मंडी। पत्नी के हत्यारोपी पति को अदालत ने कठोर उम्र कैद और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशि को निश्चित समय में अदा न करने पर एक साल के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पूने राम पहाडिय़ा के न्यायलय ने सुंदरनगर तहसील के कुशला (जैदेवी) निवासी देवी राम पुत्र माघू राम के खिलाफ भादंस की धारा 302 और 201 के तहत हत्या करने और सबूत मिटाने का अभियोग साबित होने पर क्रमश: कठोर उम्र कैद और एक साल की कठोर कारावास तथा क्रमश: 10,000 व 5000 रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है। आरोपी के जुर्माना राशि को निश्चित समय में अदा न करने पर क्रमश: एक साल और तीन महिने की अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार इस मामले के शिकायतकर्ता नारायणू के छोटे भाई आरोपी देवी राम की शादी करीब 10 साल पहले मंजीत कौर के साथ हुई थी। पती- पत्नी के बीच करीब पांच साल पहले भी मारपीट हुई थी। अभियोजन के अनुसार 29 अप्रैल 2013 को शिकायतकर्ता व आरोपी अपने परिवार सहित एक शादी में गए हुए थे। जब शिकायतकर्ता शादी में भाग लेने के बाद अपने घर लौट रहा था तो उसे नाले की ओर से आरोपी के रोने की आवाज सुनाई दी। जिस पर शिकायतकर्ता आरोपी के पास गया और नाले के पास आने की वजह पूछी तो उसने कहा कि वह गिर जाने के कारण यहां आया है। शिकायतकर्ता ने जब आरोपी से उसकी पत्नी कौशल्या के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह अपने मायके चली गई है। शिकायतकर्ता उसे नाले से उठाकर सडक पर लाया तो वहां अन्य लोगों की मौजूदगी में आरोपी ने कौशल्या के अपने ससुराल में ही होने की बात की। कौशल्या के बारे में आरोपी की विरोधाभासी बातों से संदेह होने पर शिकायतकर्ता ने गांव वासियों के साथ जंगल में कौशल्या को खोजने की कोशीश की तो वह घायल अवस्था में अचेत पडी हुई मिली। शिकायतकर्ता तथा स्थानीय वासियों ने दोनों को सुंदरनगर अस्पताल में पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने कौशल्या को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शिकायतकर्ता के ब्यान के आधार पर हत्या का मामला दर्ज करके तहकीकात शुरू की थी। पुलिस तहकीकात में यह सामने आया था कि आरोपी का आशू नामक एक लडकी के साथ अवैध संबंध था। जिसके कारण उसके पत्नी के साथ अच्छे संबंध नहीं थे और इसी कारण उसने कौशल्या की हत्या की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी नवीन चंद्र ने 14 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ हत्या करने व सबूतों को मिटाने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उम्र कैद और उक्त जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
...sameermandi.blogspot.com
No comments:
Post a Comment