मंडी। द्वितिय राष्ट्रीय फोटो पुरस्कार(2011-12) में हिमाचल प्रदेश के मंडी के राजेश जोशी को फाईन आर्टस फोटोग्राफी में विशिष्ट उल्लेख सम्मान से सम्मानित किया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फोटो प्रभाग की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में लोकसभा के अध्यक्ष मीरा कुमार ने 28 मार्च को विज्ञान भवन में उन्हे सम्मानित किया। इस राष्ट्र स्तरीय पुरस्कार में 29 फोटोग्राफरों को सम्मानित किया गया। राजेश जोशी इस पुरस्कार से नवाजे जाने वाले प्रदेश के पहले फोटोग्राफर बन गए हैं। उनके सम्मान से प्रदेशवासियों में खुशी की लहर दौड गई है। राष्ट्रीय सम्मान से लौटे राजेश जोशी ने बताया कि इंटरनेट से साल 2011 में इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी मिलने पर उन्होने प्रतियोगिता के मापदंडों को पूरा करते हुए फाइन आर्ट श्रेणी में अपने कैमरे से खींची दस तस्वीरें भेजी। देश भर से आए 4000 चित्रों में से राजेश जोशी की तीन तस्वीरें निर्णायक मंडल को पसंद आई। निर्णायक मंडल में विख्यात फोटोग्राफर एस पाल, बैटर फोटोग्राफी मैगजीन के संपादक के माधवन पिल्लै, डा. बी के सिन्हा, प्रो. एफ बी खान, श्री भवान सिंह व श्री देवतोष सेन गुप्ता जो फोटो डिविजन के डायरेक्टर भी हैं ने चार दिन की कडी मश्कत के बाद तस्वीरों का चयन किया। प्रतियोगिता के परिणाम अक्तूबर 2011 में घोषित कर दिये गये थे। जिसमें राजेश जोशी को फाईन आर्ट श्रेणी में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विशेष उल्लेख सम्मान से नवाजा गया। इस पुरस्कार के तहत राजेश जोशी को संसद की अध्यक्ष मीरा कुमार ने स्मृति चिन्ह, प्रश्सती पत्र और 10,000 रूपये पारितोषिक के रूप में दिये गये हैं। राजेश जोशी मंडी के थनेहडा निवासी हैं और जिला एवं सत्र न्यायलय में बतौर अधिवक्ता कार्यरत हैं। फोटोग्राफी उनका शौक शुरू से रहा है लेकिन इस शौक को तराशने में करीब 6 साल का समय लगा। पहले उन्होने फिल्म कैमरे से शुरूआत की लेकिन अब राजेश जोशी फिल्म और डिजिटल दोनो तरह के कैमरों के साथ फोटोग्राफी करते हैं। राजेश जोशी अपने छोटे भाई दीपन जोशी को अपना आत्मिक दोस्त मानते हैं जिनके कारण उन्हे अपनी तस्वीरों में छुपी हुई अध्यात्मिक उपमाओं को तस्वीरों के माध्यम से दिखाने का अवसर मिलता है। उनके बचपन के अभिन्न मित्र कुल्लू के श्री विशाल भोपाल ने पहली बार उन्हे अपने इस शौक को आगे बढाने के लिए प्रोत्साहित किया व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मीनाक्षी जोशी ने उनका हर कदम पर साथ दिया। राजेश जोशी के अनुसार उनका यह सफर उनके भाई श्री राहुल पंत के बिना अधूरा है जिन्होने उनकी हर फोटोग्राफी यात्रा में उनका साथ दिया व अपने छोटे भाई राहुल पंत से उन्हे बहुत कुछ सीखने को मिला।Monday, 1 April 2013
फोटोग्राफी के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गए मंडी के राजेश जोशी
मंडी। द्वितिय राष्ट्रीय फोटो पुरस्कार(2011-12) में हिमाचल प्रदेश के मंडी के राजेश जोशी को फाईन आर्टस फोटोग्राफी में विशिष्ट उल्लेख सम्मान से सम्मानित किया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फोटो प्रभाग की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में लोकसभा के अध्यक्ष मीरा कुमार ने 28 मार्च को विज्ञान भवन में उन्हे सम्मानित किया। इस राष्ट्र स्तरीय पुरस्कार में 29 फोटोग्राफरों को सम्मानित किया गया। राजेश जोशी इस पुरस्कार से नवाजे जाने वाले प्रदेश के पहले फोटोग्राफर बन गए हैं। उनके सम्मान से प्रदेशवासियों में खुशी की लहर दौड गई है। राष्ट्रीय सम्मान से लौटे राजेश जोशी ने बताया कि इंटरनेट से साल 2011 में इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी मिलने पर उन्होने प्रतियोगिता के मापदंडों को पूरा करते हुए फाइन आर्ट श्रेणी में अपने कैमरे से खींची दस तस्वीरें भेजी। देश भर से आए 4000 चित्रों में से राजेश जोशी की तीन तस्वीरें निर्णायक मंडल को पसंद आई। निर्णायक मंडल में विख्यात फोटोग्राफर एस पाल, बैटर फोटोग्राफी मैगजीन के संपादक के माधवन पिल्लै, डा. बी के सिन्हा, प्रो. एफ बी खान, श्री भवान सिंह व श्री देवतोष सेन गुप्ता जो फोटो डिविजन के डायरेक्टर भी हैं ने चार दिन की कडी मश्कत के बाद तस्वीरों का चयन किया। प्रतियोगिता के परिणाम अक्तूबर 2011 में घोषित कर दिये गये थे। जिसमें राजेश जोशी को फाईन आर्ट श्रेणी में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विशेष उल्लेख सम्मान से नवाजा गया। इस पुरस्कार के तहत राजेश जोशी को संसद की अध्यक्ष मीरा कुमार ने स्मृति चिन्ह, प्रश्सती पत्र और 10,000 रूपये पारितोषिक के रूप में दिये गये हैं। राजेश जोशी मंडी के थनेहडा निवासी हैं और जिला एवं सत्र न्यायलय में बतौर अधिवक्ता कार्यरत हैं। फोटोग्राफी उनका शौक शुरू से रहा है लेकिन इस शौक को तराशने में करीब 6 साल का समय लगा। पहले उन्होने फिल्म कैमरे से शुरूआत की लेकिन अब राजेश जोशी फिल्म और डिजिटल दोनो तरह के कैमरों के साथ फोटोग्राफी करते हैं। राजेश जोशी अपने छोटे भाई दीपन जोशी को अपना आत्मिक दोस्त मानते हैं जिनके कारण उन्हे अपनी तस्वीरों में छुपी हुई अध्यात्मिक उपमाओं को तस्वीरों के माध्यम से दिखाने का अवसर मिलता है। उनके बचपन के अभिन्न मित्र कुल्लू के श्री विशाल भोपाल ने पहली बार उन्हे अपने इस शौक को आगे बढाने के लिए प्रोत्साहित किया व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मीनाक्षी जोशी ने उनका हर कदम पर साथ दिया। राजेश जोशी के अनुसार उनका यह सफर उनके भाई श्री राहुल पंत के बिना अधूरा है जिन्होने उनकी हर फोटोग्राफी यात्रा में उनका साथ दिया व अपने छोटे भाई राहुल पंत से उन्हे बहुत कुछ सीखने को मिला।
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advocacy of Hunting with camera. congrts
ReplyDeleteNice Comment Bhavuk Ji. Thanks for commenting immediatly...
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