत से संशोधित टीसीपी नियमितीकरण की दरें घटाने की मांग की है। समिति की बैठक बुधवार को सीनियर सिटिजन हॉल जेलरोड में आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी ने की। इस मौके पर समिति ने राज्यपाल के पास अनुमति के लिए लंबित प्रदेश सरकार के संशोधित टीसीपी बिल के बारे में चर्चा की। समिति ने बैठक में प्रस्ताव पारित किया है कि प्रस्तावित टीसीपी बिल में नियमितीकरण की दरें बहुत ज्यादा निर्धारित की गई है। समिति की मांग है कि नक्शों में बदलाव के साथ बनाए गए चार बिस्वा तक के छोटे घरों व व्यवसायिक संस्थानों की दरें नगर परिषद क्षेत्र में 100 रूपये और नप क्षेत्र से बाहर 50 रूपये प्रति वर्ग मीटर तय की जाए। जबकि बिना योजना अनुमति के बनाए गए भवनों में यह दरें क्रमश: 200 रूपये और 100 रूपये की जाए। इसके अलावा चार बिस्वा से ज्यादा भूमी पर बने भवनों के लिए प्रस्तावित टीसीपी बिल के मुताबिक ही नियमितीकरण दरें वसूल की जाएं। समिति का कहना है कि प्रस्तावित बिल में दरें सामान्य शुल्क की दरों से 6000 से 12000 प्रतिशत अधिक तक निर्धारित की गई हैं। इन दरों को अदा करना गरीब तथा मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए संभव नहीं है। सरकार की ओर से प्रस्तावित पालिसी का लाभ सिर्फ बडे बिल्डर और निर्माता ही ले सकेंगे। समिति ने प्रदेश सरकार की संशोधित टीसीपी एक्ट लाने की पहलकदमी का स्वागत किया है। इसके अलावा समिति ने लोगों की इस समस्या के प्रति विपक्ष के सकारात्मक रूख की भी सराहना की है। समिति का कहना है कि सांसद शांता कुमार के हाल ही में दिए बयान से टीसीपी के कारण प्रभावित हो रहे लाखों लोगों को गल्त संदेश गया है। समिति ने सांसद से अनुरोध किया है कि छोटे व मझोले भवन मालिकों की मुश्किलों को हल करने के लिए समिति की मांगों को समर्थन करें। समिति का कहना है कि कुछ लोग अवैध भवनों और अनियमित भवनों में भेद न करके उन्हें एक ही श्रेणी में रख रहे हंै। जबकि अनियमित भवनों को अवैध भवन नहीं कहा जा सकता। समिति ने राज्यपाल ने मांग की है कि टीसीपी बिल को पुर्नविचार के लिए फिर से सरकार के पास भेजा जाए और मौजूदा दरों को निरस्त करके नियमितीकरण की आंशिक दरें वसूल की जाएं। तभी आम जनता इस एकमुश्त पालिसी का फायदा उठा पाएगी। समिति के मीडिया प्रभारी समीर कश्यप ने बताया कि बैठक में संघर्ष समिति के पदाधिकारी हितेन्द्र शर्मा, चंद्रमणी वर्मा, मुरारी लाल शर्मा, हरमीत सिंह बिट्टू, सीनियर सिटीजन कौंसिल के अध्यक्ष आर एस राणा, राजपूत सभा के अध्यक्ष इंद्र सिंह ठाकुर, ब्राहमण सभा के भीम चंद सरोच, रेवती राम शर्मा, तल्याहड टीसीपी संिमति के शिव परमार, यशोधन शर्मा, संघर्ष समिति के सदस्य विमल वालिया, मोरध्वज शर्मा, जितेन्द्र मोहन शर्मा, विनोद राठौर, सुनील कुमार सहित टीसीपी एक्ट से प्रभावित स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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