मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 1,23,894 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 10,000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सदर तहसील के खयुरी (राजगढ) निवासी गोमती देवी पत्नी अमर सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने के आदेश दिये। अधिवक्ता प्रताप सिंह के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने वाहन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान ही उपभोक्ता के वाहन की दुर्घटना हो गई। जिससे वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। उपभोक्ता ने दुर्घटना की प्राथमिकी पुलिस के पास दर्ज करवा कर इस बारे में कंपनी को सूचित किया था। हालांकि कंपनी के सर्वेयर ने दुर्घटना के नुकसान का आकलन किया था। लेकिन मुआवजा तय न करने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी के आकलन किये गए मुआवजे की अदायगी न करना सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
Saturday, 6 July 2013
उपभोक्ता के पक्ष में 1,23,894 रूपये की अदायगी के आदेश
मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 1,23,894 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 10,000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सदर तहसील के खयुरी (राजगढ) निवासी गोमती देवी पत्नी अमर सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने के आदेश दिये। अधिवक्ता प्रताप सिंह के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने वाहन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान ही उपभोक्ता के वाहन की दुर्घटना हो गई। जिससे वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। उपभोक्ता ने दुर्घटना की प्राथमिकी पुलिस के पास दर्ज करवा कर इस बारे में कंपनी को सूचित किया था। हालांकि कंपनी के सर्वेयर ने दुर्घटना के नुकसान का आकलन किया था। लेकिन मुआवजा तय न करने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी के आकलन किये गए मुआवजे की अदायगी न करना सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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