मंडी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को टांडु पंचायत में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता मुखय न्यायिक दंडाधिकारी राजेश चौहान ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि इन शिविरों का उदेश्य लोगों को उनके रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाले कानूनी प्रावधानों की जानकारी देना है। उन्होने बताया कि भारतीय संविधान में यह सपष्ट है कि देश का कोई भी नागरिक किसी भी आधार पर न्याय प्राप्त करने से वंचित नहीं होना चाहिए। जिसके चलते सभी नागरिकों को न्याय उपलब्ध करवाना सुनिश्चित बनाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मुफत कानूनी सहायता का प्रावधान है। उन्होने कहा कि सभी महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक, अनुसूचित जाति व जनजाति, फैक्टरी मजदूर, आपदा प्रभावित, अपंग तथा सभी लोग जिनकी वार्षिक आय एक लाख रूपये से कम है वह मुफत कानूनी सहायता के पात्र है। उन्होने कहा कि सादे कागज पर अपने विवाद का संक्षिप्त विवरण देते हुए प्राधिकरण के कार्यालय को आवेदन करना होता है। जिसके बाद उन्हें केस लडने के लिए वकील तथा मुकद्दमे का सारा खर्चा प्राधिकरण की ओर से दिया जाता है। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने मनरेगा, सूचना का अधिकार, मध्यस्थता (मिडिएशन) और ग्रामीण विधिक संरक्षण एवं सहायता केंद्र के बारे में शिविर में मौजूद लोगों को जानकारी दी। इस अवसर पर ग्राम पंचायत टांडु की प्रधान हेम लता, यशोद्धानंद बजीर, एडवोकेट विनायक शर्मा, महीपाल, प्रेम सिंह, ओंकार सिंह भाऊ ठाकरे, संजय कुमार तथा अन्य स्थानिय वासी मौजूद थे।
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