Monday, 7 November 2016

भवन नियमितीकरण दरों पर पुनर्विचार करे प्रदेश सरकार, संघर्ष समिति ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन





मंडी। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने महामहिम राज्यपाल को टीसीपी की प्रस्तावित नियमितीकरण शुल्क की दरों पर पुर्नविचार करने का आग्रह किया है। समिति ने इस संदर्भ में प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को एक ज्ञापन प्रेषित किया है। संघर्ष समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी, अध्यक्ष अमर चंद वर्मा, महासचिव चंद्रमणी वर्मा, सलाहकार हितेन्द्र शर्मा, हरमीत सिंह बिट्टु, प्रदीप परमार और मीडिया प्रभारी समीर कश्यप ने बताया कि समिति ने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि उनके पास अनुमति के लिए लंबित प्रदेश सरकार के टीसीपी बिल पर पुर्नविचार करके अनुमति दी जाए। समिति ने प्रदेश सरकार की ओर से अनाधिकृत भवनों को नियमित करने के लिए विधानसभा में संशोधित टीसीपी बिल पास करने का स्वागत किया है। वहीं पर समिति ने विपक्ष की ओर से भी टीसीपी कानून बनाने के लिए अपनाए गए सकारात्मक रूख का स्वागत किया है। समिति का कहना है कि इस संशोधन के कानून बन जाने से लाखों छोटे भवनों के मालिकों को भारी राहत मिलेगी और उन्हे बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं हासिल हो पाएंगी। वहीं पर समिति का कहना है कि प्रस्तावित टीसीपी बिल में नियिमितीकरण के लिए बहुत अधिक फीस निर्धारित की गई है। यह नियमितीकरण फीस टीसीपी की साधारण फीसों से 6000 प्रतिशत से 12000 प्रतिशत अधिक रखी गई है। संघर्ष समिति शुरू से यह मांग कर रही है कि राज्य सरकार को चार बिस्वा या 160 वर्ग मीटर तक के छोटे भवनों के मालिकों से आंशिक नियमितीकरण फीस लेनी चाहिए। लेकिन सरकार ने छोटे मकानों के मालिकों और बिल्डरों में कोई विभेद न करके संशोधित बिल में भारी भरकम फीस निर्धारित कर दी है। आयकर विभाग कर अवहेलना पर 24 प्रतिशत जुर्माना लेता है। हाल ही में केन्द्र सरकार के काला धन सामने लाने की पालिसी पर 45 फीसदी जुर्माना निर्धारित किया है। छोटे भवनों के मालिकों ने उम्र भर की कमाई मकान बनाने में लगाई होती है। लेकिन इन भारी भरकमों फीसों को अदा न कर पाने के कारण वह इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे और इस एकमुश्त नियमितीकरण का फायदा बडे बिल्डरों को ही पहुंचेगा। समिति ने महामहिम राज्यपाल से ज्ञापन के माध्यम से मंजूरी के लिए आए टीसीपी बिल पर पुर्नविचार करने का आग्रह करते हुए बीपीएल और ईडब्लयूएस परिवारों से भवन नियमितीकरण की कोई फीस न लेने, 40 से 160 वर्ग मीटर तक वाले छोटे घरों के लिए मकान योजना की अनुमति होने पर नगरपरिषद क्षेत्र में 100 रूपये और नप क्षेत्र के बाहर 50 रूपये प्रति वर्ग मीटर की फीस निर्धारित करने की मांग की है। जिन्होने योजना की अनुमति नहीं ली है उन्हे नप क्षेत्र में 200 रूपये और नप से बाहर 100 रूपये प्रतिवर्ग मीटर की फीस ली जाए। जबकि 160 वर्ग मीटर से अधिक रकबे वाले भवनों पर वही फीस निर्धारित की जाए जो प्रस्तावित बिल में निश्चित की गई है। संघर्ष समिति ने ज्ञापन की प्रति प्रदेश के मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह को भी प्रेषित की है।
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