मंडी। यहां के पड्डल स्टेडियम में स्थापित 105 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज अकसर प्रकाश व्यवस्था फेल होने के कारण अंधेरे में डूबा रहता है। जिससे स्थानीय वासियों को तिरंगे का अपमान देख कर आहत होना पडता है। इस बारे में जिला न्यायलय में कार्यरत अधिवक्ता समीर कश्यप ने उपायुक्त मंडी संदीप कदम को ज्ञापन प्रेषित करके शीघ्रातिशीघ्र इस राष्ट्रीय ध्वज के लिए प्रकाश व्यवस्था करने की मांग की है। अधिवक्ता समीर कश्यप ने बताया कि पिछले करीब माह में वह जब भी पडडल स्टेडियम के पास से गुजरे है तो उन्हें अकसर स्डेडियम में स्थापित 105 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज प्रकाश व्यवस्था न होने के कारण अंधेरे में डूबा हुआ मिला है। राष्ट्रीय ध्वज के इस अपमान से हमेशा आहत होना पडता है। उन्होने कहा कि देश के गृह मंत्रालय ने 23 दिसंबर 2009 को 100 फुट या इससे अधिक ऊंचाई पर तिरंगा जगमगाहट के साथ रात के समय भी लहराए जाने की अनुमति दी है। गत वर्ष 8 मार्च को शिवरात्रि महोत्सव के शुभारंभ के समय मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंडी के पडडल स्टेडियम में इस राष्ट्रीय ध्वज को स्थापित किया था। हालांकि तिरंगे को रात के समय भी लहराने के लिए प्रकाश व्यवस्था का इंतजाम भी किया गया है। कुछ समय तक प्रकाश व्यवस्था सुचारू रूप से तिरंगे के लिए जगमगाहट देती रही। लेकिन पिछले करीब एक महीने से यह प्रकाश व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प पड जाने और बिजली न होने पर बैक उप की सुविधा न होने से तिरंगा अंधेरे में डूबा हुआ है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को अंधेरे में नहीं लहराया जा सकता और यह फलैग कोड के तहत तिरंगे का अपमान है। लेकिन शहर के बीचों बीच हो रहे तिरंगे के इस अपमान को रोकने के लिए अभी तक प्रशासन की ओर से कोई संजीदगी नहीं दिखाई जा रही है। अधिवक्ता ने उपायुक्त से मांग की है कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कडी से कडी कार्यवाही अमल में लायी जाए। जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो। इसके अलावा इस राष्ट्रीय ध्वज के लिए जल्द से जल्द प्रकाश की व्यवस्था की जाए या इसे सुर्यास्त के समय उतारने का प्रबंध किया जाए। इधर, उपमंडलाधिकारी सदर डॉ. मदन कुमार ने कहा कि पड्डल स्टेडियम के राष्ट्रीय ध्वज में शीघ्रातिशीघ्र प्रकाश व्यवस्था की जाएगी।
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